ही रीडर्स, मैं युवक अपनी कहानी का अगला पार्ट आप सब के साथ शेर करने जेया रहा हू. अगर आप लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो ज़रूर पढ़िए. उसको पढ़ने के बाद इस पार्ट का मज़ा आएगा.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की मोतीलाल और मा दोनो बेडरूम में थे, और दोनो की चुदाई शुरू हो चुकी थी. मा मोतीलाल का लंड चूस रही थी, और उसके मूह से थूक बह रही थी. फिर मोतीलाल ने अपना लंड मा के मूह से निकाल लिया. अब आयेज बढ़ते है.
लंड मा के मूह से निकालने के बाद मोतीलाल बोला: चल मेरी रंडी गौतमी अब घूम जेया.
मा घोड़ी तो बनी ही हुई थी. वो जल्दी से घूम गयी, और उसने अपने गांद मोतीलाल के सामने कर दी. मा की गांद को देख कर मोतीलाल बोला-
मोतीलाल: वाह क्या मस्त गांद है तेरी. इसने तो सबसे ज़्यादा दीवाना बनाया हुआ मुझे.
ये बोल कर उसने मा के डाए चूतड़ पर अपना हाथ रखा, और उसको ज़ोर से मसल दिया. इससे मा की आ निकल गयी, और मा के चूतड़ पर लाली आ गयी. फिर मोतीलाल ने एक ज़ोर का थप्पड़ मा ही गांद पर लगाया. इससे मा की सिसकी निकल गयी.
फिर मोतीलाल ने अपना हाथ मा की छूट पर रखा, और छूट के दाने को 2 उंगलियों में लेके मसालने लग गया. मा बस आहें भर रही थी, और इस सब का मज़ा ले रही थी. फिर उसने अपनी उंगली मा की छूट में घुसाई, और उसको अंदर बाहर करने लगी. तभी मा हेस्ट हुए बोली-
मा: मलिक इस उंगली से मेरा कुछ नही बनेगा. मेरी छूट तो लंड माँग रही है. डालो ना अब अपने इस लंड को मेरी छूट में. कब तक तड़पावगे?
मा की ये बात सुन कर मोतीलाल बोला: गौतमी तेरी इतनी चुदाई होने के बाद भी तेरी भूख शांत नही होती. जितना तू चुड्ती है अगली बार उससे ज़्यादा चूड़ना चाहती है. इतनी गर्मी कैसे है तेरी छूट में?
मा: अब मुझे कैसे पता होगा मलिक. शायद भगवान ने मुझे बनाते हुए मेरी छूट में असीमित गर्मी भर दी है. उसने कहा जेया इस दुनिया में और इस दुनिए के मर्दों से चुड-चुड कर अपने आप को ठंडा कर.
फिर मोतीलाल ने अपना लंड मा की छूट में सेट किया, और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड मा की छूट में समा गया. मा और मोतीलाल दो ने सिसकारी भारी. तभी मोतीलाल बोला-
मोतीलाल: आज भी उतनी ही गरम है जितनी पहली चुदाई पर थी.
ये कह कर मोतीलाल ने मा की गांद पर अपने हाथ रखे, और लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. मा आ आ करके चुड रही थी, और उनके चेहरे पर सुकून नज़र आ रहा था. उनकी छूट काफ़ी गीली थी, जिससे शुरू में ही छाप-छाप की आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी.
जब मा की छूट में पूरा लंड जाता, तो मा की आँखें बंद हो जाती, और उनके चेहरे पर एक हल्की स्माइल आ जाती. फिर मोतीलाल ने अपने धक्के तेज़ किए और ज़ोर-ज़ोर से मा की छूट मारने लगा. मा आ आ कर रही थी.
साथ में वो मा की गांद और पीठ पर थप्पड़ भी मार रहा था. फिर वो छूट छोड़ता हुआ आयेज की तरफ झुका, और मा की पीठ पर किस करने लगा. उसने अपने दोनो हाथ आयेज मा के बूब्स पर रख लिए, और पीठ चूमते हुए मा के बूब्स मसालने लगा. उसके धक्के लगातार चल रहे थे.
मोतीलाल: आ आ गौतमी कमाल की औरत है तू आ. बड़ा मज़ा आ रहा है.
मा: मलिक मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा है. बड़ी देर बाद आप इतना लंबा टाइम टीके हो. लगता है कुछ तगड़ा लेके आए हो.
मोतीलाल: मैने बोला था ना की आज तेरी जाम के चुदाई करूँगा. तू बस देखती जेया, आज तू मुझे रोकेगी, लेकिन मैं नही रुकुंगा.
मा: आ आ आ, और ज़ोर से करो मलिक आ. और ज़ोर से.
मोतीलाल और ज़ोर के और तेज़ी से धक्के लगाने लग जाता है. उसके ठप्पड़ो से मा की गांद सुर्ख लाल हो जाती है. 15 मिनिट के लगातार धक्को के बाद मा की छूट पानी छ्चोढ़ देती है.
मा आ आ करने लगती है, और उनकी छूट का पानी मोतीलाल के लंड के साथ बाहर आने लगता है. मोतीलाल फिर लंड बाहर निकाल लेता है. उसका लंड मा के पानी से लबालब होके चिकना हुआ पड़ा था.
अब मा तक कर बेड पर उल्टी ही लेट जाती है. वो मोतीलाल को बोलती है-
मा: मलिक आज तो आपने कमाल ही कर दिया. मेरी छूट को इतना संतुष्ट आपने पहले कभी नही किया था.
मोतीलाल: अर्रे अभी मेरा लंड ठंडा कहा हुआ है. आज तो मैं तेरी गांद भी मारूँगा मैं.
मा: नही मलिक, गांद में बहुत दर्द होगा.
मोतीलाल: अर्रे तू फिकर ना कर. आज मैं तेरी गांद इतनी खुली कर दूँगा की आयेज से तुझे गांद छुड़वाने में दर्द नही होगा.
ये बोल कर मोतीलाल जी बेड पर उल्टी लेती हुई मा के उपर आ गये. फिर वो आयेज मा के छूतदों पर झुके, और दोनो छूतदों पर एक-एक करके किस किया. उसके बाद मोतीलाल ने मा के चूतड़ खोले, और अपनी जीभ मा की गांद के च्छेद पर फिरने लगे. मा को मज़ा आने लगा, और वो आ आ करने लगी.
फिर मोतीलाल ने अपना लंड मा की गांद के च्छेद पर लगाया, और उस पर दबाव बनाने लगे. मा को दर्द होने लगा, और मा आ आ करने लगी. वो अपनी गांद टाइट करने लगी, जिससे लंड अंदर नही जेया रहा था. फिर मोतीलाल ने चूतड़ पकड़ कर एक ज़ोर का झटका मारा.
इधर उसके लंड का टोपा मा की गांद में गया, और उधर मा के मूह से गला-फाड़ चीख निकली. फिर मोतीलाल ने ज़ोर के धक्के मारने शुरू कर दिए. लंड मा की गांद में जैसे-जैसे जेया रहा था, मा की चीखें ज़ोर की निकल रही थी. मा मोतीलाल को रुकने के लिए बोल रही थी, लेकिन वो मा की कहा सुनने वाला था.
कुछ और धक्के मार कर मोतीलाल ने मा की गांद में पूरा लंड घुसा दिया. अब मा का दर्द कम होने लगा, और उसकी चीखों में दर्द की जगह मज़ा सुनने लगा. ये देख कर मोतीलाल ने अपनी स्पीड बढ़ा दी. वो पुर ज़ोर से मा की गांद छोड़ने लगा.
20 मिनिट मा की गांद छोड़ने के बाद मोतीलाल झड़ने वाला था. उसने अपना सारा माल मा की गांद में ही निकाल दिया. इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा है, तो इसको दूसरो के साथ भी शेर ज़रूर करे. कोई भी मज़े से वंचित नही रहना चाहिए.