ही फ्रेंड्स, मेरा नाम ऋषभ है, और मैं महाराष्ट्रा पुणे का रहने वाला हू. मेरी उमर 29 साल है, और मैं एक शादी-शुदा आदमी हू. हाइट मेरी 5’9″ है, और रंग ठीक-ताक है. लंड मेरा 7 इंच है, और हर वक़्त छूट का प्यासा रहता है. मेरी शादी को 3 साल हो गये है, और मेरा एक बेटा भी है.
मैं अपनी पति और बेटे के साथ ही रहता हू. मेरी पत्नी का नाम सुमन है, और वो स्कूल में रिसेप्षनिस्ट की जॉब पर है. अची-ख़ासी सेक्सी है मेरी पत्नी, और मैने उसको बहुत छोड़ा. शादी के बाद हम दोनो में बड़ी आग थी, और हम बहुत चुदाई करते थे. धीरे-धीरे उसकी वो आग कम होती गयी, और हमारी चुदाई कम होने लगी. फिर बच्चा हो गया, और एक लंबे वक़्त तक चुदाई पर फुल स्टॉप लग गया.
उसके बाद जब वो फिरसे चुदाई करने के लायक हुई, तो उसका सेक्स में इंटेरेस्ट बिल्कुल ही ख़तम हो गया. लेकिन मेरी आग आज भी पहले दिन जैसी ही थी. उसकी प्रेग्नेन्सी के दौरान तो मैने मूठ मार के गुज़ारा कर लिया. लेकिन अब उसको अपने सामने देख कर मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था.
मैं जब भी उसके पास जाता, वो मुझे माना कर देती. ज़बरदस्ती भी नही करना चाहता था मैं, क्यूंकी उससे प्यार था. धीरे-धीरे मैं फ्रस्टरेट होने लगा. लेकिन फिर मेरी लाइफ में दूसरी औरत की एंट्री हुई.
सुमन ने जॉब फिरसे जाय्न कर ली थी, और घर आके उससे काम नही होता था. इसलिए उसने एक लड़की को घर का काम करने के लिए रख लिया.
उस लड़की का नाम बरखा था. बरखा 24 साल की लड़की थी. उसकी बॉडी आवरेज थी, और रंग सावला था. वो पाजामी सूट पहनती थी, और अभी उसकी शादी नही हुई थी. उसका फिगर तकरीबन 32-29-34 होगा. मेरी उस पर कोई ऐसी-वैसी नज़र नही थी. लेकिन एक दिन मेरी उसके लिए नज़र बदल गयी.
सनडे का दिन था, और मेरी भी काम से छुट्टी थी. मैं सोफा पर बैठा छाई पी रहा था और अख़बार पढ़ रहा था. पढ़ क्या रहा था, सनडे की अख़बार में हेरोयिन्स की सेक्सी फोटोस देख रहा था. उनकी फोटोस देख कर मेरा लंड खड़ा हुआ था. तभी बरखा ने मुझे आवाज़ दी-
बरखा: भैया पैर उठाइए अपने, मुझे पोछा लगाना है.
उसकी आवाज़ सुन कर मैने अख़बार साइड की, और उसकी तरफ देखा. वो नीचे बैठी हुई थी, और उसने दुपट्टा नही लिया हुआ था. मेरी नज़र सीधे उसकी क्लीवेज पर गयी. और उसकी क्लीवेज देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया.
जैसे मैने पहले ही बताया है, की वो एक आवरेज लड़की थी. लेकिन मेरे अंदर की भूख इतनी ज़्यादा थी, की मैं उस पर भी लट्तू हो गया. बरखा की क्लीवेज मुझे बड़ी सेक्सी लग रही थी. उसको तोड़ा पसीना आया हुआ था, जिससे उसकी क्लीवेज और भी सेक्सी लग रही थी.
फिर मैने अपने पैर साइड किए, और उसने पोछा लगाया. उसके बाद वो जब दूसरी साइड पोछा लगा रही थी, तब मेरी नज़र उसकी गांद पर थी. उसकी गांद देख कर मेरा लंड उसको छोड़ने को करने लगा. मेरी हवस मुझ पर हावी हो गयी थी, और मुझे अब उसको छोड़ना था.
फिर मैं सोचने लग गया की कैसे मैं उसको अपने लंड पर चढ़ौ. पिछले 3-4 हफ्तों से मैं आँखों ही आँखों में उसके जिस्म को पी रहा था. फिर फाइनली मुझे मौका मिल ही गया.
मेरी वाइफ के स्कूल वाले बच्चो को 2 दिन के ट्रिप पर लेके जाने वाले थे, और सुमन को भी साथ जाना था. जब उसने मुझे ये बात बताई, तो मेरा दिल खुश हो गया. उसके जाने के बाद मुझे बरखा को छोड़ने का पूरा टाइम मिलने वाला था.
बरखा हमेशा काम ख़तम करने के बाद नहाती थी. और नहाने के लिए वो हॉल वाला बातरूम उसे करती थी. मैने वाइफ के जाते ही हॉल वाले बातरूम की कुण्डी तोड़ दी, ताकि जब बरखा नहाने जाए, तो दरवाज़ा लॉक ना कर सके.
जैसा मैने सोचा था वैसा ही हुआ. उसने काम ख़तम किया, और वो नहाने चली गयी. जब उसको बातरूम में गये 5 मिनिट हो गये, तो मैने हल्के से दरवाज़ा खोल कर देखा. अंदर देखते ही मेरा लंड पूरा तंन गया.
बरखा अंदर पूरी नंगी शवर के नीचे खड़ी होके नहा रही थी. उसके जिस्म पर पानी गिर रहा था, जिससे वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैने जल्दी से अपने कपड़े उतारे, और पूरा नंगा होके बातरूम में घुस गया.
वो आराम से नहा रही थी. तभी मैने उसको पीछे से पकड़ लिया. मेरे अचानक ऐसे करने से वो घबरा गयी, और मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी. मैने पीछे से उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए, और उसकी चूत में उंगली करने लगा.
3-4 मिनिट उसने मुझसे अलग होने के लिए स्ट्रगल किया, लेकिन फिर उसने सरेंडर कर दिया. मैने जब उसको घुमाया, तो उसकी आँखों में मुझे कामुकता दिखाई दे रही थी. मैं समझ गया था की वो गरम हो चुकी थी. फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ जोड़ दिए, और उसके होंठ चूसने लग गया.
उसने ज़रा भी रेज़िस्ट नही किया, और किस में मेरा साथ देने लगी. लगभग 10 मिनिट हम दोनो की किस चली. इस बीच मैने उसके बूब्स भी दबाए और चूतड़ भी. फिर मैने उसको वैसे ही अपनी बाहों में उठाया, और अपने बेडरूम में ले आया. उसके भीग बदन को मैने अपने टवल से पोंचा.
वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उसका बदन पोंछने के बाद मैने उसके बूब्स चूसने शुरू कर दिए. वो आ आ करने लगी, और बोलने लगी “भैया ये ठीक नही है”. लेकिन उसने मुझे रोकने की कोशिश नही की.
मैं उसकी बात को अनसुना करके उसके बूब्स चूस्टा रहा. फिर मैं उसके पेट और नाभि को चाटने लगा, और नाभि में जीभ घुसने लगी. उसके बाद मैं और नीचे आया, और उसकी जांघों को चूमने लगा.
उसकी छूट उसकी जांघों में च्छूपी हुई थी. मैने उसकी टांगे खोली, और अब उसकी छूट मेरे सामने थी. हल्के बाल थे उसकी छूट पर जो देखने में आचे लग रहे थे. फिर मैं किसी भूखे शेर की तरह उसकी छूट पर टूट पड़ा. मैं उसकी छूट की दरार में अपनी जीभ फेर कर उसकी छूट चाटने लगा.
फिर मैने एक हाथ से उसकी छूट के मूह को खोला, और उसकी छूट के दाने को जीभ से टीज़ करने लगा. वो बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी. फिर मैं उसकी जांघों के बीच आया, और अपने लंड को उसकी छूट पर सेट किया.
उसकी आँखों में दर्र नज़र आ रहा था. लेकिन मेरे सर पर हवस का राक्षस सवार था. मैने लंड उसकी छूट में पुश करना शुरू किया. लंड अंदर जाने लगा, और उसके मूह से चीखें बाहर आने लगी. उसकी छूट कुवारि नही थी, लेकिन टाइट काफ़ी थी.
मैने पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. उसके फेस पर दर्द सॉफ दिखाई दे रहा था. फिर मैने अपने होंठो से उसके होंठ लॉक किए, और उसको छोड़ना शुरू किया. कुछ देर तक उसकी आँखों से आँसू निकलते रहे. लेकिन फिर उसको मज़ा आने लग गया.
अब वो गांद हिला-हिला कर खुद भी चूड़ने के लिए एफर्ट कर रही थी. ये देख कर मैने उसके होंठ रिलीस किए, और बूब्स चूस्टे हुए उसको छोड़ने लगा. अब वो कामुकता भारी सिसकियाँ ले रही थी.
फिर मैने अपनी स्पीड तेज़ की, और अगले 5 मिनिट में वो झाड़ गयी. उसके झड़ने के बाद मैने पोज़िशन चेंज की. मैने उसको घोड़ी बनाया, और उसकी गांद को सहलाने लगा. मैं उसकी गांद पर थप्पड़ मारने लगा. वो भी मज़े से गांद हिला रही थी.
फिर मैने लंड पीछे से उसकी छूट में डाला, और ताबाद-तोड़ धक्के मार कर चुदाई करने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. चूतड़ से जांघें टकराने की आवाज़ पुर कमरे में गूँज रही थी. उसकी आहों की आवाज़ उत्तेजना को और बढ़ा रही थी. फिर ऐसे ही मैने उसको 15 मिनिट और छोड़ा.
जब मुझे लगा मेरा निकालने वाला था, तो मैने लंड उसकी छूट से बाहर निकाला, और उसको घुमा कर उसके मूह में डाल दिया. मैं उसके मूह में धक्के देने लगा, और अपना सारा पानी उसके मूह के अंदर ही निकाल दिया. लंड मैने उसके मूह से तब तक बाहर नही निकाला, जब तक की वो सारा माल पी नही गयी.
उसके बाद वो बेड पर गिर गयी, और मैं भी उसके साथ ही हानफते हुए लेट गया.
दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी. अगर कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.