पिछला भाग पढ़े:- रात में मा ने, और दिन में दीदी ने जन्नत दिखाई-2
औरत: अब मैं मैं क्या कर रहे हो? अंधेरे में चेहरा नही दिख रहा था, तुझे मेरे और काँटा के बदन में फराक नही मालूम हुआ वो भी मानती हू. लेकिन मदारचोड़, तुझे मेरी आवाज़ भी अपनी कुटिया काँटा जैसी ही लग रही थी?
औरत: मुझे ही नही तुम्हारी बहनो को भी मालूम है की तुम काँटा को टीन महीने से छोड़ रहे हो. अपनी माल के बदन को भी नही पहचानते? मेरी ये बड़ी-बड़ी चूचियाँ, मोटी जांघों से तुझे एक बार भी ख़याल नही आया की तू काँटा को नही अपनी मा को छोड़ रहा था? सच बोल, तू जान-बूझ कर अपनी मा को छोड़ रहा था ना?
मैं: मुझे माफ़ कर दो मा. सच कहता हू, चाहे कसम ले लो. मेरे दिमाग़ में एक बार भी ये बात नही आई के बेड पर काँटा नही तुम हो. तुमको जब मालूम हुआ तब तो मुझे रोक सकती थी.
मा ने गुस्सा नही किया, और लोड को पकड़ कर बर के क्लिट पर रगड़ने लगी.
मा: मुझे शुरू में लगा की मैं कोई बढ़िया चुदाई का सपना देख रही हू. जब तुमने मेरी बर चूसनी शुरू की, तब मुझे लगा की मैं कोई सपना नही देख रही, मेरा बेटा मेरी मारने पर लगा है. तू पूछेगा के बाबू जी क्यूँ नही हो सकते क्यूंकी उनको बर को किस करना भी पसंद नही है.
मा: बेटीचोड़ घंटो लोड्ा चुस्वाएगा. लेकिन जब बर चूसने बोलती हू, तो सीधा माना कर देता है.
मा की बातों से सॉफ-सॉफ लग रहा था, की उसको इस बात का अफ़सोस नही था, की बेटे ने उसको चोदा.था.
मा: मुझे बर चुसवाना बहुत पसंद है. मेरे 2 यार है जो चुदाई के साथ-साथ बर भी चूस्टे है. लेकिन तुमसे पहले किसी ने इतनी देर बर को ना चूसा ना ही छाता. बर चूस चाट कर तुमने इतना मस्त कर दिया की उस समय कोई भी आ जाता तो मैं उससे छुड़वा लेती. और तुमने चुदाई भी बहुत बढ़िया की. काँटा ने तुझे बढ़िया ट्रैनिंग दी है. जैसे कल्पना तेरे बाबू जी को तैयार कर रही है अपनी बेटी को छोड़ने के लिए, वैसे ही काँटा ने तेरी मा को छोड़ने के लिए उकसाया.
मैं: अपनी कसम मा, काँटा ने अभी तक मुझसे एक बार भी नही कहा के मैं मा को छोड़ू या दीदी को. 3-4 दिन पहले ही उसने कहा था की मैं उसको बाबू जी से बढ़िया छोड़ता हू. इसलिए वो मुझे एक इनाम देगी.
मैं: मैने ये सोचा था की वो अपने ही इलाक़े के किसी कुवारि लड़की को मुझसे चुडवाएगी. मा, मैं अपने लोड की कसम खा कर कहता हू की मैने सपने में भी नही सोचा था की काँटा तुम्हे मुझसे, बेटे से चुडवाएगी.
मैं: आज जब लाइट ऑफ हुई, तब उसने मुझे इस रूम में ये कह कर सोने को कहा था की बाकी सब लोग टेरेस पर सोएंगे, और हम दोनो इस हवादार रूम में चुदाई करेंगे.
मा: अछा, अब मेरी समझ में आया की टेरेस से नीचे आ कर कुटिया क्यूँ बार-बार मुझे इस रूम में आकर सोने को बोल रही थी. लेकिन मैने उससे कहा था की पूरी रात मैं दिव्या के साथ ही रहूंगी.
मैं दोनो चूचियों को सहलाने लगा.
मा: अपनी मा और बहनो को बदनाम तो नही करोगे ना?
मैं: मॅर जौंगा मा, लेकिन मेरे मूह से कभी तेरा नाम नही निकलेगा. मैं कभी किसी को नही मालूम होने दूँगा की एक मस्त मालदार माल ने मुझसे, अपने बेटे से चुडवाया है. मा फिरसे छोड़ने डोगी ना मा? काँटा के साथ भी ऐसा मज़ा पहले कभी नही आया था. मा, एक बार और छोड़ने दो ना. फिर मैने मा की चूचियों को सहलाते हुए खुशमाद की.
मा: मेरा अछा बेटा बन कर रहेगा तो सब करने दूँगी. जब भी मौका मिलेगा छोड़ने दूँगी. लेकिन एक तो जो भी मैं बोलूँगी तुझे सब करना पड़ेगा. और दूसरा उस कुटिया काँटा या घर के किसी दूसरे को कभी मालूम नही होना चाहिए की मैं अपने बेटे से चुड़वति हू.
मैं: श, मेरी प्यारी मा. जो बोलॉगी सब करूँगा, और किसी से कभी नही कहूँगा की मा ने मेरा लोड्ा अपनी बर में लिया. मा लोड्ा चूसो ना.
मा: चल तू भी क्या याद रखेगा की किस रंडी से पाला पड़ा था. ला चुस्वा लोड्ा.
मा ने मुझे सीधा किया, और मेरे उपर उल्टी, 69 के पोज़ में लेट गयी. अपनी बर को मेरे लिप्स पर रगड़ने लगी. मैने दोनो हाथ उपर ले जेया कर उनके बड़े-बड़े मांसल लेकिन कड़क छूतदों को दबाए रखा.
मेरी आँखों के उपर उनका प्यूबिक एरिया था. मुझे कुछ भी दिखाई नही दे रहा था. लेकिन मैने कोई कंप्लेंट नही की. मा ने मेरे जांघों को सहलाते हुए एक हाथ से लोड को जड़ से पकड़ कर उपर से नीचे, लोड की गोलाई को छाता. फिर मा ने थोड़ी देर सूपदे का चूसा.
मा: तेरा लोड्ा, तेरे बाबू जी के लोड से डेढ़-दो इंच बड़ा है और ज़्यादा मोटा भी है. मुझे संदेह तो था, लेकिन आज तेरे लोड को देख कर विश्वास हो गया की तू ब्रजेश, मेरे यार का ही बेटा है.
मा ने कुछ देर लोड को सहलाया और उसके बाद चूस्टे हुए धीरे-धीरे करीब-करीब सारी लंबाई को अपने मौत के अंदर लेकर कभी चूस्टी थी, तो कभी खुद लोड को मौत के अंदर-बाहर करती थी. मुझे अपनी मा की बर की खुश्बू बहुत ज़्यादा मादक लग रही थी.
मा लोड को अपने मौत के अंदर चुभला रही थी, इधर-उधर घुमा रही थी. मुझे महसूस होने लगा की लोड्ा पूरा टाइट हो गया था. मा ने भी लोड्ा अपने मौत से बाहर कर दिया, और लोड्ा पकड़ कर बगल में बैठ गयी.
मा: बेटा, बहुत मस्त लोड्ा है. अब कैसे लेगा मेरी?
मैने दोनो चूचियों को पकड़ कर चूसा और कहा-
मैं: मा, आज से, अभी से, मैं तुम्हारा बेटा नही तुम्हारा कुत्ता हू. जिससे चाटने बोलॉगी चाटूंगा और काटने बोलॉगी कातूंगा. जब मैं रोड पर कुटिया को कुत्ते से चुड़वते देखता हू, तो मेरा भी जी करता रहता है की मैं भी किसी कुटिया को छोड़ू.
मैं: लोग कहते है की जब कुत्ते का पिल्ला बड़ा होता है, तो सबसे पहले वो अपनी कुटिया मा की बर ही चाट-ता है, और मा को ही छोड़ता है. मैं भी कुत्ता हू. मुझे भी अपनी कुटिया मा को चूसना है, चाटना है, छोड़ना है.
मा: बेटा, तू मेरा असल बेटा है. मुझे भी कुत्ता कुटिया की चुदाई देखना बहुत पसंद है. जितनी देर दोनो की चुदाई होती है, मैं थोड़ी दूरी पर खड़ी हो कर देखती रहती हू. जितनी स्पीड से, जितनी ताक़त से, और जितनी देर तक कोई भी कुत्ता अपनी कुटिया को छोड़ता है, वो सब देखना बहुत ही बढ़िया लगता है. तू भी अपनी कुटिया को छोड़.
मैं मा की जवानी के अंग-अंग को टटोलना चाहता था. लेकिन रूम में इतना अंधेरा था, की उनका चेहरा भी नही दिख रहा था. मा बेड के एड्ज को पकड़ कर कुटिया के पोज़ में आ गयी.
मैने दोबारा 10-12 मिनिट बर को पीछे से चूसा और छाता. इसके बाद उनकी पीठ को टाइट्ली पकड़ा, एक हाथ से लोड को बर के च्छेद पर दबाया, और खूब ज़ोर से धक्का मारा.
मैं: ले कुटिया, अपने कुत्ते बेटे के लोड्ा का मज़ा ले.
मा: वाह मेरे बेटे, तेरी कुटिया खुश हो गयी. अब मैं जैसे-जैसे बोलती हू करता रह. जल्दी ही तेरी दीदी अनिता भी तेरे लिए ऐसी कुटिया बन जाएगी. कल्पना ठीक ही कह रही थी. तेरी दीदी 1-2 महीने से छुड़वाने लगी है. और वो कुटिया अपने बाप को बहुत पसंद करती है.
मा: अगर तेरा बाप उसको, अपनी बेटी को छोड़ना चाहेगा तो कुटिया बिना किसी नखरे के बाप से चुडवाएगी. लेकिन मैं चाहती हू की मेरा घरवाला नही मेरा बेटा उसको पहले छोड़े. छोड़ेगा अपनी बेहन को?
मैं: हा मा, तुम बोलॉगी तो उसको भी छोड़ूँगा.
मा: ठीक है, पहले इस कुटिया को ठंडा कर. फिर तुझे बतौँगी की कुटिया की पिल्लई को कैसे छोड़ना है.
मा कंटिन्यूवस्ली मोन करती रही, और मैं भी खूब मस्ती से कुटिया के पोज़ में अपनी मा को छोड़ता रहा. वो भी कंटिन्यूवस्ली सिसकारी मार्टी रही. और इस बार भी करीब 30-32 मिनिट्स की चुदाई के बाद हम साथ झाडे.
मा: बेटे, मुझे याद नही की तेरी चुदाई के पहले मैं कब अपने पार्ट्नर के साथ झड़ी थी. काँटा ने तुझसे कुछ कहा था?
मैं: हा मा, जब पवर चला गया, तब उसने इन्सिस्ट किया की मैं इसी रूम में राहु.
लोड को लगातार मुठियाते हुए मा बोली: जब मैं टेरेस से नीचे आई, तब काँटा ने मुझसे कहा की मैं इसी रूम में सो जौ. हरांज़ाडी चाहती थी की मैं अपने बेटे से चड़वौ. बेटा, दिल से कहती हू, तेरी चुदाई से मैं बहुत खुश हू. लेकिन किसी भी हालत में काँटा को नही मालूम होना चाहिए की मा ने बेटे से चुडवाया है.
मैं: मा, मैं अपने रूम में जेया कर सो जाता हू. तुम अंदर से दरवाज़ा बंद कर लो. कुटिया सुबह ज़रूर पूछेगी. तो मैं बोल दूँगा की यहा आया था, लेकिन दरवाज़ा अंदर से बंद था.
मा: बेटे तुमने अपनी कुटिया मा को बहुत खुश किया है. तैयार रह, बहुत जल्दी तेरी दीदी भी तेरी कुटिया बनेगी.
अगले पार्ट में पढ़िए की दीदी ने मुझसे कहा और कैसे चुडवाया.