ही फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रेम है. मैं 32 साल का हू, और जमशेदपुर का रहने वाला हू. मेरी शादी को 2 साल हो गये है, और अभी तक कोई बच्चा नही है. मेरी बीवी का नाम मनीषा है, और वो 27 साल की है. हाइट उसकी 5’3″ है, रंग गोरा है, साइज़ 34-30-36 है.
दिखने में काफ़ी ज़्यादा सेक्सी है. ज़्यादातर सारी में रहती है, फुल संस्कारी टाइप. जो भी उसे देखता है लंड खड़ा हो जाता है उसका, और मूड-मूड के देखने में मजबूर हो जाता है. ये देख के मुझे बहुत प्राउड फील होता है.
ये कहानी 1 साल पहले की है. तब हमारी शादी को हुए 6 महीने ही हुए थे. हमारी सेक्स लाइफ नॉर्मल चल रही थी. हमे तब एक शादी अटेंड करने वडिषा के रैराणगपुर जाना पड़ा. ये शादी मनीषा की डोर की एक कज़िन प्रीति की थी. शादी में जाने के बाद मनीषा को वाहा के सारे मर्द जैसी नज़रों से घूर रहे थे, जाने क्यूँ ये देख के मुझे बड़ा अछा फील हो रहा था.
सब आदमी लड़के किसी ना किसी बहाने मनीषा से बात करने की कोशिश करते, या उसे टच करने की कोशिश करते रहते. मेरी एक नज़र उनपे हमेशा बनी रहती थी. ऐसे ही चलता गया, और पहला दिन बीट गया. रात को सोते टाइम जहा-ताहा सो रहे थे सब.
गर्मी का महीना चल रहा था, तो एक छ्होटे से रूम पे 4-5 औरतें और 2-3 बच्चे सोए हुए थे. साथ में मनीषा भी सोई थी. मैं दूसरे रूम में कुछ लोगों के साथ सोया हुआ था. जब मेरी नींद खुली, मैने सोचा जाके देखता हू मनीषा कहा सोई थी.
फिर मैने ढूँढते-ढूँढते उसके रूम की विंडो से अंदर देखा. अंदर की लाइट तो नही जल रही थी, पर विंडो से इतनी लाइट अंदर जेया रही थी, की अंदर का नज़ारा सॉफ देखा जेया सकता था. अंदर का नज़ारा जो मैने देखा, मैं डांग रह गया.
एक लड़का जो की मनीषा के बगल में सोया हुआ था, वो लगभग 18-19 साल का होगा. वो मनीषा की नाभि के उपर सारी को सरका के हाथ घुमा रहा था कमर पे, और मनीषा सोई हुई थी. मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर मैने सोचा की चलो देखते है आयेज क्या होता है.
मेरा भी लंड खड़ा होने लगा उसे देख के, और मैं च्छूप के देखने लगा. मनीषा की कमर में हाथ घुमा रहा था वो, और फिर धीरे-धीरे सारी और ब्ल्ौसे के उपर से ही मनीषा की चुचियों को दबाने लगा. मनीषा सोई हुई थी मुझे लगा.
फिर जब ये लड़का मनीषा के ब्लाउस में हाथ डालने की कोशिश करने लगा, ब्लाउस टाइट होने के वजह से नही डाल पा रहा था. इतने में मनीषा थोड़ी सी हिली, और तभी वो लड़का हॅट गया और सोने का नाटक करने लगा.
मैने देखा की फटत से मनीषा एक हाथ पीछे ले गयी, और अपने ब्लाउस की एक दूरी को झट से खींच के खोल दिया, और फिरसे ऐसे ही लेट गयी. कुछ देर बाद वो लड़का मनीषा के ब्लाउस के अंदर हाथ डाल के अंदर से उसकी नंगी चुचियों को दबाने लगा, और एक हाथ को अपनी पंत के अंदर डाल के लंड हिला रहा था.
फिर कुछ देर ऐसे ही चुचि दबाने के बाद शायद उसका पानी निकल गया, और वो उठ के वाहा से चला गया बातरूम. कुछ देर बाद वापस आया तो मुझे लगा कुछ होगा. पर वो लड़का सो गया चुप-छाप. फिर मैं अपने रूम में जाके सो गया चुप से, और यही सोच रहा था लेट के की मनीषा की चुचियों को किसी दूसरे मर्द ने मसला आज पहली बार, और वो भी मनीषा जान-बूझ के सोने का नाटक कर रही थी.
उसने जान-बूझ के उससे मसालवाई अपनी चुचियाँ. यही सोच-सोच के मैने अपना लंड निकाल के मनीषा को किसी और से छुड़वाने का सोच-सोच के लंड हिलाया. फिर पानी निकाल के मैं सो गया.
अगले दिन सुबह मैं मनीषा पे नज़र रखने लगा. जो भी उसे घूरता, मैं उसके साथ मनीषा को सोच के दिल में ना-जाने कैसी-कैसी फॅंटेसी बनता था. फिर रात हो गयी, और बारात आने का टाइम हो गया. उस दिन मनीषा क्या बवाल लग रही थी.
उसकी ब्लॅक नेट सारी जिसमे उसकी कमर और नाभि सॉफ दिख रहे थे. उसका बॅकलेस ब्लाउस क्या कमाल का लग रहा था. जो भी देख रहा था उसे देखता ही रह जेया रहा था. मेरा तो दिल उसे किसी से चुड़वते देखने का करने लगा. ना-जाने कैसी-कैसी फॅंटेसी बनाने लगा मैं अपने दिमाग़ में.
खैर अब बरती आ गये थे. हम सब उनके स्वागत के लिए वही खड़े थे. खाना पीना हुआ. फिर हम सब खा पी के शादी के मंडप में आ गये जहा शादी चल रही थी. बारात के कुछ लोग रुके हुए थे, जिनमे से ज़्यादातर लोग तो शायद मनीषा को देख के ही रुके थे.
उसमे से एक इरफ़ान नाम का हटता-कटता मर्द था, जो दूल्हे का बेस्ट फ्रेंड था. वो मनीषा को घूरे जेया रहा था. फिर वो उठ के आया और मनीषा के पास बैठा, और मैं डोर से देख रहा था. वो मनीषा से कुछ बात करने लगा.
मैं सुन तो नही पा रहा था, पर हस्स-हस्स के दोनो बातें कर रहे थे. फिर कुछ देर बाद इरफ़ान ने उसे कुछ कहा, और मनीषा मेरे पास आई और बोली-
मनीषा: मैं डॅन्स जहा हो रहा उधर जेया रही हू. आप देखना यहा किसी चीज़ की ज़रूरत पड़े तो बुलाना.
और वो चली गयी. मैने भी हा में सिर हिलाया और उसे जाने का इशारा दिया. अब मेरे दिमाग़ में बस यही चल रहा था की ये दोनो काश एक बिस्तर पे होते अभी और मैं देख पाता इन्हे. पर ऐसा होने का चान्स काफ़ी कम था. फिर मैं भी जाके उनपे नज़र रखने लगा च्छूप के.
मैने देखा वाहा ज़्यादातर लोग बारात के थे, जो आए हुए थे, और सारे पिए हुए थे, और डॅन्स कर रहे थे. सारे के सारे मर्द ही थे वाहा. मनीषा को इरफ़ान ले गया, और डॅन्स के लिए बोला. मनीषा मान गयी. वो सारे मर्द मनीषा को भूखी नज़रों से घूर्ने लगे, और आस-पास ही उसके डॅन्स करने लगे.
वो उससे जान-बूझ के टकराते थे, और ऐसे ही टच कर देते थे. इरफ़ान बीच बीच में उसे टच करता. इस बीच इरफ़ान ने उसे 4-5 पेग ड्रिंक्स भी पीला दी थी. वैसे मनीषा कभी ड्रिंक्स नही लेती थी, पर शायद इरफ़ान ने उसे कोल्ड ड्रिंक्स बोल के पीला दी. अब मनीषा भी गरम होने लगी थी.
इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. तो फ्रेंड्स कैसी लगी आपको मेरी कहानी, आप मुझे मैल करके बता सकते है. मेरी बीवी या इस स्टोरी से रिलेटेड कुछ भी पूछना है तो मेरी मैल ईद पमनीषा2024@गमाल.कॉम है.