ही दोस्तों, मैं हू अनुज. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप के सामने आया हू. उमीद है, की आप सब को मेरी पिछली कहानी अची लगी होगी. अगर आपने मेरी पिछली कहानी नही पढ़ी है, तो प्लीज़ पहले जाके वो पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरी भाभी पिया, अपने पुराने बाय्फ्रेंड राजीव, जो उसके बच्चे का बाप भी था, के साथ होटेल में गयी, और वाहा उसके साथ मस्त चुदाई की. अब आयेज बढ़ते है.
भाभी और राजीव की चुदाई ख़तम हो चुकी थी. राजीव अपना माल भाभी के पेट पर निकाल चुका था, और भाभी किसी रॅंड की तरह उसके माल को उंगली से लेके चाट रही थी. फिर भाभी बोली-
भाभी: राजीव, आज बहुत दीनो बाद इतना मज़ा आया है. जिससे मेरी शादी हुई उससे मुझे आज तक ये सुख नही मिला. वो तो बस अपना निकाल कर सो जाता है, और मैं बस तड़पति रहती हू.
भाभी की ये बात सुन कर मैं समझ गया था, की भैया उनको सेक्षुयली सॅटिस्फाइ नही करते थे. वैसे अगर ऐसा था, फिर तो भाभी के पास वालिद रीज़न था किसी और से छुड़वा कर संतुष्टि पाने का. लेकिन मैं क्या मॅर गया था, जो भाभी बाहर मूह मार रही थी. फिर भाभी राजीव से बोली-
भाभी: राजीव अब हम चलते है. मुझे अपने माइके भी जाना है. फिर वही से वापस अवँगी, ताकि किसी को शक ना हो. और मेरे घर वालो को भी कोई पूछे तो वो भी कहे की मैं वही थी.
ये बोल कर भाभी बेड से उठी, और बातरूम की तरफ चल दी. 5 मिनिट बाद वो बातरूम से आई, और कपड़े पहनने लगी. दिल तो कर रहा था की अभी अंदर जाके उन्हे छोड़ डू. लेकिन मुझे सही टाइम की वेट करनी थी.
फिर राजीव भी उठा, और कपड़े पहनने लगा. कपड़े पहनने के बाद दोनो रूम से बाहर आने लगे. मैं जल्दी से जाके साइड में च्छूप गया. फिर वो बाहर निकल गये, और होटेल से बाहर आके फिरसे ऑटो में बैठ गये. उनकी ऑटो चल पड़ी, और मैं बिके से उनकी ऑटो के पीछे लग गया.
उनका ऑटो सीधा रेलवे स्टेशन जाके रुका, जहा भाभी उतार गयी. उन्होने राजीव को बाइ की, और राजीव ऑटो में ही आयेज निकल गया. भाभी स्टेशन की टिकेट विंडो पर गयी, और उन्होने टिकेट ली. फिर वो प्लॅटफॉर्म की तरफ जाने लगी. मैने भी प्लटफों टिकेट की, और मैं भी प्लॅटफॉर्म की तरफ चल पड़ा.
भाभी प्लॅटफॉर्म के बेंच पर बैठी थी. तभी मैं उनके साथ जाके बैठ गया. उनका ध्यान अपने फोन में था. फिर जब उन्होने मुझे उनके साथ बैठा देखा, तो वो हैरान हो गयी.
वो बोली: अनुज! तुम यहा क्या कर रहे हो?
मैने कहा: भाभी ये बात तो मुझे आप से पूछनी चाहिए. आपको तो अपने माइके में होना चाहिए था ना.
भाभी: मैं, वो, मैं.
मैं: भाभी कोई झूठ बोलने की कोशिश भी मत करना. मुझे पता है की आप यहा क्या कर रही थी.
मेरी ये बात सुन कर भाभी हक्की-बक्की रह गयी. लेकिन फिर उन्होने चेक करने के लिए पूछा-
भाभी: क्या कर रही थी मैं?
मैं: आपको लगता है की मुझे नही पता. मुझे राजीव और आपके बारे में सब पता है. मेरे पास इसका सबूत भी है.
भाभी की बोलती बंद हो गयी, और उनके चेहरे का रंग उडद गया. अब इससे पहले वो कुछ बोलती, मैने कहा-
मैं: आप अपने माइके हो आओ. आके बात करेंगे.
ये बोल कर मैं वाहा से वापस आ गया. अब भाभी की डोर पूरी तरह मेरे हाथो में थी. मैं बस इंतेज़ार करने लगा भाभी के घर वापस आने का. इस बीच भाभी ने मुझे काई बार मेसेज किया, लेकिन मैने उनके किसी भी मेसेज का जवाब नही दिया.
फिर 4 दिन बाद भाभी वापस आ गयी. जब वो आई, तो शाम का टाइम था, और मैं घर पर ही था. भाभी ने येल्लो कलर का लेगिंग सूट पहना था, और उसमे वो बहुत प्यारी और सेक्सी लग रही थी. मैं तो भाभी को देखता ही रह गया. भाभी की नज़र भी मुझ पर ही थी.
फिर वो अपने रूम में चली गयी. कुछ देर बाद हम सब ने रात का डिन्नर किया. भाभी ने पाजामा और त-शर्ट पहनी थी, और वो मेरे बिल्कुल ऑपोसिट बैठी थी. भाभी की त-शर्ट व-शेप नेक वाली थी, जिसमे से उनकी सेक्सी गोरी-गोरी क्लीवेज सॉफ नज़र आ रही थी.
फिर जब वो प्लेट रखने के लिए उठी, तो उनकी मस्त गांद देख कर मज़ा ही आ गया. भाभी का पाजामा उनकी गांद के बीच में फ़ससा हुआ था, जो और सेक्सी लग रहा था. डिन्नर करने के बाद सब लोग वॉक करने जेया रहे थे.
मैने असाइनमेंट का बहाना बना कर माना कर दिया. भाभी ने भी थकावट का बहाना बना कर माना कर दिया. फिर बाकी सब लोग हम दोनो के बिना ही वॉक करने चले गये. अब मैं और भाभी दो ही लोग थे घर पर.
मैं अपने रूम में था, तो सब लोगों के जाने के बाद भाभी मेरे रूम में आई. उन्होने दरवाज़ा नॉक किया और बोली-
भाभी: अनुज, मैं अंदर आ जौ?
मैं: जी भाभी, आ जाओ.
फिर वो अंदर आई, और उन्होने बोलना शुरू किया. मैं उनकी तरफ देख रहा था.
भाभी: देखो अनुज, जो भी तुमने उस दिन देखा, मतलब जो भी तुम जानते हो. उसको समझना तोड़ा मुश्किल है. मुझे समझ नही आ रहा की मैं तुम्हे कैसे समझोउ. आक्च्युयली तुम्हारे भैया…
तभी मैं बोला: भाभी सीधा-सीधा बोलिए जो आपको बोलना है.
मेरी नज़र त-शर्ट में टाइट ब्रा में फ़ससे भाभी के सेक्सी बूब्स पर थी. भाभी मुझे समझने की कोशिश कर रही थी, और मैं उनकी बॉडी को बिना कपड़ों के इमॅजिन करे जेया रहा था. फिर भाभी बोली-
भाभी: देखो अनुज, एक लड़की की काई एक्सपेक्टेशन्स होती है अपने पति से. उसकी काई ज़रूरते होती है, जो वो चाहती है की उसका पति पूरी करे. और जब बहुत कोशिशो के बाद भी उसकी ज़रूरत पूरी नही होती…
और भाभी ये बोल कर चुप हो गयी.
फिर मैने बोला: और जब उसकी ज़रूरत पूरी नही होती, तो वो अपने पुराने बाय्फ्रेंड को याद करती है, और उसके साथ होटेल में जाके अपनी आग को शांत करती है.
मेरी ये बात सुन कर भाभी डांग रह गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आ रहा हो, तो इसको ज़्यादा से ज़्यादा शेर करे. ताकि भाभी की ये कहानी हर एक तक पहुँचे.