सॉरी दोस्तों, मैं तोड़ा बिज़ी था काम में. कुछ पर्सनल इश्यूस थे, इसलिए लिख नही पाया. मैं अब सबसे पहले आप सब से माफी माँगता हू दिल से. आशा करता हू, की आप सब ने पिछले पार्ट्स पढ़े होंगे. और वो सब आपको पसंद भी आए होंगे. तो अब आयेज बढ़ते है.
तो दोस्तों जैसा की आप जानते है मेरी बेहन पूरी रंडी बन चुकी थी, और उसके साथ-साथ मैं भी अब उसके रंडी-पन्न में उसका साथ दे रहा था. क्यूंकी मुझे भी अब मज़ा आने लगा था. जब आप ये मान लो की आपकी बेहन रंडी है, तो आपको अपने आप ही उसकी चुदाई में मज़ा आने लगता है.
मैं हर रोज़ उसको लेके जाता, और उसको सबसे चूड़ते देखता. और अब मुझे आदत हो गयी थी, कभी भी कही भी आयुषी को किसी से भी चूड़ते देखने की. दोस्तों ये कहानी में पता चलेगा की कैसे मेरी बेहन और मैं एक ग़लत जगह फ़ासस गये, और वाहा के लोगों ने कैसे मेरी बेहन का बंद बजाया.
तो बात ये थी की दोस्तों जैसे की आप जानते है, की हमारे मम्मी पापा दोनो गूव्ट टीचर है, और हम भाई-बेहन घर पर अकेले ही रहते है दिन भर शाम तक, जब तक वो दोनो नही आ जाते काम से.
तो एक दिन हमे पास वाले शहेर में जाना था. आयुषी का उस शहेर में एक एग्ज़ॅम था जिसमे वो सेलेक्ट हुई थी. और अब स्टेट लेवेल पे वो एग्ज़ॅम देने जेया रही थी. पहले डिसाइड हुआ था की मम्मी-पापा जाएँगे उसके साथ एग्ज़ॅम दिलवाने के लिए.
लेकिन उस टाइम गूव्ट टीचर की ऑडिटिंग चालू थी, तो मम्मी पापा एक हफ्ते के लिए ऑडिटिंग ऑफीसर बन कर देल्ही जाने वाले थे. और अब एग्ज़ॅम के लिए उसके साथ जाने की ज़िम्मेदारी मेरी थी.
अब मेरी बेहन का एग्ज़ॅम सनडे को दोपहर 2 बजे था. और उसी दिन मम्मी पापा भी निकल गये सुबा 10 बजे. जहा हमे जाना था, वो जगह ज़्यादा डोर नही थी. हमने सोचा पास वाला शहेर है, तो दो घंटे पहले निकलेंगे और पहुँच जाएँगे.
11 बजे हमारे घर पे राज आया अपने दो नये दोस्तों के साथ. उन दोस्तों को मैं जानता नही था. वो तीनो सीधा अंदर घुसे मुझसे बिना बात किए. फिर वो आयुषी के रूम में गये, और रूम अंदर से लॉक कर लिया.
मैं अब इस सब का आदि हो गया था. मुझे अब इन सब से कोई फराक नही पड़ता था, की आयुषी को कों छोड़ रहा था. या राज उसको किससे छुड़वा रहा था. उल्टा मुझे मज़ा आता था ये सब देख के.
मैने खिड़की से झाँका, तो वो दोनो लड़के आयुषी को पैसे दे रहे थे, और आयुषी उनसे कुछ बात कर रही थी. और राज बैठ के सुन रहा था. मुझे कुछ सुनाई नही दिया, लेकिन देखते ही देखते आयुषी ने पैसे लेके अपने पास रख लिए.
फिर वो नंगी हुई, और उन दोनो से चूड़ने लगी. उन दोनो ने आयुषी को पहले एक-एक करके छोड़ा. आयुषी को पहले वाला लड़का आराम से छोड़ रहा था, और हल्के-हल्के शॉट मार रहा था. वो धीरे-धीरे उसके बूब्स प्रेस कर रहा था, और राज वाहा बैठ के शूट कर रहा था ये सब.
आयुषी भी उसके कॅमरा में एक्सप्रेशन दे रही थी. फिर वो लड़का हटा, और दूसरा लड़का आया. उसने आयुषी को हार्ड तरीके से छोड़ना शुरू किया, और तेज़-तेज़ शॉट लगाने लगा. फिर उसने आयुषी को घोड़ी बनाया, और गांद में लंड डाला, और फुल स्पीड में छोड़ने लगा.
फिर उन दोनो ने आयुषी को डबल पेनेटरेट किया, आंड 20 मिनिट जाम के छोड़ा. वो दोनो आयुषी के अंदर ही झाड़ गये. आयुषी भी एक-दूं मज़े से चुड के बिस्तर पर पड़ी हुई थी. अब वो दोनो उठे, और कपड़े पहने और रूम से बाहर निकालने लगे.
मैं तुरंत वापस आके बैठा सोफे पे. जब मैने घड़ी देखी, तो 11:40 हो रहे थे. मुझे लगा हमे 20 मिनिट में निकलना था, और वो चुड रही थी वाहा पर.
फिर वो दोनो बाहर आए, मुझे सोफे पे देखा और बोला: तेरी बेहन मस्त रंडी है. कभी इसको छुड़वाना हो तो हमारे पास ले आना. आचे पैसे मिलेंगे. मैने हन में सर हिला दिया, और वो दोनो वाहा से चले गये.
फिर राज और आयुषी बाहर आए. आयुषी अभी भी नंगी ही थी, और उसकी छूट और गांद से उन दोनो लड़कों का माल तपाक रहा था. राज उसकी गांद में छानते मार रहा था.
फिर उसने बोला आयुषी को मेरी गोद में जाके बैठने को, और आयुषी आके मेरी गोद में बैठ गयी. मैं भी उसको प्यार से बच्ची की तरह डॉड में बिता के हग करने लगा. तब राज ने अपनी पंत खोली, और उसका मूह छोड़ने लगा.
मैने राज का लंड बहुत करीब से आयुषी के मूह से गले तक जाते हुए देखा. मुझे भी मज़ा आने लगा था. राज 5 मिनिट आयुषी का मूह छोड़ता रहा. फिर वो उसके मूह में ही झाड़ गया, और आयुषी वो माल पी गयी.
अब राज ने मुझे आयुषी को किस करने की बोला. मैने आयुषी को पॅशनेट्ली किस किया. उसके मूह से माल को महक आ रही थी.
फिर राज ने मुझे बोला: अब अपनी दो उंगलियाँ आयुषी की छूट में डाल, और सारा माल निकाल के उसके होंठ पर लगा, और किस कर.
मैने आयुषी की छूट में उंगली डाली अंदर तक और माल निकाल के आयुषी के होंठ पे लगा दिया. और फिर मैने उसको किस किया. अब उसने आयुषी को बोला-
राज: जेया तैयार हो जेया एग्ज़ॅम के लिए. और ऐसे ही कपड़े पहनना बिना माल सॉफ किया.
आयुषी 5 मिनिट में ही तैयार होके चली आई बिना छूट गांद और मूह का माल सॉफ किए. फिर राज ने आयुषी के बूब्स पे दो छानते मारे, और बेस्ट ऑफ लक विश किया, और बोला जाने को.
मैं और आयुषी अब स्कूटी पे अगले शहर की तरफ निकल गये.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. अगली कहानी अबकी बार जल्द उपलोआड करूँगा. मुझे मैल करे पर और सुझाव दे. आपका सुझाव मुझे ऐसे ही लिखने पे मजबूर करता है. और अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो भी मैल करे. धन्यवाद दोस्तों आपका कहानी पढ़ने के लिए.