मान्या के स्क्रीन टेस्ट वाले दिन मामी रितिका भी हमारे साथ नारंग के ऑफिस चली गयी। 40 साल की मामी ने जिस तरह के कपड़े पहने हुए थी, और जैसा मेकअप किया हुआ था, उससे लग ही रहा था कि उस दिन नारंग से उसकी चुदाई कोइ नहीं रोक सकता था। ऐसे लग रहा था जैसे मामी जा ही चुदने के लिए रही हो। और वही हुआ।
मान्या उधर स्क्रीन टेस्ट दे रही थी। इधर नारंग मामी की चूत का बैंड बजा रहा था। मान्या के स्क्रीन टेस्ट के बाद जब हम नारंग के ऑफिस में वापस आये, तो नारंग मामी को चोद-चोद कर निचोड़ चुका था।
हमारे आते ही बलराज बोला,”किशोर, बत्रा कह रहा था कि मंगलवार को मान्या के स्क्रीन टेस्ट की वीडियो क्लिप देख कर रिजल्ट पता लग जायेंगे। अगर मान्या ओके हो गयी तो रश्मी तुझे बता देगी। तू मान्या को ले आना जो कागज़ी कार्यवाई करनी होगी वो पूरी हो जाएगीI” और फिर लंड खुजलाता हुआ बोला, “साथ रितिका जी को भी लेते आना।”
मामी नीचे देख रही थी। सोच रही होगी “अब फिर चढ़ेगा ये सांड।”
खैर मंगल को रश्मि ने मुझे बुलाया और कहा,”किशोर मान्या का स्क्रीन टेस्ट ओके है। तू कल यानी बुधवार को दोपहर बारह बजे मान्या को मेरे पास ले आ, मैं उसकी कागज़ी कार्यवाई पूरी करवा दूंगी।”
मैं मामी के घर गया। ये खबर सुन कर वो और मान्या खशी से उछलने लगे। अगले दिन मैं साढ़े दस बजे मामी के घर पहुंच गया।
मामी तैयार हो चुकी थी। मामी की ड्रेस देख कर मेरा लंड कुलबुलाने लगा। मामी ने हल्के हरे रंग की साड़ी पेट की टुन्नी से चार इंच नीचे बांधी हुई थी। साड़ी इतनी नीचे थी कि अगर जरा और नीचे करो तो चूत की झांटों के बाल दिखाई दे सकते थे। पीछे चूतड़ों लाइन तो हल्की सी वैसे ही दिखाई दे रही थी।
उधर बिना बाजू का ब्लाउज इतना छोटा था कि ब्लाउज का नीचे का हिंसा टुन्नी से चार इंच ऊपर था। मामी के मम्मे नीचे से हल्के दिख रहे थे। ब्लाउज का गला इतना नीचे कि मम्मों की आधी लाइन नंगी थी।
ब्लाउज के पीछे कपड़ा ही नहीं था, खाली दो डोरियां थी। मतलब बांधने और खोलने के लिए किसी दूसरे की ज़रूरत पड़ती थी। मैंने बोल ही दिया, “मामी आज तो लगता है बलराज से चुदाई करवाने ही जा रही हो।”
मामी ने भी ढिठाई से जवाब दिया, “तो और क्या करवाने जा रही हूं? तुझे क्या लगता है नारंग ने मुझे मेरी आरती उतारने के लिए बुलाया है?”
मान्या अभी भी तैयार ही हो रही थी। मामी ने मुझे कहा, “किशोर, एक बात पूछूं?”
मैंने मामी की तरफ देखा और बोला, “पूछो मामी।”
मामी बोली, “किशोर एक बात बता, क्या ये सांड बलराज मान्या को भी चोदेगा?”
मैं इस सवाल की उम्मीद ही कर रहा था। मैंने जवाब दिया, “मामी, पहली बात तो ये की बलराज को इस उम्र के लड़कियों में कोइ ख़ास दिलचस्पी नहीं। वो तुम्हारी उम्र की औरतें ही चोदता है।”
फिर मैंने बताया, “अभी तो वो एक बार वो मान्या का इंटरव्यू करेगा अकेले में। इस ‘वन टू वन’ वाले इंटरव्यू में भी वो मान्या के इधर-उधर ही हाथ ही लगाएगा, जैसे चूचियां दबा दी चूतड़ों में उंगली कर दी I मगर चोदेगा फिर भी नहीं।”
“हां मगर लंड चुसवाने का शौक़ीन है नारंग। अगर मान्या भी तुम्हारी तरह बोल्ड हुई तो लंड चुसवा लेगा। और अगर मान्या ही उसके लंड पर चढ़ना चाहे तो फिर चोद भी सकता है।” जब मैंने कहा ‘लंड चुसवाने का शौक़ीन है नारंग’, तो मामी ने अपने होठों पर जुबान फेरी और जुबान से एक चटखारा लिया। मामी को लग रहा था जैसे बलराज के लंड का स्वाद आने लगा था।
मामी कुछ सोचते हुए बोली बोली, “मैं मान्या को समझा दूंगी।”
मैंने मामी को टोकते हुए कहा, “मामी ये गलती मत करना। मान्या को हालात के हिसाब से फैसले लेने दो। मॉडलिंग के सिलसिले में ना जाने मान्या को क्या-क्या करना पड़ेगा, कहां-कहां जाना पड़ेगा। तुम कहां-कहां जाओगी और किस-किस बात का ध्यान रखोगी?”
मामी चुप हो गयी। परेशान लग रही थी। मैंने मामी के जांघ पर हाथ रखा और चूत को हल्का सा दबाया, “मामी परेशान मत हो ऊपर वाले पर भरोसा रखो और आज की नारंग की चुदाई के मजे लो। और फिर मान्या कम से कम डेढ़ दो लाख महीना घर लाएगी। अब तो मान्या भी मॉडलिंग के लिए नारंग के ऑफिस में जाया करेगी, मेरी और तुम्हारी चुदाई का रास्ता भी खुल जाएगा।”
तब तक मान्या भी तैयार हो कर आ गयी। आज मान्या ने स्कर्ट पहनी थी। स्कर्ट क्या थी जैसे रुमाल लपेटा हुआ था। मुश्किल से आठ इंच की और उतनी ही छोटी टॉप। मैंने सोचा ये दोनों मां बेटी में कोइ फरक नहीं, दोनों एक ही तरह की हैं। मान्या की चूत का भी जल्दी बैंड बजेगा, बस कुछ दिनों का ही खेल है।
मान्या ने मामी के कपड़ों की तरफ अजीब नजरों से देखा और फिर मेरी तरफ देखने लगी। मेरी और मान्या की नजरें मिलीं और मैं भांप गया कि मान्या समझ चुकी थी कि मामी के साथ स्क्रीन टेस्ट वाले दिन क्या हुआ होगा और आज क्या होने वाला था। आखिर को मामी के आधे मम्मे, नीची बांधी साड़ी में से दिखाई देती हल्की सी चूतड़ों के बीच की लाइन मान्य को भी तो दिखाई दे रही थी।
ठीक बारह बजे हम तीनों रश्मि के सामने सोफे पर बैठे थे। रश्मि ने मामी को देखा, फिर मुझे देखा। जरूर वही सोच रही होगी, “साले दल्ले किशोर आज फिर?”
पांच मिनट में हमे बुलावा आ गया। जैसे ही हम अंदर पहुंचे बलराज कुर्सी से उठा और मान्या की तरफ हाथ बढ़ा कर बोला, “कॉन्ग्रैचुलेशन मान्या। अब तुम हमारी कम्पनी की मॉडल हो।” और उसने मान्या और रितिका को बैठने के लिए कहा।
मैं खड़ा ही रहा। फिर बलराज मुझे बोला, “किशोर, मान्या को ले जाओ और सारे ऑफिस वालों से मिलवा दो। रश्मि इसके कागज़ तैयार करवा देगी।” और बलराज ने मान्या को कहा, “जाओ मान्य बेस्ट ऑफ़ लक।” और फिर मुझ से बोला, “किशोर जाते-जाते नेहा मैडम से मिल लेना।”
“यस सर।” मैंने सर झुका कर कहा।
बाहर आकर मैंने मान्या को बैठने के लिए कहा और नेहा के कमरे में चला गया।
नेहा मुस्कुराई और बोली, “आजा किशोर, कितने बजे हैं, क्या टाइम हुआ है?” मैं हैरान हुआ। घड़ी तो सामने दीवार पर थी, फिर मुझसे नेहा क्यों टाइम पूछ रही थी।
मैंने सामने दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देख कर कहा, “पौना एक हुआ है मैडम।”
नेहा ने दोहराया, “पौने एक, अब ध्यान से सुन। तू मान्या को ऑफिस दिखाने ले जा रहा है, चार बजे से पहले वापस मत आना। समझ गए?”
और वो हंसी, “जा अब मान्या को मिलवा बाकियों से भी।”
मैंने भी कहा “जी मैडम, समझ गया।” समझ तो गया ही था। ये कोइ पहली बार तो हो नहीं रहा था। नेहा और रश्मि को भी ये बात पता थी कि आज तीन घंटे चोदेगा बलराज मामी को वो भी दो बार या फिर तीन बार।
मैं बाहर आ गया, मान्या रश्मि के केबिन में थी। कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट के कागज़ उसके हाथ में थे। मैं सोफे पर बैठ गया।
रश्मि बोली,” किशोर मान्या को एक घंटा लगेगा। मैंने इसको सारा समझाना भी है। तुम्हे अगर कुछ काम है तो करके आजा।” मैं समझ गया मतलब मेरे वहां बैठे रहने की कोइ जरूरत नहीं।
ठीक भी था सब अपना अपना काम कर रहे थे। नेहा अपना काम कर रही थी। रश्मि और मान्या कागज़ी कार्यवाही में बिज़ी थे। बलराज मामी की चुदाई कर रहा था। एक मैं ही तो खाली था।
मैंने कहा, “यस मैडम” और बाहर निकल गया। मान्या के मॉडल चुने जाने के बाद मेरा ऑफिस की तरफ से मान्या और रितिका से वास्ता खत्म था।
एक बार मॉडल सेलेक्ट हो जाने के बाद उस मॉडल के साथ मेरा काम खत्म हो जाता है, और मैं फिर उन्ही चीज़ों में बिज़ी हो जाता हूं। नारंग के लिए सिगरेट लाना और नेहा के कहने के मुताबिक़ कम्पनी की जरूरत के हिसाब से नई मॉडल लड़की ढूंढना।
अब अगर किसी मॉडल की जरूरत होगी तो नेहा मुझे बता देगी और मैं एक ऐसी नई लड़की की तलाश चालू कर दूंगा जो कहती हो,”मैं मॉडलिंग के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं।”
मेरे पास एक घंटा था। मैं बाहर कॉफी पीने चला गया। एक घंटे के बाद दो बजे मैं रश्मि के पास गया। मान्या का काम वहां खत्म हो चुका था। बलराज भी एक बार मामी की चुदाई कर चुका होगा।
मैं मान्या को लेकर उसे ऑफिस के लोगों से मिलवाने चल पड़ा। ऑफिस के लोगों से मिलवाने में डेढ़ घंटा और निकल गया। साढ़े तीन बज चुके थे। मेरे पास अभी भी आधा घंटा था। बलराज अब तक मामी की एक चुदाई और कर चुका होगा और दूसरी या फिर तीसरी चुदाई चल रही होगी।
मैं मान्या को ऊपर स्टूडियो में ले गया। किसी जूते के ब्रांड की शूटिंग चल रही थी। शूटिंग में एक लड़का और एक लड़की थे। बत्रा कैमरे के पीछे था और उसके दो असिस्टेंट, सौरभ और आशीष शूटिंग की बाबत लड़के लड़की से कुछ बात कर रहे थे।
बीस मिनट में शॉट पूरा हो गया। बत्रा वीडियो क्लिप देख रहा था। सौरभ और आशीष हमारी तरफ आ गए। मैंने जब मान्या का परिचय करवाया। सौरभ बोला,”हम स्क्रीन टेस्ट के दौरान मिल चुके हैं। पर अब मॉडल सेलेक्ट होने के बाद ये हमारी साथी है। वेलकम मान्या, उम्मीद है तुम्हें यहां काम करने में मजा आएगा।”
दोनों की नजर मान्या की चूचियों पर थी जो छोटी सी टॉप में से बाहर निकलने को बेताब थीं और आधी से ज्यादा दिखाई दे रही थीं I फिर वो मुझे बोले, “कहां-कहां से हीरे ढूंढ लाता है यार तू? दोनों ने मान्या की तरफ देखा और बोले, “कभी किसी चीज़ की जरूरत हो तो बोलना मान्या।”
“हीरे!” मान्या भी अपनी तारीफ़ सुन कर खुश हो गयी।
ये सौरभ और आशीष एक नंबर के लड़की फसाऊ हैं। ऑफिस की कोइ लड़की या मॉडल अगर फंस गयी तो गेस्ट हाउस में लेजा कर उसकी चुदाई करते हैं। मुझे भी कई बार गेस्ट हाउस में बुला चुके थे। अब मान्या पर थी इनके नजर। मुझे तो लग रहा था मान्या पर इनको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी।
मैंने घड़ी देखी, चार बज चुके थे। मैं मान्या को ले कर बलराज के ऑफिस में गया। जाते ही रश्मि ने कहा, “जाओ दोनों तुम्हारा इंतज़ार ही कर रहे है सर।”
हम दोनो अंदर चले गए। मामी बलराज के सामने बैठी था। “आओ मान्या, मिल लिया सबसे? रश्मि ने समझा दिया सब?”
“यस सर ” मान्य बोली। मान्या ने एक बार सर झुकाए बैठी मामी की तरफ देखा और एक नजर मुझ पर डाली, और हल्के से मुस्कुराई। अब इतनी भी नासमझ नहीं थी मान्या। पक्की बात है मान्या समझ गयी होगी कि नारंग ने मामी के साथ क्या किया होगा।
मान्या ये भी समझ गयी होगी कि मामी की नारंग के साथ चुदाई मान्या की मॉडलिंग में सफलता की पहली सीढ़ी थी।
बलराज बोला, “मान्या अभी एक महीना तो तुम रोज़ आओ। उसके बाद फिर जिस दिन शूटिंग या फैशन शो ना हो उस दिन तुम घर पर ही रह सकती हो। कल जब आओ तो सीधा रश्मि के पास आ जाना।”
फिर नारंग खड़ा होता हुआ बोला, “आज किशोर आप को छोड़ देगा।” मतलब अब आप सब जाइये। और उसने मामी की तरफ हाथ बढ़ा कर बोला, “आप से मिल कर बड़ा अच्छा लगा।” मतलब आपको चोद कर अच्छा लगा।
मामी ने भी हाथ मिलाया, “थैंक यू सर, मुझे भी बड़ा अच्छा लगा।” मतलब मुझे भी आपसे चुदाई करवा के अच्छा लगा।
और हम लोग वापस घर आ गए। आते ही मान्या नहाने चली गयी। मैं और मामी ड्राईंग रूम में बैठ गए।
मैंने पूछा, “मामी कैसा रहा आज का।”
मामी भी बेशर्मी के साथ बोली, “घुमा फिरा कर क्या पूछ रहा है। सीधा पूछ ना कि कितनी और कैसी चुदाई हुई।” और फिर मेरे पास आ कर बैठी और बोली, “चार बार चढ़ा आज मुझ पर। चार बार मेरा पानी छुड़ाया और दो बार खुद झड़ा। एक बार चूत में, एक बार गांड में।
साला तेरा ये नारंग। ये गांड चोदने का भी शौक़ीन है।”
मैंने खड़ा होता हुआ लंड पेंट में ठीक से बिठाया। मामी ने फिर पूछा, “किशोर क्या ये बलराज फिर दुबारा बुलाएगा चुदाई के लिए?”
मैंने कहा, “लगता तो नहीं। अब बुलाने का मतलब होगा स्पेशल चुदाई के लिए बुला रहा है। वो बलराज नहीं करता I कम से कम ऑफिस में तो नहीं। वैसे भी अब वो मुझे तुम्हें लाने के लिए भी नहीं बोलेगा क्योंकि मॉडल लड़की के साथ मेरा वास्ता तब तक ही रहता है जब तक उसकी सेलेक्शन नहीं हो जाती। उसके बाद मेरा उसके साथ कोइ वास्ता नहीं रहता, कम से कम नारंग और नेहा की नजरों में।”
फिर मैंने मामी से कहा “मामी अब मान्या तो एक महीने के लिए ऑफिस लगातार जाएगी। मुझ से चुदवाओगी?”
मामी बोली “तू तो जब मर्जी आजा किशोर। तेरा लंड भी तो मजेदार है, और तू चोदता भी मस्त है। बस मुझे फोन कर देना मैं हेल्थ क्लब से दो घंटे के लिए आ जाऊंगी। वैसे भी दोपहर बारह बजे से शाम चार बजे तक मैं घर पर ही होती हूं।”
फिर बात जारी रखते हुए कहा, “अच्छा ये बता किशोर कर मान्या को बलराज ने बुलाया है क्या करेगा।”
मैंने कहा, ” बताया तो था मामी, पिछले कमरे में ले जाएगा। उसके बाद जैसा माहौल बनेगा वैसा ही होगा। बात केवल बातचीत तक भी रह सकती है, चूचियां दबाने तक भी, चूचियां चूसने तक भी या फिर लंड चुसाई और अगर मान्या ज्यादा बोल्ड बनी तो चुदाई।”
मैंने नारंग के इस पहले इंटरव्यू के बारे में और जानकारी मामी को दी। मैंने कहा,” मान्या को पहले नेहा बुलाएगी और घुमा फिरा कर समझा देगी कि चुदाई के लिए तैयार रहे। फिर भेजेगी नेहा मान्या को बलराज के पास। मगर उसके बाद भी बलराज पहल नहीं करेगा।”
मैं कुछ रुका और फिर मामी से पूछा, “वैसे मामी एक बात बताओ, क्या मान्या चुदी है पहले।”
मामी बोली, “ये तो मुझे नहीं पता किशोर, लेकिन एक दिन मैंने इसका पर्स खोला तो उसमें कंडोम का पैकेट था। मैंने मान्या से इस बारे में पूछा तो वो तो उल्टा मुझ पर ही गर्म हो गयी कि मैंने उसके पर्स को हाथ ही क्यों लगाया।”
मैंने सोचा- मतलब चुदी है।
अगले एक महीने तक मेरी और मामी की वो चुदाई हुई कि मजा ही आ गया। मैं हर तीसरे दिन दो से ढाई के बीच मामी के घर चला जाता। मामी की चूत, गांड सब चोद दिए मैंने वो भी हर तरीके से। कभी लिटा कर, कभी पीछे से, कभी मैं लेट गया और मामी मेरे लंड पर बैठ गयी। कभी मामी लंड को चूत में लेती कभी गांड में।
एक दिन जब मैं मामी को चोदने गया तो मैंने मामी से पूछा ,”मामी एक बात बताओगी?”
मामी हंसी, “क्या बात है किशोर आज बात करने का कैसे मन कर गया? तू तो साले घोड़े पर सवार होके मामी को चोदने आता है। आते ही मामी का नाड़ा खोला, चूत और गांड को थोड़ा चाटा, अपना लंड चुसवाया और चुदाई करके, पानी निकाल कर फुर्र।”
फिर मामी हंसते हुए बोली, “बोल क्या बात है?”
मैंने कहा, “बात तो कुछ ख़ास नहीं मामी, वैसे ही ख्याल आ गया के बलराज ने तुझे कैसे पटाया कैसे चोदा? खास कर गांड कैसे चोदी?”
मामी हंसी, “क्यों क्या तूने भी गांड चुदवानी है बलराज से? वैसे एक बात बताऊं किशोर ये घोड़े जैसे लंड वाला बलराज इस उम्र में चोदता मस्त है।”
मैंने कहा, “नहीं मामी, मैं तो वैसे ही पूछ रहा था। ऐसे ही ख्याल सा आ गया।”
मामी बोली “कोई बात नहीं मुन्ना, तू नहीं पूछेगा तो क्या तेरा खस्सी मामा पूछेगा?”