हवस भरे बेटे ने अपनी अम्मी को चोदा

मैं भी काफ़ी टाइम से इस साइट का स्टोरी रीडर हू, और इन्सेस्ट आंड क्यूक्कल्ड वाली फीलिंग्स भी है. ज़्यादा टाइम नही लगते हुए कहानी पर आता हू. ये कहानी मेरी और मेरी अम्मी की है.

मेरे फॅमिली में हम 6 लोग है, अम्मी (फ़हमीदा 45 आगे), अब्बू (रहीं, जिनका इंतेक़ाल हो चुका है ), 2 भाई, और एक बेहन. सब की शादी हो गयी है, और कुछ साल पहले ही अब्बू का इंतेक़ाल हो गया था. तब अम्मी 30 की थी. तब से अम्मी ने शादी नही की, और हमे आचे से बड़ा किया, और हर ख्वाइश पूरी की.

मेरा नाम रशीद है. मेरी आगे 20 है. फिट पर्सनॅलिटी है मेरी. मेरी अम्मी भी एक दूं गड्राई हुई और बहुत ही पाकेज़ा परदा वाली औरत है. 36-38-40 का फिगर है उसका, और गोरी है एक-दूं.

तो सब की शादी के बाद काफ़ी टाइम से मैं और अम्मी ही रहते थे. और अम्मी पर मुझे कोई बुरा ख़याल नही था. लेकिन बहुत बार मैं अम्मी की क्लीवेज देखता था. एक बार अम्मी बातरूम में गिर गयी थी, तो मैं उठाने गया.

उस वक़्त सिर्फ़ टवल में उनका आधा नंगा जिस्म दिख रहा था, जिससे मेरा 6 इंच का मोटा लंड खड़ा हो गया. लेकिन मैने खुद को संभाला, और अम्मी को ले जेया कर बेडरूम में सुला दिया.

काफ़ी टाइम बाद अम्मी उठी, और आई. उन्होने डिन्नर बनाया, जो हम खाए और सो गये. लेकिन मुझे अम्मी का गीला नंगा जिस्म ही याद आ रहा था, और मेरा खड़ा हो गया था. उस दिन मैने पहली बार अम्मी के नाम से मूठ मारी.

तब से मुझे अजीब ख़याल आने लगे. मेरा अम्मी को छोड़ने का मॅन होने लगा. सोचा इतने साल से अब्बू नही थे, तो अम्मी भी प्यासी होगी. तो क्यूँ ना मौका देख कर अम्मी को छोड़ लू.

फिर मैं ऐसे ही अम्मी से बातें करता था सब फ्रीली. तो एक दिन अम्मी से मैने पूछा-

मैं: अम्मी, तुमने हमारे लिए अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर ली. तुमने फिरसे शादी नही की. तुम्हे अब्बू की कमी नही होती क्या?

अम्मी बोली: बहुत होती है. लेकिन अल्लाह की मर्ज़ी के आयेज हम कुछ नही कर सकते बेटा.

और ये बोलते हुए उनकी आँखों में आँसू आ गये. मैने अम्मी का सर मेरे कंधे पर लिया, और समझने लगा.

मैं धीरे से उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा. धीरे-धीरे मैने उनकी गांद को टच किया, तो वो उठी और चली गयी. ऐसे ही कुछ दिन मैं मौका देख कर अम्मी को टच करता था.

एक दिन हमे ऐसे ही फंक्षन में जाना था. उस वक़्त अम्मी को तैयार हुए देख कर मेरा मॅन हुआ की आज नंगा कर डू. फिर हम दावत में गये, और आते टाइम काफ़ी लाते हो गया. ठंड ज़्यादा थी.

आने के बाद अम्मी चेंज कर रही थी. मैने दरवाज़ा कुछ खुला देखा, तो मैं तुरंत मौका देख कर अंदर गया. अम्मी बिल्कुल नंगी थी, और मुझे देख कर वो तुरंत अपना जिस्म च्छुपाने लगी. मैं फिर जल्दी से बाहर आ गया.

कुछ देर बाद मैं सोने गया. अम्मी भी आ कर सो गयी. थोड़ी सी लाइट में अम्मी का जिस्म मुझे पागल कर रहा था. मैने धीरे से अम्मी को जगाया, और फिरसे अब्बू की बातें करने लगा. वो भी तोड़ा एमोशनल हो गयी, और मैने उनको मानने के लिए उनसे किस का पूछा.

अम्मी बोली: इतना बड़ा हो गया है, आज प्यार आ रहा है तुझे अम्मी पर?

मैने तुरंत अम्मी को चीक्स पर किस किया. फिर ऐसे ही होंठो पर किस किया, और धीरे से पीठ पर हाथ फेरते हुए गांद सहलाने लगा. अम्मी ने मुझे रोका और बोली-

अम्मी: बस बेटा, क्या कर रहा है तू?

मैने मा का हाथ अपने लंड से टच करवाया तो वो समझ गयी थी. फिर मैने अम्मी को बोला-

मैं: अब्बू की कमी को तुम कैसे रोकती हो?

अम्मी बोली: ये सब बातें नही बताते बेटा. किस्मत ही ऐसी है मेरी.

मैने फिर अम्मी के होंठ अपने होंठो से मिलाए, और चूसने लगा. अम्मी मुझे डोर करने की कॉसिश कर रही थी. मैं उनको कस्स के चूम रहा था, और मेरे हाथ उसके जिस्म को सहला रहे थे. मैने अम्मी के बूब्स पर हाथ रखा, और दबाने शुरू कर दिए.

अब अम्मी आहें भरने लगी थी, और बोली: बेटा क्या कर रहा है तू?

मैं कुछ सुने बिना बस दबा रहा था, और चूम रहा था उनको. फिर मैने उनका ब्लाउस खोल दिया, और बूब्स पे किस करने लगा. अब अम्मी का विरोध कमज़ोर हो रहा था.

मैने मौके का फ़ायदा उठा कर उनकी सलवार में हाथ डाला, और छूट सहलाने लगा. अम्मी मदहोश हो गयी थी, और धीरे-धीरे मैने भी ट्राउज़र निकाल दी और सिर्फ़ चड्डी में आ गया. अम्मी सिर्फ़ ब्रा और सलवार में थी.

अब मुझाए रहा नही गया. मैने अम्मी का नाडा खोला, और छूट को सहलाते हुए ब्रा खोल दी. अम्मी माना करते हुए ही मदहोश हो रही थी. मैने अपना लंड निकाला, और अम्मी को पकड़ाया. अम्मी ने माना करते-करते कुछ देर में लंड पकड़ा, और बोली-

अम्मी: ये सही नही है बेटा. मत कर, बस रुक जेया.

मैं सुनने वाला कहा था. फिर मैं नीचे आया पेट पर किस करते हुए, और छूट के बाल चूसने लगा खींचते हुए. अम्मी सिसकारिया निकाल रही थी. फिर मैने छूट चाटनी शुरू की.

मैं उल्टा हो गया, और अब अम्मी लंड आचे से सहला रही थी, और मैं लंड उनके मूह से लगा रहा था. वो माना कर रही थी. फिर मैं धीरे से अपना लंड रगड़ने लगा अम्मी की छूट पर. वो गरम हो गयी थी पूरी तरह से.

फिर मैने धीरे से लंड अंदर डाला छूट में, और अम्मी चिल्लाने लगी. वो बोली-

अम्मी: बेटा निकाल इसको.

मैने ज़ोर का धक्का लगाया, और लंड घुसा दिया छूट में. अब अम्मी भी मेरा साथ देने लगी. मैं बूब्स दबाते हुए उनको धक्के मार रहा था, और अम्मी बोलने लगी-

अम्मी: बेटा तूने ये क्या कर दिया? अम्मी हू तेरी मैं, और तू मुझे ही छोड़ रहा है

फिर मैने बोला: अम्मी, अब्बू नही है इतने साल से, और तुम भी प्यासी हो. और मुझे भी मॅन हुआ तुम्हे नंगी देख कर छोड़ने का.

और मैं धक्के ज़ोर से मारने लगा.

अब अम्मी बोलने लगी: छोड़ ले बेटा मुझे, और अपने अब्बू की कमी को पूरा कर दे. मेरी प्यास को मिटा दे. आज खुल के छोड़ अपनी अम्मी को. जिस जगह से तू आया है, आज फिरसे तेरा लंड डाल दे और छोड़ अपनी अम्मी को.

ऐसे ही छोड़ते-छोड़ते सुबा हो गयी, और मैने 4-5 बार अम्मी के अंदर ही अपना माल निकाल दिया. जब नंगे पड़े थे हम, तो अम्मी ने मेरा लंड पकड़ा, और चूसने लगी.

वो बोली: बेटा आज तुमने मुझे वो सुख दिया है, जो तेरे अब्बू ने भी नही दिया कभी. अब मेरी कमी पूरी हो गयी बस.

ऐसे ही अब जब मॅन होता है मैं अम्मी को बोल देता हू, और हम फुल नाइट सेक्स करते है.

स्टोरी कैसी लगी ज़रूर कॉमेंट करना. ये मेरी फर्स्ट और रियल स्टोरी है.