अब आगे:-
निशा को फिर मैने अपने सामने किया और कहा-
मैं: नही तू सॉरी मत बोल. मेरी भी ग़लती थी. तेरी हालत उस दिन खराब थी, और मैने तेरे साथ फोर्स किया. कान पकड़ के सॉरी. प्लीज़ अब तू चुप हो जेया.
निशा: नही मेरी ग़लती थी. मैने अपने पति को ठीक से खुश नही किया. आपके लायक मैं बन नही पाई. आपका दिल सेक्स का कर रहा था, और मैने माना कर दिया. हर बीवी का फ़र्ज़ होता है अपने पति की हर इक्चा को पूरी करना, और अपने पति के ऑर्डर को फॉलो करना. लेकिन मैं ये सब नही कर पाई. प्लीज़ सॉरी, मुझे माफ़ कर दो.
निशा अपनी आँखों में आँसू लेते हुए मुझे देख कर सॉरी बोली. मैने उसका वो प्यारा सा चेहरा हाथ में पकड़ा और चुप रहने को बोला. फिर एक-दूं से मैने निशा को अपने गले से लगा लिया. मेरा भी प्यार उमड़ गया था. वो भी रोते हुए मुझसे चिपक गयी और बोली-
निशा: ई लोवे योउ, ई लोवे योउ सो मच. आज के बाद प्लीज़ मुझसे गुस्सा मत होना. जो करना है मेरे साथ वो कर लेना. लेकिन मुझसे डोर मत जाना.
हम दोनो एक-दूसरे से चिपके हुए थे. तभी डोर पर उसके बेटे के आने की आवाज़ आई. दीपक आ चुका था. निशा मुझसे एक-दूं से डोर हो गयी और बेड पर लेट गयी. डीपू ने मेडिसिन अपनी मा को दी. निशा को मैं देख रहा था. उसके चेहरे पर अब एक अलग सी खुशी झलक रही थी. उसका बेटा बोला-
दीपक: अब आप जल्दी से दवाई खाओ. जल्दी से ठीक हो जाओ.
निशा: ओक बेटा. तू ये बता तू कॉलेज नही गया?
डीपू: आज नही गया. आपकी टेन्षन हो रही थी. आप ठीक हो जाओगे तब जौंगा.
निशा: तू एक काम कर, रोहित को यही छ्चोढ़ जेया. वो मेरा ख़याल रख लेगा. तू अपनी कोचैंग पर चला जेया. पढ़ाई मिस मत कर.
डीपू मुझसे बोला: भाई तुझे कोई प्राब्लम तो नही है? मैं चला जौ क्या? तू यहा सब संभाल लेगा?
मैं: हा भाई, मैं सब संभाल लूँगा.
ये बात मैं उसकी मा को देख कर बोला. इससे आंटी शर्मा गयी, और हल्की मुस्कान के साथ उसने चेहरा दूसरी तरफ कर लिया. फिर उसका बेटा घर से चला गया. अब घर में मैं और निशा थे. मैं उसके पास बैठ गया. निशा लेती हुई थी, तो उठ कर मेरे सीने पर अपना सिर रख दिया और बोली-
निशा: आप मुझे प्रॉमिस करो, की आप कभी मुझसे डोर नही रहोगे. एक मिनिट आपके बिना नही रह सकती हू. आपका साथ मुझे चाहिए. प्लीज़ बोलो मुझसे गुस्सा नही होगे.
मैं: साली गुस्सा तू हुई थी. मेरा मॅन था लेकिन तू नही मानी. कोई बात नही अब छ्चोढ़ सब कुछ. अब आयेज का सोच.
निशा: मैं अब जब गुस्सा करू एक थप्पड़ लगा देना. मुझसे डोर मत जाना. और मुझे आपके साथ हनिमून पर जाना है. प्लीज़ कुछ अरेंज करो ना. मुझे यहा घुटन होती है. मुझे आपके साथ खुल कर जीना है. आप जो भी बोलॉगे वही करेंगे.
मैं: एक बात बता अब. तेरा पति कितने दिन के लिए गया है?
निशा: उससे मेरा झगड़ा हुआ है. वो शायद 3 से 4 दिन बाद आएँगे.
मैं: एक काम कर, तू अपने बेटे से बोल दे तुझे बाहर घूमने जाना है, यहा तुझे अकेला रहना पसंद नही है. और बोलना यहा रह के तुझे घुटन होती है.
निशा: डीपू मान जाएगा ना?
उसे हॅंडल करना पड़ेगा, कही कुछ प्राब्लम ना हो जाए. फिर भी आपके साथ के लिए मैं कोशिश करूँगी.
मैं: मैं पहले डीपू से बात करूँगा. फिर बाद में तू करना. मैं उससे बॉटल में उतार लूँगा.
फिर हमने एक प्लान बनाया. आपको सब को मैने पहले ही बताया है, की उसका बेटा चूतिया है. उसे बेवकूफ़ बनाना आसान है. निशा की मस्त चुदाई के लिए उसके बेटे को बॉटल में उतारना ज़रूरी था.
मैने आंटी से कहा: साली तुझे बहुत बुरी तरह से छोड़ूँगा. तूने मेरा दिमाग़ बहुत खराब किया है. पिछले 15 दिन से लंड बिना छूट के रहा है.
निशा: आपको जो करना है वो करना. आपकी रंडी सिर्फ़ आपकी है. ये निशा कुछ बोले तो थप्पड़ लगा देना. मैं आपके लिए कुछ भी कर लूँगी. आप की बीवी हू, आपको इश्स बार पूरा खुश कर दूँगी.
मैं: हम माउंट अबू चलेंगे. वाहा तुझे रंडी बना कर छोड़ा करूँगा.
निशा: आप जहा चाहे वाहा ले जाओ. मुझे तो आपके साथ जाना है. आपको जो अछा लगे वो करो. मुझे तो आपकी दुल्हन बन कर चूड़ना है.
मैं: अब तू खुश है ना?
निशा: आपका साथ मिल गया है, अब मैं खुश हू. लोवे योउ.
निशा ने रेड कलर की मॅक्सी पहन रखी थी. उसके बाल खुले हुए थे. फिर वो उठी, और बोली-
निशा: बेबी आप यहा बैठो. मैं मेरी जान के लिए छाई लेके आती हू.
मैं: तू अभी रेस्ट कर, तबीयत ठीक नही है तेरी.
निशा: आपके लिए सब से सकती हू. मुझे आपके लिए छाई बनानी है, तो अब जाने दो. बदमाश कही के.
फिर हम हासणे लगे. निशा भी मुस्कुराने लगी. वो गांद मतकते हुए किचन में गयी. फिर 10 मिनिट में छाई लेके आई. हम दोनो ने साथ में ही छाई पी. निशा के चेहरे पर बहुत ही अची मुस्कान थी. वो मेरी गोद में बैठी थी. उसे गांद में मेरा 7 इंच का खड़ा लंड चुभ रहा था. फिर वो उठी, और बिना बोले हेस्ट हुए घुटनो पर बैठ गयी. मेरी जीन्स के चैन खोलने लगी. मैने कहा-
मैं: क्या बात है मेरी रानी. तू खुद से आज लंड चूसेगी?
निशा: हा ये मेरा है. मैने उस दिन इसे नाराज़ कर दिया था. आज इसे भी सॉरी बोलना है.
मैं: रुक फिर पूरी पंत उतारने दे. आचे से इसे अपने होंठो का मज़ा दे.
निशा ने भी मुस्कुराते हुए मेरी जीन्स खुद उतारने लगी. मैं अब उसके सामने नीचे से नंगा हो गया. निशा ने जीन्स मेरे घुटनो तक कर दी. उसके फेस के सामने 7 इंच का काला सांड़ था. निशा उसे देख खुश होने लगी और बोली-
निशा: ऑश देखो इस शैतान को, कैसे घूर रहा है. अब तो आपका लंड बड़ा लग रहा है. आज इसे चूस कर सारा रस्स पी जौंगी. बाकी तो हनिमून पर इसे खा जौंगी.
मैं: तू तो बड़ी जोश में लग रही है. लंड देख कर तेरे मूह में पानी आ रहा है.
निशा: हहा, आएगा नही? कितने दीनो बाद इसके डरसन हुए है. गुस्सा हो कर चले गये थे, इतना गुस्सा कोई करता है क्या?
इतना बोल कर आंटी हेस्ट हुए लंड के टोपे पर किस करने लगी. मेरे मूह से श निकल गयी. निशा मुझे देखते हुए लंड को चूमे जेया रही थी.
निशा फिर अपनी ज़ुबान निकाल कर लंड के टोपे को चाटने लगी. वो लंड को छाते जेया रही थी. मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था. दोस्तों साली की इतनी मस्त ज़ुबान थी, लंड पर लगते ही बॉडी में खलबली मच जाती है. अब वो ज़ुबान से चाट-ते हुए लंड के नीचे तक गयी. वो स्लॉप स्लॉप स्लॉप करके लंड को छाते जेया रही थी. मैने कहा-
मैं: उम्म्म मेरी रंडी. साली कहा से सीखी है ऐसे चूसना?
निशा: आपका इतना बड़ा है तो इसे चूसने के लिए सबसे पहले लंड को रेडी करना पड़ता है मुझे. जिससे लंड चिकना हो जाए. आपका मूह में लिया नही जाता है.
मैं: तू तो रंडी है साली मेरी. तू तो बस मस्ती से चूस्टी जेया. जो दिल करे वैसे चूस. तेरे चूसने से लंड में बिजली दौड़ जाती है.
निशा: बस मुझे तो अपने पति को खुश करने से मतलब है. आपको खुश करने के लिए मैं सब एफर्ट लगौंगी.
फिर दोस्त की मा मुझे देखते हुए लंड को मूह में लेने लगी. निशा 5 मिनिट तक लंड को बड़े मस्त तरीके से चाट रही थी. वो लंड के टोपे को चूज़ जेया रही थी. निशा लंड के टोपे पर अपने होंठो से धीरे-धीरे चूसने लगी. उसके होंठ गीले टोपे पर घूमते हुए सॉफ दिख रहे थे. दोस्तों ज़रा इमॅजिन करो इस मोमेंट को. मेरा तो लंड खड़ा हो जाता है.
अब निशा ने अपने दोनो हाथ मेरे पैरों पर रखे, और लंड को मूह में भर कर चूसने लगी. मेरा काला 7 इंच का लंड आंटी के मूह में था. उसके बाल पेट की तरफ आ गये थे.
निशा बिना रुके लंड को बड़े प्यार से धीरे-धीरे चूसने लगी. निशा अब अपने हाथ मेरी पीठ पर फेरने लगी, और लंड मूह में लिए जेया रही थी. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और सिसकियाँ लेने लगा.
मैं: उम्म्म उहह उम्म्म. मेरी जान और चूस साली. मेरी रंडी कितना मस्त लंड चूस्टी है. आह और चूस एस.
निशा: उम्म्म ह्म. उसके मूह से स्लॉप स्लॉप स्लॉप की आवाज़ आने लगी थी. पूरा कमरा उसके लंड चूसने से स्लॉप स्लॉप करके गूँज रहा था.
निशा को लंड चूज़ हुए अभी 15 मिनिट हुए थे. दोस्त की मा मेरे बड़े लोड को पूरा मूह में भर लेती, और फिर लंड बाहर निकाल लेती. ऐसे ही वो बार-बार करती, जिससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
दीपक की मा निशा लंड को एक रंडी की तरह चूस रही थी. मेरे मूह से तो बस श उम्म्म निकल रहा था.
अब लंड चूसने से निशा के मूह से लंड पूरा गीला हो गया था. मेरा काला लंबा लंड उसके थूक से चमक रहा था. निशा मुझे देख कर हेस्ट हुए बोली-
निशा: आपको मज़ा आया या नही? अब तो आप खुश हो ना?
मैं: बहुत ज़्यादा मेरी जान. तू तो पक्की रंडी बन गयी है.
निशा: हा रंडी आपने ही बनाया है. मैं रंडी सिर्फ़ आपकी हू. किसी को मैं ये जिस्म छूने नही देती हू. इस पर सिर्फ़ आपका हक है. अभी मुझे और चूसना है. आपके ये काले गुलाब जामुन भी चूसने है.
फिर मैने अपने पैरों को फैला दिया, और उससे कहने लगा.
मैं: ये ले मेरी निशा. चूस ले, खा जेया जामुन.
निशा हेस्ट हुए झुक कर लंड पकड़ कर मेरे दोनो काले जामुन को चाटने लगी. मेरे मूह से उहह श निकल गया. निशा बड़े मज़े से मस्ती में मेरी बॉल्स चाट रही थी. दोस्तों उसकी गोरी गुलाबी ज़ुबान और मेरे काले बॉल्स बड़े मज़ेदार लग रहे थे.
निशा दोनो बॉल्स को बारी-बारी से मूह में चूसने लगी. वो एक बॉल को मूह में लेती, फिर उससे 1 इंच डोर तक खींच लेती. फिर मूह से चूसने लगती. मेरे मूह से आह श निकल जाता.
मुझे सिसकी निकालते देख निशा के हस्सी निकल गयी. वो हेस्ट हुए फिरसे टटटे चूसने लगी. जब वो मेरा एक बॉल मूह में चूस्टी तो उसका मूह मेरे लंड में डब जाता. जिससे मुझे और गुदगुदी होने लगती.
आंटी जब बॉल्स को बारी-बारी से मूह चूस्टी, और फिर कभी 1 इंच तक मूह में खींचती, तो उसके मूह से उम्म्म उम्म्म ह्म की आवाज़ आने लगती.
निशा बहुत ही कामुक नज़रो से देखते हुए मेरे लंड को हिलाते हुए दोनो बॉल्स को मस्त तरीके से चूस्टी. बहुत मज़ा आ रहा था. निशा ने दोनो बॉल्स को प्यार से 10 मिनिट तक खूब चूसा.
अब मैने उसे सीधा किया, और आंटी की बॉल्स पकड़ कर लंड मूह में दे दिया. इससे उसके मूह से उम्म्म निकल गया. अब वो मूह में लंड से शॉट मारे जेया रहा था. जब लंड निशा के गले तक जाता, और बाहर निकलता, तो आंटी के मूह से लंड लग कर फॅट फॅट फॅट की आवाज़ आ रही थी.
निशा की आँखों से आँसू भी निकल रहे थे. लेकिन उसने मुझे रोका नही, और मज़े से अंदर से ज़ुबान घुमाए जेया रही थी. जब मैं लंड से धक्के मारता तो निशा का मूह मेरी नाभि में डब जाता.
निशा भी जोश में आके हाथो को मेरी गांद पर रख कर पीछे से मूह में और दबाने लगी. निशा के इस जोश दिलाने वाले तरीके से मैं और ज़ोर से धक्के देने लगा.
दोस्तों निशा के साथ सेक्स और प्यार में मैने क्या-क्या किया, पढ़ते रहिए नेक्स्ट पार्ट में कही जाना मत, और मुझे मैल ज़रूर करना. मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मेसेज करके ज़रूर बताना कहानी कैसी लगी.
थॅंक्स.