हेमा रात में भीमा से टीन रौंद की चुदाई के बाद बहुत ही ज़्यादा खुश थी. लेकिन कुछ ही देर बाद उसके ही गाओं का एक आदमी ये बोल कर भीमा को अपने साथ ले गया, की उसके बाबू जी की तबीयत बहुत खराब हो गयी थी, और वो हॉस्पिटल में थे.
भीमा को घर से बाहर जाते देख हेमा को लगा की किसी ने उसका सारा खून, सारी ताक़त चीन ली थी. इसका असर ये हुआ की हेमा बिल्कुल ही सुस्त हो गयी, और ढीली हो गयी. विकास ने बहुत कोशिश की लेकिन अगले 10-11 दीनो तक हेमा ने एक बार भी नही चुडवाया.
भीमा के जाने के दूसरे ही दिन से एक 18-19 साल की जवान काँटा घर का काम करने, खाना बनाने सुबा-शाम आने लगी. वो भी अपनी मालकिन का मॅन नही बहला सकी. विकास बहुत दुखी हो गया, और उसने ऑफीस से अपनी बेहन रत्ना को फोन कर सब बताया.
रत्ना अपने भाई से बेहद प्यार करती थी. वो अगले ही दिन आ गयी. हेमा भी अपनी ननद/सहेली को देख बहुत खुश हुई. रत्ना ने बहुत पूछा लेकिन उसने ये नही कहा की भीमा के जाने से वो इतनी दुखी थी.
हेमा: मालूम नही रत्ना, मुझे क्या जो गया है. किसी भी काम में मॅन नही लगता है. तेरे भैया मेरा बहुत ख़याल रखते है, बढ़िया चुदाई भी करते है, लेकिन अब छुड़वाने का मॅन ही नही कर रहा है.
हेमा ये नही बोल पाई की अब उसको सिर्फ़ भीमा का ही लोड्ा और उसके साथ की चुदाई ही चाहिए थी. लेकिन इतनी रातों से छूट का भूखा विकास टीन महीनो बाद अपनी प्यारी बेहन को देख उसको छोड़ने के लिए तड़प उठा.
जिस दिन रत्ना आई, उसी रात खाना खाने के बाद दूध में नींद की गोली मिला कर उसने हेमा को पीला दी. आधा घंटा गुज़रते-गुज़रते हेमा बेसूध हो गयी. विकास अपने रूम से बाहर निकला, और बगल के रूम के दरवाज़े को पुश किया और डोर खुल गया.
रूम में अंधेरा था. कुछ दिखाई नही पद रहा था. विकास ने एक मीठी आवाज़ सुनी-
रत्ना: भाभी ने इतनी रातों से नही चुडवाया. इसलिए बेहन को यहा बुलाया है सिर्फ़ छोड़ने के लिए? भाभी जैसी ठंडी औरत को ठंडा नही कर सकते हो, तो फिर मेरे जैसी आग की भट्टी को कैसे संभालोगे?
विकास एक-एक करके अपने कपड़े खोलने लगा, और अपने लोड पर हाथ लगाया. बेहन की बर में घुसने के लिए लोड्ा पूरा तैयार था.
विकास: मैं अँधा नही हू. पिछले टीन साल से मैं देख रहा हू की तुम मुझे सिड्यूस करने की कोशिश कर रही हो. लेकिन मेरी प्यारी बेहन तू सोच नही सकती की अपनी बेहन की प्यारी बर में लोड्ा पेलने से मैं अपने को कैसे कंट्रोल करता था.
विकास: तुम्हारी फोटो के सामने मूठ मारता था. जिन रंडियो को छोड़ा, उन्हे यही कह कर छोड़ता था, की मैं अपनी साग्गी बेहन रत्ना को छोड़ रहा हू. अपने को और तुम्हे भी पाप से बचाने के लिए मैने तुम्हे नही छोड़ा.
विकास: लेकिन मेरी प्यारी बेहन, मेरा लोड्ा शुरू से तुम्हारी बर में, तुमसे छुड़वाने के लिए तड़प रहा है. अब मत तड़पाव रानी, प्यार करने दो, और छोड़ने दो.
रत्ना: जब मा या बेहन या कोई भी रिश्तेदार की औरत अपनी मर्ज़ी से चुडवाए, तो उस चुदाई में कोई पाप नही होता है.
रत्ना ने लेते-लेते लाइट ओं कर दी. विकास ने देखा की बेड पर रत्ना बिल्कुल नंगी लेती थी.
रत्ना: इतनी रातों से भाभी ने तुमसे नही चुडवाया. इसलिए मुझे छोड़ने आए हो. लेकिन भाई मैं तो टीन साल पहले से ही तुमसे छुड़वाने के लिए तैयार थी.
रत्ना: तुमने मुझे नही छोड़ा, तो शादी के पहले से ही तुम्हारे सब से ख़ास दोस्त विनोद से छुड़वाने लगी. आ भाई, तेरी बेहन की छूट आज भी अपने भाई के लंड का वेट कर रही है. भाभी को नींद की गोली खिला कर आए हो ना?
विकास जो अपनी पत्नी हेमा से चाहता था, वो सब कुछ उसकी बेहन रत्ना ने किया. वो नंगी हो कर विकास का वेट कर ही रही थी. विकास ने देखा की बेहन ने छूट भी चिकनी करके रखी थी. जहा तक खूबसूरती का सवाल था, तो अगर खूबसूरती के रेटिंग स्केल पर हेमा 8 थी तो रत्ना सिर्फ़ 5 थी.
लेकिन उसकी गड्राई जवानी और खुल कर चुदाई की बातें करना लोगों को पागल बनता था. रत्ना ने तब तक कुल मिला कर 5 आदमियो से काई-काई बार चुडवाया था और दूसरे 7 आदमियो का लोड्ा चूसा था.
रत्ना में सबसे ख़ास बात ये थी, की बेड पर वो अपने पार्ट्नर के लिए घटिया रंडी से भी घटिया हो जाती थी. सेक्स पार्ट्नर जो भी चाहता था सब करती थी, और बहुत ही कम औरतें होंगी जो उसके जैसा लोड्ा चूस सकती हो.
वो चाहे तो किसी भी लोड को 5 मिनिट में ही ढीला कर दे, या फिर वो किसी भी लोड को आराम से, मर्द जितनी देर चाहे, चूस सकती थी.
विकास नंगा ही बेहन के पास आया. रत्ना ने उछाल कर उसके लोड को पकड़ लिया. फिर वो बोली-
रत्ना: अफ भैया, क्या मस्त लोड्ा है. देख कर ही दिल हो गया.
विकास: रत्ना, मैं ही बुढ्ढू था की अपनी प्यारी बेहन की इस मस्त गड्राई जवानी पर ध्यान नही दिया. तुम हेमा से कही ज़्यादा मस्त माल हो.
रत्ना ने खूब ज़ोर से लोड को दबाया और कहा-
रत्ना: भाभी की ही याद आ रही है तो जाओ उसी ठंडी औरत को छोड़ो.
विकास झुका और बेहन की चूचियों को मसालते हुए होंठो को चूसने लगा. रत्ना 5 फुट 4 इंच लंबी थी, वज़न 65 क्ग था. लेकिन बदन ऐसा प्रपोर्षनेट था की कही से भी मोटी नही लगती थी.
गोलाई लिए हुआ चौड़े कंधे, कंधो के नीचे 36 इंच की मांसल और गुदाज़ चूचियाँ, सपाट पेट, 28 इंच की कमर, उभरी हुई छूट और मोटी-मोटी लेकिन लंबी जांघें किसी के भी लोड को ठंडा कर सकती थी.
रत्ना के चूतड़ भी पीच्चे की तरफ उभरे हुए थे, और बहुत मांसल थे. लेकिन ढीले नही थे. विकास जितना कुछ अपनी घरवाली के साथ करना चाहता था, रत्ना ने वो सब कुछ करने दिया. बहुत देर तक छूट चुस्वाई, फिर उसने लोड्ा चूसा, और सुबा तक टीन रौंद लंबी चुदाई हुई.
रत्ना: भैया मुझे शुरू से ही मालूम था, की तुम बहुत बढ़िया मर्द हो. तुमने अपनी इस रंडी बेहन को मस्त कर दिया. एक बात बताती हू. अपनी मा ने खुद मुझसे कहा की मेरी तरह वो भी तुमसे छुड़वाना चाहती है. भाभी को माइके भेजो, और मा को यहा बुला कर खूब छोड़ो.
रत्ना अपने भाई के लोड और उसकी चुदाई से बहुत खुश थी. उस रात भीमा अपनी खूबसूरत मालकिन की नंगी जवानी को देखने में इतना मस्त था, की उसने विकास का लोड्ा ठीक से देखा ही नही. विकास का लोड्ा भीमा के लोड से कम से कम एक इंच ज़्यादा लंबा और मोटा भी था.
भीमा ने ज़रूर हेमा के साथ लंबी चुदाई की थी, जबकि विकास 20-25 मिनिट में ही ढीला हो जाता था. वो इसलिए, की हेमा के ठंडे-पन्न के कारण विकास कभी पूरा एग्ज़ाइटेड हुआ ही नही. लेकिन उसी विकास ने अपनी चुदसी बेहन को पस्त कर दिया. तीनो बार 40-45 मिनिट छोड़ा.
रत्ना: जल्दी से अपनी ठंडी घरवाली को माइके भेजो. उसके बाद मैं भी मा के साथ अवँगी, और तीनो खूब मस्ती मारेंगे.
दोनो भाई बेहन ने ही नही उनके बॉडीस ने भी एक-दूसरे के बदन को बहुत पसंद किया था. कोई तीसरा उन दोनो के चेहरे को देख कर ही बोल देता की दोनो एक-दूसरे से फुल्ली सॅटिस्फाइड थे.
विकास: अभी मैने छुट्टी के लिए अप्लाइ किया है. छुट्टी मंज़ूर हो जाएगी तो हम दोनो 15 दीनो के लिए बाहर जाएँगे. शायद यूयेसेस रंडी का दिल बहाल जाए. उसके बाद तुम्हारी भाभी को माइके भेज दूँगा, और मैं अपनी प्यारी बेहन और मा की मस्त छूट के अंदर ही घुसा रहूँगा.
विकास: यार, तेरे तो इतने कॉंटॅक्ट्स है. कुछ ऐसा कर की तेरी ये भाभी भी कभी-कभी मस्ती से चुदाई करे, जैसे तू करती है. अपने जैसे कभी-कभी इससे भी दूसरो से छुड़वा दे. एक दो बार बाहर के मर्दों से छुड़वा लेगी, तब खुद ही खुल कर चुदाई करेगी.
दोनो में से किसी को नही मालूम था की हेमा ने खुल कर घर के नौकर भीमा से छुड़वा लिया था.
रत्ना: ठीक कहते हो भैया, जब तक कोई औरत दूसरे मर्द के साथ नही चुड़वति, वो भाभी जैसी ही ठंडी रहती है. कल ही मैं इसको एक ख़ास जगह ले जौंगी. आने में लाते होगा. मुझे उम्मीद है की वाहा का माहौल भाभी को ज़रूर ही चुदसी बना देगा. अभी कुछ मत पूछो, वापस आ कर सब बतौँगी.
आयेज की कहानी, अगले पार्ट में.