पिछला भाग पढ़े:- मेरी हॉट आंटी मालती-1
ही फ्रेंड्स, मेरा नाम हॅरी है, और मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मैं अपने क्लासमेट तनीश की हेल्प करता था, और मुझे उसकी मा मालती को छोड़ना था.
फिर जब मैने उसकी हेल्प करनी बंद कर दी, तो उसकी मम्मी मालती ने मुझे डिन्नर पर बुलाया. वाहा हमारी बातें काफ़ी रोमांचक मोड़ ले गयी, और मैने चेर से उठ कर अपने होंठ उनके होंठो से लगा दिए. अब आयेज की कहानी.
मैं मालती आंटी के होंठो को चूसने लग गया. बहुत मज़ा आ रहा था उनके रसीले होंठो को चूसने में. ऐसा लग रहा था, जैसे मैं जन्नत मैं था.
तकरीबन 5 मिनिट मैने उनके होंठो को चूसा, और उन्होने भी इसमे मेरा साथ दिया. फिर अचानक से पता नही क्या हुआ, की उन्होने मुझे ज़ोर का धक्का दिया. मैं धक्का लगने से पीछे की तरफ गिर गया.
जब मैं गिर गया, तो मेरी शकल देख कर वो हासणे लग गयी. मुझे समझ नही आया की उन्होने मुझे मज़ाक में धक्का मारा था, या सीरीयस होके. फिर मैने आंटी से पूछा-
मैं: आंटी धक्का क्यूँ मारा.
आंटी: तू पागल है क्या, अगर तनीश आ जाता तो?
मैं: अभी कहा आया वो?
आंटी: लेकिन अगर आ जाता तो पकड़े जाते. और तुझे शरम नही आती अपने ही दोस्त की मम्मी को किस करते हुए?
मैं: इसमे शरम कैसी आंटी? जिसको मैं किस कर रहा था, वो एक औरत है, और मैं एक मर्द. सेक्स करते हुए रिश्ता नही देखते. सिर्फ़ मर्द और औरत देखते है.
आंटी: बहुत बातें करता है तू. हर बात का जवाब है तेरे पास.
ये बोल कर आंटी चेर से खड़ी हुई, और रूम की तरफ जाने लगी. मैं जल्दी से खड़ा हुआ, और मैने आंटी को पीछे से पकड़ लिया.
मैने अपने दोनो हाथ उनके गोरे चूचों पर रख दिए, और उन्हे दबाने लग गया. आंटी आहें भरते हुए बोली-
आंटी: मॅट कर हॅरी, तनीश आ जाएगा. मैं तुझे बूलौंगी जब मैं अकेली होंगी.
मैं: आंटी अब मैं नही रुक सकता. अब मेरी आपके लिए हवस मुझ पर हावी हो गयी है.
ये बोल कर मैने अपनी हाथ आयेज से उनकी लेगैंग्स में डाल लिए. अब मेरे हाथ उनकी मस्त जांघों को चू रहे थे. मैने जैसे ही पनटी पर से उनकी छूट को हाथ लगाया, तो उनकी छूट पूरी तरह से गीली हुई पड़ी थी.
मैं पनटी पर से ही उनकी छूट को मसालने लग गया. आंटी आहह आ की सिसकारियाँ भरने लग गयी. अब आंटी मेरे काबू में आती जेया रही थी.
फिर मैने उनकी लेगैंग्स नीचे की, और पनटी भी नीचे कर दी. इधर मैने अपनी भी जीन्स नीचे करके, और अपना अंडरवेर निकाल कर लंड बाहर निकाल किया. मैने वैसे ही खड़े हुए आंटी को तोड़ा झुकाया, जैसा पॉर्न वीडियो में देखा था, और अपना लंड छूट पर सेट करने लगा.
आंटी सामने की दीवार का सहारा लेके झुक गयी. फिर जैसे ही लंड छूट पर सेट हुआ, मैने ज़ोर का धक्का मार दिया. आंटी की छूट काफ़ी गीली थी, तो लंड एक ही बार में अंदर चला गया.
आहह! क्या गर्मी थी सेक्सी आंटी की छूट में. अब मैं बिना रुके ताबड़तोड़ धक्के देने लग गया. आंटी अहहा आ करती रही, और मैं धक्के मारता गया. मेरी जीन्स और अंडरवेर, और आंटी की लेगैंग्स और पनटी हमारे पैरों में पड़ी थी.
हम दोनो आधे ही नंगे थे. तभी बाहर का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई, और आंटी दर्र गयी. वो मुझे बोली-
आंटी: हॅरी निकाल इसको तनीश आ गया.
मैं: अब तो कुछ भी हो जाए, मैं तो झड़ने के बाद ही निकालूँगा.
आंटी: हॅरी प्लीज़.
मैं: नही आंटी.
फिर मैने आंटी को वैसे ही कमर पकड़ कर उठाया, और बेडरूम में ले गया. बेडरूम में उनका उल्टा ही पटका, और पीछे से छूट में लंड डाल कर छोड़ने लगा. तनीश अंदर आके मालती को आवाज़ दे रहा था, और यहा उसकी मा चुड रही थी.
उनका घर काफ़ी बड़ा था. जब मुझे लगा की तनीश हमारे रूम की तरफ आने वाला था, तो मैने जल्दी से लंड छूट से निकाल के जीन्स पहन ली. फिर मैं जल्दी से बाहर आ गया. तनीश ने मुझसे पूछा-
तनीश: मम्मी कहा है?
मैं: उनकी आँख में कुछ चला गया था, वो बातरूम में है.
फिर मैं तनीश को वापस डिननिग टेबल पर ले गया, ताकि मालती को कपड़े पहनने का टाइम मिल जाए. 2-3 मिनिट में मालती भी बाहर आ गयी. फिर हमने आइस-क्रीम खाई, और मैं अपने घर वापस आ गया. वापस आके मैने फिरसे मूठ मारी.
फिर मैने रात को आंटी को मेसेज किया, और हमारी सेक्स छत हुई. आंटी की बातों से लग रहा था, की वो काफ़ी हॉर्नी थी, और अंकल ने उनकी काफ़ी टाइम से चुदाई नही की थी.
2 दिन बाद उन्होने मुझे अपने घर बुलाया. मुझे कॉलेज बंक करके उनके घर जाना था, ताकि तनीश घर पर ना हो. जब मैं उनके घर गया, तो दरवाज़े पर ही उनको देख कर पागल हो गया.
आंटी ने येल्लो त-शर्ट और ब्लॅक शॉर्ट्स पहनी थी. अंदर जाते ही मैने दरवाज़ा लॉक किया, और आंटी को पीछे से पकड़ लिया.
आंटी बोली: कुछ खा तो ले.
मैं: वही तो कर रहा हू आंटी. मैं आपको ही खाने आया हू.
मैने एक ही झटके में आंटी की शॉर्ट्स उतार दी, और उन्हे फर्श पर ही लिटा लिया. फिर मैने उनकी पनटी उतारी, और उनकी छूट को चूमने लगा.
20-30 सेकेंड्स में ही आंटी की छूट गीली होने लगी. मैने उनकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. वो आहह अहहा करके मेरा सर अपनी छूट में दबाने लग गयी. वो अपने चूचे खुद ही मसल रही थी, और बोल रही थी.
आंटी: चूस हॅरी चूस. ज़ोर से चूस इस कलमूहि को. तंग कर रखा है इसने. अछा हुआ तूने मुझे किस किया उस दिन. नही तो मैं तो रंडी खाने जाके छुड़वाने का सोच रही थी. अब तू ही मेरी प्यास बुझाएगा.
मैं: हा आंटी, मैं तुम्हारी इस सूनी बगिया को हरा भरा कर दूँगा.
आंटी ने अपनी त-शर्ट और ब्रा भी उतार दी, और मुझे अपने उपर खींच कर बोली-
आंटी: ये चूचे भी तेरी वेट कर रहे है. इनको भी तो चूस.
फिर मैं कुत्टो की तरह उनके चूचे चूसने लग गया. वो आहें भर रही थी. नीचे से मेरा लंड जीन्स में से उनकी छूट पर रग़ाद रहा था.
फिर आंटी ने मुझे धक्का दिया, और मेरे उपर आ गयी. उसने मेर जीन्स निकाली, और अंडरवेर अपने मूह से खींच कर फाड़ दिया. अब बारी थी जन्नत में जाने की.
आंटी ने अपनी छूट को मेरे लंड पर रखा, और पूरा लंड अंदर लेके बैठ गयी. आहह! क्या गर्मी थी उनकी छूट में. मुझे तो स्वर्ग के दर्शन हो गये. फिर आंटी ने लंड पर उछालना शुरू किया.
मैने उनकी गांद पर हाथ रखा, और नीचे से धक्के मारने लगा. आंटी को भी बहुत मज़ा आ रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैने आंटी को पोज़िशन बदलने को कहा.
आंटी लंड से उठ गयी, और मैं भी खड़ा हो गया. फिर आंटी ने मेरा लंड पकड़ा, और लंड से ही मुझे खींच कर अंदर ले गयी. अंदर बेड पर जाके वो बेड पर चढ़ि, और घोड़ी बन गयी. अब उनकी बड़ी सी सेक्सी गांद मेरे सामने थी.
मैने जल्दी से लंड आंटी की छूट में डाल दिया, और ज़ोर-ज़ोर से उस रंडी आंटी को पेलने लगा. पुर रूम में ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. 15 मिनिट हमारी चुदाई चलती रही. फिर जब मैं निकालने वाला था, तो मैने आंटी को घुमा कर अपना लंड उनके मूह में दे दिया.
अगले 2 मिनिट में मैने उनका मूह अपने माल से भर दिया. आंटी किसी रंडी की तरह मेरा सारा माल निगल गयी. उस दिन से हमारा जब दिल करता हम चुदाई करते. जब तक तनीश की पढ़ाई पूरी नही हुई, मैने आंटी को बहुत बार छोड़ा.
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