ही दोस्तो, मेरा नाम प्रेम है, और मैं हर तरह की लड़की से प्रेम करने का शौंक रखता हू. मेरी उमर 24 साल है, और हाइट 5’7″ है. लंड मेरा 6 इंच लंबा, और 3 इंच मोटा है.
यहा लोग अपने लंड का साइज़ कुछ ज़्यादा ही बता देते है. लेकिन मैं ऐसा कोई झूठ बोलने वाला नही हू. जितना साइज़ है, उतना किसी भी लड़की या औरत को सॅटिस्फाइ करने के लिए बहुत है.
ये कहानी 4 साल पहले की है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की किस तरह से मैने अपनी रोमिला आंटी को छोड़ा.
रोमिला आंटी मेरे मम्मी की बचपन की फ्रेंड थी. वो काफ़ी सालो से उस में थी, और अपने बेटे की शादी के सिलसिले में इंडिया आई थी. क्यूकी मम्मी और आंटी बचपन की फ्रेंड्स थी, तो मम्मी ने उनको हमारे घर में रहने के लिए माना लिया.
आंटी जब हमारे घर में पहली बार आई, तो मैं उनको देखता ही रह गया. उन्होने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. 48 साल की उमर में भी वो जवान लड़कियो को मॅट दे रही थी. उनकी ब्रेस्ट 38″ की थी, और गांद 44″ की. कमर उनकी 30″ की थी.
इस ज़बरदस्त फिगर में वो बॉम्ब लग रही थी. लिप्स पर उनके लाल रंग की लिपस्टिक लगी हुई थी. उनकी वॅक्स्ड लेग्स बता रही थी, की उनके बदन पर एक भी बाल नही था. मेरा तो उनको देखते ही लंड खड़ा हो गया.
उन्होने मुझे देखते ही मुझे गले से लगा लिया. उनके बूब्स का स्पर्श तो कमाल का था. उनके आते ही मैं उनको छोड़ने के सपने देखने लगा. पहले दिन से ही मैं आंटी के आयेज-पीछे घूमने लगा.
काम उनके मूह से बाद में निकलता था, और उसको पूरा करने मैं पहले चला जाता था. मुझे उनको इंप्रेस करना था, जिससे शायद मुझे उनको छोड़ने को मिल जाता. मैं आंटी के जिस्म को बड़े गौर से देखता था. और अब आंटी भी ये नोटीस करने लगी थी. लेकिन उन्होने मुझे कभी कुछ कहा नही.
फिर आंटी के बेटे की शादी फिक्स हो गयी. उसके शगुन का दिन था, और सब लोग तैयार होके होटेल के लिए निकल गये थे. आंटी को मुझे लेके जाना था, तो बस मैं और आंटी ही घर पर थे. मैं नीचे उनकी वेट कर रहा था, लेकिन वो बाहर आ ही नही रही थी.
फिर मैं चेक करने के लिए उनके रूम में गया. वाहा आंटी अपने गाउन की ज़िप बंद करने के लिए स्ट्रगल कर रही थी. तभी उन्होने शीशे में मुझे देखा, और बोली-
आंटी: अछा हुआ तू आ गया प्रेम. ये देख ये बंद नही हो रही. ज़रा ज़िप तो लगा दे इसकी.
आंटी की इस बात को सुन कर मैं खुश हो गया. फिर मैं उनके पास गया. उनकी पीठ इतनी सेक्सी लग रही थी, की मेरा लंड खड़ा हो गया. मेरे हाथ काँप रहे थे. तभी वो तोड़ा पीछे हुई, जिससे मेरा लंड उनकी गांद से टच हो गया.
उनको लगा पता नही क्या टच हो रहा था, और ये सोच कर उन्होने मेरे लंड पर हाथ रख दिया. फिर वो मेरी तरफ घूम गयी, और उन्होने मेरा खड़ा हुआ लंड देखा. लंड देख कर वो बोली-
आंटी: क्या बात है प्रेम, लंड खड़ा किया हुआ. ये मुझे देख कर हुआ है?
मैं: हा आंटी. मैं जब भी आपको देखता हू, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है. आप इतनी हॉट हो, की मेरा दिल करता है…
आंटी: क्या करता है?
मैं: कुछ नही आंटी.
तभी आंटी ने मुझे बेड पर धक्का दिया, और मेरे उपर आ गयी. उनकी ज़िप अभी बंद नही थी, तो आयेज से उनके बूब्स बाहर आ रहे थे. फिर वो बोली-
आंटी: बता ना, क्या दिल करता है?
उनकी गांद बिल्कुल मेरे लंड पर थी. फिर मैं बोला-
मैं: आंटी….
आंटी: तेरा लंड तो सॉफ-सॉफ सब बोल रहा है. तू भी तो बोल.
मैं: आंटी मैं आपको छोड़ना चाहता हू.
आंटी: तो छोड़ ना, माना किसने किया.
बस उनके ये कहने की देर थी. मैने आंटी को अपनी तरफ खींच लिया, और उनके होंठ चूसने लगा. हम दोनो पागलो की तरह किस करने लग गये. किस करता हुए मैं अपने हाथ आंटी की मोटी गांद पर ले गया, और उसको अपने लंड की तरफ दबाने लगा.
आंटी भी मेरे लंड पर अपनी गांद दबा रही थी. 5 मिनिट तक हम किस करते रहे. फिर आंटी सीधी हुई, और उन्होने अपना गाउन उपर से नीचे कर दिया. अब उनकी कमर के उपर वाले हिस्से पर सिर्फ़ ब्रा थी, जिसमे से उनके बूब्स बाहर आ रहे थे.
मैने सीधे अपने हाथ उनके बूब्स पर डाल लिया, और दबाने लगा. फिर आंटी ने अपनी ब्रा का हुक खोल दिया, और मेरे मूह पर झुक कर अपने बूब्स मेरे सामने कर दिए.
मैने उनके दोनो बूब्स पकड़े और उनको मज़े से चूसने लगा. क्या टेस्ट था उनके सॉफ्ट बूब्स का. फिर हम घूम गये, और मैं उनके उपर आ गया. मैने उनका गाउन खींच कर उतार दिया, और उनकी मोटी सेक्सी जांघे मेरे सामने आ गयी.
मैने उनकी जांघे चूमते हुए उनकी पनटी उतार दी. फिर मैं उनकी छूट चूसने लगा. क्या खुश्बू थी उनकी छूट की, मैं बयान नही कर सकता. मैं अब उनकी छूट चाट रहा था, और वो कामुक आहें भर रही थी.
फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और उनकी छूट पर अपने लंड रख दिया. आंटी अपनी गांद हिलने लगी, जिससे लंड छूट पर रग़ाद खाने लगा. मैने अपने लंड को 2-3 बार ज़ोर से उनकी छूट पर मारा.
फिर मैने लंड छूट के मूह पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का दिया. आंटी की छूट ज़्यादा टाइट नही थी, तो लंड पूरा अंदर चला गया. आंटी की आहह निकली, और मुझे स्वर्ग का एहसास हुआ.
फिर मैं आंटी को किस करने लगा, और लंड उनकी छूट के अंदर बाहर करने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. उपर से मैं आंटी के होंठ और बूब्स चूस रहा था, और नीचे से मेरा लंड उनकी छूट भोग रहा था. आंटी आहों के साथ मेरा नाम पुकार रही थी.
आंटी: आहह प्रेम, ज़ोर से करो प्रेम आहह. योउ अरे मी डार्लिंग प्रेम. ई लोवे योउ प्रेम. कम ओं फक मे आहह.
10 मिनिट हम उसी पोज़िशन में चुदाई करते रहे. इस बीच आंटी एक बार झाड़ भी गयी. फिर मैने आंटी को घोड़ी बना लिया.
आंटी जब घोड़ी बनी, तो मैने उनकी गांद का विकराल रूप देखा. उनकी गांद बहुत बड़ी थी. पहले मैने उनकी गांद को आचे से चूमा और छाता. फिर मैने उनकी छूट पर अपना लंड सेट किया, और अंदर डाल दिया.
मैने आंटी को छूतदो से पकड़ा, और ज़ोर के धक्के देने लगा. मेरी जाँघो और आंटी के छूतदो की टक्कर से इतनी मधुर आवाज़ आ रही थी, की मज़ा ही आ गया.
15 मिनिट मैं आंटी को छोड़ता रहा. पुर रूम में ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी. फिर मैने अपना पानी आंटी की छूट में ही निकाल दिया.
5 मिनिट बाद आंटी उठी और बोली-
आंटी: चल अब जल्दी से चलते है. वाहा सब वेट कर रहे होंगे.
फिर हम दोनो ने कपड़े पहने, और शादी पर चले गये. रास्ते में आंटी बोली-
आंटी: मेरे साथ उस चलेगा?
मेरी तो लॉटरी लग गयी थी. उसके बाद मैं आंटी का पर्मनेंट टॉय-बॉय बन गया.
कहानी अची लगे, तो लीके और कॉमेंट करना.