ही रीडर्स, अपने फीच्छली स्टोरी को ज़रूर पसंद किया होगा: बाय्फ्रेंड से चूड़ने गयी और अंकल से चुड गयी-1
अब आयेज..
मैं अंकल की चेस्ट तक भी न्ही फुँछ रही थी. क्यूंकी अंकल की हाइट 6फ्ट से भी ज़्यादा थी और एक दूं हटते काटते थे. उनकी बहो मे मैं दिखाई भी न्ही दे रही थी.
अंकल ने मुझे कुछ देर ऐसे ही हग करके रखा, और मुझे चुप करते रहे. फिर वो नीचे बैठ कर मुझे अपनी गोड मे बैठा लिया और चुप करने लग गये. वो मुझे बड़े प्यार से सहला रहे थे, जिससे मैं कुछ ही देर मे चुप हो गयइ.
तो उन्होने पीछे से ही मुझे अपनी बहो मे भींच कर मेरे कन से पास और गाल पर 3-4 किस करदी और वो बोले – चुप हो गया मेरा बचा.
वो एक पठार पर बैठे थे उन्होने मुझे पूरी तरहा अपनी गाओड़ मे बैठा लिया था. तो मैं भी अपनी दोनो टाँगे उनकी जाँघो पर रख कर उनकी गोड मे बचे की तरह से बात गयइ.
अब अंकल का चेहरा बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने था. अंकल के चेहरे पर काफ़ी दाढ़ी थी और लिप्स बिल्कुल काले पड़े थे. दिखने मे अंकल भी काफ़ी काले थे और उस टाइम उन्होने वाइट कलर का पायजामा कुर्ता पहना हुआ था.
कुछ देर मेरे चेहरे को ऐसे ही देखने के बाद अंकल बोले – वो लड़का कों था
तो मैने उन्हे बीटीये दिया की वो मेरे स्क*** मे **त क्लास मे पढ़ता है.
अंकल – कब से उसे जानती हो उसे?
मैं – 2-3 महीने से जानती हूँ.
अंकल – और ये सब कब से चल रहा है?
मैं – यहाँ पर हम 2न्ड टाइम ही मिले है अंकल, और इससे पहले हम सिर्फ़ स्क*** के पार्क मे बैठे है.
अंकल – कितनी बार छोड़ा है उसने तुम को? और इसके अलावा किस किस से चूड़ी हो तुम?
अंकल की बात सुन कर मैं शर्मा गयइ, और आँखे नीचे करके बोली – कभी न्ही.
अंकल – झूट मत बोलो मैने रंगे हाथ तुम दोनो को पकड़ा है.
मैं – अंकल आज फर्स्ट टाइम कर र्हे थे.
अंकल – ऊ और रंग मे मैने भंग डाल दिया.
फिर अंकल मुस्कुराने लग गये और मैने शर्मा कर नज़र झुका ली और दूसरी तरफ़ देखने लग गयइ. अब अंकल का हाथ मेरी टॅंगो पर घूमने लग गया था.
अंकल – और ब्ताओ तुम दोनो यहा क्या क्या करते हो?
अंकल की बात सुन कर मेरे चेछरे पर स्माइल आ गयइ, और अंकल का हाथ मेरे लोवर के अंदर घुस कर मेरी पनटी के उप्पर से ही मेरी छूट को सहलाने लग गया था. क्या ब्टौ अंकल का हाथ इतना बड़ा और भारी था, उसके स्पारच से मेरी छूट मे कुछ कुछ होने लग गया था.
मैं लड़खटी आवाज़ मे बोली – किस करते है.
अंकल – ख़ान पर?
तो मैने पहले अपने गाल पर हाथ रखा और बोली – यहाँ.
तो अंकल ने मेरे गाल को किस कर दिया. फिर मैने अपने फोर हेड पर हाथ रखा और बोली – यहाँ भी.
तो अंकल ने मेरे फोर्हेड पर भी किस किया. फिर मैने अपने लिप्स पर हाथ रखा और बोली – यहन पर भी.
तो अंकल ने मेरे लिप्स को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लग गये. इस वक़्त मैं अपने पूरे होश खो बैठी थी, ना जाने अंकल ने अपने हाथो से मेरे बदन पर कॉन्सा जादू कर दिया था.
की मुझे ये तक होश न्ही था, की मैं अभी एक 50 साल के आदमी की गोद मे बती हूँ और वो मेरे बदन से खेल रहा है.
अंकल मेरे लिप्स को चूस रहे थे, और उनका हाथ अब मेरी पनटी के अंदर मेरी चूत पर था. अंकल ने अपनी एक उंगली मेरी छूट मे घुसा दी, अंकल की फिगर बहोट ही सख़्त और कठोर टाइप था.
पर मेरी छूट इस वक़्त इतनी चिकनी हो गयइ थी, की उंगली सरकटि हुई खुद ही उंड़र चली गयइ और अंकल उसे अंदर बाहर कर के अपनी उंगली से ही मुझे छोड़ने लग गये. मुझे बहोट मज़ा आ रहा था, इतना मज़ा तो कभी रिंकू के साथ भी मुझे न्ही आया था.
कुछ देर बाद अंकल हटे और बोले – और क्या करते हो?
मैं – बस यही करते है.
अंकल – झुत मत बोलो, मैने कल देखा था तुम क्या कर र्ही थी. चलो अब मेरा भी अपने मूह मे लो और फिर घर चलते है, वरना तुम्हारे मा बाप तुम को ढूँढने लगेंगे.
उनकी बात सुन कर मैं अंकल की गोड से खड़ी हुई. और फिर अंकल ने खड़े हो कर अपना पायजामा नीचे करके अपना लंड निकाला. क्या लंड था अंकल का मोविए वेल हबसी जेसा कोई 9 इंच का करीब होगा, और एक दूं मोटा था.
मैने उसे अपने हाथ मे पकड़ा, अंकल का लंड बहोट भारी भी था मेरे हाथ मे तो वो पूरा आ ही न्ही रा था.
अंकल – जल्दी करो.
तो मैं घुटने के बाल अंकल के पास बैठ गयइ और अंकल के मोटे लंड पर किस करने लग गयइ. लंड की खाल पहले से ही पीछे थी लाल लाल मोटा सुपरा मेरे मूह के सामने आ गया था.
तो मैने उस पर किस किया. और फिर उसे मूह मे भरने की मैं कॉसिश करने लग गयइ. पर अंकल का लंड इतना मोटा था की मेरे मूह मे ही न्ही आ रहा था.
अब अंकल ने मेरे बाल पकड़े और ज़ोर लगा कर लंड मेरे मूह मे डाल दिया, लंड मेरे मूह मे घुस तो गया पर बहोट टाइट आया. फिर अंकल मेरे बाल पकड़ कर मूह को छोड़ने लग गये, जेसे कल रिंकू ने किया था और लगातार 20-25 मिनिट तक अंकल हिलते रहे.
मेरा तो तब तक बुरा हाल हो गया था मुझसे सांस भी न्ही लिया जा रहा था, और मैं कुछ बोल भी न्ही पा रही थी. मेरी आँखो से आँसू आ गये, पर अंकल का काम न्ही हुआ.
फिर अचानक अंकल ने ज़ोर लगया और अपना आधा लंड मेरे मूह मे घुसा दिया. अंकल का लंड मेरे गले तक फस गया, और अंकल ने ज़ोर से पिचकारिया छोड़नी शुरू कर दी. उनका पूरा का पूरा माल मेरे गले मे उतार गया, और फिर अंकल ने अपना लंड मेरे मूह से बाहर निकल लिया.
मेरा तो कल से भी ज़्यादा बुरा हाल हो गया था, लंड के बाहर निकलते ही मैं बुरी तरह से खाँसे लग गयइ और 15-20 मिनिट बाद ही मैं नॉर्मल हो पाई. उसके बाद मैं अपने घर चली गयइ.
नेक्स्ट दे स्क** मे रिंकू मुझे खि न्ही दिखाई दिया. मैं उससे मिलना चाहती थी पर श्यद वो आज स्क* न्ही आया, तो शाम को स्क** के बाद मैं अपनी बाल्कनी के बाहर खड़ी हो गयइ और रिंकू का वेट करने लग गयइ.
रिंकू तो न्ही आया पर कुछ देर बाद सलीम अंकल ज़रूर आ गये, और इशारे से मुझे उन्होने नीचे बुला लिया. मैं नीचे गयइ तो अंकल मुझे फिर से उसी टूटे हुए घर मे ले गये, और उन्होने मुझे अपनी बहो मे भर लिया.
फिर से मेरे बदन से वो खेलने लग गये. अंकल के टच से मुझे बहोट मज़ा आता था.. और जेसे वो मेरी छूट मे उंगली डालते उतना मज़ा तो कभी खुद फिंगरिंग करने मे भी न्ही आया.
अब हुमारा रोज का यही काम हो गया था. अंकल शाम को मुझे बुला लेते और मेरे बदन से खेलते अंकल मुझे अपनी फिगर से शांत करते और मैं उनका लंड चूस कर उनको शांत कर देती.
एक दिन सनडे को पापा और मम्मी मार्केट गये, साथ मे मेरे छोटे भाई को भी वो ले गये. उनके जाने के कुछ देर बाद ही सलीम अंकल मेरे घर आ गये, और आते ही उन्होने मुझे अपनी बहो मे भर लिया. मैं भी उनसे लिपट गयइ और बोली – आपको केसे पता चला की मैं अकेली हूँ?
तो अंकल ने कहा – तेरे पापा आए थे स्कूटर दिखाने और उन्होने ब्टाया की वो मार्केट जा रहे है वापिसे आने मे 3-4 घंटे लग जाएँगे. तो मैने सोचा तब तक जाकर उनकी लोंड़िया की सर्विस कर देता हूँ.
उनकी बात सुन कर मुझे हसी आ गयइ, और फिर अंकल मुझे गोड मे उठा कर मेरे रूम मे ले गये. रूम मे आते ही अंकल ने मुझे बेड पर गिरा दिया और खुद वो मेरे उप्पर आकर मुझ पर टूट पड़े.
मैं भी पूरे जोश मे रेस्पॉन्स करने लग गयइ. अंकल ने जल्दी से मेरा टॉप उतार दिया और ब्रा उतार कर मेरे बूब्स को चूसने लग गये. कुछ देर बूब्स चूस कर अंकल ने मेरी लग्गिंगस भी उतार दी मेरी पनटी भी लॅगिंग के साथ उतार गयइ.
फिर अंकल कुछ देर के लिए रुके और मेरे छूट को देखते हुए बोले – क्या माल है तू, मेरे हाथ तो हीरा लग गया है हीरा.
और फिर उन्होने अपने कपड़े उतार दिए. अपने कपड़े उतार कर अंकल ने मेरी टाँगे उठा ली और लंड को सिद्धा मेरी छूट पर टीका दिया. मेरी कोमल सी छूट जिसमे आज तक तो दो उंगली एक साथ न्ही गयइ थी.
आज वो अंकल के 3इंच मोटे लंड को लेने के लिए रेडी थी. अंकल ने लंड को कुछ देर मेरी छूट पर रगड़ा तो मैं मदहोश होने लग गयइ. फिर उन्होने लंड को मेरी छूट के छेड़ पर रोका.
मैने अपनी आँखे बंद कर ली और फिर अंकल का गढ़े जेसा लंड मेरी छोटी सी छूट को फड़ता हुआ अंदर घुसने लग गया. मेरी तो चीख निकल गयइ और मैं अंकल से छूटने की कोसिस करने लग गयइ.
उन्होने अपने हाथ को मेरे मूह पर रख कर दबा दिया. मैं पूरा ज़ोर लग गया कर भी सांड़ जेसे अंकल को हिला न्ही पाई. मेरी आँखो से अंशु आने लग गये पर अंकल को मुझ पर ज़रा सा भी तरस न्ही आया.
उन्होने और लंड को अंदर घुसा दिया और वो अब रुके गये. और उसके बाद वो लंड को अंदर बाहर करने लग गये. मुझे बहोट ज़्यादा दर्द हो रहा था पर अंकल मुझे बुरी तरह से छोड़े जा रहे थे.
उनके लगातार छोड़ने से मेरा दर्द कम होने लग गया, और फिर धीरे धीरे मुझे मज़ा आने लग गया. अब अंकल का लंड भी आराम से चूत मे अंदर बाहर होने लग गया, और अंकल पूरे जोश से मुझे छोड़ने लग गये.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था की मेरे मूह से सिसकारिया फूटने लग गयइ और मैं आआहह सस्स्स्स्शीईए ईयीई आआआआआआहह की अवज्ञे निकालने लग गयइ.
जिन से वो और ज़्यादा जोश मे आ गये, और पूरी ताक़त से मुझे छोड़ने लग गये. उसका लंड मेरे पेट मे अंदर टकरा सा रहा था, उसके जोश के सामने मेरा जोश ठंडा पढ़ने लग गया.
तभी उन्होने मुझे ज़ोर से पकड़ा और मुझे मेरे पेट मे गर्म गर्म पिचकारिया महसूस होने लग गयइ. और अचानक से वो बुरी तरह से तक गया और धीरे धीरे हिलते हुए मेरे उप्पर लेट गये.
मैं उनके वजन के नीचे डब सी गयइ, और मेरी छूट से उसका माल निकल कर बेड पर गिरने लग गया. कुछ देर बाद वो हटे और अपने कपड़े पहन कर चले गये. मैं बड़ी मुस्किल से खड़ी हुई, चुदाई से मेरी टॅंगो मे बहोट दर्द हो रहा था और चूत तो सूज ही गयइ थी पर मुझे मज़ा बहोट आया.
तो फ्रेंड’स आपको मेरी स्टोरी केसी लग गयइ प्लीज़ मुझे एमाइल करके ज़रूर बातयीए.