मेरा नाम सीमा है. मेरी उमर 24 साल है, और मैं एक शादी-शुदा लड़की हू. मेरा फिगर 36″28″38″ है, और रंग मेरा दूध सा गोरा है. मेरे जिस्म पर हर कोई मर्द फिदा हो जाता है. मेरे पति ड्राइवर है, और मैं घरो में काम करती हू.
वैसे तो मैं आज तक बहुत से लुंडो से चूड़ी हू, लेकिन आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जेया रही हू. तो चलिए कहानी शुरू करते है.
मैं शुरू से ही पढ़ने में तेज़ थी. मेरे बाबा एक माली थे, और मा लोगो के घरो में काम करती थी. जैसे-तैसे उन्होने मुझे 12त तक पढ़ाई करवा दी. बाबा मुझे कॉलेज भेजना चाहते थे, लेकिन उनकी जेब में इतने पैसे नही थे.
मेरी 12त ख़तम होते ही बाबा ने बिस्तर पकड़ लिया. अब घर में कमाने वाली सिर्फ़ मा थी, और हालात बत्तर होते जेया रहे थे. मा की थोड़ी सी कमाई में रोटी भी पूरी नही हो रही थी.
फिर मा के कहने पर मैने भी घरो में काम करने का फैंसला लिया. मैं खुश नही थी, क्यूकी मैं पढ़ना चाहती थी. लेकिन मजबूरी थी. मा ने मुझे रमेश अंकल के घर में लगवा दिया.
उस वक़्त मैं 19 साल की थी. मुझे नयी-नयी जवानी चढ़ि थी, और मेरे जिस्म में उभार आ चुका था. उस वक़्त मेरा साइज़ 34″26″36″ था.
रमेश अंकल के घर में सिर्फ़ वो, और उनकी बीवी पूजा ही थे. अंकल की आगे 50 साल थी, और उनकी बीवी की आगे 46 साल थी. उनका एक बेटा भी था, जो लंडन में जॉब कर रहा था. रमेश अंकल एक लॉयर थे, और उनका ऑफीस उनके घर में ही था.
पूजा आंटी एक गवर्नमेंट टीचर थी, और वो रेग्युलर स्कूल आती-जाती थी. वो दोनो मुझसे बड़े प्यार से बिहेव करते थे. दोनो पढ़े लिखे थे, तो दोनो पूरी तमीज़ से बात करते थे. मैं खुश थी, की उनके घर में मैं बिना किसी परेशानी के काम कर सकती थी.
फिर एक दिन मैं रमेश अंकल के ऑफीस में सफाई कर रही थी. सफाई करते-करते मैने एक बुक पढ़नी शुरू कर दी. तभी अंकल वाहा आ गये, और बोले-
अंकल: तुम पढ़ सकती हो?
मैं: जी सिर, मैने 12त तक पढ़ाई की है.
अंकल: फिर आयेज क्यू नही पढ़ी?
मैं: जी बाबा के पास पैसे नही थे.
अंकल: श, तुम चाहो तो यहा की किताबे पढ़ सकती हो.
मैं: सच में सिर?
अंकल: हा क्यू नही.
फिर कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. मैं रोज़ काम ख़तम होने के बाद उनके ऑफीस में चली जाती, और किताबे पढ़ने लगती. लेकिन मुझे ये नही पता था, की उनके मॅन में क्या चल रहा था.
मैं ज़्यादातर पाजामी सूट ही पहनती थी. और आप तो जानते ही होंगे, की फिटिंग वाले पाजामी सूट में फिगर उभर कर आता है. मैं नही जानती थी, की अंकल मेरे उसी फिगर को देख कर पागल हुए पड़े थे.
एक दिन मैं अंकल के ऑफीस में सफाई करने गयी. तभी उनका मोबाइल बजने लगा. अंकल बातरूम में थे, तो उन्होने मुझे कॉल पिक करने को कहा. कॉल पर बात करने के बाद जब मैने फोन रखा, तो उसकी लॉक स्क्रीन ओपन हो गयी.
अंकल ने कोई पासवर्ड नही लगाया हुआ था. फिर जैसे ही उनकी स्क्रीन ओपन हुई, तो उसमे मेरी फोटो लगी हुई थी. मैने फोन पकड़ा तो देखा, की गॅलरी ओपन थी. जब मैने फोटो स्वाइप की, तो उसमे मेरी काफ़ी सारी फोटोस थी, जो अलग-अलग आंगल्स में थी.
किसी फोटो में मेरी गांद नज़र आ रही थी, और किसी में मेरे बूब्स. मेरी क्लीवेज वाली तो काफ़ी सारी फोटोस थी. मैं समझ गयी थी, की अंकल मेरे साथ क्या करना चाहते थे.
तभी अंकल बातरूम से बाहर आने लगे, और मैं जल्दी से ऑफीस रूम से बाहर आ गयी. फिर मैं बाहर से चुपके से ऑफीस के अंदर देखने लगी. जब अंकल बाहर आए, तो वो पुर नंगे थे.
उनका लंड खड़ा हुआ था, और 7 इंच के आस-पास होगा. आते ही उन्होने फोन उठाया, और मेरी फोटो देख कर अपना लंड हिलाने लगे. वो बोल रहे थे-
अंकल: हाए सीमा! कितनी सेक्सी है रे तू. दिल तो करता है, की तुझे दिन में 10 बार छोड़ू. पता नही कब तेरी कुवारि जवानी का मज़ा मिलेगा.
तभी ग़लती से मेरा हाथ दरवाज़े को लग गया, और आवाज़ आ गयी. अंकल ने दरवाज़े की तरफ देख कर बोला-
अंकल: कों है?
मैं दर्र गयी, और भाग कर किचन में आ गयी. मेरी साँसे तेज़ हो चुकी थी. 2 मिनिट बाद अंकल भी किचन में आ गये. उनके आने से मैं और दर्र गयी. लेकिन मैने उनकी तरफ देखा नही.
तभी उन्होने मुझे पीछे से पकड़ लिया. मैने वाइट कलर का शर्ट और रेड पाजामी पहनी थी. अंकल मुझे बोले-
अंकल: अब तूने सब देख ही लिया है तो बता, देगी क्या?
मैं: अंकल मैं ऐसी लड़की नही हू.
अंकल: तो फिर कैसी है मेरी जान?
ये बोल कर वो मेरे बूब्स मसालने लगे. मेरी धड़कने तेज़ हो रही थी. फिर मैं बोली-
मैं: अंकल मैं चिल्लौंगी, अगर आपने कुछ ग़लत किया तो.
अंकल: चिल्ला, इससे तेरी ही बदनामी होगी. तेरा बाप तो पहले से बिस्तर पर है. तेरी बदनामी से वो मॅर जाएगा.
ये सुन कर मैं घबरा गयी. अब मेरे पास सिर्फ़ एक ही रास्ता था, की वो जो कर रहे थे उनको करने डू. फिर मैने ज़ोर लगाना बंद कर दिया. जैसे ही अंकल ने देखा, की मैने छूटने की कोशिश बंद कर दी थी, तो उन्होने मुझे घुमा लिया.
घूमते ही उन्होने अपने होंठ मेरे होंठो पर चिपका दिए. अब वो पागलो की तरह मेरे होंठ चूस रहे थे. साथ में वो मेरी गांद भी दबा रहे थे. 10 मिनिट वो ऐसे ही करते रहे. अब मुझे भी मज़ा आना शुरू हो गया था.
फिर उन्होने मुझे उठाया, और बेडरूम में ले गये. उन्होने मुझे बेड पर फेंका, और और मेरा शर्ट और पाजामी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ ब्रा-पनटी में थी. फिर उन्होने मेरे पैरो से चाटना शुरू किया, और मेरी पनटी पे आके रुक गये.
उसके बाद उन्होने पनटी उतारी, और मेरी छूट चाटने लगे. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मैं सिसकिया ले रही थी. फिर उन्होने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड मेरी छूट पर रगड़ने लगे.
मैं अब मज़े की चरम-सीमा पर थी. फिर अंकल ने एक ज़ोर का धक्का मारा, और आधा लंड अंदर घुसा दिया. मेरी ज़ोर की चीख निकली, पर अंकल ने अपने मूह से मेरा मूह बंद कर लिया.
वो मेरी ब्रा-कप्स नीचे करके मेरे बूब्स दबाने लगे. मेरी आँखों में आँसू थे, लेकिन अंकल धक्के मारे जेया रहे थे. धीरे-धीरे उन्होने पूरा लंड अंदर घुसा दिया, और मेरा दर्द भी कम हो गया.
अब मुझे मज़ा आने लग गया, और मैं अपनी गांद हिला-हिला कर चूड़ने लगी. अंकल ने मेरे बूब्स नोच-नोच कर, और होंठ चूस-चूस कर लाल कर दिए थे. मेरी छूट भी खून से भारी पड़ी थी.
फिर 10 मिनिट बाद अंकल ने अपना लंड मेरी छूट के निकाला, और मूह में डाल दिया. उन्होने 5 मिनिट मुझसे लंड चुस्वाया, और फिर अपना माल मेरे मूह में भर दिया.
मुझे भी इस सब में बहुत मज़ा आया. उस दिन के बाद से अंकल मुझे बार-बार छोड़ते रहे. मुझे आचे पैसे भी मिल जाते थे. 2 साल तक उन्होने मेरे जिस्म का मज़ा लिया. उसके बाद वो भी अपने बेटे के पास लंडन शिफ्ट हो गये.
कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट करे.