ही फ्रेंड्स, अपने पढ़ा की अंकल ने मम्मी के आयेज एक शरत रख दी थी.
पीछा पार्ट यहा पढ़े – आंटी से प्यार-7
अब आयेज…
हम सब एक दूसरे को देख कर हैरान हो रहे थे की अंकल ने यह कैसी शरत रख दी, मैं तो सुन कर उदास हो गया मुझे पता था के मम्मी यह अंकल की बात नही मानेगी.
मम्मी- बेटे चलो घर चलते है.
मैं- हन मम्मी जी चलो घर.
अंकल- भाभी जी आब क्या हुआ? आप तो मेरी बीवी को अपने बेटे से छुड़वाने की सोच रही थी, अपने पे आई तो पता चला?
हम वाहा से घर आ गये, मैं उपर अपने कमरे मे चला गया और मम्मी बाहर टीवी देखने लगी. कुछ दिन गुजर जाने बाद मम्मी ने मेरा मूड देखा तो वो बहुत दुखी थी क्यू की मैं अभी भी आंटी के बारे मे ही सोच रहा था.
मम्मी- बेटे कुछ दिन आपने आप को संभाल जब तेरे अंकल चले जाएगे तो सीमा तुझे मिल जाएगी.
मैं- ओक मम्मी आप तेनतीओं मत करो.
तभी आंटी का फोन आया आंटी ने बताया की उनके पति ने यहा ही एलेक्ट्रॉनिक्स का शोरुम डाल लिया है अब वो यही काम करेंगे. यह बात मम्मी ने मुझसे च्छूपा ली ताकि मैं यह सुन कर और दुखी ना हो जौ, लेकिन बॉब्बी ने मुझे सब कुछ बता दिया.
मैं- मम्मी जी अब क्या करू मैं अंकल ने यही बिज़्नेस डाल दिया?
मम्मी- हन मुझे भी पता चला है, तू मंजू आंटी को बुला ले ना.
मैं- नही मम्मी जी मुझे सीमा आंटी ही चाहिए.
मम्मी- पता नही सीमा मई तुझे क्या दिख रहा है.
पर मम्मी मेरी हालत देख कर दुखी थी क्यू की मैं कुछ खा पी भी नही रहा था, मम्मी ने आंटी को फोन लगाया.
मम्मी- भेनजी कैसे हो आप?
आंटी- दीदी जी आची हू राजीव कैसा है?
मम्मी- वो तो पागल हो गया है टुमरे बिना तुम बताओ अब मैं क्या करू उसके लिए?
आंटी- दीदी जी आप इनको तो जानती है वो मुझे बाहर कही नही निकालने देते पर सब कुछ आप के हाथ मे है आप सोचो दीदी जी.
मम्मी – ओक भेनजी जी देखती हू क्या हो सकता है बाइ.
हुँने खाना खाया और रात को सूने चले गये आज मम्मी को नीड नही आ रही थी. मैं भी सूने का नाटक ही कर रहा था 2 बजे तक मम्मी जाग रही थी पर मैं सू गया.
सुबा मम्मी ने खाना बनाया, मैं खाने गया पर ज़्यादा नही खाया मम्मी के आँख भर आए मुझे देख कर. मैं बिना कुछ बोले रूम मे गया तभी मम्मी मे आंटी को फोन लगाया.
मम्मी- भेनजी क्या भाई साब घर पर है.
आंटी- क्या हुआ दीदी जी?
मम्मी- भेनजी आपने तो कहा था के सब कुछ मेरे हाथ मई हे तो इसलिए आप मेरी बात भाई साब से करा डेजिए.
आंटी- ओक दीदी जी. (आप से दीदी जी बात करना चाहती है, आंटी अंकल से.)
अंकल- भाभी जी कहिए क्या बात है?
मम्मी- मुझ से राजीव की हालत देखी नही जाती, इसलिए मुझे आप की शर्त मंजूर है बस एक बार ही होगा.
अंकल- सोच लो भाभी जी.
मम्मी- अपने बेटे के लिए सब कुछ कर सकती हू, आप बताओ कब आना है.
अंकल- आज ही आ जाओ भाभी जी 10 बजे बॉब्बी स्कूल चला जाएगा तब तक.
मम्मी- ओक भाई साब फोन कट क्या.
मैने देखा की मम्मी ने एक न्यू सारी पहनी और मुझे भी रेडी होने को कहा.
मैं- मम्मी जी कहा जाना है?
मम्मी- अब चुप कर और रेडी हो जा सीमा के घर जाना है.
मैं- क्यू जाना है?
मम्मी- तेरे लिए ही जाना है.
मैं- मेरे लिए क्यू जाना है मम्मी?
मम्मी- चलो अब बातें काम करो जो मैं बोलू वाहा भी करना समझे.
मैं- ओक मम्मी जी.
हम सीमा आंटी के घर गये तो दरवाजा अंकल ने खोला और सीमा आंटी तो आज क्या माल बन कर बेती थी. मैं तो देखता ही रह गया, अंकल मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे.
आंटी- दीदी जी आ गये.
मम्मी- जी भेनजी क्या करती और इसके लिए.
हुँने पानी पिया कोई 10 मिंट बात की, तभी अंकल ने इशारा क्या तो आंटी हमे रूम मे ले आए. क्या खुसबू आ रही थी रूम से, अंकल ने मुझे और आंटी को रूम मई सोफे पे बेता दिया.
अंकल- आ जाओ भाभी जी.
मम्मी अंकल के पास चली गयी.
मैं- कुछ बोलने ही वाला था तो मम्मी ने चुप रहने का इशारा क्या और आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
मम्मी बेड पर लेट गये और अंकल ने मम्मी को किस क्या और उनके कपड़े उतार दिए. अब मम्मी पूरी नंगी बेड पर थी और अंकल भी नंगे थे, ये सब मैं और आंटी देख रहे थे.
अंकल- भाभी जी आप तो बिल्कुल माल हो.
मम्मी चुप थी और कुछ नही बोली.
अंकल मम्मी के मोटे मोटे मुममे चूसने लगे तो मम्मी भी गरम हो रही थी.
मम्मी- सस्स्सस्स हाईए ससस्स. (सिसकया ले रही थी)
अंकल- अब छूट चाट्ता हू भाभी जी.
अंकल ने जैसे ही मम्मी की छूट पर अपनी जीभ लगाई तो मम्मी तो कपने लगी.
मम्मी- सस्सस्स हाअ एससस्स करो मज़ाअ आ रहा है.
अंकल ने 10 मिंट बाद मम्मी की टाँगे उपेर की और उनकी छूट मैं अपना लंड डाल दिया. अंकल का लंड सिर्फ़ 4 इंच लंबा था. तो मैं हासणे लगा. अंकल ने धक्के देने शुरू कर दिए.
मम्मी- हाअ छोड़ो भाई साब छोड़ो हाा सस्स्स्सस्स मेरिइईई चुतटत्त मारूव.
तभी 4 मिंट बाद अंकल का काम हो गया और वो एक तरफ बैठ गये.
मम्मी- बस भाई साब हो गया क्या?
अंकल- भाभी जी बस हो गया.
मम्मी मुस्कराते हुए बोली- बेटे अब तुम दिखो अंकल को चुदाई किसे कहते है.
मैं- जी मम्मी जी.
मम्मी- भेनजी अब आ जाओ अब सब हो गया सेट.
आंटी- जी दीदी जी मैं रेडी हू.
अंकल- चलो अब तुम दोनो ख़तम करो.
मैं- अंकल जी अभी जल्दी क्या है आप चुदाई देखो अब.
फिर अंकल और मम्मी सोफे पर बैठ गये, मैने आंटी के सारे कपड़े उतार दिए और कुध भी नंगा हो गया.
आंटी- राजीव बेटा आराम से करना प्लीज़…
मैं- जी आंटी जी आप आओ तो सही.
मैने आंटी के होतों पर किस क्या और मुममे दबाने लगा फिर मुममे की चुचि चूसने लगा.
आंटी- हाईए बेटा छोड़ आज मुझे मेरी पूरी गर्मी निकल दे!
मैं- बिल्कुल मेरी जान बस अब तो रेडी हो जा.
फिर मैने छूट चाटने लगा तो आंटी-
आंटी- राजीव बेटा हाई मॅर डाला चाट चाट कर छूट लाल कर्दे मेरे राजा.
मैं- अब मेरा लंड चूसो मेरी जान.
आंटी- दो मेरे राजा अपनी जान के मूह मे.
जैसे ही मेरा लंड आंटी ने चूसा मेरा लंड पूरा टन गया और मैं लंड आंटी के मूह से बाहर निकला और अंकल और मम्मी को देखा तो उन दोनो की आँखे फटी की फटी रह गयी.
अंकल- इतना बड़ा नही मैं सीमा को नही छोड़ने दूँगा उसकी छूट का क्या होगा, नही!
मम्मी- भाई साब आप चुप बेतो अब सिर्फ़ देखो.
फिर मैने जल्दी से आंटी की तंग उठाई और एक ज़ोर का झटका मारा तो आधा लंड अंदर जाते ही आंटी तड़प गयी.
आंटी- सस्सस्स हाईए मम्मी मररर गयए सस्स्सस्स.
मैने- एक और जटका मारा लंड पूरा अंदर घेराई मे चल गया.
आंटी- बाहर निकल बेटे मरररर गाइिईई हाए छूट मेरी चुतत्तत्त प्लीज़ बेटा फत्त्त्त गयी रीए छूट… जी आप ही निकल दो दीदी जी प्लीज़ मेरी छूट सस्स्स्सस्स…
फिर मैने ढके देने शुरू कर गये. अंकल का मूह उध चुका था सीमा की हालत देख कर. पर मई रुक नही रहा था, ढके पे ढाका मार रहा था और आंटी का छीलना एक मिंट भी बंद नही हुआ.
लगभग 30 मिंट बाद मैने अपना पानी आंटी की छूट के अंदर ही निकल दिया और आंटी को चूमने लगा.
मैं- कैसा लगा आंटी जी आप को?
आंटी- बेटा तूने तो खुश कर दिया. (मुझे गले लगा लिया.)
मैं- आप तो मुझसे मिलती ही नही.
आंटी- बेटा अब कोई दर्र नही जब चाहे छोड़ लेना और किसी को तो छोड़ना भी नही आता.
अंकल- अब बस करो.
हुँने अपने कपड़े पहने और घर आ गये तभी पापा का फोन आया.
आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट मे.
किसी आंटी, कपल या सिंगल लेडी को सेक्स या मसाज की ज़रूरत हो तो मुझे मैल करो –