थप्पड़ का बदला रंडी बन के चुकाना पड़ा

तो जैसा की आपने अभी तक पढ़ा के कैसे आशुतोष ने मेरी जमकर छूट और गांद मारी भी थी और मरवाई भी थी अपने दोस्तो से जब मई नशे की हालत मे थी. पिछला पार्ट यहा पढ़े.

उसके बाद जब मई उठी तो मुझे सबकुछ याद आ गया और वाहा से ये बात भी खुल गयी के अलीशा ने ही आक्चुयल मे मुझे धोका दिया था. उसने ही मुझे स्लुटती ड्रेस पहनकर आशुतोष के पास भेजा था.

अब आयेज..

तो मई बेड के बराबर मे अपने खुलहो के बाल बैठी हुई थी और मेरे पैरो मे जान ही नही बची थी के मई उठ पाऔ. लेकिन आशुतोष बेड पेर वापस लेट गया. मई रोटी रही के एक दिन पहले तक मैने सिर्फ़ सेक्स का नाम ही सुना था.

और आज देखो मई अपनी स्कूल की सबसे बड़ी रांड़ बन गयी थी. आशुतोष ने अपने दोस्तो मे सबको वो क्लिप भेज दी थी. मेरा मॅन ऐसा कर रहा था के मई स्यूयिसाइड करलू. एक बार को आया भी और मैने करने की भी कोशिश की लेकिन हिम्मत नही जुटा पाई.

तो अब मेरे सामने सिर्फ़ एक ही रास्ता था के मई आशुतोष की रंडी बनकर ही राहु. तो मैने बेड को पकड़कर उठने की कोशिश की और फिर बेड को पकड़ते पकड़ते मई आयेज की तरफ गयी और फिर बातरूम मे आ गयी.

मई फिर बात्ट्च्ब मे गरम पानी करके नहाई. अपने आप को अकचे से सॉफ किया. मुझे लगभग 1 घंटा लगा और 10:30 बाज गये थे. तभी मैने बाहर से अलीशा की आवाज़ सुनी.

मैने तभी टवल लपेटा और बाहर निकालकर आ गयी. मैने अलीशा को आते ही चटा लगाया. और बोली…

मई :- साली कुटिया छिनाल अपने जैसी रंडी बना दिया ना मुझे भी तूने.

अलीशा :- सुन मेरी बात सुन.

मई :- मुझे कुछ नही सुनना है. तेरा तो मई खून कर दूँगी.

अलीशा :- हन कर्दे लेकिन उससे पहले मेरी बात सुंले.. जो भी करना होगा कर्लीओ.

मई :- बीटीये??

अलीशा :- मई भी इसकी रंडी हू, मेरी बड़ी बहें भी और मेरी मा भी इसके बाप की रंडी है. मेरा बाप इसलिए ही तो परेशान रहता है. इसका बाप म्ला है और हमारी पार्ट्नरशिप है उसके साथ एक कंपनी मे. हमे हरर काम इसके और इसके बाप के हिसाब से ही करना पड़ता है.

मई :- तो मुझे क्यू फसाया.

अलीशा :- पहले तुझे आशुतोष पसंद करता था लेकिन तूने जब उसके थप्पड़ मारा तभी से उसने डिसाइड करलिया था के वो अब तुझे अपनी रंडी बनाएगा. फिर उसने ये पूरा प्लान बनाया.

तभी आशुतोष भी आ गया और आकेर बोला..

आशुतोष :- हेलो मेरी रनदिओ. अलीशा तू आज कपड़ो मे कैसे है.??

अलीशा :- वो यर्र अभी इसको लेकर जाना पड़ेगा इसके मा की कॉल आई थी.

आशुतोष :- अक्चा ठीक है चल ले जेया इसको लेकिन अपनी मा या बहें को भेज देना आज मेरा बर्तडे है. आज मई मज़े लूँगा पूरे दिन.

अलीशा :- दीदी का तो पता ही है तुम्हे वो कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर चली गयी है और मा आज काम मे बिज़ी है.

आशुतोष :- तो फिर तू ही रुकजा.

अलीशा :- नही यर्र सॅकी मे जाना है इसको छ्चोड़ने.

आशुतोष :- अक्चा रुक इसकी मा से बात कर के ये तेरे घर पेर ही है अभी तोड़ा टाइम लगेगा क्यूकी तू इसके साथ मिलकर घर की सफाई कर रही है.

अलीशा ने उसको बोहोट टालने की कोशिश की लेकिन वो नही माना और उसने ज़बरदस्ती उससे कॉल लगवाई और मेरे मा बाप को कहलवा दिया. अब मेरे पास शाम तक का टाइम था. तो अब असली काम शुरू हुआ.

तभी आशुतोष के फ्रेंड्स और उनमे आशीष भी आ गया. लेकिन आशीष बैठ गया बाकी मेरे और अलीशा के चारो तरफ घेरा बनाकर खड़े हो गये. मैने तो सिर्फ़ टवल लपेटा हुआ था लेकिन अलीशा ने जीन्स टॉप पहना हुआ था.

तो उन्होने मेरे उपर से टवल टा दिया और फेक दिया. और अलीशा को भी मिन्स मे नंगी कर दिया. कोई मुझे किस कर रहा था कोई मेरे चुचे दबा रहा था और कोई मेरी गांद दबाता तो कोई मेरी छूट चाट ता.

उस ही तरह से अलीशा के उपर भी वो वैसे चिपके हुए थे. मई सही से उन सबको गिन भी नही पा रही थी क्यूकी वो मुझे सही से देखने का भी टाइम नही लेने दे रहे थे.

फिर वो भी सारे नंगे हो गये और हम दोनो के पीछे और साइड मे खड़े हो गये और हमे अपने घुटनो पेर बैठा दिया. फिर सामने से आशीष ने हमारी पिक ली बोहोट सारी जिसमे हुँने अलग अलग पोज़ बनाए.

कभी तो नॉर्मल हमे बैठा दिया, कभी एक एक लंड हमारे मूह मे दे दिया और दो दो लंड हमारे हाथो मे, कभी लंड को चाट-ते हुए, कभी सिर्फ़ हाथ मे लिए हुए. सभी पोज़स मे हुँने पिक्स निकलवाई. मई बल्कि उनको रोकने की और अपने आपको च्छुपाने की कोशिश भी कर रही थी लेकिन अलीशा ने मुझे रोक दिया सब कुछ करने से. फिर जैसे अलीशा करती मई भी वही करती. अलीशा लंड चुस्ती तो मई भी चुस्ती.

हुँने काफ़ी देर तक बदल बदलकर लंड चूसे. आक्च्युयली मे मुझे तो अब मज़ा आने लगा था इन सब मे. मेरी छूट पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. अब मई चाह रही थी के बस अब मुझे ये सब मिलकर छोड़ दें.

तो तभी एक लड़के ने मुझे उपर उठाया और सोफे पेर पटक दिया. और फिर मेरे उपर आ गया और मुझे किस करने लगा और किस करते करते ही मेरी छूट पेर अपना लंड रगड़ने लगा. मुझे बोहोट ही एरॉटिक फील हो रहा था.

तो मैने उसको पॅशनेट्ली किस करना स्टार्ट कार्डिया. अब मैने भी अपनी शरम लिहाज़ उतार दी और उसके साथ सेक्स के मज़े लेने लगी. उसने फिर मेरी छूट के अंदर अपना लंड डालना स्टार्ट किया मुझे तोड़ा दर्द होना स्टार्ट होना स्टार्ट हुआ.

लेकिन उसने एकद्ूम प्रोफ़्फेसिओनल तरीक़े से मेरी छूट मे अपना पूरा लंड उतार दिया. मुझे उसने अपनी किस मे डूबा लिया और मेरी छूट मे अपना लंड भी उतार दिया जिससे मुझे दर्द भी नही हुआ. फिर उसने अंदर बाहर करना स्टार्ट कार्डिया.

मुझे बोहोट ही अलग तरीक़े का मज़ा आने लगा. ये एक नया अनोखा ही एहसास था. रात भी मैने सेक्स किया था लेकिन नशे की हालत मे लेकिन अब तो मई अपने होशो हवस मे सेक्स कर रही थी.

फिर उसने मेरी छूट मे अपनी स्पीड भी बढ़ा दी. मुझे असीम आनंद की प्राप्ति होने लगी और मीठा मीठा दर्द का एहसास होने लगा. जिसकी वजह से मई मोन करने लगी. “आह आह यअहह आह ह”.

सभी लोग मुझे देखकर हासणे लगे तभी मई उस सेक्स के नशे मे बाहर आई. यहा तक की अलीशा भी मुझे देखकर हास रही थी. फिर बोली..

अलीशा :- साली छिनाल मुझे रंडी बोल रही थी और अब मज़े ले रही है..

मई :- तो आहह ना लू साली तूने ही तो रंडी बनाया है.

अलीशा :- चल ले ले…. आज ये सारे तेरे, मई तेरी आज सिर्फ़ वीडियो बनौँगी.

मई :- पागल है क्या…आहह….मार जौंगी.. मई नही ले पौँगी इन सबके.

अलीशा :- रात ले लिए थे ना…. अब भी ले लेगी.

मई चाह तो वोही रही थी. प्तनी कैसे आज मेरे अंदर अलग ही रंडी घूम रही थी. आज मई सबसे चूड़ना चाहती थी. तभी फिर अलीशा ने वाहा पेर बंदे गिनना स्टार्ट किया. तो पता लगा 12 लड़के थे.

12 बंदे बिल्कुल नंगे एक कमसिन लड़की आज तो क़यामत ही आने वाली थी. अलीशा नंगी ही मेरी वीडियो बना रही थी. फिर तभी आशुतोष आया और उसने मुझे अपने उपर बैठा लिया. और अपना लंड मेरी छूट मे डाल दिया.

एक लड़का तभी मेरे पीछे आया और उसने अपना लंड मेरी गांद मे डालने की कोशिश की लेकिन डाल नही पाया. एक तो मैने भी अपनी गांद टाइट की हुई थी और दूसरी बिल्कुल सुखी पड़ी हुई थी.

तो तभी वो तेल लेकर आया और उसने तेल लगाकर दोबारा कोशिश की तो उसका लंड अंदर चला गया. मुझे बोहोट तेज़ दर्द होने लगा. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी गांद का छेड़ फट रहा है. फिर उसने और तेल डाला. तो उसका लंड अंदर जाता चला गया.

काफ़ी देर तक ऐसे ही करने पेर उसका लंड पूरी तरह से मेरी गांद मे घुस गया. मुझे अक्चा लग रहा था के ये लोग कम से कम मुझे छोड़ ही रहे है मार नही रहे है. लेकिन फिर तभी दोनो ने साथ मे चुदाई शुरू करदी.

मेरी छूट मे भी आशुतोष धक्के लगाने लगा और पीछे से वो लड़का भी मेरी गांद फाड़ने लगा. मुझे दर्द तो बोहोट हो रहा था लेकिन अलग सा प्लेषर भी आरहा था. मई ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.

“आहह आहहाअ प्लीज़ आराम से करो प्लीज़ आहह फट जाएगी आहह आहह प्लीज़ आशुतोष आराम से आहह आहह मई मार जौंगी आहह आहह अहह”.

लेकिन वो कहा सुन रहे थे वो तो बस मेरी छूट का और गांद का भरता बना रहे थे. फिर मेरा मूह भी बंद हो गया क्यूकी एक उपर चढ़कर आ गया और उसने मेरे मूह मे अपना लंड उतार दिया.

अब मैने अपने तीनो होल्स मे लंड ले रखे थे. मुझे अब प्लेषर कम दर्द ज़्यादा हो रहा था लेकिन वो तीनो रुकने के लिए बिल्कुल तय्यार नही थे. लगभग 10 मीं के बाद वो दोनो छूट और गांद मे झाड़ गये.

फिर अगले दो की बारी आई उसमे आशीष आया उसने सीधा मेरी गांद मारनी स्टार्ट करदी और जो दूसरा लड़का आया था उसने आशीष की गांद मारनी स्टार्ट करदी. मई शौक की नज़रो से देख रही थी, आशीष गन्दू था. ये सब उसकी भी गांद मारते थे और आशीष भी एंजाय करता था. फिर अलीशा भी अपने रणदीपने को भूल सकती थी तो वो भी आ गयी और उसने भी अपनी छूट मर्वानी स्टार्ट करदी.

अब हम तीनो की चुदाई हो रही थी. आशीष की गांद मारी जेया रही थी आशीष मेरी गांद मार रहा था और अलीशा अपनी छूट मरवा रही थी. फिर आशीष मुझे छोड़ते छोड़ते ही मेरी गांद मे झाड़ गया.

फिर अलीशा और और मुझे एक के उपर एक घोड़ी बना दिया. अलीशा मेरे उपर थी. तो फिर वो सारे एक एक करके हम दोनो की छूट या गांद मारने लगे. मुझे अब बोहोट मज़ा आ रहा था.

अलग अलग प्रकार के लंड मिल रहे थे और गांद मे तो लेने मे अलग ही मज़ा आरहा था. मई अलीशा को इशारे इशारे मे कहने लगी के मज़ा आरहा है लेकिन तभी उसने मुझे इशारा किया के इनको ना ब्टौ के मुझे मज़ा आरहा है. मैने उसकी बात मान ली और नॉर्मल बिहेव करने लगी. .

उसके बाद उन्होने अलीशा और मुझे लेज़्बीयन सेक्स करने के लिए बोला. पहले तो हम दोनो ही माना करने लगे लेकिन फिर हम दोनो को भी अलग सा जोश चढ़ा और हम दोनो भी शुरू हो गये.

हम दोनो आपस मे किस करने लगे. और हमारे चुचे एक दूसरे से चिपक गये. फिर कभी मई उसके चुचे दबाती और चुस्ती तो कभी वो मेरे चुचे चुस्ती और निपल्स नोचती. हम दोनो आपस मे ही बोहोट मज़ा ले रहे थे.

हम दोनो आपस मे इतने खो गये थे के ह्यूम लड़को की आवाज़ भी नही आराही थी. वो हमे रुकने के लिए बोल रहे थे. लेकिन हम नही रुक रहे थे. तभी हम दोनो के पीछे दो लड़के आगये और हमारी गांद मारनी स्टार्ट करदी उन्होने.

हम दोनो आपस मे किस करते हुए चूड़ते रहे. ह्यूम इतना मज़ा कभी भी नही आया था. मई तो अलीशा को खा जाना चाहती थी. मई उसके चुचे भी दबाए जेया रही थी. और वोही हाल अलीशा का भी था.

फिर उन्होने हमे नीचे बैठा दिया और हमारे उपर अपने लंड के माल की बारिश करदी. कुछ हमारे मूह पेर गिरा कुछ चुचो पेर और कुछ नीचे. फिर सभी ने हमारे उपर ही कम निकाला.

हमारी चुदाई लगभग 1:30 बजे तक चली उसके बाद हम दोनो साथ मे नहाए. हम दोनो ने वाहा पेर फिरसे लेज़्बीयन सेक्स किया. फिर हुँने आकेर खाना खाया. आज पहली बार मैने चिकेन भी ट्राइ किया.

फिर उसके बाद अलीशा ने मुझे मेरे कपड़े दिए और उसने मुझे मेरे घर छ्चोड़ दिया. मई जैसे ही घर मे पोुंची. तो मम्मी ने मुझसे पूछा..

मम्मी :- बड़ी ताकि हुई लग रही है.. ज़्यादा काम करवा लिया क्या.

मई :- हन मम्मी रात भर भी नही सोई. और फिर सुबह मे सारी सफाई करनी पड़ी.

मम्मी :- चल कोई नही सोजा.

मई :- ओकक मम्मी.

मम्मी :- अक्चा तू ठीक है ना.

मई :- हन मम्मी बस ताकि हुई हू.

मम्मी :- चल ठीक है सोजा तू.

मई लगभग 3 बजे सो गयी थी और फिर मेरी आँख रात के 1:30 बजे खुली. मुझे बोहोट तेज़ प्यास भी लगी थी और भूक भी. तो मैने पानी पिया और कुछ खा लिया और फिरसे सो गयी. और फिर सुबह मे भी लाते उठ पाई और स्कूल मिस हो गया.

तो उस दिन भी ऐसी ही रही सोती सोती. लेकिन आयेज जो होने वाला था वो मेरी लाइफ का सबसे गंदा फज़े था. तो क्या हुआ आयेज ये पता लगेगा अगले भाग मे तब तक के लिए.

धन्यवाद!!