हेलो गाइस, मेरा नाम रानी है. आज मैं आप लोगों को अपने सेक्स की स्टोरी बताने जेया रही हू. जहा से मेरी लाइफ ने एक उ-तुर्न लिया. उस टाइम मैं 2न्ड एअर में थी. 1स्ट्रीट एअर मैने बहुत रो-धो के पास करा था. क्यूंकी मेरी बाइयालजी बहुत ही वीक की थी.
श्याम सिर जो मेरे बाइयालजी के टीचर थे, और मेरे घर से 0.5 केयेम डोर ही रहते है. उनकी सिफारिश से ही प्रिन्सिपल सिर ने मुझे 1स्ट्रीट एअर में पास करवाया था. उस टाइम मेरी जवानी सॉफ-सॉफ दिख रही थी. बढ़ते हुए बूब्स, और फूली हुई गांद.
मेरी गांद देखने के लिए ही श्याम सिर मुझसे लाइब्ररी की बुक्स उठवते थे. पूरी क्लास में सिर मुझसे सी ज़्यादा फ्रेंड्ली थे. एक बार ईव्निंग के टाइम सिर का कॉल आया.
सिर: हेलो!
मैं: हेलो सिर.
सिर: क्या कर रही हो रानी?
मैं: सिर मैं वो पेनिस और वेजाइना के फिगर बना रही थी. आप कल टेस्ट लोगे ना?
सिर (पुर मूड में): अछा, तो अपनी वेजाइना दिखना?
मैं: सिर अभी बनाई नही है फिगर. पेनिस का डाइयग्रॅम ही बड़ी मुश्किल से बन रहा है.
सिर: अछा रानी, तुम एक काम करो. तुम्हे मैं एक पनिस डाइयग्रॅम भेजता हू ईज़ी वाला. उसे देख के बना लेना तुम.
मैं: ओक सिर.
उसके बाद व्हातसपप ओपन करके देखा तो वो पिक सही में ईज़ी थी. बुत उसके चारों और बाल ही बाल थे. तभी सिर ने लिखा-
सिर: कैसा है?
मैं: ये तो बहुत ईज़ी है. लेकिन इसमे नाम नही लिखे है.
सिर: नाम छ्चोढ़ रानी, तू बस अभी अपनी वेजाइना दिखा दे.
मैं: बनाने तो दो सिर, फिर दिखती हू.
उसके बाद मैं पेनिस बनाना सीख गयी, और अगले दिन के टेस्ट के लिए प्रिपेर हो गयी. लेकिन फिर भी सबसे कम नंबर मेरे ही आए. फिर प्रिन्सिपल सिर ने मुझे अपने ऑफीस में भुलाया.
प्रिन्सिपल सिर: वॉट इस तीस रानी वेर्मा?
मैं: तीस, वॉट सिर?
प्रिन्सिपल सिर: युवर मार्क्स!
मैं: सॉरी सिर! ई’म ट्राइयिंग हार्ड, बुत ई कोउल्ड़न’त क्लियर.
प्रिन्सिपल सिर: तुम आचे से जानती हो, की श्याम के कहने पर तुम्हे पास कराया गया था.
ये सब सुन कर मेरी आँखों में आँसू आ गये. और तभी श्याम सिर रूम में आए और मुझे रोता देख कर मुझे अपनी बाहों में ले लिया. फिर वो मुझे बड़े प्यार से सहलाने लगे.
श्याम: मेरा बच्चा कुछ नही हुआ. रो नही बच्चा, मैं हू ना.
प्रिन्सिपल सिर: टके केर ऑफ हेर.
श्याम: सिर आपको इस्पे चिल्लाना नही था. बेचारी बहुत मेहनत करती है.
प्रिन्सिपल: यॅ. ई सॉ हेर हार्ड वर्क इन हेर पर्फॉर्मेन्स.
मेरी आँखों से आँसू बहते जेया रहे थे. तभी श्याम सिर मुझे लाइब्ररी में ले गये, और मुझे अपनी गोद में बिता लिया.
श्याम: बेबी तुम भी छ्होटी सी बात पर रोने लगी. तुम्हे पता है ना मुझे तुम्हारे आँसू नही पसंद.
फिर मैं चुप हो गयी.
मैं: सिर मैने बहुत मेहनत की, बुत हर बार फैल हो जाती हू.
सिर: मुझे पता है बेबी. जब मैं छ्होटा था, तब मेरी भी यही कंडीशन थी.
मैं: सॅकी?
श्याम: हा, लेकिन बाद में मैने प्रॅक्टिकल क्लासस ली बाइयालजी की, तो मैं टॉपर बन गया.
मैं: क्या आप मुझे भी प्रॅक्टिकल क्लासस दोगे?
श्याम: ये कॉलेज में पासिबल नही होगा, सॉरी.
मैं: तो घर पे?
श्याम: हा घर पे ठीक रहेगा. ठीक है तो शाम को 5 बजे आ जाना.
ये सुन कर मैं बहुत खुश हुई, और वापस क्लासरूम की तरफ जाने लगी. पीछे से मेरी गांद के बीच में कपड़ा फ़ासस गया था, जिसे देख कर श्याम सिर का लंड मचलने लगा.
फिर शाम को 5 बजे त-शर्ट और फ्रॉक पहन कर श्याम सिर के घर पहुँच गयी. सिर मुझे देख कुश हो गये, और मुझे सोफे पे बिताया और पानी के लिए पूछा.
श्याम: तो क्लास शुरू करे?
मैं: ओक सिर.
श्याम: तो चलो फिर बेडरूम में.
फिर हम बेडरूम में आ पहुँचे.
श्याम: रानी पहले ये बताओ पेनिस को हिन्दी में क्या कहते है?
(मेरी बाइयालजी सही में बहुत वीक थी)
मैं: सिर वो तो नही पता.
श्याम: कोई बात नही, मैं हू ना. पेनिस को हिन्दी में लंड कहते है.
क्या कहते है रानी बच्चा?
मैं: लंड.
श्याम: शाबाश, अछा और वेजाइना को?
मैं: सॉरी सिर, ये भी नही पता.
श्याम: अर्रे कोई बात नही. जिस तरह पेनिस को लंड कहते है, ठीक उसी तरह वेजाइना को छूट कहते है.
मैं: छूट कहते है. सिर मैं ये लिख लू?
श्याम: नही बच्चा अभी नही.
मैं: ओक सिर.
श्याम: रानी, जब यही लंड और छूट मिलते है, तो रिप्रोडक्षन है.
मैं: ये कैसे मिलते है सिर?
श्याम: वेरी गुड क्वेस्चन बेटा. आओ मेरे पास.
मैं उनके पास आई.
सिर: बेटा तुम्हारे पास है छूट, और मेरे पास है लंड.
मैं: कहा है सिर?
श्याम: अपनी फ्रॉक उतरो, मिल जाएगी.
मैं: यहा पे, आपके सामने?
श्याम: टॉपर बनना है ना?
ये सुन कर मैने अपनी फ्रॉक का हुक खोल कर फ्रॉक नीचे गिरा दी, और साथ में श्याम सिर ने भी अपनी पंत उतार दी. फिर वो नीचे बैठे, और मेरी ब्लॅक कक़ची को हल्के से नीचे करके उतार दिया. अब वो मेरी छूट पर हाथ फेरने लगे.
श्याम: रानी ये है तेरी वेजाइना.
ये कह कर उन्होने अपनी चड्डी भी उतार दी. अब वो अपने लंबे लंड को हाथ में पकड़ कर बोले-
श्याम: ये है लंड, जो मेरे पास है.
मैं: सिर ये तो वही पेनिस, मतलब लंड है जिसकी आपने पिक भेजी थी.
श्याम: हा रानी, बिल्कुल ये वही लंड है.
मैं: सिर ये दोनो मिलेंगे कैसे?
श्याम: इसे पहले हल्का गीला करना होगा.
मैं: तो पानी डाल डू?
श्याम: नही बेटा, इसे तुम अपने मूह में रख कर चूसो. ये रिप्रोडक्षन का पहला स्टेज है.
ये सुन कर मैने मूह में लंड ले लिया, और मैं उसे आइस-क्रीम की तरह चूसने लगी. पहले-पहले चूसने में अछा नही लगा, लेकिन थोड़ी देर तक चूस्टे-चूस्टे मज़ा आने लगा. मैं 20 मिनिट तक चूस्टी रही, और आख़िर में उनके लंड में से कुछ वाइट-वाइट सा निकला, और वो मेरे मूह में ही निकला.
श्याम: रानी इसे बाहर मत फेंकना. यही रिप्रोडक्षन का दूसरा स्टेज है.
फिर सिर ने मुझे बेड पे लिटाया, और मेरी छूट चाटने लगे. मेरी बॉडी में कुछ हुलचल मचने लगी, और उसके बाद तो मज़ा सा आ गया. लेकिन ये मज़ा थोड़ी देर तक ही था. उसके बाद मेरी छूट से भी कुछ निकला, और वो श्याम सिर के मूह में गया. श्याम सिर ने इसे रिप्रोडक्षन का 3र्ड स्टेज कहा.
फिर मुझे घुमा के, लंड हिला कर, मेरी छूट पे रख कर जैसे ही पहला झटका मारा, तो मेरी चीख निकल पड़ी. मेरी आँखों में आँसू आ गये.
श्याम: रानी मैने कहा था ना, तेरी आँखों में आँसू पसंद नही मुझे.
फिर जैसे ही आँसू पोंछे, दूसरे धक्के के साथ अगले धक्के लगाने भी शुरू कर दिए. कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा. पीछे से श्याम सिर मेरी छूट मार रहे थे, और अपने दोनो हाथो से मेरे बूब्स मसल रहे थे. कुछ मिंटो बाद मुझे सीधा किया, और मेरे पैर फैला कर मुझ पर चढ़ गये.
करीब 30-40 मिनिट बाद लंड से दोबारा वाइट-वाइट निकला, और श्याम सिर वो मेरे बूब्स पर छोढ़ कर मेरी साइड में गिरते हुए बोले-
श्याम: फाइनल स्टेज ऑफ रिप्रोडक्षन.
इस तरह से उन्होने मुझे टॉपिक समझा दिया. बाकी सारी बाइयालजी भी उन्होने मुझे ऐसे ही पढ़ाई.
दोस्तों अगर आपको भी मेरी पढ़ाई की कहानी अची लगी हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स में भी शेर करे.