ही दोस्तो, उमिद है आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” चुदाई कहानी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज पढ़िए..
अभी तक आप सब अंजलि की चुदाई देख चुके है. अब आते है सुखी की चुदाई पर. सुखी के साथ अब क्या-क्या हो रहा था, वो सब आप इस स्टोरी मे पढ़ेंगे.
फिर सुखी को बाबा ने बोला: चल फिरसे मेरे लंड को चूस.
सुखी बाबा की बात मान गयी और लंड चूसने ने के लिए जल्दी से आयेज चली गयी. फिर उसने बाबा के लंड को हाथ मे पकड़ा और कहा-
सुखी: बाबा जी, आपका लंड तो कमाल का है.
इस्पे बाबा ने कहा: अछा? चल अब चूस इसको. ये तुझे बहुत मज़ा देने वाला है.
अब सुखी ने जल्दी से अपनी जीभ को मूह से बाहर निकाला और बाबा के लंड पर जीभ फिराने लग गयी. इससे बाबा को मज़ा आना शुरू हो गया. फिर जब सुखी ने देखा, की बाबा को मज़ा आने लग गया था, तो उसने बाबा के लंड को मूह मे डाल लिया और उसको चूसने लग गयी.
इससे बाबा का मज़ा और बढ़ने लगा. बाबा बोलने लगा-
बाबा: आह.. क्या बात है कुटिया, कितना मज़ा दे रही हो. बहुत सुकून मिल रहा है.
ये बोल कर बाबा ने अपने लंड को सुखी के मूह से निकाल लिया और उसको बोला-
बाबा: चल कुटिया, अब मंजी पर लेट जेया.
सुखी ने बाबा की बात मान ली और मंजी पर लेट गयी. फिर बाबा उसके उपर चढ़ गया. उपर आते ही सुखी की छूट बाबा के सामने आ गयी. फिर बाबा ने सुखी की टाँगो को उठाया और अपने कंधो पर रख लिया. उसके बाद बाबा ने अपना लंड सुखी की छूट पे सेट कर लिया.
लंड सेट करने के बाद बाबा ने एक ज़ोर का झटका मारा और अपना लंड सुखी की गरम छूट मे घुसा दिया. अभी बाबा का तोड़ा सा ही लंड सुखी की छूट मे गया था, की उसकी छूट फटत गयी. क्यूकी बाबा का लंड काफ़ी मोटा था. सुखी को अब मज़ा आना शुरू हो गया था. वो बोल रही थी-
सुखी: आ.. श.. मार दिया बाबा जी आपने तो. कितना बड़ा और मोटा लंड है आपका आहह.. मॅर गयी मई. ये पूरा अंदर चला गया, तो मुझसे चला भी नही जाएगा.
बाबा बोला: चुप करके लेती जेया लंड को अपनी छूट मे. आज तुझे मज़ा ही मज़ा आने वाला है.
ये बोल कर बाबा ने अपना लंड और अंदर धकेलना शुरू कर दिया. जैसे-जैसे लंड और अंदर जेया रहा था, सुखी की जान निकलनी शुरू हो गयी थी और उसको काफ़ी दर्द हो रहा था. लेकिन बाबा को पूरा मज़ा आ रहा था.
अब बाबा ने सुखी की धीरे-धीरे चुदाई शुरू कर दी और सुखी की गरम-गरम छूट का आनंद लेना शुरू कर दिया. सुखी भी अपनी छूट मे बाबा के बड़े से लंड का मज़ा ले रही थी और साथ मे दर्द के मारे आहह ऑश कर रही थी.
इस पोज़िशन मे बाबा ने काफ़ी देर सुखी की चुदाई की. फिर बाबा ने सुखी की टाँगो को पूरा मोड़ दिया और उसकी जाँघो के साथ अपनी जांघे मार-मार कर उसकी चुदाई का मज़ा लेने लग गया.
बाबा सुखी की गर्मी का पूरा मज़ा ले रहा था और सुखी भी बाबा की ज़बरदस्त चुदाई देख कर मॅन ही मॅन खुश हो रही थी. अब बाबा ने सुखी की छूट छोड़ने के साथ-साथ उसके बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया था.
बाबा ने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी और दे दाना दान सुखी की छूट फाड़ रहा था. अब बाबा का पूरा लोड्ा सुखी की रसीली छूट मे जेया रहा था और सुखी की बच्चे-दानी तक लग रहा था. जब भी लंड सुखी की बच्चे-दानी से टकराता, तो सुखी चीख निकल जाती. लेकिन सुखी को इसमे मज़ा भी बहुत आ रहा था.
बाबा छूट छोड़ने के साथ सुखी के निपल्स को अपने दांतो से काट रहा था. वो सुखी के चूचो को पूरा का पूरा अपने मूह मे डाल रहा था और दांतो से दबा रहा था. सुखी के चूचो पर बाबा के दांतो के लाल-लाल निशान पद गये थे.
सुखी की पूरी छाती बाबा के दांतो के निशान से भारी पड़ी थी. और बाबा पुर मज़े मे था. सुखी को काफ़ी दर्द का सामना करना पद रहा था, लेकिन उसकी छूट की चुदाई का उसको मज़ा भी बहुत आ रहा था. उसके मूह से लगातार सिसकिया निकल रही थी.
थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ने के बाद, बाबा ने अपना लंड सुखी की छूट से निकाला और उसको बोला-
बाबा: चल अब फिरसे लंड चूस.
और सुखी ने बिल्कुल एक रंडी की तरह बाबा के लंड को पकड़ा और उसकी बात मानते हुए लंड को चूसने लग गयी. बाबा खड़ा होके सुखी को अपना लंड चुस्वा रहा था, इसलिए सुखी ने बाबा को कहा-
सुखी: बाबा जी, आप खड़े मत रहिए, इससे आप तक जाएँगे. आप बैठ जाइए, मई बैठे-बैठे आपका लंड चूस लूँगी.
फिर बाबा बैठ गया और सुकुइ घुटनो के बाल बैठ कर उसका लंड चूसने लग गयी. इससे बाबा को काफ़ी मज़ा आ रहा था. सुखी ने बाबा का पूरा लंड अपने गले तक फ़ससा लिया था और उसको पागल रंडी की तरह चूस रही थी. बाबा भी अपनी गांद आयेज-पीछे करके सुखी से लंड चुस्वा रहा था.
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद बाबा ने अपना लंड सुखी के मूह से बाहर निकाल लिया और बोला-
बाबा: चल अब मेरे आयेज आके खड़ी हो जेया.
सुखी ने बाबा की बात मान ली और बाबा के सामने खड़ी हो गयी. अब सुखी की मोटी गांद बाबा के सामने थी. फिर बाबा ने अपने आप को तोड़ा उपर किया और बाबा का लंड सुखी की गांद पर लगना शुरू हो गया.
जैसे ही बाबा का लंड सुखी की गांद पर लगने लगा, तो सुखी समझ गयी, की अब उसकी गांद मे बाबा का लंड जाने वाला था. ये सोच कर सुखी को मज़ा भी आ रहा था और दर्र भी लग रहा था. उसको दर्र इस बात का था, की बाबा के लंड ने उसकी छूट फाड़ दी थी, तो गांद का क्या होगा.
बाबा ने सुखी की गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया था. फिर बाबा ने तोड़ा थूक अपने लंड पर लगाया और उसको सुखी की गांद के छेड़ पर सेट किया. उसने सुखी को तोड़ा आयेज झुकाया और ज़ोर लगा कर लंड को उपर की तरफ झटका दिया.
बाबा के धक्के से सुखी उछाल पड़ी और बाबा का लंड सुखी की गांद मे चला गया. फिर बाबा ने धीरे-धीरे सुखी की गांद मे धक्के मारने शुरू कर दिए. सुखी को काफ़ी दर्द हो रहा था और वो आहह आहह की सिसकिया भर रही थी.
इसके बाबा ने सुखी को उसी पोज़िशन मे रखते हुए उसके सिर को पकड़ लिया. उसने सुखी की गर्दन को पकड़ लिया और पीछे से उसकी गांद की ठुकाई जारी रखी. फिर बाबा ने सुखी की गर्दन को दबाना शुरू कर दिया. सुखी बाबा की बात समझ गयी और तोड़ा और नीचे झुक गयी.
अब बाबा का एक हाथ सुखी की गर्दन पर था और दूसरा हाथ उसके कंधे पर था और बाबा का लंड सुखी की गांद का मज़ा ले रहा था. बाबा दे दाना दान सुखी की गांद को मार रहा था और उसकी कोमलता का पूरा मज़ा ले रहा था.
सुखी नीचे झुकी हुई थी और उसका मूह उसके घुटने तक जेया रहा था. वो पीछे से कुटिया के जैसे चुड रही थी. बाबा ने गांद मारने के साथ सुखी के बूब्स भी पकड़ लिए और उनको मसालने लग गया. अब सुखी को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था.
फिर इसी तरह बाबा तकरीबन एक घंटे तक सुखी को पेलता रहा.
सुखी भी बड़े मज़े से अपनी गांद मे बाबा का लंड खा रही थी. बाबा अब अपने चरम पर था और उसने सुखी से बोला-
बाबा: मेरा अब निकालने वाला है कुटिया.
सुखी ने कहा: आ.. आ.. मेरे अंदर ही निकाल दो बाबा जी.
इस्पे बाबा ने कहा: नही मई लोटे मे डालूँगा . अभी पूजा करनी है.
ये बोल कर बाबा ने अपनी छोड़ने की स्पीड बढ़ा दी और फिर अपना लंड सुखी की गांद से बाहर निकाल लिया. सुखी जल्दी से उठी और भाग कर लोटे लेने गयी. वो 10 सेकेंड मे ही लोटा लेके आ गयी और बाबा जी के लंड को चूसने लगी.
बाबा ने 10-15 धक्के सुखी के मूह मे मारे और अपने लंड का पानी छोढ़ दिया. सुखी ने बाबा जी का सारा पानी लोटे मे इकाता कर लिया. अपनी गांद की ठुकाई करवा कर सुखी को बहुत मज़ा आया था. उसको बाबा का पानी निकलते देख बहुत मज़ा आ रहा था, क्यूकी बाबा के लंड से बहुत सारा पानी निकल रहा था.
सुखी सोच रही थी, की उसको अंजलि की वजह से एक और चुदाई का मज़ा मिल गया था. तभी बाबा ने उसको बोला-
बाबा: चल अब तैयार हो जेया.
इस्पे सुखी ने कहा: हा जी, मई पूजा के लिए बिल्कुल तैयार हू. इस पूजा मे तो मुझे बहुत मज़ा आया, अब दूसरी पूजा भी कर लेते है.
फिर बाबा ने कहा: नही, अभी तो चुदाई पूजा बाकी है.
सुखी बाबा की बात सुन कर हैरान हो गयी. तभी बाबा ने बाहर मूह करके आवाज़ लगाई.
इसके आयेज क्या होने वाला है, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. अगर आपको स्टोरी पसंद आई हो, तो मुझे मैल करके अपनी फीडबॅक भेजे. कोई आइडिया देना हो, तो भी मुझे मैल करे.