ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मामी ने मुझे अपने रूम में बुलाया. वाहा मामी सारी पहन कर लेती हुई थी, और पल्लू साइड में गिरा था. मामी के बूब्स का नज़ारा सॉफ दिख रहा था. फिर जब मामी ने मेरी मम्मी के साथ की गयी हरकतों के बारे में बताया, तो मेरी गांद फटत गयी. अब आयेज बढ़ते है.
मामी की बातें सुन कर मेरी बोलती बंद हो चुकी थी. लेकिन उनके बदन को देख कर मेरा लंड खड़ा था. तभी मामी ने मेरे लंड पर हाथ डाला, और बोली-
मामी: बड़ी गर्मी है इसमे, की अपनी मा और मामी को भी नही छ्चोढा. सोच अगर तेरे पापा को तेरी हरकतों के बारे में पता चल गया, तो तेरा क्या हाल करेंगे. तुझे कुत्ते की तरह पीतेंगे, और घर से बाहर निकाल देंगे.
उनकी बात सुन कर मैने कहा-
मैं: मामी मुझे माफ़ कर दो. मुझसे ग़लती हो गयी. आज के बाद मैं कभी मम्मी को या आपको गंदी नज़र से नही देखूँगे. बस पापा को ये मत बताना.
मामी: यही तो मैं नही चाहती की तू सुधार जाए.
उनकी ये बात मेरे पल्ले नही पड़ी. तभी वो पालती मार कर बैठ गयी. मैं घर पर ही था, तो मैने त-शर्ट और पाजामा ही पहना हुआ था. फिर मामी ने मेरा पाजामा और अंडरवेर साथ में पकड़ कर नीचे कर दिए, और मेरा लंड स्प्रिंग जैसे बाहर आ गया. मेरे लंड को हाथ में लेके मामी बोली-
मामी: अगर तुझ जैसे लड़कों ने हम जैसी औरतों को हवस भारी नज़रो से देखना बंद कर दिया. तो हमारी चूटें तो सूखी ही रह जाएँगी.
मैं अभी भी नही समझ पा रहा था, की मामी क्या बोल रही थी. तभी मामी ने मेरी आँखों में देखते हुए मेरे लंड को हिलना शुरू किया. फिर वो तोड़ा पीछे हुई, और आयेज झुक कर अपने मूह को मेरे लंड के सामने ले आई. इस बीच उनका और मेरा आइ कॉंटॅक्ट बना हुआ था.
फिर मामी ने मुझे देखते-देखते ही मेरे लंड को अपने मूह में भर लिया. ह! उनके मूह की गर्मी का एहसास होते ही मुझे तो स्वर्ग दिखने लगा. फिर मामी अपना मूह आयेज-पीछे करके मेरा लंड चूसने लग गयी. अब मैं सब समझ गया था, की मामी मुझसे क्या बोल रही थी. मुझे मामी के इरादे सॉफ-सॉफ समझ आ चुके थे. मुझे भी अब बस सेक्स का मज़ा लेना था.
फिर मैने अपना एक हाथ मामी के सर पर रखा, और कमर हिला कर उनका मूह छोड़ने लगा. मैने दूसरा हाथ मामी की पीठ पर रखा, और उनकी पीठ सहलाने लगा. पीठ सहलाते हुए मैने उनके ब्लाउस के हुक खोल दिए, और धक्को की स्पीड बढ़ा दी.
अब मैं अपना लंड मामी के गले तक लेके जेया रहा था. मामी भी किसी रंडी की तरह लंड चूस रही थी. जब लंड पूरी तरह से चिकना हो गया, तो मामी ने लंड चूसना बंद कर दिया. वो सीधी हुई, और उनका ब्लाउस हुक खोलने की वजह से ढीला हो गया.
मामी ने अपना ब्लाउस और ब्रा दोनो उतार दिए, और अब मामी के बूब्स जिनको मैं कब से चूसना चाह रहा था, मेरे सामने थे. मैं उनके बूब्स देखते ही उन पर टूट पड़ा. मामी ने मेरे सर पर हाथ रख लिया, और एक-एक करके अपने निपल्स चुसवाने लगी. क्या मस्त निपल थे मामी के. वो आ आ कर रही थी.
निपल्स चूस्टे हुए मैं अपने हाथ उनकी गांद पर ले गया, और चूतड़ दबाने लगा. मैने उनकी सारी को खींच-खींच कर सारी और पेटिकोट दोनो उनकी गांद से नीचे कर दिए. फिर मैने उनके बूब्स छ्चोढे, और पीछे होके उनकी सारी और पेटिकोट निकाल दिया.
अब मामी मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. मैने जल्दी से उनको लिटाया, और उनकी पनटी उतार दी. अब स्वर्ग का द्वार मेरे सामने था. मैने उनकी छूट पे अपना मूह लगाया, और उसको चाटना-चूसना शुरू कर दिया. मामी आ आ करते हुए बोली-
मामी: आ चूस मेरे राजा, आचे से चूस.
मैं ज़ोर-ज़ोर से उनकी छूट को चूसने लग गया, और वो मेरा सर अपनी छूट में दबाने लग गयी. कुछ देर छूट चूसने पर उनका पानी निकल गया. अब वो मुझे छोड़ने के लिए बोलने लगी. मैं जल्दी से उनके उपर आया, और अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ने लग गया.
वो आ आ की सिसकियाँ निकालने लग गयी. लंड का टोपा उनकी छूट के पानी से लिसलिसा हो गया था. फिर मैने लंड छूट के मूह पर टीकाया, और अंदर धकेलने लगा. लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया, और मेरी और मामी दोनो की आहह निकल गयी. जब पूरा लंड अंदर चला गया, तो मामी बोली-
मामी: तेरा लंड तगड़ा है राजा. अब मुझे ज़बरदस्त चुदाई का मज़ा चाहिए. छोड़ राजा छोड़.
फिर मैने उनकी छूट में लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं छूट छोड़ने के साथ-साथ उनके होंठ और बूब्स भी चूस रहा था. मामी भी गांद उठा-उठा कर छूट छुड़वा रही थी.
ऐसा लग रहा था, जैसे पता नही वो कितने वक़्त से प्यासी थी. उन्होने मुझे अपनी आगोश में भर लिया, और अपनी टांगे मेरी कमर पर लपेट ली. कुछ देर हम दोनो ऐसे ही चुदाई करते रहे. फिर मामी ने मुझे अपने उपर से हटाया, और गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गयी.
क्या मस्त गांद थी मामी की, देख कर ही मूह में पानी आ गया. मैने पहले मामी की गांद को छाता और काटा. फिर मैने 2-3 थप्पड़ मारे उनकी गांद पर. उसके बाद मैने अपना लंड पीछे से उनकी चूत पर सेट किया.
मैने एक ही बार में पूरा लंड उनकी छूट में डाल दिया. इससे मामी की कामुकता भारी आहह निकल गयी. फिर मैने उनके चूतड़ पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से छोड़ना शुरू किया. 20 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. तो मैने अपना लंड उनकी छूट से निकाला, और माल उनकी गांद पर डाल दिया. मामी भी झाड़ चुकी थी.
फिर हम दोनो साथ में नंगे ही लेट गये. इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको दोस्तों के साथ भी शेर करे.