तो अभी तक आपने पिछली कहानी मे पढ़ा था के कैसे मैने आशुतोष के थप्पड़ मार दिया था सबके सामने और फिर अगले दिन मई अलीशा की बर्तडे पार्टी मे आगयइ थी.
अब आयेज..
तो हम पार्टी मे तय्यार होकर लोगो का वेट करने लगे आने का. हमारी कुछ फीमेल फ्रेंड्स आगयइ. अलीशा ने वैसे मेल्स को भी बुलाया था लेकिन अभी तक वो आए नही थे. तो फिर अलीशा ने केक काट लिया.
उसने केक सबसे पहले मुझे ही खिलाया और फिर और सबको और फिर उसने म्यूज़िक स्टार्ट कार्डिया. सबने डॅन्स करना स्टार्ट कर दिया. अलीशा बाय्स को और ख़ासकर उसको जो पसंद था आशीष उसका इंतेज़ार कर रही थी.
खैर थोड़ी देर मे आशीष भी आगया. अलीशा का तो खुशी का ठीकना ही नही रहा. उसने आशीष को हग करलिया. मुझे उसको देखकर तोड़ा अजीब लग रहा था. फिर आख़िरकार उसने मुझे सच बता दिया के आशीष ने उसको प्रपोज़ किया था और उसने आक्सेप्ट करलिया था.
मई उससे नाराज़ हो गयी क्यूकी मई उसको हरर बात बताती थी और उसने मुझसे इतनी बड़ी बात छुपाकर रखी थी. लेकिन मई उससे ज़्यादा देर तक नाराज़ भी नही रह सकती थी. एक तो मेरी बेस्ट फ्रेंड दूसरे उसका बर्तडे. तो मैने उसको माफ़ कार्डिया.
हमने बोहोट मस्ती की जमकर डॅन्स किया, खाना पीना किया अकचे से और फिर और सबलॉग जाने लगे घर. उस समय 11 बाज रहे थे. सब लोग चले गये बस आशीष रुक गया. तभी अलीशा के मम्मी पापा भी आगये.
तो हुँने उनको नमस्ते किया. अंकल आंटी काफ़ी टेन्स लग रहे थे. तो मुझे लगा के मुझे भी निकलना चाहिए. मैने अलीशा से बोला जाने के लिए. तो अलीशा ने मुझे रोकने की काफ़ी कोशिश की लेकिन मैने ज़िद की क्यूकी अंकल आंटी ज़्यादा ही परेशन ल्ग रहे थे.
फिर अलीशा बोली :- तू जाएगी कैसे??
मई :- चली जौंगी कुछ ना कुछ तो मिल ही जाएगा.
अलीशा :- नही नही आशीष प्लीज़ यर्र पूनम को छ्चोड़ दो उसके घर.
मई :- अरे नही नही भयया को क्यू परेशान कर रही है.
अलीशा :- तू पागल है क्या रात मे अकेली जाएगी??
मई :- हन तो क्या हुआ और अक्चा ये अपने कपड़े तो बदल लू.
अलीशा :- बकवास बंद कर और ये कपड़े बाद मे दे डियो मुझे. और अब जेया इनके साथ ही.
मई :- ओकक ठीक है बाबा.
अलीशा :- ओकक बाइ.
मई :- बाइ.
आशीष :- बाइ.. लोवे योउ..
अलीशा :- लोवे योउ टू.
मुझे थोड़ी शरम आगयइ. मई उसके पीछे स्कूटर पेर बैठ कर चल दी. मुझे अलीशा के घर तक पोुंचने मे हमेशा रस्तो मे कन्फ्यूषन होता था. क्यूकी उसका घर मैं रोड से अंदर जाकेर गली मे था और वाहा पेर सभी घर एक जैसे थे.
मुझे कन्फ्यूषन हो गयी और आशीष ने अपना स्कूटर रिघ्त लेने की बजाए लेफ्ट ले लिया. और मुझे पता भी नही लगा. मुझे लगा आशीष सही जेया रहा है. फिर थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा के शायद हम ग़लत रास्ते पेर है तो मैने बोला उसको.
मई :- आशीष भयया मुझे लगता है हम ग़लत रास्ते पेर है.
आशीष :- नही हम सही रास्ते पेर है.
मई :- अरे ये तो आयेज जंगल आज़ाएगा.
आशीष :- अरे नही मई बोल तो रहा हू सही जेया रहे है… आयेज से एक कट लेकर सीधा तेरे घर पेर ही जाएँगे.
मई :- ठीक है फिर आपको ज़्यादा पता है.
लेकिन हम जंगल टाइप मे पोुंच गये और फिर मुझे दर्र लगने लगा तो मैने फिरसे बोला.
मई :- अरे भयया कहा है कट.
आशीष :- बस आने ही वाला है.
मई :- यहा कोई कट नही है वापस लो.
आशीष :- अरे नही आयेज है.
मई :- कितनी दूर है??
आशीष :- बस आने ही वाला है.
मई :- प्लीज़ जल्दी पोुंचा दो भयया.
आशीष :- तू फिकर मत कर मई पोुंचा दूँगा.
फिर लगभग 10 मीं तक हम चले और फिर आशीष ने अपना स्कूटर एक फार्म हाउस के सामने रोक दिया. और बोला.
आशीष :- ये मेरा घर है. मुझे एक समान रखना था आक्च्युयली मे. मई रखकर आयेज आता हू.
मई :- ओकक जल्दी आना.
आशीष :- अंदर आना चाहो तो आसक्ति हो.
मई :- नही मई यही ठीक हू ये समान जल्दी रखकर आओ.
वो फिर अंदर समान रखने चला गया. मुझे बोहोट दर्र लग रहा था क्यूकी उसका घर एकद्ूम जंगल के बीच मे था. चारो तरफ घने पेड़ और बीच मे बड़ा सा घर था साइड मे पूल भी था. और अंदर के पेड़ो की अकचे से च्चटाई हो रखी थी.
तो मई काफ़ी देर तक खड़ी हुई बाहर इंतेज़ार करती रही. मुझे बोहोट दर्र लग रहा था क्यूकी वाहा आस पास कोई भी नही दिख रहा था. जब लगभग 15 मीं हो गये मुझे खड़े हुए तो मैने सोचा के अंदर ही देखकर आती हू.
क्यूकी मुझे बोहोट दर्र लग रहा था बाहर खड़े हुए. मई अंदर की तरफ चल दी और उसके गाते खोलकर अंदर गयी और अंदर देखा के बीच मे बड़ा फाउंटन लगा हुआ है साइड मे पूल है.
फिर मैने डोरबेल बजा दी. इस सोच मे के आशीष या आशीष के घरवाले आएँगे तो मई उनको अपनी बात बतौँगी. लेकिन डोर खोला आशुतोष ने. मई हैरान रह गयी और कुछ बोल ही नही पाई.
तभी आशुतोष बोला :- हांजी यहा पेर कैसे.
मई :- वो सॉरी ग़लती से हो गया था.
आशुतोष :- सही बताओ… मुझे पता है के मेरा घर जंगल मे है.
मई :- वो आक्च्युयली मई अपनी फ्रेंड की पार्टी से वापस आराही थी आशीष भयया के साथ तो उन्होने बताया के ये उनका घर है और कुछ समान रखने जाना है.
आशुतोष :- पार्टी तो यहा भी चल रही है. और आशीष तो मेरी पार्टी मे आया है. उसने मुझे बताया ही नही के वो तुम्हे लेकर आरहा है.
मई :- ई आम रियली सॉरी क्या आप आशीष को भेज सकते है. मुझे घर जाना है.
आशुतोष :- पूछकर देखलेता हू लेकिन उसने दारू चढ़ा ली है अब मुश्किल ही है के वो जाएगा.
मई रोने लगी और उस पल को कोसने लगी जब मैने आशीष के साथ जाने को हन किया था. तभी आशुतोष बोला.
आशुतोष :- अरे इट’स ओके डॉन’त वरी मई छ्चोड़ दूँगा तुम्हे.
मई :- प्लीज़ यर्र छ्चोड़ दो.. मेरे मम्मी पापा परेशन हो रहे होंगे.
आशुतोष :- अरे रो क्यू रही हो.. परेशन मत हो मई छ्चोड़ दूँगा लेकिन अभी नही जेया सकता यर्र मेरे ही बर्तडे की पार्टी है. आजओ एंजाय कार्लो थोड़ी देर यहा फिर मई छ्चोड़ दूँगा पक्का.
मई :- नही यर्र काफ़ी देर हो गयी है ऑलरेडी.
आशुतोष :- अछा अंदर आओ फिर डिसाइड करते है.
आज आशुतोष की लॅंग्वेज काफ़ी अलग लग रही थी. मुझे वो काफ़ी अक्चा लग रहा था. मुझे उसपेर विश्वास हो गया और मई अंदर चली गयी. अंदर तो म्यूज़िक और दारू पूरे ज़ोर शोर से चल रही थी.
आशीष तो पूरा भांड हो चुका था. तो मई साइड मे सोफे पेर जाकेर बैठ गयी. तभी आशुतोष मेरे लिए ड्रिंक लेकर आया. मैने माना कार्डिया ये बोलकर के “मई ड्रिंक नही करती”.
तभी आशुतोष ने मुझे एक कोल्ड ड्रिंक दे दी. मई वोही पीने लगी. मुझे भी आज आशुतोष पेर प्यार आने लगा था. मई उसको ही देख रही थी. फिर पाटनी मुझे नींद आने लगी.
उसके बाद का मुझे ढूंडला ढूंडला याद आता है वो ये के मई दारू के शॉट्स पेर शॉट्स मार रही हू. फिर मेरे दोनो हाथो मे लंड है और एक मूह मे है. फिर मेरी छूट और गांद मारी जेया रही है.
सुबह जब मई उठी तो मई बिल्कुल नंगी एक बेड पेर लेती हुई थी. मेरे आयेज आशुतोष नंगा लेता हुआ था और पीछे उसका दोस्त भी नंगा लेता हुआ था. फिर मुझे रात की चीज़े याद आई तो मई फिरसे रोने लगी.
तभी आशुतोष की भी आँख खुल गयी. और वो मुझे चुप करने लगा. और बोला…
आशुतोष :- सब तूने ही कहा था हुँने अपने आप नही किया.
मई :- क्या तुम पागल हो गये हो??
आशुतोष :- हन मुझे पता था के तू यक़ीन नही करेगी इसलिए मैने वीडियो बना ली है.
तभी उसने वीडियो चलाई. जिसमे मई अपने कपड़े उतार उतारकर फेक रही हू फिर चिपक चिपक कर डॅन्स कर रही हू. फिर मई अपने घुटनो पेर बैठी हुई हू और उसने भीक माँग रही हू.
“प्लीज़ मुझे छोड़ दो… मई तुम्हारी रंडी हू.. तुम सबसे चूड़ने आई हू.. मुझे एकद्ूम रनदिओ की तरह छोड़ो… मेरा मूह तो तुम छोड़ ही चुके हो अब मेरी छूट और गांद भी मारो प्लीज़”.
मई उसको देखती ही रह गयी. मुझे यक़ीन नही हो रहा था मई ये सब बोल रही हू. मुझे फिरसे बोहोट रोना आने लगा. के ये मैने क्या कर दिया. तभी मेरे ध्यान आया कोल्ड ड्रिंक का. तो मैने उससे पूछा..
मई :- कोल्ड ड्रिंक मे क्या मिलाया था??
आशुतोष :- मैने कुछ नही मिलाया था.
मई :- अब तो सबकुछ करलिया है अब तो सच बोल कुत्ते.
आशुतोष :- ओ बहें की लोदी रंडी… कम बोल तेरे जैसी रंडी रोज़ छोड़ता हू मई. और हन सुन मई तेरी कोल्ड ड्रिंक मे दवाई मिलाई थी. जिससे काम-उत्तेजजना बढ़ जाती है और आदमी को अपना होश नही रहता.
मई :- मुझे सच मे लगा था कल रात के बाद के तू अक्चा आदमी है. तू तो सबसे बड़ा मदारचोड़ है.
आशुतोष :- तेरी यही ज़ुबान बंद करने के लिए और अपने थप्पड़ का बदला लेने के लिए किया है मैने ये.
मई :- तो तेरे ये सब करने से मई चुप हो जौंगी.
आशुतोष :- नही होगी तो तेरी ये वीडियो सबसे पहले तेरे मा बाप के पास जाएगी.
मई :- प्लीज़ यर्र ये सब मत करना.. तुम जो चाहोगे मई करूँगी.
आशुतोष :- अब भी तो तू सही से बोली है रंडी..
मई :- मई रंडी नही हू.
आशुतोष :- तेरा नाम आज से रंडी ही है. और तू किसी को रोक नही पाएगी ये सब बोलने से क्यूकी तेरी ये रंगीन वीडियो मैने क्लास के ग्रूप मे शेर कर दी है.
मई फिरसे रोने लगी. आशुतोष ने मेरी इज़्ज़त उतार दी थी लेकिन उसने तभी बोला..
आशुतोष :- लेकिन फिकर मत कर आयेज नही जाएगी. मैने माना किया है सभी को. और कोई और तुझे छोड़ भी नही पाएगा मेरी इजाज़त के बिना. आज से तू मेरी रंडी है.. मेरी गुलाम है.
मई रोटी ही जेया रही थी. मुझे अपना भविष्या अपनी आँखों के सामने दिखाई दे रहा था. मई अब आशुतोष की रंडी बन चुकी थी. मुझे अब सभी काम उसके कहने पेर करना पड़ेगा.
तभी फिरसे उसका लंड खड़ा हो गया. तो उसने मुझे इशारा किया के मई उसको चुसू. मुझे पहले पहले तो तोड़ा अजीब लगा लेकिन करना तो था ही मुझे तो मई नीचे उतरने लगी बेड से.
तभी मेरे पैर ऐसे हो गये जैसे उनके अंदर जान ही नही है. मई खड़ी हो ही नही पा रही थी. लेकिन मुझे कुछ भी महसूस नही हो रहा था. दर्द तोड़ा बोहोट गांद मे हो रहा था और गला दुख रहा था और कही भी महसूस भी नही हो रहा था.
लेकिन आशुतोष को मेरे उपर बिल्कुल रहें नही आया और उसने उठकर मेरे मूह मे अपना लंड पेल दिया. और मेरे मूह को छोड़ने लगा. मुझे बोहोट ज़्यादा दर्द होने लगा गले मे और उल्टी सी आने को होने लगी.
लेकिन वो रुका नही और मेरा मूह छोड़ता गया. फिर मेरे मूह मे ही झाड़ गया. मुझे मजबूरन उसका पूरा माल अपने गले के नीचे उतारना पड़ा. फिर भी मुझे उठाने के बजाए वो बेड पेर लेट गया.
फिर मई बोलने लगी…
मई :- प्लीज़ आशुतोष मुझे उपर तो उठाओ.
आशुतोष :- खुद उथले.
मई :- मुझसे नही उठा जेया रहा है.. और प्लीज़ मुझे फिर घर छ्चोड़ देना.
आशुतोष :- अरे अभी तो टाइम है हमारे पास. मतलब रात भर का तो टाइम था ही हमारे पास. अब एकद्ूम से घर थोड़ी जाएगी.
मेरा दिमघ खराब हो गया क्यूकी रात मे रुकने वाली बात या तो मुझे पता थी या फिर अलीशा को. तो मैने उससे पूछा.
मई :- ये तुम्हे कैसे पता लगा के मई रात मे रुकने वाली हू.
आशुतोष :- तेरी बेस्ट फ्रेंड भी मेरी रंडी है. उसने ही बताया.
मई फिरसे रोने लगी.. मतलब ये सब मिले हुए थे और सबने मिलकर प्लान बनाया था. मुझे आशुतोष की रंडी बनाने के लिए. मई अलीशा पेर इतना यक़ीन करती थी. उसने भी मुझे धोका दे दिया.
अब मई कुछ भी नही कर सकती थी. मुझे बस अब आशुतोष के हिसाब से ही चलना था. आयेज क्या हुआ ये पढ़ना अगले पार्ट मे तब तक के लिए.
धन्यवाद!!