अप लोगो के एमाइल्स मुझे बहुत मोटीवेट करते है लगते है और मुझे खुशी होती है इश्स कहानी को आप लोगो को सुनने मैं. चलिए आयेज बढ़ते है.
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वाहा आकाश कार में मेरी मा का इंतज़ार कर रहा था. मा अभी भी पार्टी में ही थी. आकाश गुस्से में फिर शारदा को कॉल करता है.
शारदा: हेलो.
आकाश: हेलो च्ड रंडी, ये बता कब बाहर आ रही है? या में अंदर अओ?
शारदा: हा आ रही हू बस 5 मीं और.
आकाश: ठीक है, और अगर, 5 मीं में तू नही आई तो में आ जौंगा वाहा और तेरे बाल पकड़ कर तुझे लेके जौंगा. समझी?
शारदा: हा बाबा. ठीक है.
10 मीं हो चुके थे और शारदा अभी भी पार्टी में ही थी.
आकाश गुस्से में कार से उतरा और सीधे अंदर पार्टी में चला गया. कुछ देर ढूंड ने के बाद उससे शारदा मिली. शारदा, उसकी फ्रेंड कविता के साथ एक कोने में शराब पीते हुए बात कर रही थी.
आकाश उसके पास जाता है. लेकिन माहॉल देख कर आकाश तोड़ा ठंडा पद जाता है.
आकाश: माँ, कफफी देर हो चुकी है. घर चलॉगी आप?
शारदा ने कफफी पी रखी थी. वो नशे में धुत्त थी.
शारदा: हा चलते है आकाश. इतनी ज्लडी क्या है.
आकाश: माँ, अपने शायद कफफी पी रखी है. प्लीज़ घर चलिए.
शारदा: तो? मेरी मर्ज़ी. में तुम्हारी मालकिन हू और तुम ड्राइवर. समझे? तो ड्राइवर की तरह रहो.
शारदा आकाश की बेज़्ज़ती करती है. जो की उससे बिल्कुल पसंद नही आता. वाहा कविता, शारदा को संभाल रही थी. क्यूकी उसने कफफी ज़्यादा पी रखी थी.
कविता: अक्चा शारदा तो यह वही है जिसके बारे में तुम बात कर रही थी?
कविता, एक शादी शुदा औरत जिसकी उमर 44 है. उसकी 2 बेटियाँ है और उसका पति भी शारदा के पति की तरह बिज़्नेसमॅन. कविता की हाइट शारदा से मिलती है. गोरा रंग और टाइट सारी से निकाला हुआ कमर का माज़ उससे और भी सेक्सी बनता है. कविता एक हाउसवाइफ है और उससे भी पार्टीस का शौंक है.
शारदा: हा यह वही है मेरे बेटे का दोस्त, जिससे मेने ड्राइवर रखा है, और बाकी काम भी कर लेता है.(कविता को आँख मरते हुए)
आकाश: अक्चा तो तूने इससे सब बता दिया?
शारदा: हा कविता मेरी सबसे आक्ची दोस्त है. बताना तो था ही.
कविता फिर उन दोनो को बाल्कनी में ले आती है जहा कोई नही होता.
कविता: आकाश कभी मेरे घर भी आया करो. मुझे भी तो पता चले क्या क्या काम आता है तुम्हे(सेक्सी स्माइल)
आकाश संज़ह गया की कविता भी चुड़ाकड़ औरत है. उससे भी छोड़ना पड़ेगा.
आकाश: लगता है आप में कफफी भूक है.
कविता: हा वो तो होगी ही. जब औरत की उमर 40 से उपर हो जाती है, तब उसकी भूक और बढ़ जाती है. उसकी भूक उसके काबू में नही रहती. वो हमेशा इसी इंतेज़ार में रहती है की, उससे कब कोई मिल जाए जो उसकी भूक मिटा सके.
आकाश: लगता है आपका इंतेज़ार ख़तम हुआ आज. अपपकी भी भूक मिटानी पड़ेगी.
कविता: वो तो इस्तेमाल के बाद ही पता चलेगा. कभी घर आओ खाना खाने. क्यू शारदा, इससे मेरा फोन नंबर दे देना.
शारदा: हा ज़रूर. पहले ईस्तमाल करे फिर विश्वास करे, हाहहहा.
आकाश ने बिना कुछ सोचे, कविता को खीचा और ज़ोर से स्मूच करने लगा. कविता भी उसका साथ देने लगी. आकाश के दोनो हाथ कविता के गांद को दबोच रहे थे. कविता ने दोनो हाथो से आकाश के चेहरे को पकड़ रखा था, और स्मूच कर रही थी. और शारदा वाहा उन दोनो को देखे कर सेक्सी सी स्माइल दे रही थी.
कुछ देर बाद वो दोनो अलग हुए. फिर आकाश ने कविता की सारी नीचे गिरा दी. कविता के बूब्स काफ़ी बड़े थे और उसने लो कट का ब्लाउस पहें रखा था. उसका मंगलसूत्रा उसकी बूब्स में बनी खाई में फ़ससा था.
फिर आकाश ने कविता को कस्स कर पकड़ा और गर्दन पर ज़ोर से चूमने लगा. कविता ज़ोर की ज़ोर से चीख निकली, उससे दर्द हो रहा था. उसने पूरे 1 मीं तक कविता को गर्दन पर एक ही जगह चूमा, जिस कारण वाहा एक लाल निशान पद गया(लोवे बीते).
आकाश: हा अब सही है.
कविता: तुम बड़े हरामी हो आकाश. अब ये मुझे छुपाना पड़ेगा, वरना कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा?
आकाश: यही सोचेगा की, रंडी आज भी किसी से चुड कर आई है. हैईना?
कविता ने शरमाते हुए स्माइल दी और सारी ठीक की.
कविता: आज चलोगे?
आकाश: नही आज तुम्हे किसी और से ही काम चलना पड़ेगा. आज शारदा को कुछ सीखना है.
आकाश चाहता तो वो कविता के साथ चला जाता लेकिन उससे आज शारदा को सबक सीखना था. इसलिए उसने कविता को माना कर दिया.
कविता: क्या सिख़ाओगे?
आकाश: यही की एक आक्ची रंडी कैसे बनती है. आज उसकी असली ट्रैनिंग होगी.
कविता: अक्चा? ठीक है तो फिर में भी साथ में आ जाती हू. मुझे भी देखना है.
आकाश: ठीक है चलो फिर. लेकिन में तुम्हारे साथ आज कुछ नही करूँगा, आज शारदा का दिन है. तुम बस एंजाय करो.
कविता: ओके. ठीक है.
कविता शारदा को संभालकर लेकर आकाश के साथ कार के पास पोछती है. वाहा वो आकाश की मदद करती है शारदा को सीट पर बिताने में. और खुद पीछे की सीट पर बैठ जाती है.
कविता: आज तो मज़्ज़ा आएगा शारदा को रंडी बनते हुए देखने में.
शारदा पूरी तरह नशे में थी. इसलिए उससे कुछ साँझ नही आ रहा था. आकाश ने कार स्टार्ट की, और एक सुनसान जगह पर रोक दी. वाहा आस पास ना कोई घर था ना कोई गाड़ी दिख रही थी.
शारदा: (नाहे में) घर पोोच गये क्या आकाश?
आकाश: चुप कर साली. आज तुझे रंडी बनता हू.
आकाश फिर अपनी सीट बेल्ट खोलता है और शारदा का चेहरा ज़ोर से पकड़ कर किस करने लगता है. वो बोहोट रफ किस कर रहा था. फिर उसने शारदा की सारी नीचे कर दी. अब शारदा की गोरी छाती और यूयेसेस पर उभरे हुए स्तन दिख रहे थे. ब्लाउस इतना छोटा था की उसके दोनो बूब्स बाहर ही लटक रहे थे.
आकाश फिर शारदा के ब्लाउस में से दोनो बूब्स बाहर निकलता है और उन्हे ज़ोर से दबाता है. वो इतने ज़ोर से दबाने लगता है की शारदा की ज़ोर से चीख निकलती है.
आकाश: आज जितना चीखना है चीख ले, लेकिन में नही रुकने वाला.
आकाश फिर शारदा के निपल्स को अपने उंगलियो से ज़ोर से खींचता है. शारदा ज़ाटपटाने लगती है और अपने हाथो से उसके हाथ हटा देती है.
शारदा: आकाश मत करो बोहोट दर्द हो रहा है.
आकाश: चुप रंडी, आज में नही रुकुंगा. कविता इसके दोनो हाथ पीछे से पकड़ कर रख या फिर बाँध दे.
कविता तुरंत पीछे से उसके हाथ पकड़ती है और गाड़ी में पड़े एक कपड़े से उसके हाथ पीछे सीट के उपर हेडरेस्ट पर बाँध देती है. अब शारदा के दोनो हाथ उपर सीट के हेडरेस्ट पर बाँध दिए थे.
आकाश फिर उसकी सीट को पीछे सरका देता है, टक्की वो शारदा के सीट के बिल्कुल सामने बैठ जाए. आकाश फिर से उसके निपल्स को अकचे से पकड़ता है और खींचता है. और शारदा फिर से चीखती है. उसके पस्सेनए छूट जाते है. लेकिन फिर अभी आकाश रुकता नही है. वो इतने ज़ोर से खींचता है की ऐसा लगता है जैसे उसके निपल्स टूट जाएँगे.
फिर वो कविता को बोलता है उसके छाती पे चपेट मरने को. फिर कविता शारदा की छाती पर ज़ोर ज़ोर से चपेट मारना शुरू करती है. शारदा की पूरी छाती लाल हो जाती है.
रोते हुए शारदा कविता से कहती है
शारदा: कविता प्लीज़ दर्द हो रहा है. प्लीज़ आअहह
कविता: चुप रंडी कही की तुझे ही शौंक है ना चुड ने का. आज तुझे रंडी बनके रहेंगे.
कविता फिर से उसकी चट्टी पर मारती है. कुछ देर बाद आकाश उसके निपल्स च्ड देता है और उनको चूसने लगता है. शारदा को फिर थोड़ी रहट मिलती है. लेकिन उससे दर्द भी हो रहा था. उसके दोनो बूब्स लाल हो चुके थे.
फिर आकाश उसकी सारी उपर करता है और उसकी पनटी निकल देता है. और उसके मूह में ज़बरदस्ती डाल देता है. आकाश, शारदा की एक तंग, शीशें के उपर रखता है और दूसरी तंग, कार के डॅशबोर्ड पर. अब आकाश पागल की तरह उसकी छूट चाटने लगता है. और कविता, शारदा के निपल्स मसालती है.
शारदा चीखना चाहती थी, लेकिन, उसके मूह में पनटी डाल दी थी. कुछ देर बाद शारदा का पानी निकलता है और आकाश को भीगा देता है. आकाश फिर अपने 3 उंगलिया डाल कर उसी छोड़ता है. आकाश, शारदा को देखता है, शारदा की आँखें पीछे चली गयी थी और उससे देख कर आकाश को और जोश आता है और वो ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगता है. फिर से कुछ देर के बाद शारदा झाड़ जाती है और उसकी आँखें बंद हो जाती है. शारदा पूरी पसीने से गीली हो जाती और उसकी छाती उपर नीचे हो रही होती है.
आकाश फिर गाड़ी से उतरता है और शारदा के मूह की पनटी निकल देता है और उसके हाथ भी खोल देता है. अब आकाश उससे गाड़ी से नीचे उतरता है और उससे अपना लंड चूसने को कहता है.
आकाश: चल रंडी मेरा लंड चूस. और आचेसे चूसना.
कविता भी नीचे उतरती है और आकाश और शारदा का खेल देखती है. शारदा चुप छाप आकाश का लंड मु में लेती है और चूसने लगती है. चूस्ते वक़्त आकाश को शारदा का दाँत लग जाता है. उससे गुस्सा आता है.
आकाश: आअहह क्या कर रही है मदारचोड़ रंडी. साली छीनाल कही की.
और फिर आकाश उसके बाल पकड़ता है और उससे एक तपद मरता है.
कविता: साली, ठीक से चूसना भी नही आता क्या? तू क्या रंडी बनेगी रे. ठीक से चूस वरना तेरे निपल्स को मरोड़ दूँगी. चल अब चूस ना चालू कर.
शारदा रोने लगती है, उससे समझ नही आ रहा था की ये लोग ऐसा क्यू कर रहे थे. कविता उसके बाल पकड़ कर उससे लंड चूसने कहती है.
कविता: रोने का नाटक मत कर. और चूसना चालू कर.
शारदा चुप छाप आकाश का लंड चूसने लगती है. आकाश ज़ोर ज़ोर से शारदा का मूह छोड़ने लगता है. फिर आकाश उससे खड़ा करता है और उसकी सारी उपर करके, एक तंग कार के बोनेट पर रखता है और अपना लंड उसकी छूट में डाल देता है.
शारदा: आहह आकाश कॉंडम तो लगाओ. प्लीज़.
आकाश: चुप रंडी, आज से बिना कॉंडम के ही छोड़ूँगा तुझे. बड़ी आई सती सावित्री कही की. ये सब नाटक अब नही चलेगा. तू रंडी है मेरी.
आकाश उससे बहरहमी से छोड़ने लगता है. वो कभी उसकी गांद पे तपद मरता तो कभी कविता उसकी गांद पर मारती. उसकी गांद भी लाल हो जाती है. 10 मीं छोड़ने के बाद वो झड़ने वाला होता है.
आकाश: शारदा में झड़ने वाला हू. कहा डालु पानी?
शारदा: प्लीज़ अंदर मत झड़ना. प्लीज़ मेरे मूह में डाल दो.
लेकिन आकाश का कुछ और ही प्लान था.
आकाश: चुप कर तू, मई आज तेरे अंदर ही सारा पानी छोड़ूँगा.
और आकाश अपना सारा पानी शारदा की छूट में छोड़ देता है.
शारदा: नाहहिईिइ प्लेआस्ीई आअहह…
आकाश: आज आया असली मज़्ज़ा. क्यू शारदा?
शारदा: (रोते हुए) तुमने मेरे अंदर क्यू अपना पानी डाल दिया. ये ग़लता है.
कविता: ओ सती सावित्री रोना बंद कर. और उसका लंड अकचे से चूस और सॉफ कर. वरना और 2 लापाद पड़ेंगे.
शारदा, आकाश का लंड चुस्ती है और सॉफ कर देती है और फिर पनटी पहें लेती है. उसका बदन पूरी तरह से दर्द हो रहा होता है.
शारदा: चलो अब घर चलते है. काफ़ी देर हो चुकी है और मेरा बदन पूरी तरह से टूट चुका है.
आकाश: क्या? घर? हाहहः अभी तो रात शुरू हुई है. अभी तेरी असली ट्रैनिंग चालू होगी शारदा मेरी रंडी.
कविता: असली ट्रैनिंग?
आकाश: हा कविता, ये तो बस ट्रेलर था. अभी तो पूरी पिक्चर बाकी है. पूरी रात ट्रैनिंग होगी इसकी.
कविता खुश हो जाती है उससे भी देखना था की आकाश और क्या क्या करता है शारदा के साथ.
अगली स्टोरी में पढ़िए कैसे आकाश शारदा को ट्रैनिंग देता है रंडी बनाने की.