हेलो दोस्तों, चलिए सीधे स्टोरी पे चलते है बिना देर किए. वैसे मेरे बारे में बता डू. मैं पुणे से हू, और एक आवारगे बंदा हू. इस स्टोरी की हेरोयिन है मेरे दोस्त की कंवली, जिसके साथ मैने 2 घंटे सुकून से बिताए, और हमने जो किया वो आप लोग आयेज पढ़ लो.
बात पिछले साल की है फेब्रुवरी 2023 की. मेरे दोस्त की शादी फिक्स हुई, और उसकी शादी महाबालेश्वर में एक होटेल में होने वाली थी. हम सब दोस्त बहुत एग्ज़ाइटेड थे, और शादी का फंक्षन 2 दिन का था. इसलिए वाहा रहने मिलने वाला था. हमने सारा बंदोबस्त कर लिया था पीने का, और अब हमारी जर्नी शुरू होने वाली थी.
महाबालेश्वर ज़्यादा डोर नही इसलिए हम सुबा 8 बजे दोस्त के घर से बस में निकले, जो उन्होने ऑलरेडी ट्रॅवेलिंग के लिए बुक की थी. उसके सारे रिलेटिव्स आयेज बैठ गये, और हम सब दोस्त मस्ती करने पीछे.
हम पीछे मज़ाक मस्ती कर रहे थे, तब मेरी नज़र 1 आंटी पे पड़ी. उसकी उमर होगी कुछ 31-32 की, और कलर सावला था. पर उसके बूब्स देख के दिल खुश हो गया. सारी के नीचे से उसके बूब्स क़यामत ढा रहे थे, और तभी मेरा लंड सलामी देने लग गया.
ट्रॅवेलिंग शुरू हुई, तभी दोस्त बोले चलो अंताक्षरी खेलते है. मैं भी उनके साथ जुड़ गया था. अब सब का ध्यान हम पर था, क्यूंकी ज़ोर-ज़ोर से गाने की आवाज़ आयेज जेया रही थी. हम सब दोस्त एक साइड और दूल्हे के घर वाले एक साइड थे. जब गाने चल रहे थे तब वो भी हमे देख रही थी, पर तभी कोई हुलचल नही हुई.
गाने-गाने में दूल्हे की कज़िन देख के मुस्कुराने लगी. मॅन ही मॅन खुश होके मैं बोला शायद इसकी छूट मिल जाए तो शादी में मज़ा आ जाए. पर वो भी एक अलग स्टोरी है, जो नेक्स्ट टाइम बतौँगा. फिर जब वो आंटी देख रही थी, तो मैने दूल्हे से पूछा-
मैं: भाई ये कों है?
तो उसने बताया की वो उनकी मैड थी, पर घर जैसी ही थी. पूछने पे पता चला उसका नाम रेखा था. अब मैने सोचा माल तो अछा लग रहा था, इसको पता लो. मैने सोचा वो मॅरीड भी दिख रही थी, और मज़े भी आचे देगी.
ऐसी ही 2-2:30 घंटे निकल गये, और हम लोकेशन पे पहुँच गये. सब लोग उतरने लगे. हम सबसे आख़िर में थे, इसलिए लाते नीचे उतरे. उतरने के बाद मैं रेखा को ढूँढ रहा था, तो वो दूल्हे की मा का बाग लिए खड़ी थी. तब मैने उसको ठीक से देखा बूब्स, गांद, स्लिम कमर सब लंड खड़ा करने वाले थे.
मैं उसको घूर रहा था, तभी उसने मुझे देख लिया आंड मैने उसको देख के एक स्माइल दे दी. पहले उसने तोड़ा गुस्से में देखा, लेकिन फिर वो भी हस्स दी. मैने सोचा, चलो काम हो सकता था. वाहा सब को रूम्स दे रहे थे रहने के लिए. हम 3 दोस्तों को एक रूम मिला, और हमारा रूम 4त फ्लोर पे था.
हम लोग रूम में गये, और फ्रेश होके बैठे रहे. दोस्तों ने चुपके से विस्की की बॉटल निकली, और स्माल-स्माल पेग बना लिए. एक-एक पेग मार के हम लोग बाहर निकले, और लिफ्ट की तरफ जाने लगे. तभी वाहा से रेखा रूम से बाहर आई, और वो भी नीचे हॉल में जेया रही थी.
मैने दोस्तों को कुछ नही बताया था, और हम लोग नीचे हॉल में पहुँचे जहा स्नॅक्स रखे थे, और संगीत कुछ देर में शुरू होने वाला था. मैं स्नॅक्स लेके एक चेर पे बैठ गया और डोर से रेखा को ताड़ रहा था. तभी उसने मुझे देख लिया, और स्माइल पास कर दी.
मैं समझ गया की कुछ हो सकता था. संगीत का फंक्षन 10 बजे तक चलने वाला था, और लाते नाइट तक सभी को बाहर घूमना था. मैने सोचा कुछ तो जुगाड़ लगाना पड़ेगा, आज की रात कुछ तो करके ही शांत बैठेंगे.
फिर मैने स्नॅक्स ख़तम किए, और मोबाइल निकाल कर रेखा के पास गया. मैने फेक कॉल पे बात करते हुए उसको पटना चाहा. मैं उसके थोड़े पास गया, जहा से उसको मेरी आवा, सुनाई दे और मैं ऐसे ही बोलने लगा की, “यार कुछ करने का मॅन है, तुम्हारा भी है तो मिलने का प्लान बनाओ”. उसने ध्यान नही दिया. मैं बार-बार रिपीट कर रहा था.फिर उसको समझ आ गया की उसके लिए ही था सब.
मैने आयेज बोला: यहा आवाज़ नही आ रही है बहुत शोर है. मैं रूम में जाके बात करता हू.
और मैने उसको आँखों से इशारा किया और उपर चलने को बोला. बहुत डेरिंग करके मैं वाहा से निकल गया और लिफ्ट से 4त फ्लोर पे आके रुक गया रूम के बाहर.
मैं अब लिफ्ट को देख रहा था. 5 मिनिट बाद लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर से उपर आने लगी. मैने सोचा कों होगा क्या पता. मैं तोड़ा देखता रहा और लिफ्ट का डोर खुला. उसमे से रेखा बाहर आई और मेरे पास आके बोली-
रेखा: क्या चाहिए?
मैने कहा: बोर हो रहा है. क्या हम लोग फ्रेंड्स बन के कुछ बातें करे?
तो वो बोली: हा फ्रेंड्स बन सकते है. पर ज़्यादा टाइम नही है, वरना दूल्हे की मा ढूँढते हुए आएगी.
मैं बोला: चलो मेरे रूम में बैठ कर बातें करे.
उसने पूछा: वाहा कों-कों है?
मैने कहा: अभी तो कोई नही है. सब नीचे फंक्षन में ही है.
तो उसने बोला: कोई आएगा और देखेगा तो ग़लत समझेगा.
मेरे रूम में कोई नही है. मुझे अकेली को वो रूम दिया है. वाहा बैठते है.
मैने कहा: ठीक है.
रूम में जाते ही मैने उसको बोला: थॅंक्स उपर आने के लिए.
तो उसने बोला: वो सब तो ठीक है, तुम मुझे घूर क्यूँ रहे हो सुबा से?
मैने टाइम वेस्ट नही किया और सीधा बोल दिया: तुम अची लगी हो, इसलिए देख रहा था.
उसने कहा: पक्का यही है?
मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा: हा मुझे तुम पसंद आई.
तो उसने हाथ चुधया और कहा: मैं शादी-शुदा हू. मैं ये सब नही कर सकती.
मैने कहा: यहा कोई नही है, ना मैं किसी को बताने वाला हू. आपको सही लगे तो करते है, वरना ऐसे ही ठीक है.
मॅरीड आंटी की एक बात अची होती है. उनको ज़्यादा समझना नही पड़ता. वो सीधा आक्षन में इंटेरेस्ट रखती है. मैने सीधा उसको हग किया, और टाइट पकड़ा. पहले उसने तोड़ा नाटक किया, फिर शांत हुई, और उसने भी हग कर लिया. मैने उसके गाल पे हल्का सा एक किस किया, तो वो शर्मा गयी. मैने सोचा यही सही टाइम था, तो शुरू हो जाओ.
फिर मैने उसके लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए. उसने रेस्पॉन्स नही दिया. मैने फिर भी किस्सिंग जारी रखी. फिर वो गरम हो गयी, और वो भी अब किस करने लग गयी. गरम होंठ उसके मेरा लंड टाइट कर रहे थे. मैने टाइम ना गावते हुए उसकी कमर में हाथ डाला, और ब्लाउस पे से ही उसके बूब्स दबा रहा था. वो गरम हो रही थी, और मुझे ज़ोर से दबा रही थी.
मैने उसके लिप्स छ्चोढ़ दिए, और उसकी गर्दन पे किस करने लगा. फिर अपनी जीभ उसकी गर्दन पे घूमने लग गया. अब वो गरम हो चुकी थी, इसलिए रेज़िस्ट नही कर रही थी. मैने अब उसका पल्लू गिराया, और उसका ब्लाउस खोल के निकाल दिया. उसकी वाइट ब्रा आंड बूब्स मेरे सामने आ गये. मैने ब्रा को खींचा, और बूब्स चाटने और चूसने लग गया. वो भी साथ देने लगी थी.
तभी मैने उसका ब्रा खोल दी, और उसके बूब्स आज़ाद कर दिए. मस्त बूब्स थे उसके. मेरे पूछने पे उसने 34″ साइज़ बताया. मैने मज़े से उसके बूब्स चूस लिए, और दबाने लगा. इसी बीच उसने मेरी त-शर्ट उतरी, और हम हाफ नेकेड हग करने लगे थे.
देखते ही देखते मैने उसको बेड पे धकेल दिया, और उसकी सारी खोल दी. फिर उसके पेटिकोट में हाथ डाल के उसकी निक्कर खींच ली. अब वो सिर्फ़ पेटिकोट में लेती हुई थी. मैने उसको फिरसे 3 मिनिट किस किया, और नीचे आके सीधा अपना मूह उसकी छूट पे लगा दिया.
जैसे पहली बारिश से मिट्टी की खुश्बू आती है, वैसे औरतो की गीली छूट की खुश्बू आती है. मैने उसकी छूट को तोड़ा खोला, और अपनी जीभ से उसकी छूट चाटने लग गया. छूट गीली थी, इसलिए मज़ा भी आ रहा था. ऐसे ही चूस्टे-चूस्टे मैने उसका एक बार पानी निकाल दिया. अब वो शांत हो गयी.
फिर मैं बाहर निकला उसके पेटिकोट से, अपना मूह सॉफ किया, और उसके सामने खड़ा हुआ. अब वो मेरा इशारा समझ गयी थी. उसने मेरी जीन्स खोली, और मेरे लंड को अपने हाथ में लिया, और अपना मूह खोल के उसने मेरा लंड चूसना शुरू किया. अब मैं नंगा हो गया था, और वो पेटिकोट में थी.
उसने मेरा लंड चूस-चूस के खाली कर दिया. अब हम दोनो पड़े रहे बेड पे, और एक ज़ोरदार किस करने लगे.
उसने बोला: सिर्फ़ इतना ही करना है, या छूट में जो आग लगी है उसको भी शांत करोगे?
मैने उसका पेटिकोट भी उतार दिया. फिर उसके पैर फैलाए, और उसकी छूट पर मूह रख दिया, और अब मैं उसकी छूट और गांद दोनो चाट रहा था. उसको मज़ा आने लगा था. मैने तभी उसको पूछा-
मैं: जानेमन तुम्हारा साइज़ क्या है?
तब उसने बोला 34-32-36. सोचो दोस्तों ऐसा मस्त माल सामने नंगा पड़ा है. देखते ही मेरा लंड फिर टाइट हो गया, और मैने चाट कर उसकी छूट गीली कर दी थी. अब मैने मेरा लंड पकड़ा, और उसकी छूट पे सेट किया. फिर एक अछा धक्का लगाया, और लंड छूट को चीरता हुआ अंदर गया. तोड़ा टाइट लगा. शायद 3-4 महीनो बाद चुड रही हो.
उसने मुझे अपने उपर खींचा, और मेरा लंड अंदर घुस गया था. अब मैं उसे मिशनरी पोज़िशन में छोड़ रहा था. उसको मज़ा आ रहा था. दारू की वजह से लंड अब जल्दी पानी नही छ्चोढने वाला था. तो मैं छोड़ रहा था. तब वो झाड़ गयी और बोली-
रेखा: जानू मज़ा आ रहा है, छोड़ मुझे छोड़.
उसकी गरम छूट अब कयामत ढा रही थी. मैने तभी उसको बोला-
मैं: चलो डॉगी बन जाओ.
और वो अपनी गांद उल्टी करके बैठ गयी. मैने पीछे से उसकी छूट में लंड लगाया, और अंदर डाल दिया. डॉगी पोज़ साला होता कामाल का है. मैने लंड अंदर डाल के स्ट्रोक मारना शुरू रखा. 15 मिनिट बाद मेरा होने वाला था, तो मैने बोला-
मैं: कहा निकालु, मेरा होने वाला है?
तो उसने कहा: बाहर निकालो, अंदर मत डालना.
मैने 5-6 स्ट्रोक मारे, और उसको सीधा किया. फिर लंड पकड़ के उसके बूब्स पे माल गिरा दिया. वो सॅटिस्फाइ लग रही थी, और मैं तक गया था. देखते-देखते 2 घंटे हो चुके थे. मैने कपड़े पहने, और अपने रूम में आके शवर ले लिया. फिर एक पेग लगा के नीचे फंक्षन में गया. कुछ देर बाद वो भी नीचे आ गयी. उसके चेहरे पे एक स्माइल थी सॅटिस्फॅक्षन वाली.
तो दोस्तों ये थी रेखा की कहानी. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो फ्रेंड्स में भी शेर करे.