हेलो दोस्तो कैसे है आप सब? आशा करता हू आप ने मेरी मा की सेक्सी कहानी का फर्स्ट पार्ट पढ़ लिया होगा. और उसके बाद आपको भी कोई छूट चाहिए छोड़ने को! :प
कमिंग बॅक तो थे स्टोरी…. मई अपना नंगा लंड अपनी मा के तलवे पे दबा रहा था. रूम मे पूरी तरह अंधेरा था. हुमको नाइट बुल्ड की आदत नही है. मई आराम से अपना लंड खड़ा कर के उसको मा के तलवे से चिपका के धीरे धीरे अपनी कमर हिला रहा था.
मुझे बोहोट अजीब लग रहा था जब मा अपनी बाते बिना रिक्षन दिए कंटिन्यू किए जेया रही थी. मुझे माया की कही बात पे अब पूरी तरह से विश्वास होने लगा था. मैने मा से पूछा
मई: सर दबा डू तेरा?
मा: दर्द तो नही है. पर दबा दे.
मई: तू मेरी गोद मे सर रख दे.
मा उठी और मेरी गोद मे सर रख दिया. मेरा लंड उसकी माँग मे खड़ा हो गया था. मई दोनो हाथो से मा का सर दबाने लग गया.
मा: दर्द तो नही था, पर तू दबा रहा है तो काफ़ी आराम महसूस हो रहा है.
मई ऐसे ही सर दबाते दबाते अपने हाथ उसकी गर्दन से होते हुए पीठ के नीचे डाल के दबाने लग गया.
मा: आह! बोहोट अक्चा लग रहा है बेटा. गोद ब्लेस्स योउ.
मई अपना लंड मा की माँग मे दबा के रखा और पीठ और कंधो की मालिश करने लग गया. मा ने एकद्ूम पतला सॅटिन का गाउन पहना था जिसका होना और ना होना एक बराबर था. मा ने बात करना बंद कर दिया था. मैने पूछा
मई: सुना है पड़ोस वेल मारवाड़ी की बीवी भाग गयी.
मा ने कोई जवाब नही दिया. मुझे मा की शकल दिखाई नही दे रही थी बोहोट अंधेरा था. मई ऐसे ही पीठ और गर्दन सहलाते, दबाते आयेज के बारे मे सोचने लग गया. क्या किया जाए? उतने मे मा की हल्की हल्की खरतो की आवाज़ आने लग गयी.
मैने सोचा, मा तो सो गयी, मतलब अब आयेज कुछ नही हो सकता. मई वाहा से जाने का सोच के मा के सर को दोनो हाथो से पकड़ा और नीचे से खुद ख़ासक के बाहर आने की कोशिश करने लगा.
तब मेरा लंड मा के गाल से टकराया. पता नही कैसे पर मई वही तोड़ा रुक गया और अपने लंड को मा के गाल पे महसूस करने लगा. मा का सिर अब मेरी जाँघ पे था. मई फिर से मा के कंधे दबाने लग गया. मा की नींद थोड़ी से खुली.
मई: सुना है मारवाड़ी की बीवी भाग गयी?
मा: हा भाग गयी किसी सब्ज़ी वेल के साथ.
इतना कह के फिर चुप हो गयी. मई वैसे ही कुछ समय तक मा के कंधे और गर्दन सहला रहा था तब मा के हल्के हल्के खरातो की आवाज़ फिर सुनाई देने लग गयी.
मैने अब अपना हाथ निघट्य के अंदर डालने का सोचा. मई गर्दन के पीछे से मालिश करते करते हाथ नीचे ले जेया के निघट्य के अंदर डाल के मा के कंधे दबा रहा था. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मा के खरातो की आवाज़ एक रिदम मे चल रही थी जिसस से पता चल रहा था के मा गहरी नींद मे है.
मई अब अपने हाथ धीरे धीरे आयेज की तरफ बढ़ने लग गया. मा के ब्रेस्ट बोहोट बड़े नही थे. इन फॅक्ट मा के ब्रेस्ट ही नही थे. एकद्ूम तोड़ा सा नरम हिस्सा और उसके उपर कड़क निपल. मई मा का निप्पल सहला रहा था. और मैने अपना लंड मा के लिप्स पे लगा दिया.
क्या बतौ दोस्तो, मेरे तो कान से जैसे भाप निकालने लग गयी. एक हाथ से मा की छाती सहला रहा था और दूसरे हाथ से अपना लंड मा के लिप्स पे हल्के हल्के रग़ाद रहा था.
काफ़ी समय तक ऐसा करने के बाद मुझे अचानक ध्यान आया के मा के खरते बंद हो गये है. मई तोड़ा परेशान हो गया, कही मा जाग तो नही गयी! पर मैने ध्यान दिया के मा की सासे एक ले मे आराम से चल रही है, मई तोड़ा रिलॅक्स हो गया.
फिर मैने सोचा इसको तोड़ा सा मूह के अंदर घुसता हू. मैने मा की ब्रेस्ट से हाथ हटा के मा की चीन पे रखा और हल्के से दबाने लग गया. मा का मूह तोड़ा खुल गया. मैने धीरे से अपना लंड उसके अंदर डाल दिया.
वाउ.. एकद्ूम ऐसी फीलिंग थी जिसको मई लफ़ज़ो मे बयान नही कर सकता था. मई एक हाथ मा के गाल पे रखा और दूसरे हाथ से उसके बूब्स सहलाने लग गया और अपनी कमर को तोड़ा तोड़ा हिला रहा था. लंड भी तोड़ा गीला हो गया था. बोहोट मज़्ज़ा आ रहा था.
मई सोच रहा था आयेज क्या किया जाए, उतने मे मेरे लंड ने जवाब दे दिया. वो अकड़ने लग गया. मैने उसको जल्दी से मा के मूह से निकाल लिया और हिलने लग गया. उसकी पिचकारिया मैने अपनी मा के उपर, उसकी निघट्य पे ही उड़ाई. कुछ समय मे शांत होने के बाद मई वाहा से उठ के अपने बेडरूम मे आ के सो गया.
वाइफ: उठ जाइए, नास्टा रेडी है.
मैने देखा तो सुबा के 9 बाज गये थे. मई वैसे ही जेया के डाइनिंग टेबल पे बैठे गया. मा न्यूसपेपर पढ़ रही थी. मौसम का हाल चेक करने का सोचा.
मई: गुड मॉर्निंग मा.
मा: गुड मॉर्निंग बेटा.
मई: तू तो बात करते करते ही सो गयी कल.
वाइफ: (किचन से) आप को अभी नास्टा लगा डू या आप पहले नहाएँगे?
मई: पहले नहुँगा.
मा: हा कल तो पता ही नही चला कब आँख लग गयी.
मई: अक्चा है. आज से रोज़ तेरी ऐसी ही मालिश कर दिया करूँगा.
मा: अरे मत कर. मुझे आदत पद गयी है जागने की. और तू ये आदत लगवा देगा तो तेरे जाने के बाद और परेशान होगी.
मई: तू चिंता मत कर. कोई परेशानी नही होगी.
ये कह के मई उठ के उपर चला गया. नहा धो के वापस आया तब तक मेरा बाकचा भी उठ चुका था. फिर दिन भर ऐसे ही बीवी बाकछे के साथ हसी मज़ाक मे गुज़र गया. बीच बीच मे कल रात की याद आती तो लंड खड़ा हो जाता. तब मई जेया के मेरी बीवी को पकड़ के उसको तोड़ा दबा देता. बुत वो अपने काम मे लगी हुई थी.
रात को सब खाना खा कर अपने अपने रूम मे चले गये. मेरी बीवी आज कुछ ज़्यादा ही तक गयी थी तो तुरंत ही सो गयी. मुझे समझ आ गया के आज इसका मूड नही है तो मैने भी ज़ोर मा देते हुए कुछ समय यही पे इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीस पढ़ ली और फिर अपना खड़ा लंड ले के मा के रूम मे पोोच गया.
मा: जल्दी आ गया आज?
मैने आते ही देखा, मा फोन पे लगी हुई थी. मैने लाइट ऑफ कर दी और अपना लंड बॉक्सर के बटन से बाहर निकाला.
मई: हा. सब सो गये तो आ गया.
मा ने अपना फोने साइड मे रखा. मैने मा का पैर उठा के उसके नीचे बैठ गया और उसके पैर के तलवे पे अपना लंड सेट कर के घिसने लग गया.
मई: वो मारवाड़ी की बीवी भाग गयी क्या?
मा फिर बोहोट मज़्ज़े ले के उसके किससे सुनाने लग गयी. और मई अपना लंड मा के तलवे पे घिस रहा था. मारवाड़ी की बीवी के बारे मे ढेर सारे किससे सुनाए मा ने.
मई भी दोनो पैर घुटने तक सहला रहा था. कभी कभी घुटने के पीछे हाथ डाल के वाहा सहलाता तो मा टोने तोड़ा चेंज हो जाता. मेरे कान से फिर भाँप निकालने लग गयी.
मई: चल इस तरफ सर कर के लेट.
मा ने मेरी गोद मे सर रख दिया. मैने आज पहले से उसको मेरी जाँघ पे से कर दिया. मा का मूह मेरे लंड की जड़ की तरफ था और मेरा लंड दूसरी तरफ खड़ा था.
मई: पूजा (कज़िन) के लिए कोई लड़का देखा के नही?
मा फिर से पूजा के किससे बताने मे मगन हो गयी और मई मा की गर्दन से खण्डो तक और फिर पीठ तक हाथ ले जेया के कभी यू ही सहलाता कभी हल्के हल्के दबा देता.
मेरे लंड पे मा की साँसे महसूस हो रही थी जब वो बात कर रही थी. फिर कुछ समय मे मा ने बात करना बंद कर दिया. और कुछ समय मे उसके खरातो की आवाज़ भी आने लग गयी.
मैने अपना हाथ गर्दन से सीधे उसकी निघट्य के अंदर छाती पे रख दिए और दबाने लग गया. ये इन्सेस्ट के ख़याल से ही मेरे अंदर आग सी लग जाती है. मैने अपने एक हाथ से मा का मूह तोड़ा खोला और अपना लंड उसके मूह मे डाल दिया. जन्नत वाली फीलिंग मे डूब गया था. एक हाथ से मा का गाल सहला रहा था और एक हाथ से उसके दूध.
अचानक महसूस हुआ के मा ने अपनी ज़ुबान हिलाई. आह! क्या खरतनाक फीलिंग थी वो. मैने अपना लंड तोड़ा और अंदर घुसाया और हिलने लग गया. और अब तोड़ा ज़ोर ज़ोर से मा की छाती और गाल सहला रहा था. मुझसे रहा नही गया और मेरे मूह से निकल गया.
मई: मा उठ ना.
मा तो हिली भी नही बुत मुझे ही अपनी हिम्मत पे अजीब सा गर्व महसूस होने लग गया. मई और ज़ोर से मा के दूध दबाने लग गया और कमर हिलाने लग गया तब फिर मेरा लंड अकड़ने लग गया और मैने उसको तुरंत बाहर निकाल के मा के शरीर पे अपनी पिचकारी उड़ाई.
कुछ समय तक वैसे ही बैठा रहा. मेरा काम तो हो गया था पर मेरा मॅन नही भरा था. तो मैने मा का सर तोड़ा साइड मे रख दिया और उठ के रूम के कर्टन्स खोल दिए.
बाहर से कुछ रोशनी अंदर आने लग गयी थी. मैने मा की तरफ देखा तो मुझे अब काफ़ी सॉफ दिखाई पद रही थी. मा अपने एक घुटने को मोड़ के सोई थी और उसका वो मुड़ा हुआ पैर पूरी तरह से नंगा था.
उसकी निघट्य एक साइड से उसकी जाँघ तक चढ़ि थी और दूसरे पैर मे घुटने से तोड़ा उपर आ के रूखी थी. मई जेया के उसके साथ लेट गया और मा को कस्स के पकड़ने लग गया. कमज़ोरी की वजह से शायद मा मेरा भार शी नही पाई.
मा: बेटा. तोड़ा दूर सो जेया. मेरा दूं घुटने जाएगा.
इतना कह के फिर चुप हो गयी. मई दर्र के सीधा सो गया. मेरा लंड अब अभी बाहर ही था. मई मा के खरातो का इंतेज़ार करने लग गया. मुझे महसूस हुआ की मा का जो मुड़ा हुआ पैर है वो मेरी तरफ लूड़कने वाला है.
मैने अपने आप को मा के साइड मे ऐसे अड्जस्ट किया जिसस से उसकी जाँघ मेरे लंड पे आ जाए और इंतेज़ार करने लग गया. मा के खरते शुरू हो गये थे. मई बस चुप छाप इंतेज़ार कर रहा था और मुझे ज़्यादा इंतेज़ार नही करना पड़ा.
तो बे कंटिन्यूड..
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आप अपने फीडबॅक और सजेशन्स एमाइल पर भेज सकते है… मई आप सब को रिप्लाइ देने की पूरी कोशिश करूँगा.. महिलाओ से निवदन है के मैल कर के अपने विचार व्यक्त करे और प्रोत्साहन करे.