ये कहानी 2 साल पहले की है, जब सपना की शादी थी. इससे पहले मैं कहानी को आयेज बढ़ौ, पहले मैं सपना के बारे में बता देता हू.
सपना मेरी स्कूल फ्रेंड थी, जो दूध की तरह गोरी और सेक्सी फिगर रखने वाली कमाल की लड़की थी. उसका जिस्म 32-30-32 का है, और उसका बदन बिल्कुल सिल्की है.
दरअसल बात उस वक़्त की है, जब सपना की शादी होने वाली थी, और शादी के दिन बिल्कुल नज़दीक थे, मतलब शादी के एक हफ्ते पहले. सपना ने मुझे फोन किया था, की वो मेरे साथ शादी के कुछ ज़रूरी समान खरीदना चाहती थी.
उसने मुझसे कहा की बहुत से समान ऐसे थे, जिन्हे वो खुद से खरीदना चाहती थी, और घर वालो को ये ज़िम्मेदारी दी गयी तो वो लोग ठीक से समान नही खरीद पाएँगे. इस कारण वो मेरे साथ एक दिन शॉपिंग के लिए निकलना चाहती थी.
वक़्त कम था इसलिए मुझे जल्दी ही वक़्त निकालना था. इसलिए मैने दूसरे दिन का ही टाइम सजेस्ट किया, और वो दिन मेरा कोई काम भी नही था. ठीक दूसरे दिन मुझे सपना के घर से उसे मार्केट के लिए लेकर निकलना था. और ठीक दूसरे दिन हम लोग मार्केट के लिए दिन के 1 बजे निकल गये.
हमारे साथ में सपना की बड़ी बेहन और उसका एक बेटा भी था. हम लोग पार्क स्ट्रीट में मार्केट करने के लिए गये थे, जहा से उसकी बेहन को भी समान लेना था. सपना को मेकप और भी कुछ छ्होटा-छ्होटा समान लेना था. शॉपिंग करते-करते 4 बाज गये शाम के, पर अब भी कुछ बाकी रह गया था. तभी सपना की बेहन ने कहा की अब चलो वापस लाते हो गया है.
क्यूंकी उसकी बेहन के ससुराल वाले भी आने वाले थे, इसलिए उसकी बड़ी बेहन का घर पर होना बहुत ज़रूरी था. पर सपना को अभी पार्लर में अपना हेर कट करवाना बाकी था. मतलब अछा-ख़ासा टाइम लगने वाला था.
तो सपना की बड़ी बेहन ने कहा: हम लोग टॅक्सी करके घर चले जाते है.
और अब तक जो शॉपिंग हुई थी, वो सब वो साथ लेकर चली गयी. उसने सपना को पार्लर और दूसरी शॉपिंग करने के बाद मेरे साथ आ जाने को कहा.
ये बात होने के बाद वो निकल गयी, और मैं सपना को पार्क स्ट्रीट के जॉड हबीब के पार्लर में ले गया. जहा जाने के बाद हमे पता चला की वाहा काफ़ी लोगो का नंबर लगा हुआ था, और हमे टोकन लेना होगा.
तब मैने सपना के लिए एक टोकन ले लिया. फिर पता चला की ढाई घंटे के बाद सपना का नंबर आने वाला था. सपना का आज लास्ट घर से निकलना था. इसलिए उसे ये काम निपटा कर ही घर जाना था. इसलिए हम रुक गये. पर ढाई घंटे काफ़ी होते है, और वाहा बैठने के लिए कोई सीट नही बची थी, इसलिए हम लोग वाहा से निकल कर बाहर चले आए. हमने ढाई घंटे के बाद ही आने का सोचा.
मैने सपना को कहा: चलो पहले कुछ खा-पी लेते है. उसके बाद मार्केट घूम कर वक़्त बिता लेंगे.
तब सपना बोली: नही मैं मार्केट और घूम नही पौँगी. मुझे कही बैठने का मॅन है.
ये सुन कर मैं उसे पास के ही सिटिज़न पार्क के बारे में बोलने लगा की वाहा हम लोग आराम से बैठ कर टाइम पास कर सकते थे. ये सुन कर सपना खुश हो गयी और जल्दी से हम लोग कुछ खा-पी कर सिटिज़न पार्क चले गये.
पार्क जाने के बाद हम लोगों के पास अभी भी 2 घंटे का वक़्त था, और घड़ी में 5 बाज रहे थे. जब पार्क के अंदर एंट्री ली तो देखा की ज़्यादातर सीट्स पर कपल्स बैठे हुए थे.
हम लोग तोड़ा रौंद मारने लगे. तभी एक सीट दिखी जिस पर जल्दी से मैं और सपना बैठ गये. सीट पर बैठने के बाद काफ़ी आराम लगा, और हम लोग इधर-उधर की बातें करने लगे.
आस-पास चारो तरफ रोमॅन्स का माहौल था, जो हम लोग आचे से देख भी रहे थे. जहा भी नज़र उठ रही थी, वाहा पर कोई किस कर रहा था, तो कोई हग कर रहा था.
धीरे-धीरे अंधेरा बढ़ने लगा, और वाहा अब माहौल सेक्स का बनने लगा, जिसे सपना अब ध्यान से देखने लगी थी. सपना के बदन से सतत कर बैठने के कारण मेरा लंड अब हरकत दे रहा था.
पर मैं खुद पर कंट्रोल बना कर रखे हुए था. तब मेरी नज़र सपना पर पड़ी, तो मैने देखा की सपना एक ट्री की तरफ देख रही थी. जब मैने ध्यान दिया तो एक लड़का अपनी गफ़ को लंड चुस्वा रहा था. सपना वो सब देख कर गरम हो रही थी, मानो उसका भी मॅन अब कुछ चाहने लगा था. पर वो खामोश थी.
तब सपना ने मुझे कहा: विकी चलो तोड़ा टहलते है.
और वो मेरे हाथ को पकड़ कर खींच कर मेरे साथ चलने लगी. वो ख़ास कर वो उसी रास्ते पर चल रही थी, जहा पर लाइन से ट्रीस लगी हुई थी. और वाहा ट्रीस के पीछे सेक्स चल रहा था. वो सब देख कर वो बौखला चुकी थी. सपना को काफ़ी मज़ा आ रहा था.
मैं सपना की आँखों में सेक्स आराम से देख रहा था, और मैं ये सब देख कर जोश में आ गया था. मेरा लंड बिल्कुल तन्ना हुआ था, जो कपड़े के अंदर से खड़ा हुआ था.
तब सपना ने मुझे एक ट्री के पास रोक दिया, और ट्री में खुद को सत्ता कर खड़ी हो गयी. अब मैं कन्फर्म हो गया की वो क्यूँ रुकी थी.
मैं भी मौके का फ़ायदा उठना चाहता था, तो मैं सपना के बिल्कुल सामने खड़ा हो गया. कुछ देर मेरी आँखों में आँखें डाल कर देखने के बाद उसने मुझे हग कर लिया, और मेरे लंड पर अपनी छूट कपड़े के उपर से घसने लगी.
मैं अब बर्दाश्त नही कर पा रहा था. मेरा लंड अब छूट के अंदर जाना चाहता था. तब मैने जान-बूझ कर सपना को बोला-
मैं: सपना तुम्हारी शादी होने वाली है. तुम्हारा मुझसे इतना करीब आना प्राब्लम हो सकता है.
ये सुन कर सपना बोली: विकी मुझे जो चाहिए वो पूरा करो. शादी को भूल जाओ अभी, वरना मुझे कुछ हो जाएगा. प्लीज़ तुम जल्दी से मेरी आग को बुझा दो.
ये सुनते ही मैं सपना को पकड़ कर उसके लीप को चूसने लगा. सपना भी मेरे किस का भरपूर जवाब दे रही थी. वो मेरे मूह के अंदर ज़ुबान डाल कर चूस रही थी. कुछ देर ऐसे ही किस करने के बाद मैं उसे ट्री के पीछे ले गया, जहा सपना मेरी पंत के अंदर हाथ डाल कर, मेरे लंड को पकड़ कर हिलने लगी.
मैं सपना के गले में मदहोश हो कर काटने लगा, और उसके दोनो बूब्स को दबा रहा था. फिर मैं सपना के टॉप को उपर करके दोनो बूब्स को एक-एक करके चूसने लगा. वो बहुत जोश में थी.
सपना ने अपने लोंग स्कर्ट को खुद से नीचे करके, अपनी पनटी के अंदर मेरा हाथ डाल कर अपनी छूट में सत्ता दिया. उसकी छूट गीली हो चुकी थी, और छूट पर हाथ फेरने से मेरे हाथ में भी सपना का माल लग कर चिकना हो गया था.
सपना के बूब्स को चूसने के बाद मैने अपनी पंत नीचे की, और साथ ही अंडरवेर भी नीचे कर दिया. वो मेरे लंड को देख कर उसे अपने हाथ में लेकर हिलने लगी. फिर अपने घुटने पे बैठ कर उसे चूसने लग गयी. उसके लंड चूसने का अंदाज़ मुझे ये सॉफ ज़ाहिर कर रहा था, की इससे पहले सपना लंड चूस चुकी थी.
पर जो भी था, मज़ा बहुत आ रहा था. अब मुझे उसकी छूट को छोड़ना था, इसलिए मैने सपना को खड़ा किया, और उसके दोनो पावं को तोड़ा फैलने को कहा.
सपना खुद से अपने पावं को फैलने लगी, और मैं उसकी छूट में बस अपना लंड सेट करने लगा. दो बार मेरा लंड सपना की छूट से फिसल गया.
तब मैने सपना की स्कर्ट को पूरा बाहर किया, और उसके एक पावं को अपने हाथ से उपर करके अपना लंड सपना की छूट में सेट किया, और एक ज़ोर का झटका लगाया. इस कारण मेरा आधा लंड सपना की छूट में घुस गया, और सपना ने बस आअहह की हल्की सी आवाज़ निकली. मुझे पूरा यकीन हो गया की सपना इससे पहले भी चुड चुकी थी.
इसलिए मैने भी अब बगैर देर सपना की छूट में ज़ोरदार दूसरा झटका मार दिया. इस कारण वो तोड़ा ऐंठ गयी, और मेरे लीप को अपने लीप के अंदर डाल कर मेरे होंठ को बुरी तरह चूसने लगी. अब मैं सपना को भूखे शेर की तरह छोड़ रहा था. मैं सपना को उछाल-उछाल कर छोड़ रहा था, और सपना को इसमे बहुत मज़ा मिल रहा था.
क्या बोलू दोस्तों सपना को ऐसे छोड़ने में बहुत मज़ा आ रहा था. मेरे ज़हन में ये चल रहा था की मैं सपना को छोड़ रहा था, जिसकी शादी होने वाली थी, और मुझे इस चुदाई का अंदाज़ा भी नही था की मुझे सपना को छोड़ने मिल जाएगा.
सपना बस आ आ की हल्की आवाज़े कर रही थी, और मैं अपना लंड सपना की छूट की जड़ तक डाल रहा था. कुछ देर ऐसे ही छोड़ने के बाद सपना कामपति हुई झाड़ गयी.
मैं लगातार सपना को छोड़े जेया रहा था, और फिर मैने सपना की कमर को ज़ोर से पकड़ा, और स्पीड में लंड सपना की छूट की गहराई में डालने लगा. तब मैं सपना के लीप को अपने लीप में डाल कर किस करने लगा. 30 मिनिट से ज़्यादा ऐसे ही छोड़ते-छोड़ते मैने सपना की छूट के अंदर ही अपना सारा स्पर्म गिरा दिया.
फिर हम लोग अलग हुए और खुद को सॉफ करके पार्क के वॉशरूम जेया कर फ्रेश हो गये. सपना बहुत खुश थी. जब हम लोग पार्क से निकल रहे थे, तब सपना ने मुझे थॅंक्स बोला, और साथ में ये भी बोली की ये बात बस हम दोनो के बीच में रहे.
फिर हम लोग मार्केट आ कर पार्लर का काम ख़तम करके वापस घर आ गये जहा सपना मेरे कंधे पर सर रख कर पुर रास्ते आई. उसके हफ्ते भर के अंदर सपना की शादी हो गयी. शादी के कुछ दिन बाद सपना कॉल करके मुझसे बोली-
सपना: मैं तुम्हारे बच्चे की मा बनने वाली हू.
क्यूंकी मेरी पार्क वाली चुदाई के बाद और शादी के काई दिन पहले सपना अपने पीरियड्स मिस कर चुकी थी. मतलब मेरी चुदाई से वो प्रेग्नेंट हो गयी थी.
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये कहानी? अगर अची लगी हो, तो इसको फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे.