ही रीडर्स, मेरा नाम अजय कुमार है. मेरी उमर 50 साल है. मैं उप से हू, और मेरा अपना बिज़्नेस है. मेरी हाइट 5’11” है, और एक्सर्साइज़ करने की वजह से मैं फिट भी हू. मेरा लंड 8 इंच का है.
मेरी फॅमिली में मेरे अलावा एक बेटा (विनोद) है, जो अभी कॉलेज में है, और 22 साल का है. और एक बेटी (किंजल) है, जो नर्स है, और 24 साल की है. तो चलिए शुरू से शुरू करते है.
25 की उमर में मेरी शादी हुई, और उस शादी के एक साल बाद मेरे घर में एक नन्ही पारी, यानी की मेरी बेटी आई. उसके 2 साल बाद मेरे घर में एक बेटा हुआ, और हमारा परिवार कंप्लीट हो गया.
अगले 5 साल में मैने अपना बिज़्नेस स्टार्ट किया, और चीज़े बेहतर होती चली गयी. फिर अगले 2 साल में मेरी बीवी मुझे छ्चोढ़ कर इस दुनिया से चली गयी, और मेरी लाइफ सूनी हो गयी. लेकिन अब मुझे सिर्फ़ अपने बच्चो के लिए जीना था, और मैं वैसा ही करने लगा.
टाइम गुज़रता गया, और बच्चे बड़े होने लगे. मैं अपने बच्चो से बहुत प्यार करता था, और उनके दोस्त की तरह था. दोनो पढ़ाई में आचे थे. मेरा बेटा अब 10त में था, और मेरी बेटी 12त में थी.
एक दिन हम तीनो बैठे मोविए देख रहे थे. वो एक लोवे स्टोरी मोविए थी. अचानक से उसमे सेक्सी सीन्स आने लगे, और जब तक मैं चॅनेल चेंज करता तब तक सीन ख़तम हो चुका था.
मेरी बेटी-बेटा बड़े हो रहे थे, और उनमे बदलाव आना स्वाभाविक था. बेटे को तो मैं सब बता सकता था, लेकिन बेटी से मैं हर बात कैसे करता. फिर मैने उनकी मौसी का सहारा लिया. मैने उसको कुछ दिन घर रहने बुलाया, ताकि वो किंजल (मेरी बेटी) को ज़रूरी चीज़े बता सके.
बच्चो की मौसी, यानी की मेरी साली का नाम रूपा था. रूपा 38 साल की थी, और उसका डाइवोर्स हो चुका था. वो काफ़ी सेक्सी थी. उसका फिगर 36-34-38 था, और रंग गोरा था. किंजल को उसने लड़कियों के बारे में सब ज़रूरी चीज़े बता दी थी.
फिर एक दिन मैं घर पर था, और बच्चे स्कूल गये हुए थे. रूपा मेरे पास आई, और हमारी बातें शुरू हुई. वो मेरे सामने सोफा पर बैठी थी, और उसने कहा-
रूपा: और बताए जीजू, आप कैसे हो?
मैं: बस बढ़िया. सब ठीक है. तुम बताओ.
रूपा: जीजू आपको अकेला फील नही होता? मुझे तो रमेश ( उसका जे-हज़्बेंड) को छ्चोढने के बाद बहुत अकेला-अकेला फील होता है.
मैं: हा होता तो है, लेकिन मैं मॅनेज कर लेता हू.
रूपा ने उस वक़्त लेगैंग्स और शर्ट पहना हुआ था. वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी. उसने दुपट्टा नही ले रखा था, तो उसकी क्लीवेज सॉफ नज़र आ रही थी. वैसे तो मैने रूपा को कभी उस नज़र से नही देखा था, लेकिन जिस तरह से वो मुझसे बात कर रही थी, मुझे कुछ अलग ही फील हो रहा था.
रूपा: वैसे जीजू अगर आप चाहो तो हम दोनो एक-दूसरे का अकेलापन कुछ कम कर सकते है.
उसकी ये बात सुन कर मुझे थोड़ी उत्तेजना होने लगी.
मैं: आक्च्युयली रूपा मैं आप किसी की ज़िम्मेदारी नही ले सकता.
रूपा: जीजू मैं ज़िम्मेदारी की बात कहा कर रही हू. मैं तो बस प्यार लेने और देने की बात कर रही हू.
मैं उसकी बात सुन कर सोचने लगा. वैसे मेरे मॅन में लड्डू फुट रहे थे. आज इतने सालों बाद किसी औरत से मेरी ऐसी बातें हो रही थी. फिर रूपा मेरे पास आ गयी, और घुटनो पर बैठ कर बोली-
रूपा: बोलिए ना जीजू. प्यार तो कर सकते है ना आप अपनी साली को?
और ये बोल कर उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया. उसका हाथ लंड पर पड़ते ही मेरा लंड उछालने लग गया. मैने एक सेकेंड भी वेट नही की, और उसकी गर्दन पर पीछे से हाथ रख कर अपने होंठ उसके होंठो से मिला दिए.
बहुत सालों बाद आज मैं किसी औरत के होंठो को चूस रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था. रूपा भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. वो मेरी जीभ को अपना दांतो से पकड़-पकड़ कर चूस रही थी.
हम दोनो की साँसे तेज़ हो गयी थी, और दोनो में से कोई भी दूसरे के होंठ छ्चोढने को तैयार नही था. फिर मैने अपना दूसरा हाथ रूपा के लेफ्ट बूब पर रखा.
वाह क्या बूब था, एक-दूं मुलायम और बहुत बड़ा और मोटा. मैं उसके बूब को दबाने लगा, और वो मेरे होंठ काट-काट कर चूसने लग गयी. फिर हम दोनो खड़े हुए, और मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया.
मैने उसको अपने साथ चिपका लिया, और हम दोनो फिरसे दीवानो की तरह किस करने लग गये. मेरे हाथ उसकी मोटी गांद तक पहुँच चुके थे. जब मैने उसकी मोटी गांद को दबाया, तो मुझे लगा जैसे मैं रयी वाला पिल्लो दबा रहा हू.
मेरी साली वो कुआ थी, जो खुद बहुत प्यासा था. लेकिन इतने सालों तक मैने उसको नज़र-अंदाज़ किया. चलो देर आए दुरुस्त आए. उसकी लेगैंग्स में क़ास्सी हुई मुलायम गांद को दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था.
आयेज से मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी जांघों में टकरा रहा था. फिर उसने मेरे लंड पर पंत के उपर से हाथ रखा, और उसको मसालने लग गयी. इतने सालों बाद कोई औरत मेरा लंड मसल रही थी.
फिर मैने उसका शर्ट उतार दिया, और अब वो मेरे सामने ब्रा और लेगैंग्स में थी. उसके बूब्स ऐसा लग रहा था जैसे 2-2 लीटर रस्स से भारी हुई बॉटल्स हो. मैने उसको अपनी तरफ खींचा, और उसकी क्लीवेज में क़िस्सिया करने लगा.
वो मेरे सर को अपनी ब्रेस्ट में दबा रही थी, और मुझे अपने जिस्म की गर्मी से वाकिफ़ करवा रही थी. फिर मैने अपने एक हाथ से उसकी ब्रा के हुक को खोला, और उसको उसके बदन से अलग कर दिया.
अब उसके दो बड़े-बड़े रस्स के प्याले मेरी आँखों के सामने थे. उसकी चैन उसके बूब्स के बीच में घुस चुकी थी, और लॉकेट कही खो गया था बूब्स में.
फिर जैसे ही मैं उसके निपल को मूह में डालने लगा, डोरबेल बाज गयी. मैने घड़ी की तरफ देखा, तो ये बच्चो के आने का टाइम था. मैं तोड़ा घबरा गया, और रूपा को बोला-
मैं: रूपा बच्चे आ गये है. हम रात में बच्चो के सोने के बाद कंटिन्यू करेंगे.
रूपा: कोई बात नही जीजू. मैं रात होने का इंतेज़ार करूँगी.
और ये बोल कर उसने मुझे आँख मार दी. मैने उसको स्माइल दी, और दरवाज़ा खोलने चला गया.
आयेज क्या हुआ, ये जानने के लिए अगला पार्ट ज़रूर पढ़े. यहा तक कहानी आपको कैसी लगी ज़रूर बताए. और अगर मज़ा आया हो, तो इसको दोस्तों के साथ शेर ज़रूर करे.