ही दोस्तों, मेरा नाम अनुभव है. मेरी उमर 34 साल है, और मैं उप का रहने वाला हू. मेरी शादी हो चुकी है, और मेरा एक बच्चा भी है. हाइट मेरी 5’9″ है, और बॉडी अची है. मैं एक्सर्साइज़ करता हू, और अपनी उमर से 5 साल कम ही लगता हू.
मेरी बीवी का नाम रामा है, और वो 28 साल की है. उसके एक बेहन भी है जो 19 साल की है. उसका नाम पूजा है. रामा की मुझसे शादी होने के बाद उसके घर में सिर्फ़ उसके मा-बाप और बेहन ही रह गये है. उसका कोई भाई नही है.
ये बात 3 महीने पहले की है. रामा की किसी कज़िन की शादी थी, तो उन्होने हम सब को शादी पर बुलाया था. वाहा 3 दिन का फंक्षन था. फिर मैं और रामा उसके घर पहुँच गये, क्यूंकी वही से सब ने फंक्षन के लिए निकलना था.
उस दिन मैं काफ़ी टाइम बाद रामा के घर गया था. वाहा मैने पूजा को देखा, जो पहले से काफ़ी बड़ी, और हरी-भारी हो चुकी थी. वो मुझे देखते ही मुझसे गले मिली, और उसके 34″ के बूब्स मेरी चेस्ट में डाबब गये. फिर जब वो मुझसे अलग हुई, तो मैने उसको उपर से नीचे देखा.
मैने नोटीस किया की मेरी साली अब जवान हो गयी थी. उसका फिगर 34-30-34 के आस-पास था. फिर मैने उसको इग्नोर किया, क्यूंकी मेरे लिए अभी वो एक बच्ची ही थी.
फिर जब मैं सोफा पर बैठा था, तो वो छाई देने आई. जब वो झुकी, तो मेरी नज़र सीधे उसकी क्लीवेज पर गयी. उसने लेगैंग्स और लूस त-शर्ट पहनी थी. उसकी लेगैंग्स में उसकी क़ास्सी हुई जांघें सेक्सी लग रही थी, उसकी लूस त-शर्ट में उसके तनने हुए बूब्स सॉफ पता चल रहे थे.
उसको देख कर मेरा लंड अब कसने लगा था. मैं ना चाहते हुए भी उसको इग्नोर नही कर पा रहा था. फिर जब वो जेया रही थी, तो मेरी नज़र उसकी मटकती हुई गांद पर जेया रही थी.
दोस्तों मर्द चाहे कुवरा हो, या शादी-शुदा दूसरी लड़कियों और औरतों पर नज़र जाती ही है. फिर चाहे वो कितना भी अपने आप को रोक ले. अपनी बीवी को छोड़-छोड़ कर भी वो बोर हो जाता है. रोज़ वही छूट और गांद, लेकिन कब तक.
फिर दिन बीता, और फंक्षन पर जाने वाला दिन आया. सब तैयार हो चुके थे. मैं सबसे पहले तैयार होके हॉल में सोफा पर बैठा था, और बाकी सब के आने की वेट कर रहा था. तभी पूजा तैयार होके बाहर आई.
उसने ऑरेंज कलर का लहंगा पहना हुआ था. और उसमे वो बवाल लग रही थी. उसका ब्लाउस स्लीव्ले था, और कमर पूरी दिख रही थी.
ब्लाउस की लेंग्थ उतनी ही थी, जितनी बूब्स को कवर कर पाए. बूब्स काससे होने की वजह से उसकी क्लीवेज दिख रही थी. उसको देखते ही मेरे मूह में तो पानी आ गया. मैने उसको बोला-
मैं: क्या बात है, आज तो पूरी तैयारी है.
पूजा: तैयारी तो करनी पड़ती है जीजा जी.
और ये बोल कर उसने मुझे आँख मार दी. फिर जब वो मूडी, तो उसकी कमर मस्त मटक रही थी. फिर हम सब गाड़ी में बैठे और फंक्षन पर चले गये. फंक्षन एक बड़ी हवेली में था. वाहा पहुँच कर मेरी नज़र पूजा पर ही थी.
उसको देख-देख कर मैं पागल हो रहा था. मेरे अंदर उसके लिए हवस जाग रही थी. मैं चाह कर भी उस कमसिन छूट को इग्नोर नही कर पा रहा था. 1-2 घंटे बीतने तक मैने ये सोच लिया था, की मुझे उसको छोड़ना था. बस अब एक मौके की तलाश थी.
फिर थोड़ी देर मैं वैसे ही उसको नोटीस करता रहा. तभी मैने देखा, की वो उपर वाले कमरे में जेया रही थी, जो की दुल्हन के रेडी होने का कमरा था. मैने सोचा की उसके पीछे जौ.
ये सोच कर मैं खड़ा हुआ, और सीडीयों के पास पहुँचा. जैसे मैं उपर जाने लगा, मैने देखा पूजा वापस नीचे आ रही थी. फिर वो स्माइल करते हुए मेरे पास से गुज़री. मुझे उसकी खुश्बू ने मोहित कर दिया.
तभी वाहा शोर मचने लगा. जिस लड़की की शादी थी, वो चिल्लाते हुए उपर से नीचे आई. जब उसके पेरेंट्स ने उससे पूछा, तो उसने बताया, की उसका हार गायब था. सब परेशन और हैरान हो गये.
उनका एक रिश्तेदार पोलीस में था. उसने उनको बाहर जाने के सारे रास्ते बंद करने को कहा. अब हवेली के सारे दरवाज़े बंद कर दिए गये. फिर पोलीस वाले ने खुली अनाउन्स्मेंट करी, की जिसने हार चुराया या देखा है वो अभी बता दे. अगर पकड़ा गया, तो सज़ा होगी.
मैने देखा की पूजा की शकल पर घबराहट थी. मुझे लगने लगा था, की कही उसी ने तो हार नही उठाया. ये सोच कर मैं उसकी तरफ बढ़ने लगा. तभी वो नज़र बचा कर एक रूम की तरफ जाने लगी. मैं भी उसके पीछे चल दिया.
मैं च्छूप कर उसके पीछे जेया रहा था, ताकि मुझे पता चल सके की मेरा शक सही था या नही. वो रूम के अंदर चली गयी, और उसने दरवाज़ा धीरे से बंद कर लिया. मैं भी जाके विंडो के पास खड़ा हो गया, और अंदर झाँकने लगा.
पूजा बहुत घबराई हुई थी, और इधर-उधर घूम कर सोच रही थी. बाहर सारे लोगों की तलाशी शुरू हो चुकी थी. तभी उसने अपने लहँगे में हाथ डाला, और अंदर से हार बाहर निकाल लिया.
मेरा शक सही था. वो उपर से हार चुरा कर लाई थी, और उसने वो हार अपनी पनटी में च्छुपाया था. मुझे ये सब एक मौके जैसा लगा. मैने जल्दी से दरवाज़ा खोला, और अंदर चला गया.
मुझे देख कर उसकी साँसे ही थम गयी. तभी मैने उसको बोला-
मैं: पूजा ये तूने क्या किया.
पूजा: जीजू ई आम सॉरी. मेरी हेल्प कर दो ना प्लीज़.
मैं: इसको वापस डेडॉ.
पूजा: नही मैं नही दूँगी.
फिर मैने दिमाग़ लगाया, और उसको बोला-
मैं: ऐसा करो इसको पंखे के उपर लपेट दो. मौसम तोड़ा ठंडा है. ना कोई पंखा चलाएगा, और ना किसी को पता चलेगा. फिर वापस जाते हुए निकाल लेना.
पूजा: ठीक है जीजू.
फिर उसने उपर देखा और पूछा-
पूजा: लेकिन इसको उपर टांगू कैसे?
मैं: आओ मैं तुम्हे उपर उठता हू.
फिर मैं नीचे हुआ, और उसकी जांघों से पकड़ कर उसको उठाया. क्या मस्त फीलिंग आ रही थी. वो मेरी बाहों में थी. उसकी नाभि पर मेरा मूह लग रहा था. उसकी खुसबु मुझे पागल कर रही थी.
मैने फिर अपना मूह उसकी नाभि में घुसा दिया, और उसके चूतड़ दबाने लगा.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगला पार्ट बहुत मज़ेदार होने वाला है, तो ग़लती से भी मिस ना करे.