ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़ा है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं और मा मेरे ननिहाल पहुँच चुके थे. वाहा पर मेरी नज़र मेरी मामी पर भी पद गयी. फिर रात के टाइम मैने अपनी मा के जिस्म का मज़ा लेना शुरू किया. मा का पेट मेरे सामने नंगा था. अब आयेज बढ़ते है.
मैने मा का शर्ट जितना हो सके उतना उठा दिया था, और अब मा का नंगा पेट मेरे सामने था. पहले मैने मा की नाभि पर हल्का सा किस किया. क्या सॉफ्ट स्किन थी मेरी मा की. फिर मैं उनके पेट पर अपनी जीभ फिरने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब इससे ज़्यादा तो मैं क्या ही कर सकता था.
फिर मैने अपने नीचे के कपड़े उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया. मेरा लंड उछाल रहा था, और चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार था. फिर मैने अपनी कमर को तोड़ा सा आयेज किया, और अपने लंड को मा के पेट पर रख दिया.
जब मेरे लंड को मा की स्किन फील हुई, तो मुझे एक ज़बरदस्त एहसास मिला. वो एहसास इतना मज़ेदार था, की मैं आपको क्या ही बतौ. मैं धीरे-धीरे अपने लंड को मा के पेट पर रगड़ने लग गया.
इससे मुझे और भी मज़ा आने लग गया. मैं सोच रहा था, की जब पेट पर लंड घिसने में इतना मज़ा आ रहा था, तो छूट में डाल कर कितना मज़ा आता होगा.
इससे पहले की मैं आयेज कुछ करता, मम्मी हिल गयी. मैने जल्दी से अपने कपड़े पहने, और सो गया. मा तभी उठी तो उन्होने देखा उनका शर्ट उपर हुआ पड़ा था. उन्होने शर्ट नीचे किया, और दूसरी तरफ फेस करके सो गयी. अब मा की मोटी गांद मेरी तरफ थी. लेकिन उनके साथ कुछ और करने की हिम्मत अब मुझमे नही थी.
फिर अगले दिन जब मैं उठा, तो मा बेड पर नही थी. मैं फ्रेश हुआ, और फिर नहा लिया. नहा कर जब मैं बाहर आया, तो नाश्ता रेडी था. मामी ने मुझे आते हुए देखा, और बोली-
मामी: आजा मानव गरम-गरम ब्रेकफास्ट रेडी है.
उन्होने सारी पहनी हुई थी, और उनके मोटे-मोटे बूब्स के सॉफ दर्शन हो रहे थे. क्यूंकी उन्होने पल्लू को इकट्ठा करके लपेटा हुआ था. उनकी सेक्सी नाभि भी मुझे दिख रही थी.
मैं टेबल पर अकेला ही था, क्यूंकी बाकी लोगों ने नाश्ता कर लिया हुआ था. मेरी नज़र नाश्ते की प्लेट पर कम, और उनकी बॉडी पर ज़्यादा थी. मामी ने भी ये नोटीस कर लिया था. फिर वो मुझे पूरी परोसते हुए धीरे से बोली-
मामी: अब देखता ही रहेगा या खाएगा भी (उन्होने ये बोल कर मुझे आँख मार दी).
उनसे ऐसी बात सुन कर मैं हैरान हो गया. फिर मैने दोबारा उनकी तरफ नही देखा. कुछ देर बाद नाना जी को हॉस्पिटल चेक-उप के लिए लेके जाना था. मम्मी, नानी, आंड मामू उनके साथ जेया रहे थे. अब घर पर मैं और मामी ही थे.
मैं अपने रूम में गया, और मोबाइल पर ग़मे खेलने लगा. कुछ देर में मुझे मामी की आवाज़ आई. मामी मुझे अपने रूम से आवाज़ दे रही थी. मैं जब उनके रूम में गया, तो वाहा का सीन बहुत ज़बरदस्त था.
मामी बेड पर उल्टी लेती हुई थी. उनकी सारी के पल्लू नीचे लटका हुआ था, और उनके ग्रीन ब्लाउस में उनके मोटे-मोटे बूब्स ज़बरदस्त क्लीवेज बना रहे थे. पीछे से उनकी पूरी कमर नंगी नज़र आ रही थी. मेरा तो उनको देखते ही लंड खड़ा हो गया. मैने उनके रूम के गाते पर खड़ा होके पूछा-
मैं: जी मामी, बताइए.
मामी: अंदर आजा, शर्मा क्यूँ रहा है.
मैं: नही ऐसा नही है.
और मैं अंदर चला गया. जैसे-जैसे मैं मामी की तरफ बढ़ रहा था, उनके जिस्म का नज़ारा और सेक्सी लग रहा था. दिल तो कर रहा था की उनको नंगा कर डू, और पलंग-तोड़ चुदाई करू. फिर पास जाके मैने पूछा-
मैं: हंजी बताइए.
मामी: मानव मेरी बॅक में तोड़ा दर्द है, ज़रा दबा देगा?
मैं: हा ज़रूर मामी.
मामी: चल आजा उपर.
फिर मैं बेड पर चढ़ गया, और मामी की कमर के पास जाके पालती मार कर बैठ गया. फिर मैने अपने हाथ मामी की पीठ पर रखे. जैसे ही मैने उनकी पीठ को हाथ लगाया, मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया. मेरे हाथ काँपने लगे.
तभी मामी बोली: अर्रे घबरा क्यूँ रहा है? रात में मम्मी को तो बड़े आचे से टच कर रहा था.
उनकी ये बात जैसे ही मेरे कानो में पड़ी, मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये. मुझे समझ नही आया की मामी को ये सब कैसे पता था. फिर मैं कुछ सोच कर बोला-
मैं: मामी आप क्या बोल रहे हो? मम्मी को मैने टच किया? कब टच किया?
मेरे ये बोलते ही मामी सीधी हो गयी. मामी का पल्लू साइड में ही था, और मेरे सामने मामी ब्लाउस में थी, और कमर के नीचे सारी थी. ये सीन देख कर तो मेरी आँखें फटत गयी. ऐसा लग रहा था किसी ने मेरे सामने रसगुल्ला रख दिया हो, और मैं उसको खाने के लिए तड़प रहा हू. मेरी नज़र मामी की क्लीवेज पर थी, और तभी मामी बोली-
मामी: बेटा इतना भोला मत बन. सब पता है मुझे. मैं कल से तुझे नोटीस कर रही हू. स्टेशन पर तेरा लंड खड़ा हुआ था. फिर डिन्नर टेबल पर भी तू अपनी मा और मुझे देख रहा था. तेरी नज़र जहा-जहा जेया रही है, सब मैने देखा है. अभी भी तेरी नज़र कहा है मैं देख रही हू.
ये सुन कर मैने उनकी क्लीवेज से नज़र हटा ली, और उनके फेस की तरफ देखने लगा.
मामी: और जो तू रात में अपनी सोई हुई मा के साथ कर रहा था, वो सब भी मैने देखा है.
उनकी ये बात सुन कर मैं उनको हैरानी से देखने लगा.
मामी: ये मत समझना की मैं ऐसे ही हवा में तीर चला रही हू. इस घर में हर रूम में देखने का जुगाड़ है मेरे पास.
मामी की इन सब बातों को सुन कर मैं हैरान और परेशन दोनो हो गया. मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या सफाई डू. और कोई सफाई देने का फ़ायदा होगा भी या नही.
इसके आयेज क्या हुआ, और मामी ने मुझसे क्या कहा, ये सब आपको अगले पार्ट में जानने को मिलेगा. तब तक के लिए इस पार्ट का मज़ा ले, और स्टोरी लिंक अपने फ्रेंड्स ग्रूप में शेर ज़रूर करे.