हेलो फ्रेंड्स, मैं राज फ्रॉम देल्ही एक अपनी सॅकी इन्सेस्ट कहानी बताने जेया रहा हू. जो मेरे फूफा जी की बेटी के साथ हुआ. यानी मैने कज़िन सिस्टर को छोड़ कर उसकी सील तोड़ी, और उसे अपनी रंडी बनाया.
सिस्टर का नामे रिया है. गोरी-चित्ति माल, 34″ के बूब्स, 28″ की कमर, और 32″ की गांद में वो किसी पोर्नस्तर से कम नही लगती है. रिया को जो देखता है एक ही बात कहता है, की क्या मस्त माल है साली. इसको तो ज़िंदगी भर रखैल बना कर रख लू ऐसी रॅंड है साली. अब कहानी पर आता हू.
रिया और मैं बचपन से ही बहुत घुले-मिले हुए थे. वो मुझसे एक साल छ्होटी है. रिया के दाद की सरकारी जॉब थी, जो कुछ सालो बाद दूसरी सिटी ट्रान्स्फर होती रहती है. जिसकी वजह से रिया कही और शिफ्ट हो गयी, और मैं देल्ही में ही रह गया.
उसके बाद मैं रिया से सीधा उसकी जवानी में मिला. वो कॉलेज फर्स्ट एअर के एग्ज़ॅम देकर हमारे घर पर वाकेशन एंजाय करने आई थी. मैं भी फाइनल एअर का एग्ज़ॅम देकर घर पर ही रहता था. एक दिन न्यूज़ मिली की रिया आने वाली थी. मैं बहुत खुश हुआ की इतने सालो बाद उससे मिलूँगा.
अगले दिन रिया आई. मैं उसे देखते ही रह गया. उसकी आगे उस वक़्त 19 साल थी, और क्या लग रही थी वो जीन्स और टॉप में. मेरी तो नज़र ही नही हॅट रही थी उससे. तब वो ही मुझसे बोलती है-
रिया: मुझे नही पहचाने क्या भाई? मैं आपकी छ्होटी बहना रिया. ऐसे क्यूँ देख रहे हो?
मैं: बहना इतने सालो बाद तुझसे मिल रहा हू, आचे से देख तो लेने दे.
रिया: आराम से देख लेना. मैं एक मंत यही रहने वाली हू.
मैं: वैसे तू काफ़ी बड़ी हो गयी है और हॉट भी.
रिया: तू बहुत बदतमीज़ हो गया है.
उसके बाद वो मों दाद से कुछ बात की और फिर उसके सोने का इंतेज़ां होने लगा की वो कहा सोएगी. गर्मी का दिन था, तो एसी एक मों दाद के रूम में लगा हुआ था, और एक मेरे. तो फैंसला हुआ की रिया मेरे कमरे में मेरे साथ ही सोएगी.
ये सुन कर मैं बहुत खुश हुआ की दोनो साथ सोएंगे. रात में रिया लोवर और टॉप पहन कर सोने आई थी. वो मस्त लग रही थी. हम दोनो में कुछ नॉर्मल बात हुई, और दोनो सो गये. एक वीक तक ऐसे ही रहा. उसे मैने घुमाया-फिराया मूवीस, शॉपिंग सब कराया.
उसके बाद एक रात वो टॉप और घग्रा पहन कर सोने आई, और कुछ ऐसा हुआ की उसके घाघरे से उसकी रेड कलर की पनटी दिख गयी मुझे. उसे देख मेरा लंड टाइट हो गया. मैने अपने आप को कंट्रोल किया, और सोचा आज इसकी जवानी के बारे में पता करता हू, और फिर बात स्टार्ट की.
मैं: बहना, तुम मस्त लग रही हो इस ड्रेस में.
रिया: थॅंक्स भाई, वैसे क्या मस्त लग रहा है मेरे भाई को इस बहना का?
मैं: मस्त तो तुम ही लग रही हो, पर ये घग्रा कुछ ज़्यादा ही अछा लग रहा है.
रिया: तुम भी स्मार्ट और हॅंडसम हो गये हो. गर्लफ्रेंड तो बहुत खुश रहती होगी?
मैं: मेरी कोई गफ़ नही है बहना. तुम्हारा तो पक्का ब्फ होगा, इतनी हॉट जो हो गयी हो?
रिया: ट्राइ तो बहुत सारे लड़के किए, पर किसी को मौका नही दी ब्फ बनने का. पर तुम्हारी कोई गफ़ ना हो ऐसा नही हो सकता. जाईपुर से आए हो, और वाहा कोई ना हो, मान नही सकती मैं.
(मैं स्कूल के बाद जाईपुर चला गया था पढ़ने के लिए. वही मैने इन्सेस्ट के बारे में सब जाना और वाहा पर एक भाभी और दो गफ़ की दो साल भरपूर चुदाई की थी. उसके बाद से ही मुझे चुदाई की लत लग गयी थी. पर अभी रिया को सिर्फ़ भाभी के बारे में बतौँगा, ताकि उसे भी इन्सेस्ट की फीलिंग आए).
मैं: जाईपुर में जिस प्ग में रहता था, उस प्ग की भाभी ही मेरी गफ़ थी. भाभी को उसका पति सेक्षुयल सॅटिस्फॅक्षन नही दे पाता था, तो एक दिन भाभी जब अकेली थी, मुझे डिन्नर पर बुला कर सिड्यूस करने लगी. मैं भी होश खो बैठा, और वो मेरी गफ़ बनी रही.
रिया तोड़ा गरम हो गयी बात सुन कर. पर अपने आप को वैसा ना शो करते हुए बोली-
रिया: बेहन से कैसे बात करनी है, ये भी तुम भूल चुके हो उस भाभी के चक्कर में? मैं अब सोने जेया रही हू, तुम भी सो जाओ.
उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही गुज़र गये, और रिया नेक्स्ट दे वापस जाने वाली थी अपने घर. पर जाने से पहले वाली रात वो सोने के वक़्त सिर्फ़ शॉर्ट निघट्य घुटने से उपर तक, विदाउट ब्रा और पनटी में आई. जिसे देखते ही मेरा लंड बॉक्सर में पूरा खड़ा हो गया, जो रिया भी समझ रही थी.
रिया मेरे पास एयेए कर बोलती है: राज तू मेरा कज़िन भाई है, और बचपन में हम लोग साथ में नंगे नहाए है. इसलिए मैं तुमसे इतना ओपन्ली बात करती हू की तुमसे क्या च्छुपाना. तो हम लोग सब शेर कर सकते है एक-दूसरे से. ये बताओ मैं कैसी लग रही हू?
मैं: पूरी आइटम लग रही हो सेक्सी आंड हॉट, पूरी ज़बरदस्त माल.
रिया: तुम्हारी गफ़ भाभी से कम आइटम हू या ज़्यादा?
मैं: ऑफ कोर्स मेरी बहना है. तेरे सामने सब फैल है, आज ऐसा माल लग रही हो.
रिया: अछा फिर ये बताओ, तुमने भाभी को डेली सॅटिस्फाइ करते थे?
मैं: डेली नही, पर हफ्ते में 3-4 बार कर देता था. वो भी पूरा साथ देती थी.
रिया: तुम्हारा अंदर से काफ़ी बड़ा लग रहा है. क्या साइज़ है तुम्हारे लंड का?
मैं: 8 इंच का है मेरा लंड, देखोगी?
रिया: नही मैं ऐसे ही पूछी.
मैं: तेरे बूब्स और गांद भी काफ़ी बड़े हो गये है. कितनो से मसालवाया है इन्हे सच बताओ?
रिया: कॉलेज में हम लोगों को बाय्स के साथ बैठना पड़ता है. एक बार कुछ महीनो के लिए मुझे दो लड़को के साथ बिता दिया गया था. वो दो लड़के बहुत हरामी थे.
मैं: अछा क्या किया उन्होने तुम्हारे साथ?
रिया: वो दोनो हमेशा कुछ बहाने से मेरे बूब्स और गांद पर हाथ टच करने लगे थे. मुझे भी अछा फील होता था, तो कभी माना नही किया.
मैं: मुझे लग ही रहा था की इस पर किसी ना किसी का हाथ है. और क्या-क्या किया उन लोगों ने तेरे साथ?
रिया: उन दोनो को उससे ज़्यादा कुछ नही करने दिया. मैं सोची अछा है इन्हे मेहनत करने दो बड़े करने में. सिर्फ़ अपने बूब्स और गांद मसळवती थी उन दोनो से, और उनके लंड को पकड़ कर मसालती थी. उतने में ही वो लोग पानी छ्चोढ़ देते थे. उनके लंड भी छ्होटे थे.
मैं: तू तो पूरी रंडी निकली बहना. फिर मेरा लंड भी मसल दो ना.
रिया: हा भाई, अपना लंड दिखाओ ना मुझे देखना है.
मैने अपना बॉक्सर उतार दिया. लंड पूरा खड़ा था. मैं पूछा-
मैं: ये देखो कैसा है?
रिया: वाउ, मस्त है. ये तो काफ़ी बड़ा है. भाभी तो पूरी खुश रहती होगी.
मैं: तुम भी पूरी खुश रहोगी बहना. ये लो मेरे लंड को मस्लो, और इसका पानी निकालो आज तुम.
रिया लंड को टच करते हुए हाथ उपर-नीचे करने लगी थी, और बोलती है: बहुत गरम है भाई. और उन दोनो से काफ़ी लंबा.
मैं: ई वॉंट तो सी युवर पुसी सिस. मुझे भी देखनी है अपनी बहना की छूट.
रिया: आज नही भाई, आज रात मैं सिर्फ़ अपने बूब्स और आस दिखौँगी तुम्हे. अगली बार जब मिलोगे तब कुछ होगा. वैसे तो मिलते नही हो, पर बेहन छूट की तड़प में तो मिलोगे.
मैं: अब मैं तुम्हे कभी नही छ्चोढ़ सकता बेहन.
और मैं उसे किस करने लगा. मैने सीधा उसका लिप्स पर ही अटॅक किया और चूसने लगा. रिया भी पूरा साथ देने लगी. वो मेरी गोद में बैठ कर किस करने लगी.
मैं भी उसके लिप्स और गर्दन को हर जगह चाटने लगा, किस करने लगा.
रिया: आह, बहुत अछा लग रहा है भाई. ई लोवे योउ.
मैं: ई लोवे योउ टू बहना.
और मैं उसके बूब्स पर हाथ रख कर मसालने लगा. उसकी आस को मसालने और चूसने भी लगा.
रिया: बहुत मज़ा आ रहा है भाई. ऐसे ही मसलते रहो, ई लीके इट.
मैं उसके बूब्स को उसकी निघट्य के उपर से ही मसल रहा था. अब मैं उसकी निघट्य को निकाल दिया. वो अब सिर्फ़ पनटी में थी. पनटी निकालने लगा तो उसने रोक दी.
रिया: भाई इतनी भी जल्दी क्या है? आज जितना मिले उतने में ही काम चला लो.
मुझे तोड़ा सुन के गुस्सा आ गया, और मैं उसके बूब्स को और तेज़ मसालने लगा. मैं उसके निपल्स को चूसने और काटने लगा.
रिया: काटो मत, चूसो बस. बेहन हू, भाभी नही.
मैने उसको फिरसे किस करना शुरू किया. किस करते-करते मैं उसकी टाँगो तक पहुँचा. फिर उसकी पनटी के उपर से ही उसकी पुसी को किस करने लगा, और चाटने लगा. क्या खुश्बू आ रही थी उसकी छूट से. मॅन कर रहा था अभी छोड़ डालु.
रिया भी भाँप गयी की अब ये नही रुकेगा बिना छोड़े. तो वो मुझे रोकते हुए मेरे लंड को मसालने लगी ज़ोर-ज़ोर से, और उसको किस करने लगी.
मैं: रिया, अपनी छूट को अंदर से चाटने नही दे रही हो. कम से कम मेरा लंड ही अपने मूह में लेलो.
रिया: ठीक है भाई. अपनी बेहन के मूह को छोड़ ले. मैं भी अब नही रह पौँगी बिना तेरा पानी गिराए.
मैने फिर अपना लंड उसके मूह में पेल दिया, और रिया धीरे-धीरे चूस्टे हुए वो अंदर लेती चली गयी. फिर एक पल में पूरा लंड अंदर ले ली. मुझे तो जन्नत दिख रही थी. उतने में ही मैं रिया के बाल पकड़ के पूरा लंड उसके मूह में अंदर-बाहर करने लगा ज़ोर-ज़ोर से. उसकी हालत खराब कर दी मैने.
रिया भी पुर जोश में चूज़ जेया रही थी, और फिर एक झटके में ही मैने अपना पानी उसके मूह में ही निकाल दिया.
रिया उसे थूकते हुए बोली: मज़ा आया मेरे भाई को अपनी रंडी बेहन की मूह चुदाई करके?
मैं: क्या मस्त रंडी है तू बहना. तेरी चूत मारने का इंतेज़ार ज़्यादा दिन नही कर पौँगा. जल्दी आना बहना दोबारा.
रिया: तू फिकर मत कर भाई. मैं रक्षा बंधन के दिन अवँगी, और उस दिन तुझे गिफ्ट दूँगी. इसलिए आज तुझे छूट दर्शन नही कराई. वो गिफ्ट है तेरे लिए.
उसके बाद रिया अगले दिन चली गयी. फिर रक्षा बंधन पर क्या हुआ, वो मैं अगले पार्ट में जल्दी ही बतौँगा. तब तक के लिए अपना ख़याल रखे.
ये कहानी अची लगी तो अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेर करे.