स्टोरी स्टार्ट करने से पहले मैं आपको मेरी फॅमिली के बारे में बता देता हू. मैं एक मिड्ल क्लास फॅमिली से बिलॉंग करता हू, और मैं मेरे चाचा और चाची के पास बचपन से रह रहा हू. पढ़ाई भी वही पे रह के की है मैने.
मेरे चाचा एक गूव्ट. सेरवेंट है, और हर टाइम अपने काम में बिज़ी रहते है. मेरी चाची पूरी अमीशा पटेल जैसी लगती है. वो घर में अक्सर निघट्य डाल कर घूमती है. अब मैं बिना ज़्यादा टाइम वेस्ट किए सीधे स्टोरी पे आता हू.
जब करोना की वजह से लॉक्कडोवन् हुआ था, तब मैं देल्ही में था. लेकिन लॉक्कडोवन् लगने से पहले ही मैं घर वापस आ गया था. पर चाचा नही आ पाए थे. वो फ़ासस गये थे बाहर ही. कुछ 3 मंत्स पहले उनका यहा से ट्रान्स्फर हुआ था.
मेरी चाची 40 यियर्ज़ की है, और फिगर लाजवाब है. वो हमारे एक लोकल कॉलेज में ही लेक्चरर है. लॉक्कडोवन् में वो भी घर में थी. उनके 2 बेटे है, जिनमे से एक बाहर पढ़ता था, और चाचा के पास था, तो वो और चाचा दोनो वही रह गये. तो अब घर में मैं, चाची, और उनका 16 साल की बेटा था, जो हर वक़्त ग़मे खेलने में बिज़ी रहता था. लॉक्कडोवन् में वो उसका टाइम-पास था.
मैं और मेरी चाची हर वक़्त कॅष्यूयली बात करते रहते थे पढ़ाई के बारे में. वो पूछती थी, पर लॉक्कडोवन् में रेग्युलर सेम वर्क से बोर हो गयी थी. तब मेरा दिमाग़ सेक्स की और बढ़ा. मेरा लंड हर वक़्त मूड में होता था घर में, और मैं ऐसे ही शॉट्स में घूमता था.
मेरी आगे उस वक़्त 22 थी, और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था. मैं हर रोज़ 3 से 4 बार चाची के बारे में सोच के मूठ मारता था. क्यूंकी घर से तो हम निकल नही सकते थे, और पास कोई ऐसी लेडी या आंटी नही रहती थी अट्रॅक्टिव टाइप की.
तो पॉर्न और चाची ही थी, टाइम निकालने के लिए. मैं रोज़ 5 बजे उठ के वॉक पर जाता था, और चाची भी अपना काम करती थी टाइम पर उठ कर. और उनका बेटा 10 बजे उठता था हर रोज़.
एक दिन मैं सुबा उठा, तो चाची उठ के नहा रही थी. तो मैने देखा बातरूम का डोर खुला छ्चोढ़ दिया था उन्होने शायद ग़लती से. अंदर वो पूरी नंगी होके नहा रही थी. मैं खुद को रोक नही सका, और बातरूम के दरवाज़े के बाहर जाके खड़ा हो गया, और उनको देखने लगा.
उनके बूब्स उभरे हुए थे, और छूट में भी बाल थे. मैं तोड़ा अंधेरा होने की वजह से ज़्यादा देख नही पाया. फिर मैं उधर से टाय्लेट गया, तो चाची ने मुझे देख लिया, और कुछ नही कहा. सुबा वो नॉर्मल ही बिहेव कर रही थी. मैं चाची के बारे में सोच के सुबा-सुबा एक बार डिसचार्ज हो गया था.
अब मैं मौका ढूँढ रहा था, की कैसे चाची को छोड़ साकु. वो थोड़ी चुलबुली टाइप की औरत थी, और गुस्से वाली भी. तो मैं उनके साथ रिस्क लेने में तोड़ा दर्र भी रहा था. जब चाची अपना काम ख़तम करके बाहर पड़ोसी के यहा गप्पे मार्टी थी, तो मैं उनके रूम में घुसा, और उनकी पनटी और ब्रा ढूँढने लगा.
फिर मेरे हाथ एक रेड कलर की नेट वाली पनटी और ब्रा लगी. वाहा पर बहुर सारी ब्रास और पॅंटीस थी, लेकिन वो सब से हटके थी, और सबसे ज़्यादा सेक्सी भी. तो मैं उसे अपने लंड पे लपेट कर मूठ मारने लगा. मुझे इसमे बड़ा मज़ा आया, और मैं रोज़ ऐसा करने लगा.
एक दिन चाची ने मुझे कहा: सम (मेरा नाम), बड़े दिन हो गये है लॉक्कडोवन् लगे. और कितने दिन ये सब चलेगा?तुम्हारे चाचा और मेरा बेटा ठीक है की नही, ये सोच के बहुत परेशन हो रही हू मैं.
तो मैने चाची को सिंपती दी, और समझा दिया. मैने उनको बोला-
मैं: चाची वो दोनो वाहा ठीक है, और सेफ भी. अभी यहा आने में उनको डेंजर है.
तो वो हा बोली, और तोड़ा नॉर्मल हो गयी. फिर अगले दिन वो मुझे मोविए देखने को बोली, और मेरे पास मेरे मोबाइल में सारी पॉर्न मूवीस और ब-ग्रेड टाइप की मूवीस थी.
मैने चाची से पूछा: कों सी मोविए देखनी है आपको चाची?
वो बोली: अर्रे कोई भी लगा दो. बस मज़ेदार होनी चाहिए.
तो मैने अपना मोबाइल टीवी पे कनेक्ट किया, और म्क्स प्लेयर ओपन किया ऑनलाइन मोविए के लिए. वाहा मास्टराँ की आड़ आई लेटेस्ट वेबसेरीएस में, तो चाची ने वही लगाने को बोला. उनकी बात सुन कर मैने उनसे कहा-
मैं: ये खराब मोविए है चाची.
चाची बोली: तुम ये देखे हो क्या?
तो मैने ना किया जान-बूझ के.
फिर चाची बोली: लगा दो, देख लेते है इसमे क्या है.
मैने फिर वो वेब सीरीस लगा दी. उसमे एक के बाद एक सेक्स सीन चल रहा ताहा. फिर कुछ देर बाद चाची उठ के चली गयी. जाते हुए वो बोली-
चाची: आज कल जहा देखो यही ट्रेंड चल रही है.
फिर हमारा लंच टाइम हो गया. लंच में मैने चाची को सॉरी कहा. लेकिन मेरी सॉरी सुन कर चाची बोली-
चाची: बेटा तुम्हारी कोई ग़लती नही है. मैने ही ज़िद की थी उसको चलाने की. रहने दो, अब तो कॉलेज में भी ये सब चीज़े ओपन चल रहा है. लेकिन तुम तो ऐसा कुछ नही कर रहे ना?
उन्होने ये सवाल पूच तो लिया, लेकिन मैने कुछ नही बोला. फिर लंच के बाद मैं मोबाइल मास्टराँ देख के मूठ मार रहा था. चाची आ गयी अचानक तो मैने चौंक गया. फिर चाची मुझे देख के चली गयी.
डिन्नर के वक़्त चाची ने मुझसे कहा: तुम भी ऐसी चीज़ो के अडिक्ट हो गये क्या?
तो मैने कहा: चाची लॉक्कडोवन् में पढ़ाई तो होगी नही. बोर होके और कुछ अछा नही लगा. तो ये सब करना शुरू कर दिया.
चाची बोली: ये सब ठीक नही है. मैं तुम्हे हर वक़्त ऐसे ही देख रही हू. रोज़ तुम पूरा टाइम ऐसे ही घूमते हो. क्या तुम्हे इतना सेक्स चढ़ा है दिमाग़ में.
मैं अपनी चाची के मूह से सेक्स जैसा शब्द सुन के चौंक गया. तोड़ा खुश भी हुआ मैं. फिर मैने चाची को बोला-
मैं: ये तो आज के ज़माने में कामन हो गया है. ऐसे भी मैने आज तक सेक्स नही किया, सिर्फ़ मास्टरबेशन किया है.
इसके आयेज चाची क्या बोली, और आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.
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