निशा ने अपनी छूट एक-दूं से मेरे मूह में दबा दी. फिर निशा ने आँखें बंद करके मेरे मूह में अपना रस्स छ्चोढ़ दिया. मैं सारा रस्स मूह से गले में उतारने लगा. 5 मिनिट तक वो मेरे मूह पर बैठी रही. मैं चूत को चूस्टा रहा. अब आयेज से.
निशा आँखें बंद करके छूट मूह पर दबा कर बैठी थी. मैं भी छूट में कुत्ते की तरह ज़ुबान घुमाए जेया रहा था. निशा की छूट का सारा वीर्या मैने सॉफ कर दिया. उसे एक अजीब सी संत्ुस्ती मिल रही थी. मैने अब उसे उठाया, और वो मेरे बगल में आ कर लेट गयी. निशा अपना सिर मेरी चेस्ट पर रखी हुई थी. मैने कहा-
मैं: अब तेरी चुदाई की बारी है. तू रेडी हो जेया अब मैं आज तेरे गांद छोड़ूँगा.
निशा: प्लीज़ बेबी, गांद रहने दो ना. दर्द होगा वाहा. छूट मार लो ना, गांद बाद में कर लेना.
मैं: चुप, आज तेरी एक नही सुनने वाला. आज तेरी गांद छोड़ के रहूँगा. लंड तेरी गांद मारने के लिए तड़प रहा है.
निशा मेरे होंठो को चूमते हुए बोली: नही प्लीज़, आप बाद में कर लेना. छूट छोड़ लो जितनी छोड़नी है. आपका बहुत बड़ा है, और घर में हम अकेले नही है.
निशा: आप जब चुदाई करते हो तब मेरी चीखें निकलती है. अगर आपके अंकल ने सुन लिया ना तो हम मारे जाएँगे.
मैं: कुछ नही होगा. मैं हू ना. धीरे-धीरे छोड़ूँगा.
मैं उसकी गांद मसल कर उसके होंठो को चूसने लगा. निशा ने भी अब ज़्यादा रोका नही. वो भी मुझे चूमे जेया रही थी. उसे भी मेरे 7 इंच के लंड से चुदाई चाहिए थी. 34″ के मुलायम बूब्स को दबाते हुए उसकी 36″ की गांद को मसल रहा है. वो फिर भी बार-बार गांद मारने से माना कर रही थी. लेकिन मैं उसकी सुनने वाला नही था.
मैं निशा के बूब्स को चूसने लगा. निपल्स को मूह में दबा-दबा के चूस रहा था. 10 मिनिट तक बूब्स और उसके होंठो को चूसने से आंटी गरम हो गयी थी. इससे उसे भी मज़ा आने लगा.
आंटी सिसकियों के साथ मुझे भी चूज़ जेया रही थी. अब मैने उसे कुटिया बनने को कहा. वो तोड़ा डरते हुए घोड़ी बन गयी. निशा की मुलायम गोरी सील्ड गांद मेरे 7 इंच के लोड के सामने थी. वो बोली-
निशा: आपका लंड बहुत बड़ा है. प्लीज़ आराम से और प्यार से छोड़ना. वरना मेरी हालत खराब हो जाएगी.
मैं उसकी गोरी गांद को चूमते हुए बोला: तू टेन्षन मत ले. मेरी जान तुझे प्यार से छोड़ूँगा.
अब मैने दोनो हाथो से उसकी सॉफ्ट गांद को फैलाया. इससे उसकी गांद का सील्ड च्छेद तोड़ा फैल गया. मैने अपनी नाक गांद के च्छेद पर रखी, जिससे गांद की महक मेरी नाक में जाने लगी. दोस्तों क्या मस्त सुगंध थी. लंड झटके मारने लगा. मैने कहा-
मैं: उम्म्म, क्या बात है मेरी रानी. तेरे गांद की खुश्बू ग़ज़ब है.
च्छेद के उपर मैं अपनी ज़ुबान घूमने लगा. इससे दोस्त की मा की सिसकियाँ निकालने लगी. उसे गुदगुदी होने लगी. निशा को गांद चटवाने में मज़ा आ रहा था.
निशा: उम्म्म उहह बेबी. आप ना बहुत नॉटी और रोमॅंटिक हो. इसलिए मुझे आपका साथ बहुत पसंद है. आप मुझे इतना प्यार करते हो. मज़ा आ रहा है. मेरी इस नाज़ुक गांद को किसी ने आज तक टच भी नही किया. आपने इसे अपनी ज़ुबान से चाट कर और खूबसूरत बना दिया है.
उसकी बातें सुनते हुए मैं गांद के च्छेद को कुत्ते की तरह चाटने लगा. गांद के दोनो साइड पर हाथो से उसका माज़ मसल रहा था. इससे आंटी गरम हुए जेया रही थी. निशा आँखें बंद करके मूह तकिये में दबा कर सिसकियाँ लिए जेया रही थी.
मेरी ज़ुबान उसकी गीली छूट से होती हुई गांद के च्छेद तक जेया रही थी. गांद चाटने का मज़ा कुछ अलग है. निशा की टाइट गांद का स्वाद बड़ा ही मज़ेदार था. 10 मिनिट बड़े मज़े से आंटी की छाती. उसके बाद मैने अपनी छ्होटी उंगली गांद में घुसा दी. इससे उसकी दर्द भारी सिसकी निकल गयी.
निशा: आह आह उहह बेबी. प्लीज़ तोड़ा धीरे से, दर्द हो रहा है.
मैं: मेरी जान, अभी उंगली डाली है. लंड जाएगा तब क्या करेगी?
निशा: तब तो आप मेरी जान ही निकाल दोगे. मुझे दर्र लग रहा है.
मैं गांद में धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर करने लगा, और छूट और गांद को छाते जेया रहा था. निशा अपनी आँखें बंद करके गरम सिसकियाँ ले रही थी. करीब 10 मिनिट तक उंगली से मैने गांद के च्छेद को आचे से खोल दिया. इससे गांद लंड लेने के रेडी हो जाए. फिर ज़ुबान च्छेद में अंदर डाल कर घूमने लगा. इससे आंटी गरम होके मज़ेदार सिसकियाँ ले रही थी.
निशा: श श उम्म्म उम्म्म. बहुत मज़ा आ रहा है राजा जी. प्लीज़ और करिए ना. अब छोड़ो ना मुझे. मुझसे अब रहा नही जेया रहा है.
मैं: मेरी जान, घुसा डू लोड्ा तेरे गांद मे?
निशा: जो करना हो करो. प्लीज़ अब छोड़ो मुझे. अब नही रहा जाता. आप बहुत गरम कर देते हो.
मैं: पहले इस लंड को तोड़ा और गीला कर दे. जिससे गांद में आचे से जाएगा.
निशा सीधी होके घुटनो पर आ गयी. मैं खड़ा हो गया, और लोड्ा आंटी के मूह के सामने ले गया. निशा ने लंड को देखते ही मूह में भर लिया, और लॉलिपोप की तरह मस्ती से चूसने लगी.
अपनी गुलाबी नरम ज़ुबान लंड पर घूमने लगी. निशा ने 5 मिनिट तक चाट-चाट कर लंड को आचे से गीला कर दिया. वो मूह से थूक निकाल कर मुझे देखते हुए लंड पर लगा रही थी.
निशा मुझे देख कर सेक्स की आग वाली मुस्कान देने लगी. उसे देख कर लग रहा था अब उसे दमदार चुदाई चाहिए. मैने भी अब देर नही की, और उसे घोड़ी बनने को कहा.
निशा बिना देर किए कुटिया बन गयी. उसने अपना मूह तकिये में दबा दिया. उसे पता था सील टूटने पर उसे दर्द होगा.
मैं अब लंड लेके गांद के च्छेद पर आ गया. फिर गांद के च्छेद पर थोड़ी ज़ुबान घुमाई. निशा बोली:-
कहानी कैसी लगी मुझे मैल करके ज़रूर बताए. मुझे आप [email protected] पर मैल करे.
किसी गर्ल, भाभी, या आंटी को मुझसे रियल सेक्स का मज़ा चाहिए, तो मुझे बिना दर्रे मेसेज करे.
थॅंक्स.