ही दोस्तो, उमिद इस सेक्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए “हवस के रिश्ते-5” ज़रूर पढ़िए. अब आयेज..
अनिता – होता क्या है. पहले तो पत्नी पागलो की तरह पत्नी पहले तो लंड को खड़ा करती है और फॉर उसको बाद मे अपने अंदर लेना ही पड़ता है. या फिर हाथ से करना पड़ता है. बस इसी चीज़ को सेक्स, या हॅंड सेक्स कहते है.
अब अनिता साँझ चुकी थी की अब सुनीता को ये सब साँझ आ रा है और वो अब उतावली हो र्ही है. उसे अब और भी बहोट कुछ जानना है. और अनिता भी उसको अब सब कुछ ब्ताने के लिए टायर बेती थी.
इसलिए अब अनिता ने सुनीता को खा.
अनिता – अब तू अगर सुहग्रत की वीडियो देख लेगी तो तुझे सब कुछ साँझ आ जाएगा .
सुनीता – सच मे दीदी, मुझे सब टा चल जाएगा.
अनिता – हंजी सब कुछ.
सुनीता – तो दीदी जीजू ने भी सुहग्रत पर आपको खूब मज़ा दिया होगा.
अनिता – अरे खा यार. तेरे जीजू से खा हो पता है.
सुनीता – क्या मतलब.
अनिता – मतलब यही है की वो ना मर्द है.
सुनीता – क्या आप ये सच कह र्हे हो.
अनिता – हाँ सच मे, मैं सच कह र्ही हूँ.
सुनीता – तो दीदी आप फिर केसे रहते हो,अपनी छूट को केसे शांत करते हो.
अनिता – तू ये सब बाते कॉर्ड, क्योकि मैं ये तुझे बाद मे भी बीटीये दूँगी.
सुनीता – अछा दीदी.
अनिता – हाँ ये ठीक है.
और फिर अनिता सीडी को सीडी प्लेयर मे डालती है और स्टार्ट कर देती है.
अब दोनो बेत कर देख र्हे हो. पहले पार्ट मे कुछ ऐसा चल रा होता है की एक पति अप्मि पत्नी को गरम कर रा होता है. उसे वो गर्दन पर किस कर रा होता है और धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लग जाता है.
और फिर ऐसे ही उसको नंगा करदेता है. और फिर उसके बाद ऐसे ही उसकी छूट को चाटने लग जाता है एर उसकी पत्नी उसके मोटे से लंड को चूसने लग जाती है.
ये सब देख कर सुनीता पागल हो र्ही होती है. उसके अंदर अब अजीब सी खलमलि मच जाती है. अनिता ये सब देख लेती है.
सुनीता से अब खुद ही कंट्रोल न्ही होता है. और तो और ऐसे ही वो अब अपनी बहें से कहती है की कुछ हो रहा मुझे.
अनिता – हाँ अब तुम्हारी छूट श्यद पानी कॉर्ड रही होगी .
ये सुन कर वो चेक करती है और फिर उसके बाद ऐसे ही अनिता उसके कपड़े उतार देती हैया उर छूट पर हाथ ल्गा कर रगड़ना शुरू कर देती है. अनिता के ऐसे करने से सुनीता को बहोट मज़ा आ रा होता है.
सुनीता के मूह से आहह अहहह की आवाज़े आ र्ही होती है और तो और ऐसे ही वो अब्बेहें को कहती है.
सुनीता – दीदी प्लीज़ कुछ अंदर मोटा सा डालो जिससे की मैं शांत हो जौ.
और फिर उसके बाद अनिता उसकी छूट मे उंगली दे डालती है. और फिर उठ कर बाहर कुण्डा लगने जाती है और जब आ कर देखती है की सुनीता खुद ही अपनी छूट को.ज़ोर ज़ोर से रग़ाद र्ही होती है.
तो ये सब देख कर अनिता भी अपने कपड़े उतार लेती है और फिर दोनो बहने एक दूसरे साथ नंगा लाते कर, नंगे चिपक कर ये सब कर र्ही होती है.
उधर अब दूसरी सीन मे एक मोटा सा आदमी एक औरत की छूट मे लंड डाल कर उसे छोड़ रा होता है. उसका लंड इतना मोटा है की वो बर्दाश न्ही कर पा रो होती. और फिर ऐसे ही वो बेहोश हो जाती है.
ये सब देख कर सुनीता को और पागल हो जाती है. और अब तो उसका पूरा शरीर गरम हो जाता है. और वो पागल हो र्ही होती है.
अब अगले सीन मे एक हपश्ी का लंड एक औरत चूस चूस कर उसको पागल करती है. और फिर उसके बाद ऐसे ही उसने अपनी छूट मे डलवाया और चूड़ने लग गयइ.
ये सब देख कर सुनीता पागल हो गयइ और उसके अंदर की गर्मी जेसे भर आने लग गयइ. और उसने अपनी बहें को कस्स कर जाकड़ लिया. और फिर तभी बोली.
सुनीता – दीदी मुझसे कंट्रोल न्ही हो रा है और मीटा मान कर रा है की कोई मेरी छूट मे लंड डाल दे.
अनिता – कोई बात न्ही तेरी ये प्यास भी जल्दी ही ख़तम हो जाएगी.
सुनीता- वो तो है पर मेरा तो मान ही न्ही ल्ग रा. मुझसे तो कंट्रोल भी न्हिन्ह्ो रा है. मैं तो बस चाहती हूँ की कोई मेरी छूट मे बस डाल दे.
अब दोनो बहने बाते करने लग गयइ. सुनीता भी अब उससे पूछने लग गयइ की कों आएगा ह्यूम छोड़ने, हुमारी छूट को तन्ड़ा करने.
अनिता – तुम टेन्षन मत लो वो जल्दी ही आएँगे.
सुनीता – पर ब्ताओ तो है कों.
अनिता – वो और कोई न्ही मेरे ससुर जी ही है.
सुनीता – अछा क्या खा तुमने.
अनिता – हाँ अछा जी ये सब सच है.
सुनीता – अछा तो वो तुम्हते साथ साव करलेटे है ना.
अनिता – हाँ वो तो है और तो और अब मैं क्या बाहर किसी और पास जाती क्या,अपनी प्यास भुजने के लिए.
सुनीता – हाँ ये तो तुनने बिल्कुल सही खा.
अनिता – हाँ और तुम्हारी छूट की तड़प को भी ये ठीक करेंगे.
सुनीता – थॅंक्स दीदी
अब दोनो ऐसे ही बाते करने लग गये. और फिर तभी सुनीता बोली
सुनीता – क्या मैं आपकी छूट छत लून.
अनिता – हाँ चाट ले.
और फिर दोनो एक दूसरे मे लग गये.
अनिता की छूट अब पागल होने लग गयइ. उसकी छ्होटी बहें सुनीता की जीब ने उसकी छूट का रस्स निकालने वाला कर दिया त. अनिता मचलते हुए बोली.
अनिता – आह सुनीता सच मे तुम बहोट आचे से चाटती हो, अब अपनी जीब मेरी छूट के अंदर दल कर अंदर बाहर करो. आह आ ऐसे मेरी प्यारी बहें चतो अपनी बहें की छूट को.
करीब 30 मिनिट से ज़्यादा छूट चूसा के बाद अब सुनीता बोली – दीदी अब प्लीज़ आप मेरी छूट को भी चतो ना.
अपनी छ्होटी बहें की बात सुन उसे रा न्ही गया, और फिर अनिता ने सुनीता को लेआटा दिया. और खुद वो उसकी दोनो टाँगे खोल कर उसकी छूट को ज़ोर ज़ोर से चाटने लग गयइ. उसकी कवरी छूट को छत कर अनिता एक दम कांप सी उठी, उसकी छूट की गरमी बहोट ज़्यादा थी.
अपनी बड़ी बहें से अपनी छूट चटवा कर सुनीता गरम होने लग गयइ. वो ज़ोर ज़ोर से नीचे से अपनी गंद उठा उठा कर उससे अपनी छूट चटवा र्ही थी. सुनीता के मूह से सिसकारियो की आँधी निकल र्ही थी, फिर सुनीता बोली.
सुनीता – दीदी क्या अभी मोसा जी आ स्केट क्या ? प्लीज़ आप उन्हे कह दो आने को, मेरा मान कर रा है. की अभी वो आ कर मेरी छूट को फाड़ दें बस.
अनिता – क्या पागल हो गयइ है बहना तू, तोड़ा सा इंतेज़ार न्ही कर स्काती क्या ?
सुनीता – दीदी क्या करूँ इस जवानी की आग को मैं अब ज़रा भी बर्दाश न्ही कर स्काती. दीदी मोसा जी मुझे छोड़ तो देंगे ना ?
अनिता – क्या पागल जेसी बात कर र्ही है तू, तेरी जेसी कवरी जवान सील बंद छूट को छोड़ने के लिए. कोई पागल चूतिया ही होगा जो माना करेगा.
सुनीता – दीदी फिर भी किन उन्होने माना कर दिया तो ?
अनिता – मेरी बहें तू वो सब मेरे उपेर छ्चोड़ दे, देख मैने एक प्लान बनाया है. देख आज रात वो मेरे पास आएगें और जब हुमारी चुदाई शुरू हो जाएगी. तभी तू आकर लाइट ओं कर देना और कहना की मैं तो आज दीदी के पास ही सौंगी. पहले तो वो तुझे माना करेगें, पर तू हुमारे पास आकर हुमारा कंबल उतार देना.
फिर तू अंदर हम दोनो को एक दम नंगा देखेगी, और फिर तू ज़िद करके हम दोनो के बीच मे सो जइओ. बस साँझ फिर आज तेरा काम बन ही गया.
अनिता की सारी बात सुन कर सुनीता को विश्वास हो गया, की आज उसकी छूट मोसा जी ज़रूर फाड़ ही देगें.
सुनीता – दीदी शायद आपको एक बात पता ही न्ही होगी.
अनिता – क्या बात है बतो ?
सुनीता – दीदी जब आपकी शादी हुई, तो मैं घर मे अकेली सी पद गयइ. एक रात मुझे नींद न्ही आ र्ही थी, इसलिए मैं रात को उठ कर बाहर घूमने लग गयइ. पर दीदी मुझे छ्होटी वेल भाभी के रूम से एक मर्द की आवाज़ आई, वो बोल रा था की ‘ आयो जान अब तुम नंगी हो मेरे उपेर ल्ट जाओ.’
ये आवाज़ सुन कर मेरा दिमाग़ एक दम चल पड़ा. क्योकि छ्होटे भाईया तो आज कल नाइट ड्यूटी कर र्हे है, तो भाभी के रूम मे ये मर्द कों है.
अनिता – अछा फिर तूने देखा की वो मर्द आख़िर है कों है ?
सुनीता – फिर क्या दीदी मैं ज़रा भाभी के रूम की विंडो मे से मैने देखा, की अंदर बड़े भाईया पूरे नंगे लेआतए हुए है. और उनके उपेर बीच वाली भाभी पूरी नंगी लेआतई हुई है. ये देख कर एक बार तो मैं कांप सी गयइ. पर फिर जब मैने थोड़ी देर उन दोनो को देखा तो मुझे मज़ा आने लग गया. भाईया भाभी की छूट मे अपना बड़ा सा लंड ज़ोर ज़ोर अंदर बाहर कर र्हे थे. भाभी को इसमे बहोट ज़्यादा मज़ा आ रा था.
अनिता – फिर आगे क्या हुआ ?
सुनीता – सुनो तो शी भाभी मैं बीटीये र्ही हूँ, ऐसे ही ये सब थोड़े दिन चला. फिर मैने एक दिन छ्होटे भाई को इस बारे मे ब्टाया और उस रात मैने उसे भी भाईया और भाभी का कांड लिव दिखाया. ये सब देख कर हम दोनो भाई बहें काफ़ी गरम हो गये. फिर तभी भाईया ने मेरे बूब्स पर हाथ र्ख कर मसल दिया.
अनिता – हाए भगवान फिर ?
सुनीता – दीदी फिर मैं व्हन से भाग कर अपने रूम मे चली गयइ. भाईया मेरे पीछे भागे भागे आए और मुझसे माफी माँगने लग गये. और उन्होने खा की ये सब आज के बाद कभी भी न्ही होगा. मैं उन्हे कुछ न्ही खा, और फिर वो व्हन से चले गये.
अनिता – ठीक है अब आयेज ?
सुनीता – दीदी आयेज क्या, मुझे ये साँझ न्ही आ रा है. उस रात मैने उन्हे माना करके कोई ग़लती तो न्ही कर दी है. आप मुझे ये ब्ताओ की अगर कभी आयेज भाईया ने मेरे साथ सेक्स करने की कोशिश करी, तो मैं उनको माना करूँ. या उनके आयेज अपने हतियार डाल कर उनके साथ सेक्स कर लून.
अनिता – सुनीता तेरा दिमाग़ खराब हो गया है. वो तेरा सागा भाई है और तू उसके बारे मे ये सब तू केसे सोच स्काती है. देख मेरी बहें भाई बहें का रिश्ता बहोट पवीतेर रिश्ता है. प्लीज़ आयेज से इसके बारे उल्टा सीधा मत सोचियो तू ओक.
सुनीता – पर दीदी मैं एक बात आपको बीटीये डून, जब एक लड़के लड़की के सिर पर हवस का भूत चाड जाता है. तो वो उस टाइम ये न्ही देखता, की वो मेरा भाई है या वो मेरी बहें है. क्योकि मेरी कुछ शेलिया है, जो शादी के बाद भी अपने सगे भाई से चुड्ती है.
ऐसी ऐसी गरम बातें दोनो बहें करके अपनी अपनी छूट पूरी तरह से भीगा बैठी थी. तभी बाहर से राम लाल की आवाज़ आई.
राम लाल – बहू आज रोटी देनी है या न्ही ?
अनिता तभी उठ कर बाहर गयइ और अपने ससुर के पास जा कर उसके कान मे धीरे से बोली.
अनिता – जानू आज तुम्हारा काम हो गया है. बस रात को चुदाई के लिए त्यआर रहो, मेरी बहें को पटना बहोट आसान काम था. आज रात तुम मेरे पास आकर ल्ट जाना बस आयेज का काम मैं खुद संभाल लूँगी.
राम लाल – ठीक है मेरी जान.
फिर रात हो गयइ, वो दोनो बहें अलग अलग बिस्तर पर ल्ट गयइ थी. सुनीता जान भुज कर अपनी आँखें बंद करके सोने का नाटक कर र्ही थी. रात को 10 बजे दरवाजा खुलने की आवाज़ आई.
दोस्तो, अब आयेज क्या हुआ जानिए इस कहानी के अगले गरम गरम पार्ट मे. [email protected]