ही दोस्तों, मेरा नाम देव है, और मैं अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. पिछले पार्ट को आप सब ने बहुत प्यार दिया. उमीद करता हू, की आप सब इस पार्ट को भी प्यार देंगे. जिन लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो प्लीज़ पहले जाके पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट्स में आप सब ने पढ़ा था, की मैने और मेरी वाइफ दिव्या ने गोआ जाने का प्लान किया, और हम मेरी 2 सेक्सी सालियों (प्रिया आंड कणिका) को भी अपने साथ ले गये. फिर होटेल रूम में जाते ही मैने अपनी बीवी को पकड़ लिया, और उसकी चुदाई की. हमारी चुदाई का पूरा नज़ारा मेरी साली कणिका ने रूम के बाहर खड़े होके देखा. अब आयेज बढ़ते है.
मेरी और मेरी बीवी दिव्या की चुदाई पूरी हो चुकी थी, और हम दोनो काफ़ी तक भी गये थे. उसके बाद हम दोनो कब सो गये, पता ही नही चला. फिर शाम में जब प्रिया की कॉल आई, तो हमारी नींद खुली.
दिव्या: हा प्रिया बोल.
प्रिया: दीदी रेस्ट कर ली आप ने?
दिव्या: हा अभी सोक उठे है.
प्रिया: चलिए फिर सब बीच पर चलते है.
दिव्या: हम 10 मिनिट में आते है.
फिर हम दोनो फ्रेश हुए, और प्रिया और कणिका को लेके बीच पर चले गये. कणिका रह-रह मुझे देख रही थी, लेकिन जब मैं उसकी तरफ देखता था, तो वो अपनी नज़रे घुमा लेती थी. फिर हम बीच पर पहुँच गये. मेरी वाइफ और सालियों को स्विम्मिंग आती है, तो उनको स्विम्मिंग करनी थी.
वाहा बिना स्विम्मिंग सूट के स्विम्मिंग नही करने देते, तो उन्होने वाहा से स्विम्मिंग सूट रेंट पर लिए, और बातरूम में चेंज करने चली गयी. चेंज करने के लिए बातरूम वही साइड पर बने होते है. अगले 5 मिनिट में वो तीनो बाहर आई.
मैने सिर्फ़ शॉर्ट्स और बनियान पहनी हुई थी. मुझे स्विम्मिंग नही आती, तो मैं दर्शक बन कर बैठा हुआ था. जैसे ही मैने उन तीनो को स्विम सूट में देखा, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. तीनो इतनी सेक्सी लग रही थी, की मैं क्या बतौन.
दिल तो कर रहा था, की तीनो को एक साथ रूम में लेके जाके छोड़ने लग जौ. एक तो तीनो का गोरा रंग, उपर से डार्क कलर के स्विम सूट में थी. पहले वो तीनो मेरे पास आई. मेरे पास आके प्रिया ने शरारत करते हुए कहा-
प्रिया: जीजू चलो हमारे साथ पानी में. अगर आप डूबने लगे, तो हम तीनो आपको मिल कर बचा लेंगी.
इस बात पर वो तीनो हासणे लगी. मैने भी स्माइल पास की.
मैने मॅन में सोचा: अर्रे मेरी प्यारी साली, तुम तो मुझे डूबने से बचा लॉगी, लेकिन मेरे बिस्तर में तुम्हे मुझसे कों बचाएगा.
फिर वो तीनो पानी की तरफ जाने लगी. तीनो की लचकति गांद मस्त लग रही थी, और मेरा लंड शॉर्ट्स फाड़ कर बाहर आने को था. कणिका ने जाते हुए मुझे पीछे मूड कर देख. मैं समझ चुका था, की कही ना कही कणिका मुझे लीके करने लगी थी. लेकिन उसको समझ नही आ रहा था, की खुद को एक्सप्रेस कैसे करे.
फिर वो तीनो पानी में चली गयी. 10 मिनिट बाद मैने कणिका को वापस आते देखा. उसके साथ दिव्या और प्रिया नही थे. वो भीग हुए वेट सूट में मेरे पास से गुज़र गयी. मैने उसको जाती हुई को पूछा-
मैं: क्या बात है, बाकी दोनो नही आई?
कणिका: जीजू वो कुछ और देर स्विम्मिंग करेंगी.
मैं: तो तुम क्यूँ आ गयी?
कणिका: मेरा दिल नही था करने का. इसलिए आ गयी.
और वो सदा दा मूह बना कर आयेज बातरूम की तरफ चली गयी. मैने सोचा ये अछा मौका था, तो उससे बात कर ही लेता हू. ये सोच कर मैं उसके पीछे बातरूम की तरफ चल दिया.
फिर जैसे ही वो बातरूम के अंदर गयी, और दरवाज़ा बंद करने लगी, मैने दरवाज़े पर हाथ रख कर उसको रोक लिया. मेरे ऐसा करने से वो हैरान हो गयी. फिर मैं अंदर चला गया, और दरवाज़े की कुण्डी अंदर से लगा ली. तभी वो बोली-
कणिका: जीजू ये क्या कर रहे हो आप? किसी ने देख लिया तो क्या सोचेगा.
मैं: क्या सोचेगा?
कणिका: आप जाओ यहा से.
मैं: पहले तुम बताओ तुम्हे क्या हुआ है?
कणिका: क्या हुआ है मतलब?
मैं: तुम अजीब क्यूँ बिहेव कर रही हो? कोई दिक्कत है क्या?
कणिका: जीजू आप क्या बोल रहे हो? मुझे कुछ समझ नही आ रहा.
मैं: जब मैं और दिव्या रूम में प्यार कर रहे थे, तब तुम बाहर खड़ी होके देख रही थी.
ये सुन कर कणिका चुप हो गयी. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: मज़ा आया देख कर?
कणिका कुछ बोल नही रही थी. मुझे लगा की ये उसकी हा थी, और मैं उसको किस करने के लिए आयेज बढ़ा. जैसे ही मैं आयेज बढ़ा, तो उसने मुझे धक्का मार कर साइड किया, और जल्दी से दरवाज़े की कुण्डी खोल कर बाहर भाग गयी.
मैं तोड़ा घबरा गया, की मैने ज़्यादा जल्दी तो नही कर दी थी. मुझे लगा की वो कही जाके दिव्या को कुछ ना बता दे, वरना बहुत बुरा हो जाएगा. फिर जब मैं बाहर आया, तो दिव्या और प्रिया पानी से बाहर आ रही थी. कणिका उनकी तरफ ही जेया रही थी. ये देख कर मेरी धड़कन की स्पीड डबल हो गयी थी.
फिर मेरे सामने कणिका ने दिव्या से कुछ बात की. और बात ख़तम होते ही दिव्या ने मेरी तरफ देखा. मैने सोचा की अब तो मेरी बंद बजनी ही थी. फिर दिव्या मेरी तरफ आने लगी. मेरे पास आके वो बोली-
दिव्या: हम चेंज करके आते है, और उसके बाद कुछ खाने चलते है.
ओह मी गोद! वॉट आ रिलीफ. मेरी तो गांद ही बंद हो चली थी. लेकिन एक बात मैं समझ गया था, की कणिका के साथ जो भी कर लू, वो अपनी बड़ी बेहन को कुछ नही बताएगी. फिर दिव्या और प्रिया रेडी होके आए, और हम सब रेस्टोरेंट में कुछ खाने के लिए चले गये.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर आपको कहानी का मज़ा आ रहा हो, तो इसको अकेले-अकेले ना पढ़े, अपने दोस्तों के साथ भी स्टोरी का लिंक शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.