ही फ्रेंड्स, मैं रिंकू अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो ज़रूर पढ़े. मुझे पूरा विश्वास है की आपको पिछला पार्ट ज़रूर पसंद आएगा.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की कैसे बीवी के कहने पर मैं अपनी साली को माल से लेने गया था. फिर वाहा लाइन में खड़े हुए एक-दूसरे के टच से हम दोनो गरम हो गये. फिर बाहर आके हमारी किस्सिंग हुई. लेकिन ज़्यादा कुछ नही हो सका, क्यूंकी बीवी का फोन आ गया था. अब आयेज बढ़ते है.
मैं और दिव्या 10 मिनिट में घर पहुँच गये. इस दौरान हम दोनो में से कोई भी कुछ बोल नही रहा था. घर पहुँच दिव्या सीधे अपने रूम में चली गयी. उसके बाद वो सीधा रात के डिन्नर पर बाहर निकली.
मैं और मेरी बीवी डिन्नर टेबल पर बैठे थे. तभी बीवी ने दिव्या को आवाज़ दी-
बीवी: दिव्या, बेटा डिन्नर लग गया है. आ जाओ.
फिर 2 मिनिट में दिव्या अपने रूम से आई. मेरी नज़र उसके रूम के दरवाज़े की तरफ ही थी. जैसे ही मैने उसको देखा, मेरा तो पेट ही भर गया. दिव्या ने डेनिम शॉर्ट्स और पिंक स्लीव्ले त-शर्ट पहनी हुई थी. वो इतनी सेक्सी लग रही थी, की दिल कर रहा था अभी जाके उसकी पूरी बॉडी को चाट लू.
फिर वो आके टेबल पर मेरे सामने वाली चेर पर बैठ गयी. मेरी नज़र उस पर ही थी. उसने टेबल पर आके मेरी तरफ सिर्फ़ एक बार देखा. लेकिन वो मंद-मंद मुस्कुरा रही थी. शायद वो माल में जो हुआ उसको लेकर शर्मा रही थी. उसके हल्की मुस्कान वाले होंठ देख कर मैं पागल हो रहा था.
फिर हमने खाने शुरू किया. खाने खाते हुए अचानक से मुझे अपने पैर पर किसी का पैर फील हुआ. मुझे लगा मेरी बीवी का होगा, लेकिन वो दिव्या का पैर था. जब मैने उसको देखा, तो उसने मुझे आँख मार दी. तभी मैने अपनी बीवी की तरफ देखा, की कही वो देख ना ले. लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ.
फिर मैं भी उसकी लेग्स पर अपना पैर फिरने लगा. मैं धीरे-धीरे उसकी जांघों तक पहुँच गया. क्या सॉफ्ट जांघें थी मेरी साली की, एक-दूं मस्त. फिर मैं जांघों से आयेज गया, और शॉर्ट्स के उपर से उसकी छूट मसालने लगा.
जब मैने उसकी छूट पर पैर लगाया, तब वो पानी पी रही थी. अचानक छूट पर पैर लगने से उसका पानी उसके गले में फ़ासस गया, और वो खाँसने लगी. ये देख कर मेरी हस्सी निकल गयी. डिन्नर करने के बाद दिव्या ने किचन का काम समेटने में मेरी बीवी की हेल्प की.
फिर हम अपने-अपने रूम में जाने लगे. जब वो जेया रही थी, मेरी नज़र उसकी सेक्सी गांद पर ही थी. तभी उसने पीछे मूड कर मेरी तरफ देखा, और मुझे उसके साथ उसके रूम में चलने का इशारा किया. लेकिन ये इतना आसान नही था, क्यूंकी बीवी भी तो थी घर में.
फिर मैं भी अपने रूम में आ गया. कुछ देर में मेरी बीवी भी आ गयी. अब हम सोने के लिए रेडी थे. लेकिन मेरे दिमाग़ में सिर्फ़ दिव्या के ख़याल आ रहे थे. मेरा लंड खड़ा हो चुका था. तभी मैने साथ लेती बीवी की तरफ देखा. उसने दूसरी तरफ मूह कर रखा था. वो मस्त लग रही थी.
वैसे मैने अभी तक आपको अपनी बीवी के बारे में तो बताया ही नही. मेरी बीवी का नाम पायल है, और उसका फिगर 36-32-38 है. रंग उसका गोरा है, और हाइट 5’5″ है. काफ़ी सेक्सी है बीवी मेरी. अब आप कहेंगे की बीवी सेक्सी है तो साली पे ध्यान क्यूँ.
तो जवाब ये है दोस्तों, की मर्द की नीयत कभी नही भारती. अपनी बीवी चाहे जितनी भी सेक्सी हो, दूसरी लड़की पर ध्यान रहता ही है. वो कहते है ना घर की मुर्गी डाल बराबर होती है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ था. और वैसे भी जो चीज़ मिल गयी हो, उसकी वॅल्यू उतनी नही रहती.
तो मैं बीवी की तरफ देख रहा था. उसकी गांद भी पीछे से मस्त लग रही थी. मैने सोचा क्यूँ ना आज उसके साथ लंड ठंडा कर लिया जाए. क्यूंकी साली के ख़याल लंड को बैठने नही दे रहे थे.
तभी मैने पायल की गांद पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. उसने लेगैंग्स और शर्ट पहना हुआ था. मैं पीछे से उसके साथ चिपक गया, और कपड़ो के अंदर से उसकी गांद पर अपना लंड मसालने लग गया. तभी वो आ भरते हुए बोली-
पायल: क्या बात है! आज बड़ा मूड में लग रहे हो.
मैं: बहुत सेक्सी लग रही हो आज.
फिर वो मेरी तरफ घूमी, और हम दोनो के होंठ आपस में मिल गये. मैं होंठ तो उसके चूस रहा था, लेकिन दिमाग़ में साली ही चल रही थी.
होंठ चूस्टे-चूस्टे मैने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए. इससे वो किस करते हुए ह्म ह्म करने लग गयी. फिर मैने उसका शर्ट निकाला, और उसकी गर्दन, शोल्डर्स, और क्लीवेज को चूमने लगा. वो गरम हो रही थी, और आ आ कर रही थी. हम दोनो की साँसे तेज़ हो रही थी.
फिर मैने उसकी ब्रा उतरी, और उसके बड़े-बड़े बूब्स को आज़ाद किया. उसके बाद मैं एक-एक करके उसके दोनो निपल्स चूसने लगा. वो अब मदहोश हो चुकी थी, और मेरी पीठ सहला रही थी. फिर मैं उसकी कमर पर आया, और उसका पेट चूमते हुए नीचे जाने लगा.
उसकी नाभि पर मैं किस किया, और उसमे अपनी जीभ घूमने लगा. पायल बस आ ह्म कर रही थी. फिर मैने लेगैंग्स के उपर से उसकी छूट में हाथ रखा, और उसको रगड़ने लगा. साथ ही उसका एक बूब मेरे मूह में था.
छूट पर हाथ पड़ते ही उसने मेरे हाथ को अपनी जांघों में दबा लिया. मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट रगड़ता गया, और बूब चूस्टा गया. उसके साथ जो भी मैं कर रहा था अपनी साली को इमॅजिन करके कर रहा था. बस शूकर है मेरे मूह से दिव्या का नाम नही निकल गया.
फिर मैने लेगिंग के एलास्टिक को उसकी कमर से खींचा, और उसकी लेगैंग्स को नीचे उतारने लगा. जब मैं लेगैंग्स उतार रहा था, तो उसने भी गांद उठा कर मेरी हेल्प की उसको उतारने में. अब मेरी बीवी मेरे सामने बस नेवी ब्लू पनटी में थी.
उसकी छूट वाली जगह गीली हो चुकी थी, और ये उसकी पनटी पर सॉफ दिख रहा था. फिर मैं उसकी नाभि के नीचे वेल हिस्से पर किस करते हुए उसकी पनटी उतारने लगा. उसको गुदगुदी हो रही थी, तो वो मुझे ऐसा करने से माना कर रही थी. लेकिन मैं बिना कुछ सुने अपना काम करता जेया रहा था.
मैने उसकी पनटी उतरी, और जैसे ही उसकी चूत मुझे दिखी, मैने उसकी छूट पर अपना मूह लगा दिया. जैसे ही मैने उसकी छूट पर अपना मूह लगाया, उसके मूह से आवाज़ निकली-
पायल: आह रिंकू! आज तो तुम मुझे पागल ही कर दोगे.
फिर मैने उसकी पनटी को टाँगो के रास्ते निकाल दिया, और उसकी जांघों को चूमने लग गया. वो अब चूड़ने के लिए बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी. मैं किस करते हुए उसकी छूट पर वापस गया, और छूट को मूह लगा कर चूसने लगा.
वो तेज़ सांसो के साथ आहें भर रही थी, और मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी. मैं मज़े से उसकी छूट का रस्स पी रहा था, और उसकी क्लिट को मसल रहा था. मैं उसकी छूट के दाने को अपनी जीभ से टीज़ कर रहा था. फाइनली वो हार कर बोल पड़ी-
पायल: अब डाल दो ना जानू.
फिर मैं बेड पर घुटनो के बाल खड़ा हुआ, और मैने अपने कपड़े उतार दिए. मेरा लंड पूरा तन्ना हुआ था, और वो मेरा लंड देख कर खुश हो रही थी. फिर मैने उसकी टांगे खोली, और बीच में आ गया. मैने अपना लंड उसकी छूट पर रखा, और रगड़ने लगा.
वो भोली सी शकल बना कर आ आ कर रही थी. फिर मैने लंड का टोपा उसकी छूट के मूह पर लगाया, और अंदर पुश करता गया. गीली छूट में लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया. उसके मूह से आ निकली, और मैने फुल स्पीड में उसको छोड़ना शुरू कर दिया.
काफ़ी दीनो बाद हमारी चुदाई हो रही थी, तो उसको दर्द हो रहा था. लेकिन मुझे क्या था, मुझे तो अपनी साली पर हवस चढ़ि हुई थी. मैं ज़ोर-ज़ोर से उसको छोड़े जेया रहा था. जब वो रुकने के लिए बोलने लगी, तो मैने अपने होंठो से उसके होंठ बंद कर दिए. लेकिन धक्को की स्पीड और ताक़त कम नही की.
मैं धक्के मारता गया. फिर मैने किस करते हुए देखा, की उसकी आँखों में आँसू थे. ये देख कर मैने उसके होंठ रिलीस किए. मैने लंड बाहर निकाल लिया, और उसको बोला-
मैं: पायल ई आम सॉरी.
पायल हासणे लगी और बोली: जब दर्द हो रहा था तब तो रुके नही. अब जब मज़ा आ रहा था, तो रुक गये.
ये सुनते ही मैने फिरसे लंड उसकी छूट में डाला, और तबाद-तोड़ चुदाई शुरू कर दी. उसकी छूट पानी छ्चोढ़ चुकी थी, जिससे छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी. अब मेरा भी होने वाला था. मैने उसकी टांगे पूरी उठा ली, और ज़ोर लगा कर धक्के मारे. फिर मैं आ आ करने लगा.
मेरी आ आ सुन कर पायल समझ गयी की मैं झड़ने वाला था. उसने मुझे बोला-
पायल: अंदर मत निकालना प्लीज़.
फिर मैने लंड उसकी छूट से बाहर निकाल लिया. वो जल्दी से मेरे सामने घुटनो के बाल बैठ गयी, और मेरा लंड अपने मूह में ले लिया. मैने उसके बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह में धक्के मारते हुए अपना माल निकाल दिया. मैने तब तक लंड उसके मूह से नही निकाला, जब तक की सारा पानी उसके गले से नीचे नही उतार गया.
उसके बाद मैं उसकी साइड में लेट गया. इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको दोस्तों में शेर ज़रूर करे.