ही दोस्तों, मैं दयाल वापस आ गया हू अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ. उमीद है की आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा, और आप अगले पार्ट की वेट कर रहे होंगे. तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए शुरू करते है कहानी को.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की शादी के कुछ दिन बाद मेरी बीवी प्रियंका और मेरे बीच झगड़े होने लग गये. फिर मुझे पता चला की उसकी बेहन हम दोनो में लड़ाई करवा रही थी. ये सोच के मैं उसको मिलने अपने ससुराल गया. वाहा वो अकेली ही थी.
जब उससे बात शुरू हुई, तो वो बड़ा आटिट्यूड दिखा रही थी. दिल तो कर रहा था की उसके कपड़े फाड़ डू, और उसको पटक-पटक कर छोड़ू. अब आयेज बढ़ते है.
मैने उससे कहा: देखो रीना, तुम सब जानती हो, की मैं यहा क्यूँ आया हू.
रीना: क्यूँ आए हो?
मैं: मैं सीधी बात करता हू. तुम मेरे और प्रियंका के बीच झगड़ा करवा रही हो. उसके कान भर रही हो.
रीना: मैं भला उसके कान क्यूँ भरने लगी?
मैं: यही तो मैं तुमसे पूछने आया हू. की तुम्हारी प्राब्लम क्या है. कही तुम्हे इस बात से दिक्कत तो नही की प्रियंका की शादी हो गयी, और तुम्हारी अभी नही हुई?
रीना: एक्सक्यूस मे! उसकी शादी हो गयी और मेरी नही हुई. मुझे इससे कोई प्राब्लम नही है. और बड़ा तुम कही के हीरो हो, जो मुझे जेलासी फील होगी.
मैं: वैसे हीरो होना ज़रूरी नही है. तुम्हारे पास तो ज़ीरो भी नही है.
रीना: अपनी बकवास बंद करो. अपनी शकल देखी है तुमने. जोकर लगते हो किसी सर्कस के.
मैं: अछा जी, मैं तो फिर भी जोकर लगता हू. तुम को मेरे लंड जैसी लगती हो. देखना चाहोगी अपने जैसी शकल वाली चीज़ को. लो दिखता हू.
फिर मैं खड़ा हुआ, और मैने अपनी पनटी का बटन खोल कर नीचे की, और फिर अंडरवेर में से लंड निकाल कर उसके सामने कर दिया. मेरा लंड पहले से खड़ा हुआ था, और वो लंड देख कर आँखें बंद कर रही थी. फिर मैं आयेज हुआ, और लंड उसके मूह के पास ले गया.
रीना: जीजू! जीजू पीछे करो इसको.
मैं: यही चाहती थी ना तुम? इसीलिए मेरा घर बर्बाद कर रही हो.
और मैने लंड उसके मूह में डाल लिया. लंड मूह में जाते ही वो शांत हो गयी, और मैने लंड उसके मूह में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. फिर उसने मेरे लंड पर हाथ डाला, और खुद उसको चूसने लग गयी. मैं हमेशा से जानता था, की वो लंड की प्यासी थी.
फिर मैने उसके बालों में हाथ डाला, और अपने धक्को की स्पीड तेज़ कर दी. मैं ऐसे उसके मूह को छोड़ रहा था, जैसे वो कोई रंडी हो. वो भी मज़ा ले रही थी लंड चूसने का, और लंड चूस्टे हुए मेरी तरफ ही देख रही थी.
फिर जब मैने उसके मूह से लंड निकाला, तो लंड पूरा चिकना हुआ पड़ा था उसकी थूक से. फिर वो बोली-
रीना: मस्त लंड है आपका जीजू.
मैं: मैं जानता था की तू यही चाहती थी. आज तेरी प्यास बुझता हू.
रीना: मैं बहुत प्यासी हू जीजू. प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो.
फिर मैने उसको खड़ा किया, और हम दोनो आपस में किस करने लगे. क्या मस्त होंठ थे उसके, एक-दूं रसीले. किस करते हुए मैं उसकी गांद दबा रहा था. बड़ी मुलायम थी गांद उसकी.
फिर मैने उसकी त-शर्ट उतार दी, और उसकी ब्रा भी साथ ही निकाल दी. उसके गोरे-गोरे बूब्स पिंक निपल वाले मेरे सामने थे. मैं उसके बूब्स देखते ही उन पर टूट पड़ा. मैं एक-एक करके उसके दोनो निपल्स चूसने लग गया.
वो कामुक आहें भर रही थी, और मेरे सर को अपनी ब्रेस्ट में दबा रही थी. मैने वैसे ही उसको अपनी बाहों में उठाया, और बेडरूम में ले गया. बेडरूम में जाके मैने उसको बेड पर पटका, और उसकी लेगैंग्स निकाल दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी.
फिर मैं उसकी जांघों को चूमने लगा, और छूट पर पहुँच कर मैने उसकी पनटी निकाल दी. अब मेरी घमंडी साली की चिकनी छूट मेरे सामने थी. मैने अपनी 2 उंगलियों से उसकी छूट की फांको को खोला, और उसके दाने को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से मसालने लगा.
मैं जब भी उसके दाने को मसलता, उसकी बॉडी काँप जाती, और उसकी चीख निकल जाती. इससे उसको दर्द और प्लेषर दोनो मिल रहे थे. फिर मैने अपनी जीभ से उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. वो पागल होने लगी, और गांद हिला-हिला कर अपनी छूट चटवाने लगी.
फिर मैने उसकी टांगे खोली, और टाँगो के बीच आ गया. मैने अपना लंड हाथ में पकड़ा, और उसकी छूट पर रगड़ने लग गया. वो आ आ करने लगी, और इंतेज़ार कर रही थी, की मैं कब लंड डालूँगा. मुझे उसको छोड़ना भी था, और सबक भी सीखना था.
फिर मैने ज़ोर का धक्का मार कर पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. दर्द के मारे उसकी आँखें बाहर आने लगी. वो मुझे पीछे हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैं धक्के पे धक्का मारे जेया रहा था. मैने उसका मूह अपने मूह से बंद कर दिया, और उसको छोड़ता गया.
उसको दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन धीरे-धीरे दर्द कम हो गया. अब वो मज़े से अपनी छूट छुड़वा रही थी. मैं उसके होंठ और बूब्स साथ-साथ चूस रहा था. कुछ देर उसी पोज़िशन में छोड़ने के बाद मैने उसको घोड़ी बना किया.
क्या बड़ी और चौड़ी गांद लग रही थी उसकी घोड़ी बन कर. पहले तो मैने उसकी गांद पर ज़ोर-ज़ोर के थप्पड़ मारे. थप्पड़ इतने ज़ोर के थे, की वो चीखें मार रही थी.
रीना: आ जीजू आहह, धीरे करो जीजू. इतनी ज़ोर से मत मारो प्लीज़.
असल में मैं अपना गुस्सा निकाल रहा था उस पर. फिर मैने उसके चूतड़ पकड़े, और अपना लंड पीछे से उसकी छूट पर सेट किया. मैने एक ही बार में फ़चक करके उसकी छूट में पूरा लंड डाल दिया. वो फिर से चीखने लगी.
फिर मैने पूरी स्पीड से उसको छोड़ना शुरू कर दिया. मैने उसके बाल पकड़ कर खींच लिए, और ज़ोर से लंड उसकी छूट में मारने लगा. मैं बीच-बीच में पीछे से उसके मूह पर थप्पड़ भी मार देता. उसकी गांद तो थप्पड़ मार कर मैने सुर्ख लाल कर दी थी.
अब मैं झड़ने वाला था, तो मैने लंड उसकी छूट से निकाल कर उसके मूह में डाल दिया. 15-20 धक्को में मैने अपना माल उसके मूह में भर दिया.
उस दिन के बाद से मेरी साली मेरी रंडी बन गयी, और उसने मेरी बीवी को भड़कना बंद कर दिया. अब मैं जब चाहे उसको मिल कर छोड़ लेता हू.
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो अपनी फीडबॅक ज़रूर दे फीडबॅक में.