पिछला भाग पढ़े:- बीवी के साथ एक्सट्रा बेनिफिट्स-1
ही दोस्तों, मैं विकी वापस आ गया हू अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके. अगर आपने मेरी कहानी का पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो ज़रूर पढ़े. आशा है की आपको इस कहानी का मज़ा आएगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मैं अपनी बीवी को जब घर वालो के साथ देखने गया था, उस दिन मैने पहली बार अपनी साली रजनी को देखा. रजनी का फितूर कुछ ऐसा चढ़ा मेरे दिमाग़ में की मेरे उसके साथ संबंध बन गये.
फिर एक दिन रजनी जब घर पे अकेली थी, तब उसने मुझे बुलाया, और हमारी चुदाई शुरू हुई. हम मज़े से चुदाई कर रहे थे, और अभी हम चुदाई की चरम सीमा पर पहुँचे ही थे, की पीछे से किसी की आवाज़ आई. अब आयेज बढ़ते है.
आवाज़: रजनी!
ये आवाज़ सुन कर हम दोनो दर्र गये, और हमने रूम के दरवाज़े की तरफ देखा. दरवाज़े पर रजनी का भाई खड़ा था, जिसको देख कर मेरी गांद फटत गयी. मैं जल्दी से रजनी के उपर से हटता, और चादर से अपने जिस्म को ढकने लग गया. रजनी भी उसको देख कर घबरा गयी.
अब आपको उसके भाई के बारे में बता देता हू. उसके भाई का नाम रजत है. वो 1स्ट्रीट एअर का स्टूडेंट था. रजत भी रजनी की तरह गोररा-चितता है, और घर में सबसे छ्होटा है. मेरी कभी उससे बात नही हुई थी उस दिन तक. वो पतला सा है, और लड़कियों जैसा सॉफ्ट ही लगता है.
फिर वो बोला: दीदी, आप ये जीजू के साथ क्या कर रहे हो. आपको शरम आनी चाहिए. और जीजू आपकी शादी होने वाली है सोनिया दीदी से. और आप यहा अपनी ही होने वाली साली के साथ…
तभी रजनी बोली: मेरी बात सुन रजत. तू ग़लत समझ रहा है.
रजत: सब कुछ मेरी आँखों के सामने है, इसमे ग़लत क्या समझना है?
और ये बोल कर वो रूम से जाने लगा. तभी रजनी ने अपने कपड़े पहने जल्दी से, और उसके पीछे गयी. रजत अपने रूम में गया था, और किसी को फोन करने वाला था. तभी रजनी ने जाके उसका फोन पकड़ लिया.
मैं भी रजनी के पीछे गया, और रूम के बाहर खड़ा होके उनकी बात सुनने लगा. तभी रजनी बोली-
रजनी: देख रजत, तेरे मेरे बीच में तो कभी कुछ च्छूपा नही है. तू तो जानता ही है की मेरा बाय्फ्रेंड के साथ ब्रेकप हो गया था. और आज कल किसी पे जल्दी ट्रस्ट भी नही कर सकते. तो किसी ग़लत आदमी से रीलेशन बनाने से अछा है की घर के आदमी से बनाओ.
रजनी: और मैं दीदी का घर थोड़ी ना तोड़ रही हू. हमारी रीलेशन सिर्फ़ बेडरूम वाला है. इससे आयेज कुछ नही होगा. और दीदी को तो भनक भी लगेगी इस चीज़ की.
रजत: अगर इतना सिंपल है तो फिर मैं दीदी को बता देता हू. अगर उनको ओक हुआ, तो मुझे भी कोई प्राब्लम नही होगी.
रजनी: देख मैने हम दोनो का सोचा है. अगर मुझे जीजू से फ़ायदा है, तो तुझे भी फ़ायदा होगा.
रजत: क्या फ़ायदा?
रजनी: मैं जानती हू रजत, की तू गे है.
ये सुन कर रजत और मैं दोनो हैरान हो जाते है. फिर वो कहता है-
रजत: दीदी आपको कैसे पता?
रजनी: बेटा मैं तेरी बेहन हू. तुझसे कही ज़्यादा जानती हू. जब तूने पहली बार किसी लड़के से बात शुरू की थी, तब मैने तेरी छत पढ़ ली थी. और जो भी तुम लोगों ने किया वो भी मुझे पता है.
ये सुन कर रजत की बोलती बंद हो गयी. फिर रजनी बोली-
रजनी: देख आज तक मैने ये किसी को नही बताया. और तू भी नही बताएगा. जीजू मस्त छोड़ते है. तुझे भी पूरा मज़ा मिलेगा. मैं बात करती हू उनसे.
ये सुन कर रजत स्माइल करने लगा. तभी मैं अंदर गया, और मैने कहा-
मैं: तो फिर सेयेल साहब, करोगे अपने जीजू से प्यार?
ये सुनते ही रजत मेरे पास आया, और मैने उसको बाहों में भर कर किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ देने लगा. रजनी ने फिरसे अपने कपड़े उतार दिए.
फिर उसने रजत को पीछे किया, और मुझे किस करने लग गयी. रजत नीचे बैठ गया, और उसने मेरी पंत खोल दी. फिर अंडरवेर उतार कर वो मेरा लंड चूसने लग गया. उपर से रजनी ने मेरी शर्ट उतार दी, और हम दोनो किस करे जेया रहे थे.
रजत ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड चूस रहा था, और मैं अपने हाथ से रजनी की छूट सहला रहा था.
कुछ देर बाद मैं रजनी को बेड पर ले गया, और रजत अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया. उसकी गांद बड़ी सॉफ्ट और खूबसूरत थी, जैसी लड़कियों की होती है. मैने अपना लंड रजनी की चूत में डाला, और अधूरा काम पूरा करना लगा.
10 मिनिट में रजनी ने अपना पानी छ्चोढ़ दिया. ये देखते ही रजत बेड पर आ गया, और अपनी गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गया. मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था. मैने रजत की गांद के च्छेद पर थूका, और उस पर अपना लंड रगड़ने लगा.
उसकी गांद पहले चुड चुकी थी. फिर मैने गांद के च्छेद पर लंड टीका कर ज़ोर का धक्का मारा. रजत के मूह से आ निकली, और मेरा आधा लंड उसकी गांद में चला गया. फिर मैं लंड धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा.
जब भी मैं लंड बाहर निकालता, तो अंदर डालते हुए पुर ज़ोर से डालता. इससे रजत की आ निकल जाती, और लंड गांद में तोड़ा और अंदर चला जाता. इसी तरह 7-8 धक्कों में मेरा पूरा लंड उसकी गांद में चला गया.
फिर मैने उसके चूतड़ पकड़े, और ताबाद-तोड़ उसकी गांद छोड़नी शुरू कर दी. रजनी भी घुटनो के बाल मेरे पास आ गयी, और मुझे अपने होंठो और बूब्स का मज़ा देने लग गयी.
मैं एक तरफ उसके होंठ और बूब्स चूस रहा था, और दूसरी तरफ उसकी भाई की गांद छोड़ रहा था. रजत आ आ कर रहा था, और मुझे रुकने को बोल रहा था.
इस्पे मैं और अग्रेसिव हो गया, और उसके छूतदों पर थप्पड़ मार कर उसकी गांद छोड़ने लगा. कुछ देर ऐसे ही छोड़ने के बाद मैने उसको सीधा किया, और उसकी टांगे बिल्कुल मोड़ कर आयेज से लंड उसकी गांद में डाल दिया.
अब रजनी रजत को किस कर रही थी, और मैं उसकी गांद छोड़ रहा था. फिर मेरा निकालने वाला था. जब मैने रजत को ये बोला, तो रजनी ने जल्दी से मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया. मैने अपने आखरी 50 धक्के रजनी के मूह में मारे, और फिर सारा पानी उसके मूह में निकाल दिया.
वो पानी मूह में लेकर रजनी ने रजत को किस किया, और दोनो ने आधा-आधा पानी पी लिया. उसके बाद से मैने रजनी और रजत को काफ़ी बार छोड़ा, लेकिन आप सब के साइवा ये बात सिर्फ़ हम तीनो को पता है.
थे एंड.