गाइस अगर आपको स्टोरी अची लगे तो कॉमेंट करके ज़रूर बताए. पिछला पार्ट यहा पढ़े – नौकरानी से रंडी तक का सफ़र
चलो अब डाइरेक्ट स्टोरी पे आते है.
मैं :- मैने छू के तो देखे नही है तो मुझे कैसे पता होगा.
अब आयेज…
नीलम :- ( तोड़ा सोचते हुए ) ठीक है चूलो.
मैं शॉक्ड था मैने अपना हाथ उसकी चुचीॉ की तरफ बढ़ाया जैसे ही मैं उसकी चुचिया दबाने वाला था वो हेस्ट हुए बाल्कनी से भाग गयी. मैं भी अपनी चेर से उठा ओर उसके पीछे भाग गया.
वो मेरे रूम मई भाग के जा रही थी इतने मई मैने उसका हाथ पकड़ा ओर उसे अपनी तरफ खिच लिया मैने उसकी कमर मई हाथ रखा ओर उसकी गर्दन पे बहुत सॉफ्ट्ली किस करने लगा वो लंबी लंबी ससे लेने लगी.
मैने उसकी चुचीॉ पे हाथ रखा ओर दबाने लगा वो ओर गरम ससे लेने लगी मेरा लॅंड उसके चूतादो के बेच जा रहा था. मैने उसे अपनी तरफ पलटा ओर उसकी गंद दबाने लगा 5 मीं तक ऐसे ही मैने उसकी चुचिया ओर गंद दबाई वो सीधी खड़ी भी नही हो पा रही थी इतनी गरम हो गयी थी मई समझ गया था इसकी छूट गीली हो गयी है.
तभी मई उसे से अलग होके अपने बेड प्र बैठ गया. वो शॉक्ड थी की अचानक मैने उसे छोड़ क्यू दिया उसने मुझे सवाल पूछने की नज़र से देखा.
मैं :- ( हेस्ट हुए ) बड़े तो है आपके मान ना पड़ेगा.
नीलम :- ( गुस्से मई ) तुम…. इतना टाइम लगता है बड़े है की नही चेक करने मई वैसे भी मैं मज़ाक कर रही थी.
मैं कुछ बोलता इतने मई वो गुस्से मई किचन मई भाग गयी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आब उसे भी तड़प्ता देख. वो सारे काम बहुत गुस्से मई कर रही थी ओर मुझे बात नही कर रही थी.
अगले दिन सॅटर्डे था ओर मेरी सॅटर्डे सनडे ऑफ रहता है तो हम खाना खाते खाते टीवी देखने लगे. वो अभी भी गुस्से मई थी कुछ नही बोली खाना खाते वक्त भी.
वो हॉल पे सोफे पर ही सोती है रोज ओर मई टीवी देख रहा था वो अपनी जगह पर सोने लगी वो बार बार करवात बदल रही थी. मुझे लगा टीवी की वजह से उसे नींद नही आ रही है मैं टीवी बंद करके अंदर जाने लगा इतने मैं वो बोली.
नीलम :- मुझे यहा बहुत गर्मी लाग रही है.
मैं :- गर्मी तो है बहुत आज.
नीलम :- वही मैने भी बोला है शायद.
मैं :- ठीक है तो आप भी मेरे ही रूम मई आ जाओ वैसे भी वाहा एसी है गर्मी नही लगेगी.
नीलम :- ठीक है मैं नीचे सो जौंगी गाड़ा दे दो एक बस.
मैं :- अरे कैसी बात कर रही हो आप मेरे साथ उपर सो जाना कोई नही मई कोई ऐसी वैसी हरकत नही करूँगा.
नीलम :- ( मूह बनाते हुए धीरे से बोली ) ओर उमीद भी क्या ही रखू तुमसे.
फिर हम दोनो अंदर चले गये वो अलग साइड थी मई अलग. 10-15 मिनिट बाद मैने सोचा क्यू ना नीलम को फिरसे गरम किया जाए मैने करवट लेने के बहाने नीलम की कमर मई हाथ रख दिया ओर उसे अपनी ओर खिच लिया. वो बिल्कुल नही हिली पर मुझे पता तह की वो अभी नही सोई है.
मैने फिर अपना हाथ उसकी जाँघो ( थाइस ) मई रख दिया ओर तोड़ा कासके पकड़े रखा उसे लगा की मई नींद मई कर रहा हू तो वो लंबी ससे लेने लगी. मैने अपना मूह उसके चुचे के बहुत करीब रख दिया उसको मेरी ससे महसूस हो रही थी अपने चुचो पे ब्लाउस के बाहर से. वो गरम होने लगी थी तो मैं वही ही उसे पकड़ के सो गया.
3 बजे के आस पास मेरेको मेरे लॅंड पे कुछ महसूस हुआ तो देखा नीलम मेरे बॉक्सर से मेरे लॅंड को निकल रही. उसने मेरे लॅंड को आचे से देखा तोड़ा हिलाया ओर टिप को अपने मूह पे रखा. मैं उससे चिपक के सो रखा था तो मेरा लॅंड इतनी डियर से खड़ा होने के कारण तोड़ा प्री काम निकल चुका था उसने उसे चटा. मैने सोचा यही मोका है.
मैं :- ( नाटक करते हुए ) आप ये क्या कर रही हो.
नीलम :- ( बहुत बेचैन थी ) प्लीज़ लॅविश मुझे छोड़ दो.
मैं :- आप ये कैसी बाते कर रही है.
नीलम :- मेरी छूट मई बहुत आग लगी हुई है प्लीज़ मुझे छोड़ दो मेरी छूट की प्यास बुझा दो प्लीज़ लॅविश.
(मैं भी उसे बहुत टाइम से छोड़ना चाहता था तो आब मैने सोचा नाटक ख़तम करते है ओर असली चुदाई शुरू करते है )
नीलम :- प्लीज़ लॅविश जो बोलॉगे वो कृंगी बस मेरी छूट की आग बुझा दो प्लीज़.
मैं :- ठीक है पर तू मेरी रंडी बनके रहेगी आब्से ओर जो बोलूँगा वो करेगी बिना सवाल के समझी.
नीलम :- ( थोड़ी शॉक होते हुए उसे एक्सपेक्टेड नि था ऐसा कुछ होगा पर उसकी छूट की आग बहुत ज़्यादा थी उसने जल्दी से ) हा जो बोलॉगे कृंगी.
मैं :- ज़ोर से गाल पे चटा मारा मलिक बोलेगी अबसे तू मुझे ग़लती से भी.
नीलम :- मार क्यू रहे हो पहले तो साहब बोलने से भी माना करते थे.
मैं :- ( मैने एक ओर चटा मारा ) रंडी साली बिना सवाल किए जो बोलू करते रह वरना.
नीलम :- समझ गयी मलिक माफ़ करदो आब्से नही होगा.
मैने एक झटके मैं उसका ब्लाउस फाड़ दिया ओर उसके मोटे लिप्स पर किस करने लगा. मेरे एक हाथ मई उसकी गर्दन थी दूसरे मई उसकी एक चुचि मैं उसकी चुचि को मसल रहा था. वो मेरे मूह के अंदर ही सिसकिया भर रही थी मैने 5 मीं तक यही किया ओर उसके बाद उसकी दोनो चुचीॉ को आचे से मसल कर एक एक करके उसके निपल्स को चबा चबा के चूसने लगा. वो ज़ोर ज़ोर से उम्मह उम्म्म्ममह उम्म्म्मह करे जेया रही थी.
नीलम :- उम्म्मह आराम से करो मई कही जा नही रही हू.
मैने उसके निपल पे ज़ूर से बीते किया. वो समझ गयी थी.
नीलम :- आआआआआः सॉरी मलिक सॉरी रहें करो अपनी रंडी पर ग़लती हो गयी आयेज से नही होगी आआआः प्लीज़ मलिक माफ़ करदो.
मैं :- ( उसकी चुचीॉ पे चटा मरते हुए ) कितने दीनो इनको चूसने की फिराक मई था आब्से ये मारी ही है.
नीलम :- जी मलिक सिर्फ़ आपकी है. पर इंपे तोड़ा रहें करिए प्लीज़.
मैं :- ( उसकी चुचीॉ पे चटा मरते हुए ) अब तू सिखाएगी मुझे रंडी साली!
नीलम :- माफी मलिक माफी अगली बरी नही होगा.
मैं :- चल आब घोड़ी बानिया जल्दी.
वो ज्लडी से खुश होके घोड़ी बान गयी. मैने ज़ोर से उसकी गंद मई चटा मारा वो चीख उठी अया. मैने उसके दोनो चूतड़ पकड़े ओर पेटिकोट के बाहर से मसालते हुए पेटिकोट को फाड़ने लगा.
नीलम :- मलिक सारे कपड़े फाड़ दोगे क्या.
मैं :- ( उसके बालो को पीछे की तरह खिचते हुए ) तुझे आब्से कपड़ो की ज़रूरत नही है मेरी रंडी.
नीलम :- मई कुछ समझी नही मलिक.
मैं :- ( गांद मे 3 छानते मारते हुए ) अब से तू घर पे नंगी रहेगी जब मई हू तब भी जब ना हू तब भी. कोई आएगा तो ही कपड़े पहनेगी वो भी मुझसे पूछ के.
नीलम :- जी मलिक जैसी आपकी मर्ज़ी.
मैने उसकी छूट मई हाथ रखा तो वो पूरी गीली हो रखी थी ओर उसकी जाँघो ( थाइस ) तक पानी फैल रखा था. मैने उसके चूतादो पे ज़ूर से तपद मारे. ओर उसकी छूट को चाटने लगा ओर कभी जाँघो ( थाइस ) पे काट देता तो कभी छूट पे.
नीलम :- ऐसे ही मलिक अपनी रॅंड की छूट को खा जाओ मलिक.
मैं अभी भी उसकी छूट को चबा चबा के खा रहा था.
नीलम :- मलिक अपनी रंडी की छूट फाड़ दो मलिक बहुत दीनो से आपके लॅंड के लिए तड़प रही है. कितना रलाओगे मलिक मेरी छूट को आज भोसड़ा बना दो मेरी छूट का.
मैं खड़ा हुआ ओर उसे मिशनरी मैं लिटा दिया. मैने अपना लॅंड उसकी छूट मई एक झटके डाला आधा ही गया था ओर उसकी जान निकल गयी थी. अया मलिक बाहर निकालो आपका बहुत मोटा ओर बड़ा है मेरी जान निकल गयी.
मैने उसकी कमर को पकड़ा ओर एक ओर ज़ोर का झटका मारा. उसकी छूट ने एकद्ूम पानी छोड़ दिया ओर हल्का सा खून भी आने लगा. मैने ढके लगाने शुरू किए ओर वो थोड़ी ढीली पाद गयी थी दर्द की वजह से वो कुछ ज़्यादा नही बोल रही थी बस करहा रही थी. मैं उसे छोड़ते हुए उसकी चुचीॉ को छबाए जेया रहा था.
उसका तोड़ा दर्द काम हुआ तो वो फुल मज़े मई छिला रही थी आ मलिक ऐसे ही फाड़ दो मेरी फुदी. क्या मस्त लॅंड है आपका मलिक छोड़ो अपनी रंडी को ओर छोड़ो. मैं उसे फुल तेज़ी मई छोड़ रहा था ओर वो भी अपनी कमर उठा उठा के चूड़ने लगी.
घस्ती आराम से तेरी छूट का शोर पूरी कॉलोनी सुन लेगी तो यही सब छोड़ने आ जाए.
वो होश मई नही थी ओर अभी भी अपनी छूट की प्यास मई छिला छिला के चुड रही थी. मुझे भी उसके छीलाने से मज़ा आ रहा था तो मैने उसे कुछ कहा नही ओर उसके चुचे चूस्ते हुए छोड़ता गया.
40 मीं बेरहें ठुकाई के बाद मैं उसकी छूट मई झाड़ गया ओर वो तो पाटनी कितनी बार झाड़ गयी थी. मैं भी तोड़ा तक गया था तो उसके चुचो के बेच ही सर रख के वैसे ही हम दोनो सो गये.
ये पार्ट बहुत लंबा हो गया है गाइस तो अगर आपको अगला पार्ट चाहिए है तो कॉमेंट मे बता देना.
अगर मुझे कॉंटॅक्ट करना है या कोई फीडबॅक देना है. तो उसके लिए आप लोग मुझे मैल कर