अब मैं कल का वेट कर रहा था. मैने कल निशा को खूब छोड़ने का सोचा था. उसे मैं सेक्स और रोमॅन्स में पूरा ओपन करना चाहता था. मैने आयेज के भी बहुत प्लान बनाए थे. कहानी अब आयेज-
मैने भी सोचा था की निशा एक घर परिवार वाली औरत थी. उसे भी रिलेशन्षिप में अभी दर्र लगेगा. इसलिए मुझे उसे धीरे-धीरे ओपन करना होगा. जिससे वो खुल कर एंजाय करे. इस ख़याल से मैं सो गया, और सुबह उठा. जल्दी से रेडी होने लगा. तब तक 8 बाज गये थे. उधर से निशा का गुड मॉर्निंग का मेसेज आया था. मैने रिप्लाइ दिया.
मैं: मेरी सबसे प्यारी जान गुड मॉर्निंग आंड ई लोवे योउ.
निशा: आप भी ना. ई लोवे योउ टू.
उसने हेस्ट हुए मुझे ये बोला था. फिर मैने कहा-
मैं: मेरी जान, अब जल्दी से उन दोनो को घर से बाहर निकल. मुझे तेरे पास आना है.
निशा: अर्रे बाबा तोड़ा सबर करो. वो खुद ही जाने वाले है. मैं आपको बता दूँगी. प्लीज़ जल्दी चले जाना आप यहा से.
मैं: तू ज़्यादा मत दर्र. रोहित तेरे साथ है ना, सब संभाल लेगा.
निशा: हा पता है मुझे. आप कितने बड़े पागल हो.
मैं: क्या बोली साली?
निशा: अर्रे प्यार से बोली हू. मेरा हक नही है क्या आप पर?
मैं: मेरे रंडी, तेरा पूरा हक है.
निशा: हा अब सिर्फ़ मेरा ही हक है आप पर, और आपका मुझ पर.
मैं: हा बिल्कुल मेरी जान.
निशा: अछा बाइ. अभी जाती हू, इनका तिफ्फ़िं दे देती हू.
फिर वो ऑफलाइन हो गयी. मैं भी रेडी होने लगा. इतने में डीपू का फोन आ गया. वो मुझे कॉलेज के लिए बुला रहा था. लेकिन मैने माना कर दिया. उसको बोल दिया की आज कॉलेज नही आ रहा हू. फिर वो बोला-
दीपक: यार तू आता तो हम आज एक्सट्रा क्लास चलते. आज मेरी एक्सट्रा क्लास लगेगी. मैं घर भी लाते जेया पौँगा.
मैं: कब जाएगा?
डीपू: 4 से 5 बजे तक. मुझे लाइब्ररी भी जाना है.
मैं: तू कर आचे से पढ़ाई. मुझे तोड़ा काम है आज.
मेरे मॅन में खुशी हुई. आज और ज़्यादा मज़ा आएगा. दीपक को आने में 4 बाज जाएँगे. तब तक निशा को बहुत मज़ा दूँगा. मज़े से चुदाई होगी. उसने शायद निशा आंटी को भी बता दिया होगा. इसलिए उसने मेसेज किया.
निशा: सुनो बेबी, आपके लिए गुड न्यूज़ है. आज दीपक कॉलेज से 4 बजे तक आएगा. अब आपको शैतानी करने का और ज़्यादा टाइम मिल गया है. मुझे बहुत परेशन करोगे आप.
मैं: हा अभी तेरे बेटे ने बताया मुझे. क्यूँ तुझे अछा नही लगता? तू बोले तो ना अओ? अगर तुझे प्यार नही है तो रहने दे, नही आता हू.
निशा: अर्रे मैने ऐसा कब कहा है? आपकी शैतानी कल रात में मैने बहुत याद की. आपका प्यार करना मुझे पसंद है. प्लीज़ अब ऐसा मत बोलो. ई रियली लोवे योउ. मैं आपको अपना बना चुकी हू.
मैं: अगर तू मुझसे प्यार करती है. तो तू आज सेक्सी निघट्य पहनेगी. मुझे तू ऐसे ही मिलनी चाहिए.
निशा: आप ना क्या-क्या बोलते हो. मेरे पास वैसे कपड़े नही है. मैं आपके लिए जीन्स पह्न लूँगी. वही है अभी मेरे पास.
मैं: ठीक है.
फिर मैं अपने काम में लग गया. कुछ काम करते हुए मुझे 10 बाज गये थे. निशा ने मुझे कॉल किया और बोली-
निशा: श हॅंडसम, कहा हो? अभी इतना बोल रही थे उनके जाते ही कॉल करना, अब कहा रह गये हो?
मैं: मेरी जान आ रहा हू अभी. और तेरी गांद छूट का भोंसड़ा बना दूँगा.
निशा: हाहाहा, वो तो आप कल कर चुके हो. आप ज़ालिम लड़के हो जो मुझ पर रहम नही करते. प्लीज़ आज प्यार से करना.
प्लीज़ अब आप आ जाओ. मुझे भी अब आपके पास रहना है. जल्दी आओ ना जानू.
मैं: हा बेबी, 10 मिनिट में आया.
अब मैं जल्दी से घर से निकल गया. मैं बहुत एक्शिटेड था. आज निशा की जाम के चुदाई करूँगा. मेरे पास अभी 10 से 4 बजे तक का टाइम था. मैं बिके से उसके घर निकल गया.
निशा की छूट और गांद को इमॅजिन कर रहा था, जिससे मेरा लोड्ा खड़ा हो गया था. टाइट लंड मेरे जीन्स से बाहर आने को तड़प रहा था. जीन्स के अंदर से लंड पर हल्का सा दर्द होने लगा.
लगभग 20 मिनिट बाद मैं अपने दोस्त के घर पहुँच गया. जाते ही जल्दी से मैने डोरबेल बजाई. निशा ने जल्दी से गये खोला. तो मैं उसे देखता ही रह गया. उसने मरून कलर की निघट्य जो की उसके घुटनो तक थी, पहनी थी.
निघट्य में कमाल की सेक्सी लग रही थी. मैं उसे देखता ही रह गया. उसने शर्मा के नज़रे नीचे कर ली. फिर मुझे बाहर खड़ा देख जल्दी से बोली-
निशा: अब जल्दी से अंदर आओ. मुझे गाते बंद करना है कोई देख ना ले.
फिर आंटी ने जल्दी से गाते बंद कर दिया, और मेरे सामने आ गयी. निशा के होंठो पर मरून लिपस्टिक थी, और बाल खुले थे. मैने उसकी कमर को ज़ोर से पकड़ कर कहा-
मैं: साली जब तेरे पास ये था, तो तू माना क्यूँ कर रही थी?
निशा: आह अर्रे बाबा, सुनो तो. ये मेरा नही है पड़ोसन से लाई हू. अब आपने मुझे अपनी फरमाइश बताई तो मेरा भी फ़र्ज़ था आपको खुश करने का. क्या मैं अची नही लग रही आपको?
मैं उससे अपने चिपका के उसकी आँखों में देखते हुए बोला-
मैं: मेरे रानी. तू आज ग़ज़ब की अप्सरा लग रही है.
मैं उसे ऐसे देखने लगा. निशा भी बड़े प्यार से मुझे स्माइल देते हुए देख रही थी, और मुझे देख कर बोली-
निशा: मुझे आपके साथ खुशी मिलती है. तो आप जो बोलॉगे वो करना मेरा फ़र्ज़ है ना.
मैने अब आंटी के गरम होंठो पर अपने होंठ रख दिए. निशा ने अपनी आँखें बंद कर ली. जैसे ही मेरे होंठो ने उसके लिप्स को च्छुआ, तो उसने अपने होंठो को खोल दिया.
मैं मेरे दोस्त की गरम मम्मी के होंठो को चूमने लगा. निशा ने अपने दोनो हाथ मेरी बॅक पर कस्स कर पकड़ लिए. वो मुझे चूमने में साथ दे रही थी. आज उसे भी मज़ा आ रहा था.
मैं उसे चूमते हुए बोला: वाह मेरी जान, आज तेरे इस रूप को देख कर मुझे खुशी हुई. तू भी अब बिना किसी दर्र के एंजाय कर रही है.
कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्तों. मुझे कहानी पढ़ने के बाद मैल ज़रूर करे. मुझे आप गम0288580@गमाल.कॉम पर मेसेज करे. किसी को प्राइवेट और सेक्यूर बातें करनी है, तो भी मेसेज कर सकते है.
थॅंक्स.