ही फ्रेंड्स, मेरा नाम आदित्या है, और मैं पुणे, महाराष्ट्रा का रहने वाला हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं कॉलेज में 1स्ट्रीट एअर का स्टूडेंट हू. अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हू.
मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरी मम्मी, पापा, और बड़ी बेहन रहते है. हमारी फॅमिली एक मिड्ल क्लास फॅमिली है. मेरे पापा एक प्राइवेट ऑफीस में काम करते है, और उनकी पगार उतनी ही है जिससे घर ठीक से चल जाता है. बड़े खर्चे करने, और महँगी चीज़े खरीदने की हैसियत नही है हमारी.
मैं ये बात बहुत पहले से समझ चुका था, तो मैने कभी कोई नाजायज़ माँग रखी ही नही अपने घर वालो के सामने. मेरी बेहन भी ये बात जानती थी और आचे से समझती थी, लेकिन उसका अपने मॅन की इक्चाओं पर कोई कंट्रोल नही था.
मेरी बेहन मुझसे 2 साल बड़ी है, और कॉलेज में फाइनल एअर में पढ़ रही है. उसका रंग गोरा और हाइट 5’5″ है. फिगर उसका 34-29-36 है. सीधे-सीधे काहु तो उसको देख कर कोई भी मर्द उत्तेजित हो जाए.
ये बात 2 महीने पहले शुरू हुई, जब मेरी बेहन का जनमदिन था. कोई ज़्यादा बड़ी पार्टी नही थी. बस कुछ ही लोग बुलाए थे हमने. उनमे से एक थे पड़ोस के खन्ना अंकल. फिर केक कटिंग हुई, और सब लोग केक और डिन्नर खा कर चले गये.
बाद में जब गिफ्ट्स खोले, तो खन्ना अंकल ने एक घड़ी दी थी. वो घड़ी ब्रॅंडेड थी, और 5000 रुपय की थी. ये देख कर पापा ने कहा की हम इतना महँगा गिफ्ट नही ले सकते, तो ये खन्ना अंकल को वापस करनी होगी. लेकिन बेहन इस बात पर झगड़ पड़ी की ये उसका गिफ्ट था, और वो इसको वापस नही दिखी. फिर वो रोज़ उस घड़ी को पहनने लगी.
उसके कुछ दिन बाद मैने देखा की बेहन ने नये ब्रॅंडेड शूस पहने हुए थे. जब मम्मी ने उससे पूछा तो वो बोली उसकी फ्रेंड के भाई ने फॉरिन से भेजे थे. उसको फिट नही आए तो उसने बेहन को दे दिए. मम्मी तो मान गयी, लेकिन मुझे ये बात कुछ हाज़ाम नही हुई.
फिर एक दिन मैने देखा की बेहन जब कॉलेज जेया रही थी अपनी स्कूटी पे, तो खन्ना अंकल पास से गुज़र रहे थे. उसने खन्ना अंकल को स्माइल पास की, और हाथ हिला कर बाइ किया. खन्ना अंकल ने भी उसको हाथ हिला कर बाइ कहा. ये देख कर मुझे कुछ डाउट होने लगा. मुझे उन दोनो का एक-दूसरे को ऐसे बाइ करना अजीब सा लग रहा था.
अब मैने बेहन पर नज़र रखने का सोचा, और आज-कल नज़र रखने के लिए सिर्फ़ फोन चेक करना काफ़ी होता है. तो मैने वही किया. मुझे बेहन के फोन का पासवर्ड पता था, तो मैने उसकी सारी अप्स क्लोन कर ली अपने फोन पर.
फिर मैने उसका व्हातसपप चेक किया. और जो मैने सोचा था वही हुआ. मेरी बेहन खन्ना अंकल से रात-रात भर छत करती थी. वो दोनो बाय्फ्रेंड-गिरल्फर्िएद बने हुए थे. बेहन ने ही उनको नये शूस के लिए कहा था, और अंकल ने वो उसको लेके दिए थे. वो अंकल से काई बार पैसे भी ले चुकी थी.
आख़िर के मेसेज में मैने पढ़ा की अगली रात बेहन और अंकल रात में सब के सोने के बाद मिलने वाले थे. अब मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या करू. पहले मैने सोचा की घर पे बता डू. फिर सोचा पहले देखु की वो दोनो कहा तक पहुँच चुके थे.
अगली रात के डिन्नर के बाद सब अपने-अपने कमरे में सोने चले गये. मैं जाग रहा था और बेहन के कमरे से बाहर आने की वेट कर रहा था. फिर रात को 1 बजे मेरी बेहन अपने रूम से निकली, और सीडीयों की तरफ चली गयी. उसके बाद वो च्चत पर चली गयी.
मैं भी उसके पीछे चला गया. उपर जाके मैने देखा अंकल अपनी च्चत पर खड़े उसका इंतेज़ार कर रहे थे. मेरी बेहन ने लेगैंग्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. उन कपड़ों में उसकी पूरी बॉडी शेप दिख रही थी. अंकल ने पाजामा और त-शर्ट पहनी थी.
फिर अंकल ने बेहन के कंधे पर हाथ रखा, और उसको अपने साथ नीचे ले गये. मैं भी धीरे से उनके पीछे चला गया. अंकल बेहन को लेके रूम में चले गये, और मैं रूम के बाहर से अंदर देखने लगा.
अंकल ने मेरी बेहन को बेहन को बेड पर लिटाया, और उसके उपर आके उसको किस करने लगे. वो पागलों की तरह मेरी बेहन के होंठ चूसने लगे, और बेहन भी उनका साथ दे रही थी. किस करते हुए वो उसके बूब्स मसल रहे थे.
फिर अंकल किस करते हुए नीचे आए, और कमर से त-शर्ट उठा कर निकाल दी. साथ में ही उन्होने ब्रा भी निकाल दी. अब उन्होने दोनो बूब्स अपने दोनो हाथो में लिए, और उनको एक-एक करके चूसने लगे. मेरी बेहन आ आ कर रही थी, और मदहोश हो रही थी.
बूब्स चूस कर लाल करने के बाद अंकल नीचे आए, और बेहन की लेगैंग्स और पनटी दोनो उतार कर उसको पूरी नंगी कर दिया. अब मेरी बेहन अपनी छूट अपने हाथो से च्छुपाने की कोशिश कर रही थी. फिर अंकल ने बेहन की छूट से उसके हाथ हटाए. बेहन की छूट बिल्कुल क्लीन थी, और पिंक कलर की थी.
अंकल ने उसकी छूट पर मूह लगाया, और छूट को पागल कुत्ते की तरह चाटने लगे. बेहन उनका सर अपनी छूट में दबा रही थी. कुछ देर छूट चाटने के बाद अंकल ने अपने कपड़े उतारे और उसकी टाँगो के बीच आके लंड छूट पर सेट करने लगे. उनका लंड कम से कम 6 इंच का था.
फिर अंकल ने ज़ोर का धक्का मार कर पूरा लंड मेरी बेहन की छूट में घुसा दिया. बेहन की चीख निकली, और वो तड़पने लगी. अंकल उसके उपर लेट गये, और उसके होंठो पर अपने होंठ लगा कर धक्के मारने लगे. कुछ देर में अंकल ने उसके होंठ छ्चोढ़ दिए.
अब वो आ आ कर रही थी, और अंकल उनकी छूट छोड़ रहे थे. फिर बेहन ने अपनी टांगे अंकल की कमर पर लपेट ली, और अंकल ज़ोर-ज़ोर के धक्के मारने लगे. साथ में वो बेहन के बूब्स चूस रहे थे. बेहन आ श करके मज़ा ले रही थी. 15 मिनिट अंकल ऐसे ही बेहन को छोड़ते रहे. फिर वो आ आ करके उसके अंदर ही झाड़ गये. फिर दोनो शांत हो गये.
कुछ देर बाद अंकल उठे, और उन्होने बेहन को नोटो की एक गद्दी दी. बेहन ने उठ कर कपड़े पहने, और वापस आने लगी. मैं भी भाग कर वापस अपने कमरे में आ गया. मैने सोचा की घर पे बता कर कोई फ़ायदा नही था, क्यूंकी बेहन तो चुड ही चुकी थी. और वैसे भी उसको ऐश मिल रही थी, तो वो खुश थी. तो मैं चुप रहा.
दोस्तों कहानी अची लगी हो तो आयेज भी शेर करे.