ही मेरा नाम यश है और ये कहानी मेरी और पड़ोस के एक आंटी के साथ है की कैसे मैने उनको रात को खेत मे छोड़ा.
बात आज से कुछ महीने पहेले की है. आप सभी तो जानते हैं की रात की शादियाँ मजेदार होती हैं. जब हम वाहा पहुँचे तो सभी मज़े कर रहे थे! बूढ़े लोग शराब के नशे मे गाना गा रहे थे और हम भी बैठ कर दारू पीना स्टार्ट कर चुके थे और मस्ती कर रहे थे.
दारू पीते पीते बोहट रात हो चुकी थी और मॅग्ज़िमम लोग अपने अपने घर जेया चुके थे. घड़ी देखी तो रात के 2:30 होचुका था सो हम भी वापस अपने अपने घर जाने के लिए टायर होगआय थे.
पूजा आंटी भी हुमारे साथ घर लोटने की फ़ैसला करचूकी थी. वो मुझसे यश मुझे भी घर ले चालोना अकेली हू कहेने लगी. मैने भी ओके चलिए घर तक छोड़ दूँगा कहेके पूजा आंटी के साथ चलने लगा. पूजा आंटी के घर मेरे ही घर के पास मे था.
वो 41 साल की बोहट ही मस्त माल है. बड़ी बड़ी बूब्स और गंद की मालकिन है पूजा. उस वक़्त उसने एक टाइट ब्लॅक त-शर्ट और लूँगी पहेनी हुई थी. और लकी मेकप मे थी. वो ड्रेस मे उनकी बूब्स और गंद और भी ज़्यादा शेप मे और बड़ी दिखराहि थी.
पूजा आंटी एकदम रंडी जेसे लग्राही थी जो पैसे मे चुड़वति हो. मेरा तो लंड खड़ा होगआया था. पूजा आंटी की पति का सालों पहेले ही देहांत होगआया था. उनकी दो बेटे है और दोनो ही बिदेश मे है. आंटी घर पे अकेली रहेती है.
सर्दी का मौसम था और हम साथ ही वापस लॉटराहे थे. बोहट ठंड था, आंटी तो एक साव्ल ओदके चल रही थी पर मुझे ठंड लग्रही थी लेकिन पूजा आंटी की जवानी देखकर गरम होरहा था. आंटी की जवानी के आयेज ठंड ल्ज्ना कम होरहा था.
फिर भी मैने आंटी से अनुरोध किया की आंटी बहुत ठंड लग रही है मुझे भी अपनी साव्ल मे लएलोना. आंटी ने माना कार्डिया पर फिर भी मैने उनसे बोहट ज़िद की तो उन्होने मान लिया. उसके बाद मैं आंटी की साव्ल ओढ़के उनको गले लगाकर चलने लगे.
धीरे धीरे मैने पूजा आंटी की बूब्स तक अपना हाथ लेगया मगर उन्होने मेरा हाथ अपने बूब्स से हठड़िया.
थोड़ी देर बाद फिर मैने अपना हाट उनकी बूब्स पे लेगया इसबार उन्होने कुछ शिकायत नहीं की. उसके बाद मैने धीरे धीरे उनके बूब्स को दबाने लगा. 38 साइज़ की बूब्स दबाने मे बोहट मज्जा आरही थी. उनकी वो गोल गोल बूब्स पकड़ना तोड़ा मुश्किल था मगर मैं बोहट अच्छी तरह से दबा रहा था. बोहट ही सॉफ्ट बूब्स थे. आंटी भी पूरी रसीली औरत थी.
मैं चलते चलते ही उनकी दोनो बूब्स का मज्जे ले रहा था. हम लोग आधा रास्ता पर करचुके थे. मैं उनकी दोनो बूब्स को बरी बरी मसलराहा था. उनको भी सेक्स का नशा चाड रही थी इसीलिए वो भी चलते चलते अपनी बड़ी गंद से मुझे टक्कर दरही थी.
मैं उनकी इशारे समझ रहा था इसीलिए मैने चलते चलते ही उनको किस कर दिया. वो नाराज़ होने की नाटक करते हुवे क्षी ये क्या कर रहे हो तुम कहेके मीठी नाटक काररही थी.
हम लोग घर के पास की खेत मे आचुके थे और अब क्शूतने की टाइम आने ही वाला था तो मैने उनको कुछ देर बेत्ते है कहा. उन्होने गुस्सा होकर क्यूँ बेतना है कहा और मैने उ ही बेत्ते है ना कहा . उन्होने न्ही मैं चलती हू कहेकर चलने ही वाली थी तो मैने उनका हाट पकड़कर खिछा इसिदोरण हम दोनो ही गेहू के खेत्मे गिर गये. मैं नीचे था और आंटी मेरे उपर.
उनकी वो बड़ी बड़ी बूब्स मेरे मूह के पास हिलरही थी. मुझे ये देखकर रहा न्ही गया और मैने पूजा आंटी को झतसे किस करने लगा और उनकी दोनो चुचि को पकड़ के मसालने लगा. मैं उनको किस करते करते अपने नीचे किया और मैं उनके उपर आगेया.
मैं उनकी बूब्स मसालते हुवे किस किए जेया रहा था मगर वो कुछ भी रेस्पॉंड नही कर रही थी. फिर मैने झतसे उनकी त-शर्ट को उपर करके उनकी बूब्स को बाहर निकाला. बरी बरी करके मैं दोनो चुचि चूसना स्टार्ट किया कभी लेफ्ट वाली कभी रिघ्त वाली. वो कुछ रेस्पॉंड न्ही दे रही थी.
सो मैं उनकी लूँगी को उपर करके उनकी पेंटी खोलने के लिए अपना हाट उनकी छूट मे लगाया. साली रंडी की छूट बोहट ही गीली होहुकी थी. उनकी छूट को टच करते ही बोहट जोश आगेया. फिर क्या था उंसकी पेंटी को निकल के खेत मे फेक दिया.
फिर मैने अपनी दो उंगली उनकी छूट मे डाला. लकी टाइट थी. फिर मेने धीरे धीरे उनकी छूट मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा. उसने अपनी आँखें बंद करली. फिर मे जॉर्जोरसे उनकी छूट मे फिँगुरइंग करने लगा. 10 मीं के बाद वो झार्गाई मगर वो अब भी चुप थी कुछ न्ही कहराहि थी सिर्फ़ मज्जे ले रही थी.
फिर मैं एक हाट से उनकी चुचि मसालते हुवे अपनी पंत उतरा. फिर मैने उनकी दोनो बड़ी बड़ी चुचि को बरी बरी चूसा. कुछ देर उनकी चुचि मसलके चूसने के बाद उनको किस करके छोड़ने के लिए रेडी हो गया.
मैने अपना 7 इंच का लंड का टोपा उनकी छूट मे घुसाया उन्होने लंबी सास ली. फिर लंड बाहर निकालकर फिर अंदर डालने लगा मगर लंड फिसल के नीचे गया. फिर मैने आंटी के दोनो टॅंगो को और फैला के लंड को उनकी छूट मे सेट किया और एक जोरदार शॉट मारा. लंड पूरा उनकी छूट मे घुस गया. आंटी की छूट बोहट ही गरम था.
मैं तो स्वर्ग पह्ोछ गया था आंटी के छूट मे लंड डालके. मैं जितना उनकी छूट मे अपना लंड अंदर बाहर करता उतना नि मज्जा आरहा था. पूजा आंटी भी आँख बंद करके नीचे से गंद उछाल उछाल कर मुझे साथ दरही थी. मैं भी जॉर्जोर से स्पीड मे छोड़ने लगा. मैं जितनी ज़ोर्से छोड़ता उतनी ही तेज उनकी दोनो चुचि हिलती थी.
एक मेच्यूर 41 साल की औरत छोड़ने को मिलरही थी. बोहट मज्जा आरहा था. 25 मिनिट्स छोड़ने के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैं उनको और ज़ोर्से छोड़ने लगा और मैं उनकी छूट के अंदर ही अपना सारा माल निकालडिया. वो भी छोड़ते टाइम 2 बार झार्गाई थी. उसमे अभी ही बोहट जवानी भारी हुई थी. झरने के बाद मैं उनके उपर ही चुचि मसालते हुवे रेस्ट करने लगा.
5 मीं बाद मेरा लंड फिरसे लोहा जेसा खड़ा होगआया. फिर मैं वेसए ही उनकी छूट छोड़ने लगा. इसबार उनकी छूट छोड़ते वक़्त बोहट आवाज़ें आ रही थी.
फ़चह फ़चह फ़चह फ़चह कोचह कोच कोच्च कोच
मैं जितनी ज़ोर्से छोड़ता आवाज़ भी उतनी ही बद्रही थी. कोचह कोचह कोचह कोचह फ़च फ़चह फ़च्छ…
पूजा आंटी की सासें भी तेज होरही थी. इस बार की चुदाई मैं मुझे अपना माल झाड़वाना बोहट तकलीफ़ होरही थी. फिर भी मैं उनको स्पीड मैं छोड़े ही जेया रहा था. वो फिरसे झार्गाई. आंटी की चुचि भी बोहट ही मस्त हिलराहे थे. मैं उस रंडी को एसए छोड़ रहा था जेसे कल छोड़ने को ना मिले. वो भी अब बॅश बॅश कहेने लगी थी.
फिर छोड़ते छोड़ते मेरा माल निकालने वाला था सो मैने वो सारा माल उनकी छूट मे ही छोड़ दिया. बोहट मज्जा आया. कुछ देर रेस्ट करके हमने अपने अपने कपड़े पहें लिए. कपड़े पहेन्ने के बाद हुँने एक बार फिरसे लंबा टंग किस किया और मैने उस रंडी के गंद भी मसला. फिर मैने घड़ी देखी तो सुबा के 5:15 होने वेल थे तो हम अपनी अपनी घर चलेगाए.
वो रात के बाद तो आंटी को मैने उनके ही घर पे बोहट बार छोड़चुका हू और अभी भी मोका मिलते ही रात को उनके घर छोड़ने पहुच जाता हू. अब तो वो भी मज्जे से मेरे लंड लेती है. सीधी वसा मे काहु तो मेरी पर्सनल रंडी बंचुकी है.
गाइस मुझे ज़्यादा स्टोरी लिखनी तो न्ही आती मगर कोशी की है. स्टोरी केसी लगी मुझे फीडबॅक दीजिए. अगली स्टोरी पे मिलते है बाइ.