पोलीस वाली ने सुजाई अपनी पति की गॅंड

आज भी मेरी शामत आई हुई थी और मैं अपने कमरे के कोने मैं खड़ा फिर अपनी बीवी से पीटने और गांद मारवाने का इंतजार कर रहा था. कल शाम को की हुई ग़लती आज भारी पड़ने वाली थी.

कल को दोस्तो के साथ शाम को पब मैं दारू पीने चला गया. ये नही था के वो मुझे दोस्तो से मिलने को रोकती थी. लेकिन पी कर गद्दी चलना फिर पकड़े जाना और घर आकर हल्ला करने से उसको सकत नफ़रत थी. खेर कल मैने हल्ला तो नही किया था. लेकिन ड्रिंक कुछ ज़्यादा ही हो गयी थी. और उपर से ट्रॅफिक स्टॉप पर मुझे सीट बेल्ट ना फेने हुए के कारण रोक लिया गया.

लेकिन किस्मत अची थी या खराब ट्राफ़िक स्टॉप मेरी बीवी ने ही लगाया हुआ था. वो तो मुझे हेलो बोलने के लिए आई थी के “मैं कुछ देर मैं घर आ जौंगी. लेकिन जब मुझे ड्रिंक ड्राइविंग करते देखा तो वो गुस्सा हो गयी और बोली “घर जाओ मैं आ कर देखती हू तुमको.”

खेर घर आ कर उसने मुजसे कोई बात नही की और ना ही हुँने उस रात को सेक्स किया. वरना हम रोज एक बार चुदाई कर के ही सोते थे.

मैने बात करने की कॉसिश की तो वो मुझे एक बार किस कर के बोली “सो जाओ अभी मैं बहुत गुस्से मैं हू. मैं नही चाहती मैं कुछ ऐसा बोलू के तुमको बुरा लगे. कल बात करेंगे. और तुहमारी सज़ा भी कल ही मिलेगी. मा पापा कल रात को जागरण पर जेया रहे है, तुम उनको ड्रॉप कर के वापस आ जाना.”

पर मैं तो उसको खुश करना चाहता था. इसलिए मैने उसकी सलवार का नडा खिच दिए और उसकी गांद को उठा कर उसकी सलवार उतार दी. वो माना कर रही थी, 2 बार गुस्से मैं भी देखा तो मैं बोला “पति हू तुम्हारा, ग़लती की है मुझे पता है. तू आज छोड़ने को नही डोगी ये तुम्हारी इचा है. पर मैं तुमको ऐसे सोने नही दूँगा. “

ये सुन कर वो तोड़ा शांत हो गयी और अपनी गांद उपर कर ली तो मैने उसकी पनटी उतार दी.

सिमरन: तुम ऐसी ग़लती क्यू करते हो के मुझे तुम्हारी पिटाई करनी पड़ती है. अगर मेरी जगह कोई और पोलीस वाला होता तुमको जैल मैं डाल देता. उपर से फाइन और पिटाई अलग.

मैं: मेरी सरदारणिएआ तू बुरा ना मान. फाइन और जैल से तूने बचा लिया लेकिन मार तो पड़नी ही है तेरे हाथो से. लेकिन तू बुरा ना मान तेरे हाथो से मार खा कर भी मज़ा आता है.

ये बोल कर मैने उसकी टॅंगो को फैला दिया और उसकी क्लीन शेव्ड छूट को चाटने लग गया.

सिमरन: बड़ा आए, अभी ही इतनी दलेरी दिखा रहे हो. लेकिन जब पिटाई होती है तब रोने लग जाते हो बचो के जैसे.

मैं: वो अब संदेल से मारोगी दर्द तो होगा ही.

ये बोल कर मैं फिर से उसकी चूत चाटने लग गया. मैं तब तक उसकी छूट चट्टा रहा जब तक उसका पानी नही निकल गया.

सिमरन मुझे चूमते बोली “थॅंक्स मेरी जान मुझे शांत करने के लिए. “मेरा लंड भी अब तक पूरा खड़ा हो चुका था. लेकिन सिमरन उसको पकड़ कर मसालती बोली “आज कुछ नही, कल पिटाई और गांद मारने के बाद कुछ मिलेगा तुमको.

मैं: पिटाई तो ठीक है गांद मारनी ज़रूरी है क्या?

सिमरन: ह्म ज़रूरी है तभी तुम थोड़े दीनो तक आचे पति बन कर रहोगे. चलो अब सो जाओ.

खेर कैसे हो दोस्तो ये सब शुरू कैसे हुआ बहुत लंबी स्टोरी है. मेरा नाम गौरव है और मेरी आगे 30 साल है. मैं चंडीगार्ह मैं रहता हू और इट सेक्टर मैं ही जॉब करता हू.

फॅमिली मैं मेरी बीवी सिमरनजीत कॉयार आगे 26 यियर्ज़ वो पोलीस इनस्पेक्टर है. इनस्पेक्टर का प्रमोशन पाने वाली कम आगे की वन ऑफ यंग लेडी थी. उसने अपने एरिया से ड्रग्स के खिल्लफ बड़ी करवाई की थी और बहुत सी अरेस्ट की थी उसको इनाम मिला था.

मेरी बीवी शुरू से बहुत दलेर सी बहुत हिम्मत वाली थी. हम स्कूल मैं एक साथ ही पड़े थे. स्कूल के बाद मैने कंप्यूटर फील्ड जाय्न कर ली और उसने आर्ट्स. वैसे भी वो स्पोर्ट्स मैं अची थी. इस लिए कॉलेज के बाद उसने पोलीस फोर्स जाय्न कर ली और मैने इट कंपनी.

मेरा बाप पवन कुमार 50 साल और मा सुष्मिता 48 साल की है. वो दोनो गूव्ट टीचर थे अब दोनो ही रेटैरेड है.

मैं पड़ने लिखने मैं शुरू से ही अछा था. अगर कभी कबार स्कूल्स मैं आचे मार्क्स नही भी आते या फैल हो जाता तो मा थी ना मेरी तूतिओं लेने के लिए. लेकिन उनकी तूतिओं लेनी मुझे हमेशा भारी पड़ती थी. क्यूकी उनको पता होता था की सब मेरी ही ग़लती है मैं सारा दिन टीवी या बाहर खेला करता था तो पड़ाई नही किया करता था.

और जैसे के उनकी आदात थी वो रात का खाना जल्दी ही बना लिया करती थी और फिर मुझे अपने कमरे मैं बुला लिया करती थी. अगर मार्क्स आचे नही होते तो मुझे पंत और चड्डी उतार कर उनकी जाँघो पर उल्टा लीट जाना होता था. और फिर वो फेले तो अपने हाथो से ही मार्टी थी और जब मेरी गांद आचे से गरम हो जाती उनके छांतो से तो वो अपनी संदेल जो स्पेशल इसी काम के लिए थी.

नॉर्मल वो ये संदेल घर मैं या बाहर नही फेंटी थी. ये लेदर की थी बिना हील वाली. इस संदेल से बहुत दर्द होता था. और फिर वो मेरी गांद पर संदेल से तब तक मार्टी जब तक मेरी गांद पूरी लाल ना हो जाती. और बाद मैं वो मुझे पढ़ाई करती थी.

ये सब शुरू से ऐसा नही था. पर जब मा ने देखा मैं उनकी बात ही नही सुन रहा हू तो उन्होने ऐसे करना शुरू कर दिया था. ऐसा महीने मैं 2-3 बार तो हो ही जाता था. कई बार स्कूल मैं कम नंबर्स आने के लिए. तो कभी कभी बाहर से कोई कंप्लेंट आ जाती के आप का लड़का हल्ला कर रहा है.

पड़ाई के मामले मैं तो मैं इंतजार कर लिया करती थी. लेकिन दूसेरे मामले मैं नही. अगर बाहर से कोई कंप्लेंट लेकर आया है तो उनके जाते ही मेरी क्लास लगा लिया करती थी. 1 बार तो ऐसा हुआ के वो नहाने जा रही थी के मैने किसी की बाहर पिटाई कर दी थी और घर आ गया. और पीछे से मा को किसी ने लंडलिने पर फोन कर दिया.

घर पर उस टाइम कोई नही था एसलिया मा सिर्फ़ ब्रा पनटी मैं ही बाहर आ गयी थी फोन सुनने के लिए. मा को फेले बहुत बार नंगी देख चुका था और पापा से चुड़वते हुए भी. मा को पता था मैं उनको देखता हू लेकिन वो कुछ नही बोलती थी इस बारे मैं.

और जब उन्होने मुझे देखा और अपने आप को छुपाने की जगह मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने कमरे मैं ले गयी.

ये शायद फेली बार था जब मुझे अछा लगा था. और उस दिन जब मा की गोरी नंगी जाँघो पर उल्टा लेता हुआ था और मा मेरी पिटाई कर रही थी तो मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था.

लेकिन लंड ज़्यादा देर तक खड़ा नही रहा था. जब मा ने हाथ से छानते मारने के बाद संदेल उठाई तो लंड अपने आप शांत हो गया था. मा ने ही सिमरन को एक दिन बातो ही बातो में बता दिया था के कैसे वो मेरी पिटाई किया करती थी.

ईवन कॉलेज मैं पड़ता था तब भी. सिमरन को तो हिंट छैइया था एक तो वो वैसे ही पोलीस वाली और दलेर थी. तो उसने भी मा जैसा ही करना शुरू कर दिया.

खेर अगला दिन ऑफीस मैं बड़ी मूसखिल से गुजरा मेरा. जब शाम को वापस आया तो मा और पापा फेले से ही टायर हो चुके थे. मैं उन दोनो की जागरण पर चोर आया. वो तो मुझे भी रुकने का बोल रहे थे लेकिन मैं नही रुका काम का बोल कर वापस आ गया.

सिमरन हमेशा मेरे बाद ही घर आती थी. अगर कोई बड़ा केस आ जाए तो लाते भी हो जाती थी.

खेर कोई 8 भजे तक वो भी आ गयी. मा खाना बना कर ही गयी थी. सिमरन आते ही नहाने चली गयी और तब तक मैने खाना डिन्नर टेबल पर लगा दिया. जब वो नहा कर वापस आई तो उसके बाल खुल्ले हुए थे और उसने सिर्फ़ टवल से अपनी बॉडी को कवर किया हुआ था. नीचे वो नंगी थी.

मैं: क्या हुआ ऐसे ही आ गयी.

सिमरन: बस ऐसे ही घर में कौन सा मा पापा है. चलो जल्दी से खाना कहताम कर लेते है. फिर तुमको पनिशमेंट भी दे दूँगी जल्दी से मा पापा के आने से फेले.

मैने सिर्फ़ है मैं सेर हिल्ला दिया. अब जब पता था के पिटाई होने वाली है सारी भूख ही मार गयी थी.

खेर जैसे तैसे खाना खा लिया तोड़ा बहुत. जब मैने अपनी प्लेट फिनिश कर ली तो सिमरन बोली “तुम रूम मैं जेया कर टायारी करो मैं आती हू थोड़ी देर में. “

ये बोल कर उसने अपनी प्लेट और मेरी प्लेट उठा ली रसोई मैं वॉश करने चली गयी. और मैं अपने बेडरूम मैं आ गया. बेडरूम मैं आते ही मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए. और फिर बेड के दरवेर मैं से सिमरन की संदेल जिससे वो मेरी पिटाई किया करती थी उसको निकल कर रख लिया. और फिर साथ ही पड़े हुए 8 इंच का दीडलो (नकली रबर का लंड) और स्टर्प ओं भी निकल दी.

दीडलो को सिमरन स्टरापों मैं लगा कर पहें लिया करती थी.

सब कुछ टायर करने के बाद मैं अपने ही कमरे के कॉर्नर मैं किसी नॉटी बचे के जैसे कान पकड़ कर खड़ा हो गया. ये मेरी पनिशमेंट का रुटीन था.

कोई 10 मिनिट्स के बाद जब सिमरन आई तो आते ही उसने दरवाजा लॉक कर दिया और बेड के किनारे पर बेत गयी. उसने आस पास देखा तो मैने संदेल उसकी दीडलो और स्तरपों और सरसो का तेल भी निकल कर रख दिया था. तो वो कुश हो गयी और बोली “आ जाओ जी. “

मैने मूड कर देखा इस टाइम सीमार्ण पूरी नंगी थी. क्या खूबसोर्ट लग रही थी. सिमरन और मेरी लोवे मार्रियागे थी. मेरे घरवालो ने तो कुछ नही बोला था लेकिन सिमरन के घरवाले काफ़ी वीरदुह थे हमारी शादी के. क्यूकी हम दोनो अलग धर्म के थे. वो सरदार्णि थी और मैं हिंदू धरम का.

पर सिमरन तो शुरू से ही गुस्से वाली और जिद्दी थी इस लिए उसके घरवालो की एक ना चली और हम दोनो ने शादी कर ली.

आयेज का नेक्स्ट पार्ट मे.