हेलो, सभी आंटी और भाभी को मेरे कड़क लंड का नमशकर. आपके लिए एक नही देसी भाभी छूट चुदाई स्टोरी लाया हूँ.
मेरा नाम सुमित है और मैं जाईपुर से हूँ, मेरी उमर 26 साल है. मैने दिखने मे गुड लुकिंग, जिस वजह से आज तक मैं बहोट सारी छूट चुदाई कर चुका हूँ.
मुझे काफ़ी छूट अपनी देसी भाभी छूट चुदाई स्टोरी की थ्रू ही मिली है, काफ़ी दीनो से मैं सोच रा था की मैं आप सब एक यादगार कहानी सुअनू. फिर आप सब का ख़याल आया.
इसीलिए दोस्तो मुझसे कोई ग़लती हो जाए, तो मैं पहले से अड्वान्स मे सॉरी कह रा हूँ. अब बिना टाइम वेस्ट किए मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
बात उन दोनो की है, जब मेरे कॉलेज चल र्हे थे, मैं घर मे अकेला ही रहता था. मेरे सभी फॅमिली मेंबर्ज़ दूसरे घर मे रहते थे, मेरे पास वालो के साथ काफ़ी आचे रेआलतिओं है. इसलिए सभी का आना जाना लगा रहता है.
उन मे से एक मेरे घर सामने रहने वाली भाभी अपनी पूरी फॅमिली के साथ रहतो थी. उनको मैं भाभी बोलता था, अब मैं आपको उनके बारे मे बीटीये देता हूँ.
उनके लंबे बाल उनकी कमर तक आ र्हे थे, उनका रंग एक दम गोरा चीता था. उनकी आँखें काली और मोटी थी, और उनके बूब्स भी मस्त है. पर उनके सब से अची उनकी गंद है, जब वो चलती थी तो मानो कयमय आ जाती थी.
उनके बूब्स दिखने मे ऐसे लगते है, जेसे मानो वो किसी पिंजरे मे क़ैद कर र्खा हो. पतली कमर मोटी गंद और एक दम टाइट बूब्स किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा कर दे.
उनके हुसबंद सिटी से बाहर एक कॉलेज मे लगे हुए थे, जो 15 दिन मे या 7 दिन मे ही घर आते थे. मैं यही सोचता था की भाभी जी का मान केसे लगता होगा अपने हज़्बेंड के बिना.
भाईया एक दम सीधे से थे, जो ऐसे लगते थे की वो भाभी जी की खूबसूरती के लायक ही न्ही है. वेसए तो मैं उनके घर जाता रहता था, पर एक दिन उनके ससुर ने मुझे बुलाया क्योकि उनका गॅस सिलिंडर ख़तम हो गया है.
मैं उनके घर बरमूडा पहें कर ही चला गया, मेरे लंड का उभर उसमे आचे से दिखाई दे रा था. मैं जब सिलिंडर लगा रा था, तब भाभी मेरे पास ही थी.
मैने नोटीस किया की वो मुझे सिलिंडर के बहाने देख र्ही थी. मैने उनकी नज़ारे पढ़ ली औ रमैने उन्हे स्माइल दी, और मैं बोला – आज ही सिख लॉगी क्या सिलिंडर लगाना? फिर आयेज तो मेरी ज़रूरत ही न्ही पड़ेगी.
भाभी कुछ न्ही बोली और वो स्माइल करके अंदर चकई गयइ. ऐसे ही कुछ दिन निकल गये और फिर एक दिन उन्होने मुझे छाए पर बुलाया तो मैं उनके घर गया.
हुमारी कुछ नॉटी बातें होने लग गयइ, उस टाइम उनके सास ससुर उपेर थे. जो बहोट ज़रूरी काम से नीचे आते थे, फिर छाए पीते पीते थोड़ी भाईया की बातें होने लग गयइ.
तभी उनका फेस उतार सा गया, और ऐसा लगा की जेसे वो रो ही देगी. मैं – क्या बात है भाभी?
भाभी ने मेरी बात को ताल दिया, पर मैने उन्हे तोड़ा फोर्स किया तो वो रोने लग गयइ. मुझे अब साँझ न्ही आ रा था, की मैं उन्हे केसे चुप करूँ.
तो जल्दी से माने अपना एक हाथ उनके शोल्डर पर र्ख दिया, फिर मैने पूछा तो वो बोली – मैं अपनी लाइफ से खुश न्ही हूँ, तुम्हारे भाईया के पास मेरे लिए टाइम न्ही है.
मेरी भी कुछ ज़रूरत होती है, अभी दो साल हो गये है पर ह्यूम कोई बचा न्ही है. ह्यूम लोग टाँगे देते है, और कुछ कुछ बोलते है.
इसी बीच मेरा हाथ उनके शोल्डर से खिसक कर उनके मोटे बूब्स से टकरा गया. उन्होने मुझे कुछ न्ही खा, और तभी उनके रेआलटिवेस आ गये और उन्होने अपने असनू सॉफ किए.
मैं व्हन से चला गया, भाभी के मोटे मोटे बूब्स देख कर मेरा मान कर रा था की अभी इसे यहीं पटक कर छोड़ दूं. फिर एक दिन आशीए ही निकल गया, जब भाभी ने मुझे बुलाया.
तो मैं ये ह सोच सोच कर पागल हुआ जा रा था की आज दुबारा मुझे उनकी मटकती गंद और बूब्स के दर्शन होंगे. फिर आज मैं जब उनके घर गया तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयइ.
मैं बस उन्हे ही देखे जा रा था, आज उन्होने ट्रॅन्स्परेंट पिंक सारी पहनी हुई थी. जिसमे वो बहोट मस्त लग र्ही थी, उनका कट स्लीव ब्लाउस मे उनके बूब्स बाहर आ र्हे थे.
उन्होने हेलो बोल कर मेरा ढयन हटाया और वो बोली – क्या हो गया साहब?
मैं – आज तक चाँद को रात मे ही देखा था, ऑर आज दिन मे दिख गया. इसलिए मैं आचे से दीदार कर रा था.
अब वो हासणे लग गयइ और मैं बोला – इतना ज़ोर से मत हसो आपके सास ससुर डाटेंगे.
भाभी – वो तो तुम्हारे भाईया के साथ हरिद्वार गये है.
घर पर किसी का रहना ज़रूरी था, इसलिए मैं रुक गयइ. ऐसा सुनते ही मेरा लंड एक दम से खड़ा हो गया. भाभी अब छाए बना कर मेरे सामने झुकी तो उस डीप नेक वेल ब्लाउस मे उनके कबूतर के दर्शन मुझे हो गये.
उनकी सारी नीचे गिर गयइ, भाभी ने ये सब नोटीस किया और वो बोली – खाने का इरादा है क्या?
जेसे वो मुझे बोली तो मैं दर गया और मैं बोला – न्ही एशिया कुछ न्ही है.
वो मेरी हालत को साँझ गयइ थी, अब वो मेरे पास आ कर बोली – देख लो खाने का सामना र्खा है, अब तुम पर देपें करता है की इसे तुमने खाना है या न्ही?
उनकी इन बतो से मेरे अंदर हिम्मत आ गयइ और मैं बोला – जो खिलाना चाहो वो खिला दो. अब वो मेरे उपेर झुकी तो मैने उन्हे पाकड़ कर सोफे पर पटक दिया.
अचानक हमले से वो एक दम से अंजान थी. मैने उनकी आँखों मे देखते हुए उन्हे किस किया. कम से कम 15 मिनिट तक हुमारी किस चली, मैने उनके रसीलने होंठो को का सारा रास्स पी लिया.
किस करते करते कब उसकी सारी अलग हो गयइ ये उसे पता ही न्ही चला. सारी के बाद ब्लाउस और ब्रा एक एके करके मैने उतार दी, इतने मोटे मोटे बूब्स देख कर मेरी आँखों मे चमक आ गयइ और मेरे मूह से लार गिर गयइ.
फिर मैं उनके बूब्स को रगड़ने लग गया, और तब तक मैं रगड़ता रहा जब तक वो लाल न्ही हो गये. उसके बूब्स सच मे काफ़ी मस्त थे, दोस्तो मैं ये आपको केसे बतुन की केसे मैं उसके मोटे मोटे बूब्स से होते हुए केसे मैं नीचे आया.
जेसे ही मैने उसकी पनटी मे हाथ डाला तो मुझे ऐसा लगा की अंदर आग लगी हो. उसकी छूट एक दम गरम हो र्ही थी, मानो उसमे से गरम लावा निकल रा हो. मैने उसके अंदर दो उंगलिया डाल दी तो वो उछाल पड़ी.
भाभी – धीरे मेरे राजा मरोगे क्या?
मैने उंगलिया बाहर निकल कर उसके सामने ही अपने मूह मे दे दी, इससे वो और भी रोमॅंटिक हो गयइ. उसने मेरा मूह अपनी छूट पर र्ख दिया, सोच बोलू तो आज तक इतनी चुदाई करी है.
पर आज तक ऐसी छूट मैने न्ही देखी, उसमे से एक मस्त खुसभू आ र्ही थी. उसके छ्होटे छ्होटे आल मुझे अब डबल मज़ा दे र्हे थे. मैने भाभी के गुलाबी दाने को हाथ से रगड़ा और जीब से चाटना शुरू कर दिया.
भाभी के मूह से अहः अहः की आवाज़ निकल र्ही थी. उन्होने पूरा ज़ोर लगा कर मेरा मून अपनी छूट पर दबा दिया, मैं उनकी छूट का सारा पानी पी गया.
उसका टेस्ट एक दम नमकीन था, आज तक मुझे उसकी छूट के पानी का सवद आया है. फिर मैने अपना निकाला तो वो मेरे लंड को देख कर बोली – वाउ इतना मोटा.
मैं – मेरी रंडी ये सब तुम्हारे लिए ही है.
फिर मैने अपना लंड उसके मूह मे डाल दिया, और वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लग गयइ. इस बीच मेरा पानी उसके मूह मे निकल गया, अब वो बोली.
भाभी – प्लीज़ सुमित अब और मत तड़पाव, प्लीज़ इसको अंदर डाल दो और कितना वेट कारवाओगे.
मैने हालत को देखते हुए अपना मोटा लंड उसकी छूट के मूह पर र्खा और ज़ोर से ढाका मारा, तो मेरा लंड उसकी छूट की दीवारो को चीरता हुआ अंदर चला गया.
उसकी आँखों से आँसू आ र्हे थे, मैं बाओल – क्या हुआ क्यो रो र्ही हो?
भाभी – ये तो खुशी के अस्सनु है, अब मुझे छोड़ते जोआ रुकना मत प्लएआसए.
अब वो नीचे से उछाल उछाल कर मेरा साथ दे र्ही थी, पूरे घर मे आहह आ की आवाज़ें आ र्ही थी. हम दोनो पसीने से भीगे हुए चुदाई किए जा र्हे थे.
फिर मैने उनको घोड़ी बनाया तो गंद से अब पट्ट पट्ट की आवाज़ें आने लग गयइ.
भाभी – आहह फक मे यार, मैं प्यासी हूँ जाने कितने दोनो से अब प्लीज़ रूको मत.
इतना कहते ही मैं अपने ढाको की स्पीड बढ़ा दी, इसी बीच भाभी जाने कितनी बार अपना पानी निकल चुकी थी. मेरा लंड एक दम लाल और भाभी की छूट एक दम पिंक हो गयइ थी.
मैं – भाभी मेरा होने वाला है, बतो ख़ान पर निकालून?
भाभी – मेरी छूट मे ही निकल दे, अब मैं तेरे बचे की मा बनना चाहती हूँ.
ये सुनते ही मेरे लंड अपने पानी की पीचारी उनकी छूट मे चला दी, उनके फेस पर एक अलग ही खुशी मुझे अब दिख र्ही थी. वो स्माइल करने लग गयइ और हम दोनो सो गये.
जब मेरी नींद खुली तो भाभी मेरे लंड को मूह मे ले कर चूस र्ही थी. फिर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, और मैं बोला – मुझे अब आपकी गंद मारनी है.
ये सुन कर वो दर गयइ, और माना करने लग गयइ. जब मैने तोड़ा फोर्स किया तो वो बोली – मैने आज तक कभी अपनी गंद न्ही मरवाई है.
मैं – अरे कुछ न्ही होगा तुम फिकर मत करो.
फिर मैने थोड़ी सी वासलीन ली और उसकी गंद और अपने लंड पर लगाई. अब मैने अपना लंड उसकी गंद मे डालना शुरू कर दिया, मेरा लंड फिसल कर नीचे आ गया.
फिर मैने आचे से लंड को को सेट किया और मैने जोरदार ढाका मारा, अब मेरे लंड का टोपा उसकी छूट मे चला गया. अब वो रोने लग गयइ और मैं रुक गया.
जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैने फिर से उसकी गंद मारनी शुरू करी, और अब की बार वो बोली – जान अब अपने लंड का पानी मेरे मूह मे निकलना.
मैने अपने लंड का सारा पानी उसके मूह मे निकल दिया, वो मेरे लंड का सारा पानी पी गयइ. उसके बाद हुँने खूब चुदाई करी, और फिर 4 साल के बाद भाईया की ट्रान्स्फर दूसरी स्टेट मे जो गयइ.
अब भाभी और मेरा चुदाई का सिस्टम ख़तम हो गया. अब भी कभी कभी फोन पर बात हो जाती है, अब उनका एक बेबी है जो मेरा है.
तो दोस्तो आपको मेरी कहानी ये देसी भाभी छूट चुदाई कहानी केसी लगी, प्लीज़ मुझे ज़रूर बताना.
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