हेलो दोस्तो, मेरा नाम अनुज है. मई आज आपके लिए अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मा की मौत के बाद नानी ने गोंटी नाम की औरत को हमारे घर मे खाना बनाने भेज दिया था.
गोंटी बहुत सेक्सी थी, और मेरी नज़र उस पर थी. फिर गोंटी का डाइवोर्स हो गया, और मैने पापा को गोंटी को छोड़ते हुए देखा. पापा और गोंटी का अफेर चल रहा था, और वो दोनो शादी करना चाहते थे. लेकिन शादी से पहले उनको मुझे मानना था. अब आयेज-
चुदाई के अगले दिन जब मई सुबा ब्रेकफास्ट करने आया, तो पापा बोले-
पापा: अनुज मुझे तुमसे एक बात करनी है.
मई: बोलिए पापा.
पापा: मुझे लगता है तुझे मा की ज़रूरत है.
मई: पापा मुझे नही लगता, की कोई भी औरत मेरी मा की जगह ले सकती है.
पापा: लेकिन फिर भी घर मे कोई तो औरत होनी चाहिए.
मई: आपकी नज़र मे है कोई?
पापा: हा.
मई: कों.
पापा: गोंटी.
मई: क्या! गोंटी आंटी? लेकिन वो तो हमारी नौकरानी है.
पापा: फिर क्या हुआ, वो एक अची औरत है.
मई: नही पापा, आप एमोशनल हो रहे हो. वो हमारे स्टेटस को मॅच नही करती. मई क्या बोलूँगा अपने दोस्तो को, की मेरे पापा ने हमारी नौकरानी से शादी करली. नही ये नही हो सकता.
पापा: यार अब तू ऐसा ना कर. मेरा भी तो सोच.
मई: ई आम सॉरी पापा. लेकिन आप अपने चक्कर मे मेरी इमेज खराब नही कर सकते.
और ये बोल कर मई घर के बाहर आ गया. फिर मई उसी वक़्त अंदर गया, ताकि उनकी बात सुन साकु.
गोंटी बोली: देखा, अनुज नही माना.
पापा: मई मनौँगा ना उसको.
गोंटी: हा देखा मैने कितना मनाओगे. लगता है मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.
पापा: तुम कैसे मनाओगी?
गोंटी: एक औरत के बात करने मे, और मर्द के बात करने मे बहुत फराक होता है. आज मई यही रहूंगी, और जब वो वापस आएगा, तो उससे बात करूँगी.
पापा: चलो ठीक है. शायद तुम ठीक ही कह रही होगी.
फिर मई घर से चला गया. आज मई घर जल्दी वापस आ गया था, क्यूकी मुझे जान-ना था, की गोंटी मुझे कैसे समझाने वाली थी. जब मई घर के अंदर एंटर हुआ, तो गोंटी लॉबी मे बैठी मेरी ही वेट कर रही थी. मुझे देख कर वो पानी लेके आई, और मुझे दिया.
उसने येल्लो कलर की सारी पहनी थी, और मरून कलर का ब्लाउस था. जब वो पानी रख रही थी, तो मुझे उसके बूब्स दिख गये. उसके बूब्स देखते ही मेरे मूह मे पानी आ गया. फिर वो मेरे सामने बैठ गयी, और बोली-
गोंटी: अनुज सुबा तुम्हारे पापा ने तुम्हारे साथ कुछ बात की थी.
मई: हा करी थी.
गोंटी: और तुमने माना कर दिया था.
मई: हा.
गोंटी: क्यू?
मई: मैने अपना रीज़न उनको दे दिया था. अब आपको रीज़न बताने की ज़रूरत नही है.
ये सुन कर गोंटी हासणे लग गयी. उसको हेस्ट देख कर मैने उससे पूछा-
मई: आप हस्स क्यू रही हो?
गोंटी: मुझे पता है की तू क्यू माना कर रहा है.
मई: क्या पता है?
गोंटी: तूने इसलिए माना किया, क्यूकी जो तू मेरे साथ करना चाहता था, वो तेरे पापा ने कर लिया?
मई: कुछ भी बोल रहे हो आप.
फिर गोंटी उठी, और मेरे पास आके बैठ गयी. वो मुझे बोली-
गोंटी: मई जानती हू, की तू अंदर ही अंदर मुझे छूने के लिए मॅर रहा है. चल एक डील करते है.
मई: क्या डील.
गोंटी: तू मुझे अपनी मा बनाने को तैयार हो जेया. और मई तेरे पापा के साथ तुझे भी खुश रखूँगी.
मई: मतलब?
गोंटी: मतलब तेरे पापा के सामने मई तेरी मा रहूंगी, और उनके पीछे मई तेरी गर्लफ्रेंड बन जौंगी.
ये बोल कर गोंटी ने मेरा हाथ अपने एक बूब पे रख लिया. इससे अछा मौका मुझे ज़िंदगी मे कभी भी नही मिल सकता था. मई झट से आयेज बढ़ा, और अपने होंठ गोंटी के होंठो से चिपका दिए.
क्या स्वाद था उसके होंठो का. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मई उसके बूब्स दबाता गया, और होंठ चूस्टा गया. होंठ चूस्टे हुए मैने उसको सोफा पर लिटा लिया, और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. वो मुझे अपनी आगोश मे ले रही थी, और मेरा सिर सहला रही थी.
उसकी क्लीवेज मे मूह डाल कर किस करने का जो मज़ा आ रहा था, वो मज़ा मैने कभी ज़िंदगी मे नही लिया था. फिर मैने उसके ब्लाउस को उसके शोल्डर्स से नीचे सरका दिया, और उसके आधे बूब्स और उसके कंधो पर किस करने लगा.
फिर मैने गोंटी का ब्लाउस खोल दिया. अब वो ब्रा मे थी, और बहुत सेक्सी लग रही थी. मैने उसकी कमर को चूमना-चाटना शुरू कर दिया. उतनी देर मे उसने अपनी ब्रा निकाल दी. अब उसके गोरे-गोरे और मोटे बूब्स मेरे सामने थे.
मई उसके बूब्स पर टूट पड़ा, और उसके निपल्स चूसने लग गया. वो मज़े से आहें भर रही थी. फिर मई नीचे गया, और उसकी सारी और पेटिकोट उतार दिया. अब उसकी खूबसूरत जांघे मेरे सामने थी.
मई उसकी जाँघो को नीचे से उपर तक किस करने लगा, और किस करते-करते उसकी छूट मे मूह मारने लगा. मैने उसकी पनटी नीचे की, तो उसकी क्लीन-शेव्ड छूट मेरे सामने आ गयी. मैने पहले उसकी छूट पर किस किया, और वो सिहार उठी.
फिर मैने उसकी छूट पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की. मई अपनी जीभ को उसकी छूट के अंदर तक डालने लगा, और वो गांद उठा-उठा कर मज़ा ले रही थी. फिर मई खड़ा हुआ, और मैने अपने कपड़े उतार दिए. जब गोंटी ने मेरा 7.5 इंच का लंड देखा, तो वो बोली-
गोंटी: तुम्हारा तो तुम्हारे पापा से भी बड़ा है.
फिर मई उसकी टाँगो के बीच आया, अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा. वो सिसकिया ले रही थी. फिर मैने अपना लंड एक ही झटके मे उसकी छूट मे पेल दिया. लंड पूरा जाने से उसकी ज़ोर की चीख निकली, और वो बोली-
गोंटी: हाए राम! धीरे डालना था.
मई हस्सा और मैने उसकी छूट ने धक्के देने शुरू कर दिए. उसने मेरी गांद पर अपने हाथ रख लिए, और मज़ा लेने लगी. क्या गर्मी थी उसकी छूट मे यार, मज़ा ही आ गया. फिर मई नीचे झुका, और उसके बूब्स और होंठ चूसने लग गया.
मई धक्के तेज़ करता जेया रहा था, और उसकी आहें भी तेज़ होती जेया रही थी. मई छूट छोड़ते-छोड़ते उसकी जाँघो को थप्पड़ मार रहा था, और मसल रहा था. कभी-कभी मई उसके बूब्स पर भी थप्पड़ मार रहा था.
वो तो मज़े के सातवे आसमान पर थी, और उसकी छूट पानी छोढ़े जेया रही थी. 15 मिनिट उसी पोज़िशन मे मई उसको छोड़ता रहा. फिर वो और मई अपने चरम पर आ गये, और आ आ करते हुए साथ मे झाड़ गये.
झड़ने के बाद मई उसके उपर ही लेट गया, और हमारी किस्सिंग चलती रही. हम दोनो के जिस्मो पे पसीना आया हुआ था. वो लगातार मेरा सिर सहला रही थी. फिर 10 मिनिट मे हम फिरसे गरम हो गये.
इस बार मैने उसको घोड़ी बनने को कहा. वो झट से घोड़ी बन गयी, और मई उसकी मोटी गांद चाटने लगा. क्या कमाल की गांद थी उसकी. मैने उसकी गांद और छूतदो को चाट-चाट कर गीला कर दिया. वो मेरे सिर को अपनी गांद मे दबा कर चटवाने का मज़ा ले रही थी.
फिर मैने अपना लंड उसकी गांद के छेड़ पर सेट किया, और धक्का मार कर लंड अंदर घुसा दिया. वो सी-सी करने लगी. फिर मैने उसकी गर्दन पकड़ ली, और उसकी गांद छोड़नी शुरू कर दी.
गांद छोड़ते हुए ठप-ठप की मनमोहक आवाज़े आ रही थी. ये आवाज़े हम दोनो को और उत्तेजित कर रही थी. मई साथ-साथ उसके छूतदो पर थप्पड़ मार रहा था. फिर मई आयेज झुका, और उसकी पीठ पर किस करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा.
वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से करने को बोलने लगी, और मैने अपने धक्को की स्पीड और ताक़त दोनो बढ़ा दी. अब मेरे धक्को से पूरा सोफा हिल रहा था, और वो आहें भर रही थी. मैने उसके बाल खींच लिए, और उसको कुटिया की तरह छोड़ने लग गया.
फिर 30 मिनिट की सोफा-तोड़ चुदाई के बार मैने अपना पानी उसकी गांद मे ही निकाल दिया. फिर हम दोनो शांत हो गये, और सोफा पर ही लेते रहे. कुछ वक़्त मे वो मेरे उपर आ गयी, और हम काफ़ी देर तक एक-दूसरे के होंठ चूस्टे रहे. होंठ चूस्टे हुए वो बोली-
गोंटी: अब तो तुम अपने पापा को हा बोल दोगे ना?
मई: रोज़ अपनी छूट और गांद छोड़ने डोगी मुझे?
गोंटी: एक नही दो बार .. तुम्हारा . मेरे पति से ज़्यादा होगा मुझ पर. मा जो . तुम्हारी. तुम ., तो रात को भी तुम्हारे साथ सो . करूँगी.
ये सुन कर मुझे हस्सी आ गयी, और मई बोला-
मई: हा मा, आज मई पापा को हा बोल दूँगा.
मेरे मूह से मा सुन कर वो खुश हो गयी, और बोली-
गोंटी: मेरा अछा वाला बेटा है तू. . मा को एक बार और छोड़ेगा?
मई: मा एक बार नही, दो बार और ..
गोंटी: बेटा तू . बार छोड़. तेरी मा का ये जिस्म तेरे लिए ही है.
ये बोलते हुए हमने फिरसे सेक्स करना शुरू कर दिया. उसके बाद गोंटी और पापा की शादी हो गयी, और गोंटी मेरी मा बन गयी. मई आज तक गोंटी की छूट और गांद का मज़ा ले रहा हू. मेरे पापा का इंटेरेस्ट उसमे कम हो गया है, लेकिन मई दिन-रात उसके साथ सेक्स करता हू. हमारा परिवार सच मे पूरा हो चुका है.
तो ये थी मेरी कहानी दोस्तो. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.