ही फ्रेंड्स, मैं अरमान अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. आशा करता हू की आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और उसका भरपूर मज़ा लिया होगा. अगर किसी ने भी पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की एक-दूसरे को चाटने चूसने के बाद बबिता और जेता की चुदाई शुरू होती है. फिर जेता पहले बबिता को गोद में बिता कर, और फिर उसको घोड़ी बना कर छोड़ा. अब आयेज बढ़ते है.
अभी बबिता और जेता की चुदाई ख़तम ही होती है, की तभी जेता की दुकान के शटर पर कोई ज़ोर-ज़ोर से मारने लगता है. तभी जेता दुकान के अंदर से आवाज़ देता है-
जेता: अर्रे ये कों पागल है, जो दुकान का शटर पीट रहा है?
बाहर से आवाज़ आती है: मैं तुम्हारी बीवी हू बाहर. ये दिन में दुकान बंद करके अंदर क्या कर रहे हो? शटर खोली जल्दी से.
दया की आवाज़ सुन कर जेता की गांद फटत जाती है. उसको पता होता है की अगर दया ने बबिता को अंदर देख लिया, तो वो उसकी बंद बजा देगी. वो जल्दी से अंदर जाता है, और बबिता को दया के आने की खबर देता है. बबिता भी ये सुन कर घबरा जाती है. उसको भी दर्र था की अगर दया को पता चल गया, की वाहा क्या हो रहा था, तो वो इएर को बता देगी.
फिर जेता बबिता को एक अलमारी में च्छूपने के लिए बोलता है. वो अलमारी काफ़ी बड़ी थी, नॉर्मल अलमारी से डबल स्पेस थी अंदर, तो बबिता आराम से अंदर च्छूप जाती है. उसके अंदर जाने के बाद जेता उसके आयेज कुछ समान रख देता है. फिर वो अलमारी बंद करके बाहर जाता है, और शटर खोलता है. शटर खुलते ही दया बोलती है-
दया: इतनी देर क्यूँ लग गयी, और दिन दिहाड़े दुकान का शटर क्यूँ बंद कर रखा है?
जेता: अर्रे वो अंदर कुछ समान सेट कर रखा था, क्यूंकी बगहा कही पर गया हुआ है. इसलिए शटर बंद किया हुआ था.
दया: अछा.
दया को जेता की बात पर यकीन नही था, इसलिए वो ऐसे ही अंदर से दुकान देखने के बहाने अंदर जाने लगी. अभी वो तोड़ा अंदर गयी ही थी, की तभी बगहा दुकान पर वापस आ गया. बगहा को देख कर दया को यकीन हो गया की जेता सच बोल रहा था. फिर वो अंदर नही गयी, और बाहर आ गयी. वो आके जेता के सामने बैठ गयी.
उसके बैठने की वजह से जेता को टेन्षन हो गयी की दया वाहा क्यूँ बैठ रही थी. फिर उसने दया से पूछा-
जेता: तुम्हे छ्चोढने मैं जौ, या अपने आप चली जाओगी?
दया: मुझे आज घर पर कुछ ख़ास काम नही है, तो मैने सोचा दुकान पर बैठ कर माहौल देख लू. कोई दिक्कत तो नही है तुम्हे? या कोई आने वाला है?
जेता: अर्रे दुकान पर तो कस्टमर्स आने ही है. तुम्हारा दिल है तो तुम बैठो दुकान पर. चाहे सारा दिन बैठी रहो, तुम्हारी अपनी दुकान है.
तभी बगहा जेता के पास आया, और बोला: सेठ जी मैं अंदर समान सेट करने जेया रहा हू. अगर आपको कोई काम हुआ तो आवाज़ दे देना.
जेता नही चाहता था की वो अंदर जाए, लेकिन वो उसको दया के सामने माना भी नही कर सकता था. फिर बगहा अंदर चला गया. अंदर जाके वो समान सेट कर रहा था. तभी उसने अलमारी खोल दी, जिसमे बबिता च्छूपी हुई थी. बबिता को देख कर बगहा हैरान हो गया. उसने बबिता से पूछा-
बगहा: बबिता जी आप यहा क्या कर रही है?
बबिता को समझ नही आ रहा था की वो उसको क्या बोले. तभी बगहा बोला-
बगहा: अर्रे बताइए ना की आप यहा क्या कर रही हो? की मैं मालिक को आवाज़ डू?
ये बोल कर बगहा जेता को आवाज़ देने ही लगता है, की बबिता अपने होंठ उसके होंठो से मिला देती है. बगहा ये देख कर हैरान हो जाता है. फिर वो भी बबिता का किस में साथ देने लगता है. वो बबिता को अपनी बाहों में भर लेता है, और खींच-खींच कर उसके होंठो चूसने लगता है.
बबिता बगहा के साथ ये सब करना तो नही चाहती थी, लेकिन उसके पास कोई ऑप्षन नही थी. फिर बबिता ने सोचा जब चूड़ना ही है, तो क्यूँ ना मज़ा लिया जाए. उसने बगहा को अपनी बाहों में भर लिया, और उसके सर को सहलाने लगी.
बगहा ने किस करते-करते बबिता की गांद दबाई, और उसकी लेगैंग्स में हाथ डाल कर उसको नीचे करने लगा. उसने बबिता की लेगैंग्स नीचे उसकी जांघों तक कर दी. फिर वो पनटी के उपर से उसके छूतदों को मसालने लगा. बगहा ने अपने हाथ बबिता की गांद के चियर में डाल दिए, और उसकी गांद के च्छेद को रगड़ने लगा. इससे बबिता मदहोश होने लगी.
फिर बबिता ने किस तोड़ी, और नीचे घुटनो पर बैठ गयी. उसने बगहा की पंत की ज़िप खोली, और बटन खोल कर अंडरवेर नीचे किया. अंडरवेर नीचे करते ही उसका लंड उछाल कर बाहर आ गया. जैसे ही उसका लंड बाहर आया बबिता ने लंड हाथ में लिया, और उसको चाटना शुरू कर दिया. बगहा उसके ऐसा करने से मस्त होने लगा.
बगहा का लंड पूरा तन्ना हुआ था, और बबिता उसको आइस-क्रीम की तरह चाट रही थी. फिर बगहा ने अपने लंड को हाथ में लिया, और बबिता को मूह खोलने का इशारा किया. बबिता ने जैसे ही मूह खोला, बगहा ने अपना लंड उसके मूह में तूस दिया.
फिर उसने बबिता के बाल पकड़े, और उसके मूह में लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. वो ज़ोर-ज़ोर से बबिता के मूह को छोड़ रहा था. बबिता को साँस भी नही आ रही थी और उसके मूह से बहुत सारी थूक बाहर आ रही थी. उसकी थूक से बगहा का लंड पूरा चिकना हो गया था.
फिर उसने नीचे झुक कर बबिता का शर्ट नीचे से पकड़ा, और उसको उपर करके निकाल दिया. अब बबिता सिर्फ़ ब्रा और पनटी में बगहा के सामने घुटनो पर बैठी थी, और उसके मूह में बगहा का लंड था. बगहा ने दोबारा झुक कर बबिता की ब्रा के हुक खोल दिए, और उसके बूब्स को आज़ार कर लिया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आप लोगों को कहानी का मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.