ही दोस्तों, मेरा नाम अरुण है. वैसे तो मैं उप से बिलॉंग करता हू. लेकिन जॉब के चलते मैं नॉइदा में किराए के फ्लॅट में रहता हू.
मेरी उमर 26 साल है, और हाइट 5’9″ है. मैं रेग्युलर एक्सर्साइज़ करता हू, इसलिए फिट हू. रंग मेरा ठीक-ताक है, और लड़कियाँ मैं आसानी से पत्ता लेता हू. ये कहानी 2 महीने पहले की है. तो चलिए शुरू करते है.
जैसा की मैने आप सब को बताया, की मैं किराए के फ्लॅट में रहता हू जॉब के चलते. तो मैं खाना भी कभी अपने आप कभी ढाबे से मॅनेज कर रहा था. 2 महीने पहले अचानक से मेरी तबीयत खराब हो गयी.
डॉक्टर से चेक-उप करवाने पर पता चला, की मुझे फुड पाय्ज़निंग था. जब ये बात मेरी मा को पता चली, तो उन्होने मेरे यहा गाओं से एक नौकरानी भेजने का डिसाइड किया. मैने उनको माना किया, लेकिन इसके बावजूद उन्होने एक नौकरानी भेज दी.
2 दिन बाद वो नौकरानी नॉइदा पहुँच गयी, और मुझे उसने कॉल की. फिर मुझे उसको लेने जाना पड़ा. वैसे तो मैने सोचा था, की उसको माना कर दूँगा, और स्टेशन से ही वापस भेज दूँगा. लेकिन जब मैने उसको देखा, तो मैं उसको माना नही कर पाया.
मेरी नौकरानी एक 22 साल की लड़की थी. उसका रंग सावला था. लेकिन जिस्म बड़ा कॅसा हुआ था. उसका फिगर साइज़ तकरीबन 34-30-36 था. उसका नाम प्रीति था. फिर मैं उसको लेके अपने घर आ गया, और सारा काम समझा दिया.
कुछ दिन में हमारी अची-ख़ासी बातें होने लगी. प्रीति गाओं की एक अनपड़ और गवार लड़की थी. अगर उसके पास कोई कमाल की चीज़ थी, तो वो थी उसका जिस्म. जब मैं घर पर होता था, तो उसको काम करते हुए देखता था. उसकी गांद और उसके बूब्स देख कर मुझे सुरूर सा चढ़ जाता था. लेकिन मैं कभी कुछ करने का ट्राइ नही करता था.
इन दीनो में मैने एक बात नोटीस की थी, की प्रीति शहर के रेहान-सहन से बहुत प्रभावित थी. आस-पास के अमीर लोगों की महँगी चीज़े देख कर वो बहुत खुश होती थी. ये बात मुझे इसलिए पता चल गयी, की जब भी हमारी बात होती थी, तो वो हर किसी की चीज़ों के बारे में बात करती थी. एक दिन ऐसे ही हमारी बातें हो रही थी, जो की कुछ इस तरह से थी.
मैं: प्रीति महँगी चीज़ो का शौंक सब को होता है. लेकिन उसके लिए ज़्यादा पैसे भी चाहिए होते है.
प्रीति: साब मुझे भी ज़्यादा पैसे कमाने है. उसके लिए क्या करना होगा?
मैं: अगर तुम पढ़ी लिखी होती, तो तुम्हे कोई ढंग की जॉब मिल जाती. लेकिन तुम तो पढ़ी भी नही हुई हो.
प्रीति: साब नौकरी में तो उतने ही पैसे मिलेंगे. हा ज़्यादा से ज़्यादा 10-20 हज़ार ज़्यादा मिल जाएँगे, और वो भी महीने बाद. मुझे हर रोज़ 10-20 हज़ार कमाने है.
मैं देख रहा था की प्रीति पैसे की बहुत भूखी थी. फिर मैने उसको सीधा-सीधा बोल दिया-
मैं: अगर हर रोज़ इतने पैसे चाहिए. फिर तो एक ही काम कर सकती हो तुम.
प्रीति: क्या?
मैं: चुदाई कारवओ, और लोंडो को मज़ा दो.
प्रीति: इतना पैसा मिलेगा?
मैं: हा इतना तो मिल ही जाएगा. अची ख़ासी हो तुम.
प्रीति: आप छोड़ोगे तो कितना दोगे?
मैं: 10 हज़ार तो दे ही दूँगा.
प्रीति: अछा, चुदाई में इतना पैसा है?
मैं: हा, यहा पर तो है.
प्रीति: आप करोगे आज मेरी चुदाई?
मैं सोचने लग गया. मैने सोचा की ये अछा मौका था. ये प्रीति की पहली चुदाई थी, और मुझे उसकी सील तोड़ने का मौका मिलना था. और वो भी सिर्फ़ 10000 में. तो मैने बोला-
मैं: ठीक है, करते है. तुम जाके नहा लो पहले.
फिर प्रीति 15 मिनिट में नहा कर मेरे रूम में आ गयी. उसके बाल भीगे हुए थे, और वो सिर्फ़ टवल में थी. उसके जिस्म पे गिर रही हल्की-हल्की पानी की बूंदे उसको और सेक्सी बना रही थी.
उसका टवल उसके बूब्स से लेके उसके घुटनो तक था. उसके नंगे शोल्डर्स और टांगे सॉफ दिख रही थी. मेरा तो उसको देखते ही खड़ा हो गया. फिर मैं उसके पास गया, और उसका टवल खींच दिया, और अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी.
वाह! कितनी सेक्सी लग रही थी वो बिना कपड़ों के. एक-दूं काससे हुए बूब्स, पतली कमर, सेक्सी जांघें, और बालों वाली छूट सब एक नंबर था. मैने उसको अपनी बाहों में लिया, और चूमना शुरू कर दिया.
वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, और पूरा नंगा हो गया. अब मेरा 7 इंच का खड़ा लंड उसके सामने था. मैने फिरसे उसको बाहों में लिया, और किस करने लगा. मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी बालों वाली छूट से टच हो रहा था.
अब मैने उसके दोनो बूब्स पकड़े, और उनको एक-एक करके चूसना शुरू कर दिया. उसकी साँसे तेज़ हो रही थी, और उसको बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसको घुटनो पर बिताया, और मेरा लंड चूसने को बोला.
उसको लंड चूसना नही आता था, तो मैने उसको सिखाया. और अगले 15 मिनिट में वो बिल्कुल किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मैने उसके बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उसका मूह छोड़ने लगा.
कुछ देर में मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसकी जांघों के बीच आ गया. मैं अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा, जिससे वो सिसकियाँ भरने लग गयी. रगड़ते-रगाते मैने ज़ोर से उसकी छूट में लंड को धक्का दिया.
पहले धक्के में उसकी छूट की झिल्ली फटत गयी, और लंड आधा अंदर चला गया. वो तड़पने लगी, और मुझे हटाने की कोशिश करने लगी. लेकिन मैं नही हटता. मैने लगातार धक्के मारे, और पूरा लंड अंदर डाल कर उसको किस करने लगा.
जब वो शांत हुई, तो मैने उसको छोड़ना शुरू कर दिया. कुछ देर में उसको भी मज़ा आने लगा, और वो कामुक आहें भरते हुए चूड़ने लगी.
कुवारि छूट छोड़ने में बड़ा मज़ा आता है दोस्तों. मैने जी भर के उसको चूसा और छोड़ा, और फिर उसके पेट पर अपना माल निकाल कर उसकी साइड में लेट गया. अब हम दोनो हाँफ रहे थे.
इसके आयेज की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी. कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.