पड़ोसी अंकल के साथ मेरी पहली चुदाई

हेलो दोस्तो, ये मेरी पहेली कहानी है. आअज की ये गे चुदाई की कहानी मेरी रियल लाइफ की कहानी है. वेसए तो मैं गे न्ही हूँ, पर मुझे अपने से बड़े लोगो स्पेशली अंकल साथ सेक्स करने मे बहोट मज़ा आता है.

जो की 35 साल के उपेर हो, आज की ये कहानी मेरी पही गे चुदाई मेरे पड़ोसी अंकल के साथ हुए च्चत्ट पर चुदाई की है.

तो अब कहानी को शुरू करते है.

मेरा नाम पुलकित है, मेरी उमर 24 साल है. ये बात तब की जब मेरी उमर 18 साल की थी, मेरी हाइट नॉर्मल है. मेरा रंग तोड़ा ब्रोविश है, हम अपने पुराने मकान मे रहते थे.

सर्दी का टाइम मैं अक्सर सुबह जल्दी उठ कर चत्ट पर स्टडी कनरे के लिए जाता था. हम घर पर 4 लोग हैं पापा, मम्मी मैं और मेरी बहें. मैं अकेले ही काफ़ी देर तक चत्ट पर पढ़ता रहता था.

हुमारे मोहल्ले मे बहोट सारे घर है, उसमे से एक हुमारे घर के पास वाला घर है. जहाँ मेरा बेस्ट फ्रेंड रहता है, मैं अक्सर उससे मिलने जाता रहता था.

हम साथ मे कोल्लगे मे जाते थे और पढ़ाई करते थे. उसके अंकल जिनका नाम कमाल था वो और उनकी वफे भी मेरे फ्रेंड के साथ रहते थे. उसके अंकल की उमर करीब 45 साल की थी

उनकी शायद के काफ़ी सालो बाद भी उन्हे कोई बचा न्ही हुआ था, मैं अक्सर मेरे दोस्त के घर जया करता था. और अंकल से भी मेरी अची बात होती रहती थी, उसके उक्नेल अपनी फॅमिली से तोड़ा अलग रहते थे.

वो सिर्फ़ सोने और खाने के लिए फॅमिली के साथ रहते थे, बाकी टाइम वो लोग अलग ही रहते थे. अंकल की हाइट मुझसे सिर्फ़ थोड़ी सी बड़ी थी, और वो थोड़े से काले भी थे.

उनकी गंद काफ़ी मोटी और गोल थी, उनकी च्चती पर कुछ बाल भी थे. उनके हाथ काफ़ी मोटे थे, वो नहाने और त्यआर होने के लिए अपनी च्चत पर अलग से बातरूम को उसे करते थे.

वहीं पर त्यआर हो कर वो अपने काम पर जाते है, फिर वो च्चत पर ही रहते थे. वो सोने नीचे चले जाते थे, उनकी च्चत पर एक रूम भी था जिसमे पुराना समान भी पड़ा हुआ था.

उसमे काफ़ी सारे पूर्णा सामना और एक पुराना सा बेड भी पड़ा हुआ था. उनकी छत पर बैठने के लिए भी एक दो जगह थी, व्हन बैठ कर मैं और मेरा दोस्त काफ़ी बार बातें करते थे.

हुमारा घर उनके घर के एक दम पास वाला था, हम उनकी च्चत पर ईज़िली आ जा स्केट थे. मैं और मेरे कज़िन के साथ कभी कभी चत्ट पर सिरककेट खेलता था, तो बॉल उनके व्हन जाने पर जब मैने वो लेने जाता था.

तो मैने उनके काफ़ी बार उन्हे नहाते हुए देखा था, वो बातरूम का डोर खुला र्खते थे. जिसके कारण अगर उनकी छत पर जा कर मैं उन्हे नहाते हुए देख स्केट है.

मैने जब उन्हे पहली बार उन्हे देखा तो मैं हैरान रह गया. उनका काले से बदन पर थोड़े से बाल थे, पर उनके अंडरवेर मे उनका लंड मुझे कुछ खास न्ही दिखा.

मेरा मान तो पहली बार मे उन्हे छोड़ने और उनका लंड देखने का हो गया था. एक बार उन्होने मुझे अपने बातरूम मे अंदर बुलाया और अपने बदन पर मुझसे साबुन लगवाया.

तो मैने उस दिन पहली बार उनके जिस्म को इतनी करीब से देखा और उस पर सबु लगया. उनके जिस्म पर हाथ फेरते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया था, मुझे लगा की अंकल को पता चल गया है की मेरा लंड खड़ा हो गया है.

पर वो कुछ न्ही बोले तो मुझे लगा शायद वो न्ही समझे होंगे, इसलिए वो मुझे कुछ न्ही बोले. फिर मैं व्हन से चला गया, मैं हॉलिडेज़ मे अपनी छत पर ही खेलता था.

और जान भुज कर कफ बार बाल अंकल के व्हन पर गिरा देता था, ताकि मैं व्हन जा कर एक बार अंकल का लंड देख सकूँ. पर मैं उनके अंडरवेर मे र्खा हुआ उनका लंड कभी देख न्ही पाया.

मेरा बहोट मा था की मैं उनका लंड देखूं, पर मैं कभी उन्हे ऐसा बोल न्ही पाया. मुझे दर था की अगर मैने बोला तो वो मेरे घर पर बीटीये देगएने. इसलिए मैने उन्हे कभी कुछ न्ही बोला.

मैने काफ़ी बार उन्हे मोबाइल मे ब्लू मोविए देखते हुए देखा था, और मेरा रूम उनके रूम क दीवार के एक होने के कारण. रात को काफ़ी बार मैने उनके रूम से अजीब अजीब आवाज़ें भी सुनी है.

पर मैने सोचा की जो खुद अपना बचा न्ही कर पाया, वो सला मुझे क्या छोड़ेगा. वो तो अपनी वाइफ को आचे से न्ही छोड़ स्कता था, तो वो मुझे क्या छोड़ेगा.

हुमारे पड़ोसी करी बार कहते थे, की वो किसी रंडी को छोड़ते है, पर मुझे इस टाइम इस सब की कोई क्नॉवलेडेगे न्ही थी.

एक बार जब मैं अपने दोस्त के यहाँ गया तो वो व्हन पर न्ही था, व्हन पर उसके अंकल बैठे हुए थे.

मैं – अंकल वो ख़ान है?

अंकल – वो काम से गया है, अभी आने वाला आई.

मैं – तो मैं फिर बाद मे आता हूँ.

अंकल – कुछ काम है क्या?

मैं – न्ही काम तो न्ही है, बस ऐसे ही आया था.

अंकल – तो यहीं बैठ कर उसका वेट कर लो, वो आता ही होगा थोड़ी देर मे.

मैने सोचा मैं फ्री ही हूँ, तो मैं यहीन पर बैठ कर उसका वेट करता हूँ.

मैं – ठीक है अंकल.

मैं करीब व्हन 30 मिनिट तक बैठा रा, और उनके घर उस दिन सिर्फ़ अंकल और उनकी वाइफ थी. उनकी वाइफ किचन मे थी और मैं और अंकल हॉल मे बैठे हुए थे.

मैने काफ़ी अंकल को देखा तो वो मुझे ही घूर र्हे थे, और फिर वो बीच बीच मे मोबाइल मे कुछ देखने लग जाते थे. वो बार बार मेरे लंड की तरफ देखते और फिर अपने मोबाइल मे कुछ देखने लग जाते.

कुछ देर मे मैने देखा की उनकी पंत मे एक तंबू सा बन गया है. जिससे वो बार बार अपने हाथ से दबा र्हे थे, और उससे सहला भी र्हे थे. मैं संज़्ग गया की वो ब्लू मोविए देख र्हे है, पर मुझे ये साँझ न्ही आ रा था की वो बार बार मुझे क्यो घूर र्हे थे.

जब तक मैं कुछ समझता मेरा दोस्त आ गया, और मैं उसके साथ चला गया. एक बार जब मैं छत पर अकेला बैठा हुआ था, तब अंकल ने मुझे आवाज़ लगाई तो मैं उनके व्हन पर गया.

वो मुझसे मोबाइल का कुछ पूछ र्हे थे, मैं उनके मोबाइल को देख रा था. तभी उन्होने मुझे एक फोल्डर मे जाने को खा, उस फ्लॉडर को ओपन करते ही मैने देखा की उसमे काफ़ी सारी ब्लू मूवीस और गे सेक्स वीडियो थी.

ये देख कर मैं शॉक हो गया, तो मैने उन्हे मोबाइल वापिस कर दिया. फिर उन्होने अपने मोबाइल एक वीडियो प्ले किया, जिसमे मेरी उमर के दो लड़के आपस मे चुदाई कर र्हे थे.

मैने अपना मूह दूसरी तरफ कर दिया, और तभी अंकल ने मेरे हाथ मे एक उसेड कॉंडम र्ख दिया.

मैं – ये क्या है?

अंकल – तुझे न्ही पता ये क्या है?

मैं – न्ही अंकल, ये कुछ गुब्बारे जेसा लग रा है.

अंकल – हन ये गुबरा ही है, इसे फूला दे.

मैं – ओक.

मैने उसे फूलने की कोशिश करी तो उसमे जो पानी था वो मेरे मूह आ गया. तो मैने उससे छ्चोड़ दया.

मैं – ये क्या डाला है इसमे आपने अजीब सा?

अंकल – ये मेरा पानी है.

मैं – मतलब?

अंकल – ये मेरे लंड का पानी है.

मैं एक दम से शॉक हो गया, की अंकल ये मुझसे क्या करवाना चाहते है. और इसे ज़्यादा मैं इसलिए शॉक था, की मैं शोचता था की अंकल का पानी निकलता ही न्ही है.

और वो इसलिए शायद बाप न्ही बने है, फिर ये पानी ख़ान से आया. फिर मैं अपने मान मे बोला – भाग यहाँ से पता न्ही ये क्या करने की कोशिश कर र्हे है, भाग भाई भाग.

मैं जाने लगा तो अचानक से उनका हाथ मेरे कंधे पर आ गया, और उन्होने मुझे रोका और अपने पास बिता लिया. अचानक खींचने की वजह से मेरा पैर मूड गया था, तो मुझे दर्द हो हा था.

इसलिए मैं व्हन बैठ कर अपने पैर को देख रा था, और तभी अंकल बोले – क्या हुआ है?

मैं – अंकल लगता है की मेरा पैर मूड गया है.

अंकल – मुझे दिखा मैं सही कर देता हूँ.

मैं – आपको आता है ये?

अंकल – दे तो सही.

मैने अपना पारी उनकी गोध मे र्ख दिया, और उन्होने मेरे पैर पर थोड़ी मालिश कर और वो ठीक हो गया. फिर अचानक से उन्होने मेरे पैर के उपेर हाथ लगाना शुरू कर दिया.

फिर वो धीरे धीरे अपना हाथ मेरी झंघो तक ले गये, और मुझे अब बहोट दर लग रा था. मुझे कुछ साँझ न्ही आ रा था, की ये क्या हो रा है.

मैं ना कुछ कह स्कता था, और ना ही उन्हे कुछ बोल स्कता था. फिर मैं हिम्मत करके बोला – अंकल आप ये क्या कर र्हे हो?

अंकल – रूको अभी सब सही हो जाएगा.

मैं – मैं ठीक हूँ उन्नकले.

अंकल – अभी और मस्त मस्त हो जाएगा तू बस देखता जा.

मैं साँझ गया था, की अंकल अब कुछ करने वेल है. पर मैं छिला भी न्ही स्कता था, क्योकि मैं कहीं ना कहीं अंकल से चूड़ना चाहता था. पर मुज़ेः न्ही पता था की अंकल भी ये ही चाहते है.

दोस्तो आयेज की कहानी मैं आपको नेक्स्ट पार्ट मे बटुंगा, अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आई है. तो प्लीज़ अपना रिव्यू मुझे मेरी इस मैल ईद पर सेंड करना.