कहानी शुरू करने से पहले मैं उन लोगो को थॅंक्स बोलना चाहूँगा, जिन्होने मेरी लास्ट स्टोरी को पढ़ कर मुझे मैल करके आचे रेस्पॉन्स दिया.
तो दोस्तो इस कहानी में मैं जिस लड़की की बात करने जेया रहा हू. उसका नाम नसरीन है. उसकी आगे 18 साल है और हाइट 5 फीट है. उसका रंग तोड़ा सावला है. लेकिन नसरीन की कम हाइट और सावला रंग होने के बाद भी वो काफ़ी मस्त दिखती है.
नसरीन के बूब्स देख कर ही मॅन करता है, के उनको दबाता राहु और उनको चूस-चूस के दूध निकाल लू. उसकी टाइट छूट में जब लंड जाता है, तो ऐसा लगता है, की उसकी छूट ने मेरे लंड को चारो तरफ से टाइट से पकड़ लिया हो.
नसरीन मेरे घर के ठीक सामने वाली बिल्डिंग में रहती है, जिसकी खिड़की ठीक मेरे घर के सामने ही है. उसको मैं तब से जानता हू, जब से वो मेरे मोहल्ले में आई थी. उस वक़्त नसरीन की आगे सिर्फ़ 12 साल थी, और मैं 19 साल का था. पर अब वो 18 की है और मैं 25 का हो गया हू.
शुरू-शुरू में तो मैं उसकी तरफ कोई ध्यान नही देता था. लेकिन कुछ 6 मंत पहले जब मैं उसको अपनी खिड़की पर देखा, तो उसको देखता ही रह गया. अब वो काफ़ी सेक्सी, और तरफ से जवान हो गयी थी. 6 मंत पहले जब मैने उसको देखा था, तब से ही मैं उसको पटाने के बहाने सोचने लग गया था.
एक दिन मैं अपने घर की बाल्कनी में खड़ा था. तभी मेरी नज़र नसरीन पर पड़ी. वो अपनी खिड़की के पास खड़ी हो कर बाहर देख रही थी. मैं उसको देखने लगा, और देखते ही देखते मेरी नज़र उसके 34″ के बूब्स पर पड़ी. मैं उसके बूब्स को देखता ही रह गया.
अभी मैं उसको प्यार भारी निगाहो से देख ही रहा था, की उसकी नज़र मुझ पर पड़ी, और मैने अपनी नज़र उस पर से हटा ली. लेकिन वो समझ गयी थी, की मैं उसके बूब्स देख रहा था. तो उसने एक दुपट्टा अपने गले पर रख दिया, जिससे उसका सीना कवर हो गया.
उसके बाद जब भी मैं फ्री होता, तो ख़ास कर उसको देखने के लिए बाल्कनी में खड़ा रहता था. कभी मुझे वो नज़र आती थी, तो कभी नही आती थी. लेकिन रात के 9 बजे वो रोज़ मुझे अपनी खिड़की पर दिक्ट्ी थी.
फिर ऐसे ही काई दिन गुज़र गये, और अब वो भी मुझे चोरी-चुपके से देखने लगी. जब मैं उसको देखता था, तो वो अपनी नज़र इधर-उधर कर लेती थी. एक दिन वो अपनी मा के साथ खड़ी हो कर बात कर रही थी, और मैं बस उसको ही देख रहा था. वो भी बार-बार मुझे देख रही थी, और थोड़ी बहुत स्माइल भी दे रही थी.
मुझे अब समझ आ गया था, की मैं आराम से नसरीन को पता लूँगा. इसलिए मैं अब सही मौके का इंतेज़ार करने लगा था. मैं सोच रहा था, की जब वो अकेली कही मुझे मिल जाए, तो मैं उससे बात करूँगा.
एक दिन मैं ऑफीस से घर आ रहा था, की तभी मुझे रास्ते में नसरीन दिखी. उसके साथ एक लड़की थी, तो मैं अपनी बिके को रोक कर साइड में उसको देखने लगा. लेकिन कुछ देर चलने के बाद, वो लड़की एक गली में चली गयी. उसके बाद नसरीन अकेले चल रही थी.
मैं भी उसके पीछे-पीछे अपनी बिके लेकर गया. फिर जैसे ही मैने देखा, की सुनसान जगह आ गयी, वही पर मैने ठीक उसके आयेज ले-जेया कर बिके खड़ी कर दी. ये देख कर वो चौंक गयी, पर उसके फेस पर एक अजीब सी शर्मीली मुस्कान थी.
फिर मैने उसको कहा: मुझे तुमसे बात करनी है.
तो वो मुझसे बोली: क्या बात है? आपको तो मैने बोला था, की मेरा नंबर लेलो, और उसी पर मेसेज कर लेना.
फिर उसने अपना मोबाइल मेरे हाथ में दे दिया, और इधर-उधर देखने लगी, की कही किसी ने देखा तो नही. उस बीच मैने अपना नंबर उसके मोबाइल पर टाइप करके दिया, और वाहा से निकल गया.
उसके बाद से मैं उसकी कॉल या मेसेज के इंतेज़ार में था. लेकिन उसकी ना तो कोई कॉल आई, और ना ही कोई मेसेज. पर मुझे पूरा यकीन था, की वो मेसेज ज़रूर करेगी. फिर ठीक दूसरे दिन 3 बजे दिन में मेरे पास मेसेज आया-
नसरीन: क्या बात करनी है आपको?
पर उस वक़्त मैं ऑफीस में था, तो मैने उसको सिर्फ़ इतना बोला-
मैं: मैं घर आके तुमसे बात करता हू.
वो बस ‘ओक’ बोली, और मैं अपने काम पर लग गया. फिर रात के 10 बजे मैने उसको मेसेज किया-
मैं: हेलो.
तो उसने भी फ़ौरन मेरे मेसेज का जवाब देते हुए कहा-
नसरीन: हंजी बोलिए, मैं आपके ही मेसेज की वेट में थी. अब बोलिए क्या बात करनी है आपको?
फिर मैने भी देर ना करते हुए, नसरीन को बोल दिया-
मैं: नसरीन, मैं तुम्हे पसंद करने लगा हू. मुझे तुमसे मोहोब्बत हो गयी है. वैसे मेरी तरफ से कोई ज़बरदस्ती नही है. अगर तुम्हे अछा नही लगा हो, तो कोई बात नही. उसके लिए मैं सॉरी बोलता हू.
इतना बोलने के बाद मैं और कुछ नही बोला. वो मेसेज सीन करने के बाद भी कुछ नही बोली. फिर ठीक 1 घंटे के बाद, उसने मुझे मेसेज किया-
नसरीन: मैं भी शायद आपको लीके करने लगी हू. पर मैं कह नही पाई .
इसके बाद हम दोनो ने एक-दूसरे को प्रपोज़ किया, और फिर हम लोग रोज़ ही एक-दूसरे से बाते करने लगे. वो मुझे किसी बीवी की तरह ट्रीटमेंट देने लगी, जैसे की वो मेरी गर्लफ्रेंड नही बीवी हो. वो खाना-पीना, सोना, उतना, सब चीज़ो का ख़याल रखने लगी.
लेकिन दोस्तो मेरा मकसद उसको पटना या उसको प्रपोज़ करना नही था. भले ही मुझे उसके साथ सेट्टिंग करने में कोई मेहनत नही लगी. लेकिन मुझे इसकी कोई खुशी नही थी. मेरा मकसद तो उसकी कमसिन छूट को हासिल करना था. जिसके लिए मेरा लंड पागल हो रहा था.
जितनी आसानी से वो मुझसे सेट हो गयी थी, उतनी आसानी से वो सेक्स के लिए राज़ी नही हुई थी. हम लोग रात में चाटिंग करते थे. मैं उसको सेक्सी फोटोस भी भेजता था, जिस पर वो मूड में भी आ जाती थी. फोन पर काई बार जब-जब मैं उसको सेक्स के लिए बोलता था, तो वो मान जाती थी. पर जब भी मिलने आती थी, तो मुझे साइवा किस के कुछ नही मिलता था.
एक दिन मैने जान-बूझ कर गुस्सा होने का नाटक किया. मैने उसको बोला-
मैं: तुम सिर्फ़ मूह से मुझे अपना बोलती हो. पर दिल से नही मानती हो.
तो वो मुझसे बोली: मैं आपको अपना हज़्बेंड मानती हू.
फिर मैं बोला: अगर हज़्बेंड मानती, तो मुझे तुम डालने के लिए नही रोकती.
इस पर नसरीन बोली: आपके लिए कुछ भी कर सकती हू. पर अगर कुछ ऐसा-वैसा हो गया तो क्या होगा?
फिर मैं मौके की नज़ाकत को समझते हुए सिर्फ़ इतना बोला-
मैं: ठीक है, कम से कम से उपर-उपर से तो करने डोगी?
जिस पर वो मान गयी और बोली: ठीक है. पर उपर से क्या करोगे आप?
तो मैं बोला: मुझे तुम्हारे दूध चूसने है.
ये सुन कर वो तोड़ा शर्मा गयी, और फिर बोली-
नसरीन: कैसे चूसोगे?
तो मैं बोला: अब जिस दिन मिलॉगी, उस दिन देख लेना, कैसे चूस्टा हू मैं.
वो इन सब बातो से गरम हो गयी थी. और मैं भी अंदर ही अंदर ये जान रहा था, की जब मैं उसके बूब्स पर अपना क़ब्ज़ा जमा लूँगा, उस दिन मुझे वो खुद ही अपनी छूट दे देगी.
फिर मैने उसको बोला: चलो किसी पार्क में.
तो नसरीन बोली: नही पार्क में नही, कोई देख लेगा. वाहा मैं अनकंफर्टबल रहूंगी.
तो मैने बोला: तो फिर मेरे घर में आ जाओ.
इस पर वो मान गयी, और बोली-
नसरीन: कल अम्मी-अब्बू दोनो मार्केट जाएँगे, और आते-आते उनको रात हो जाएगी. तो मैं कल 2 बजे आपके घर आ जौंगी.
मैं भी राज़ी हो गया. फिर दूसरे दिन वो ठीक वक़्त पर ही मेरे घर आ गयी. मैने उसको जल्दी से अंदर किया, ताकि कोई उसको मेरे घर के अंदर आता ना देख ले. रूम के अंदर आते ही मैने उसको सोफे पर बिता दिया, और खुद उसके साथ बैठ गया. फिर हम दोनो जूस पीने लगे.
वो काफ़ी मस्त लग रही थी. उसने एक रॉयल-ब्लू कुरती और सलवार पहने थे. फिर जब उसके होंठो से जूस बाहर की तरफ आने लगा, तो मैने उसको चाट लिया. वो बहुत ही शरमाई सी लग रही थी.
तब मैने उसको बोला: चलो अब मुझे अपना दूध पिलाओ.
मेरे ऐसा बोलने से वो शर्मा गयी, और उसने अपने चेहरे पर हाथ रख लिए. मैने उसके हाथ को पकड़ कर चेहरे से हटाया, और उसकी रसीले होंठो को चूसने लगा.
शुरू-शुरू में तो हम लोग नॉर्मल किस ही कर रहे थे. पर आहिस्ता-आहिस्ता नसरीन मुझे फ्रेंच किस करने लगी. और मैं नसरीन के बूब्स को मसालने लगा. उसके बाद मैं उसके गले पर किस करता रहा. अब उसकी गरम साँसे मुझे फील हो रही थी.
आइसे ही करते-करते मैने उसकी कमीज़ को उपर किया. नीचे उसने ब्रा पहनी हुई थी. उस वक़्त मैने उसको ब्रा के उपर से ही एक किस उसके बूब्स पर की. मेरे मूह के टच से वो काँप गयी. फिर मैने उसकी ब्रा को पूरा खोल दिया, और उसके निपल्स को अपनी ज़ुबान से छाता, और उसको ज़ुबान से रगड़ने लगा.
नसरीन मदहोश होने लगी, और मैं उसके बूब्स को मूह में भर कर चूसने लगा. अब वो अजीब-अजीब सी आवाज़े करने लगी. उसके मूह से उम्म आअम्म आह हहाअ की आवाज़े आ रही थी. जैसे-जैसे मैं उसके बूब्स चूस रहा था, वैसे-वैसे मैं अपने मक़सद में कामयाब होता दिख रहा था.
नसरीन के मदहोश होने से ही मैं उसकी छूट हासिल कर सकता था. मैं भी बेहद गरम हो गया था. और अब तक मैं कपड़ो में ही था. लेकिन मेरा लंड पंत फाड़ देना चाह रहा था. फिर कुछ देर में मैने अपने त-शर्ट को खोल दिया. उसके बाद मैं नसरीन के चेस्ट पर बीते करने लगा.
नसरीन पुर शबाब पर थी, और मुझे ये मौका ठीक लगा. फिर मैं उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा? जिससे नसरीन को दर्द हुआ. तभी वो बोली-
नसरीन: तोड़ा धीरे करिए ना.
फिर मैं अपना एक हाथ नसरीन की सलवार में डालने लगा, जिस पर नसरीन ने मेरा फेस देखा. लेकिन उसने कुछ नही बोला.
मुझे नसरीन की खामोशी ग्रीन सिग्नल जैसी लगी. फिर मैं बगैर रुके अपने लेफ्ट हॅंड को नसरीन की छूट पर ले गया, और छूट के छेड़ को चारो तरफ से सहलाने लगा. नसरीन की छूट गीली हो चुकी थी, जिसको रगड़ने में और भी मज़ा आ रहा था.
फिर मैं नसरीन की छूट में अपनी एक उंगली डालने लगा. और अंदर उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा. अब नसरीन पूरी तरह से मेरे काबू में थी. फिर मैने नसरीन की सलवार के फीते को खोला, और उसको पूरा नंगा कर दिया. उसको बेड पर लिटा कर मैं उसके होंठो पर ज़ोरदार किस करने लगा.
उसी बीच नसरीन मेरे लंड पर हाथ ले गयी, जो अब तक पंत के अंदर था. वो पंत के उपर से ही मेरे लंड को रगड़ने लगी. मैने भी फ़ौरन अपनी पंत खोली, और नसरीन पर चढ़ गया. मेरा लंड नसरीन की छूट के उपर था. पर छूट के छेड़ से अलग था.
नसरीन भी अब लंड अंदर लेना चाहती थी. पर वो खुल कर नही बोल रही थी. फिर मैने अपना लंड छूट के छेड़ पर टीका दिया, और नसरीन के गले पर किस करने लगा. नसरीन अब लंबी-लंबी साँसे ले रही थी.
फिर मैं नसरीन से बोला: क्या बोल रही हो?
तो नसरीन बोली: जो हो रहा है, हो जाने दीजिए. पर बच्चा नही रहना चाहिए मेरे पेट में.
इतना ही सुनना था मुझे. फिर तभी मैने नसरीन की दोनो टाँगो को फैलाया, और उसकी छूट के पास अपना मूह लगा लिया. उसके बाद मैने उसकी छूट के टेस्टी रस्स को चूस लिया, और फिर नसरीन पर चढ़ कर अपना लंड उसकी छूट के मूह पर सेट किया. फिर आहिस्ता-आहिस्ता मैं लंड अंदर करने लगा.
पर नसरीन की छूट बिल्कुल कुवारि थी, इसलिए उसको दर्द होने लगा. अब वो मेरी पीठ पर नाख़ून चुभाने लगी. अब मुझसे भी नही रहा गया, तो मैने नसरीन की दोनो टाँगो को अपनी पीठ पर रखा, और आहिस्ते-आहिस्ते लंड से अंदर की तरफ प्रेशर देने लगा.
पर कुछ सेकेंड में मैने अपना आधा लंड नसरीन की छूट में उतार दिया. नसरीन के मूह से चीख निकल गयी, और वो मुझे लंड बाहर निकालने को बोली. लेकिन मैं नही रुका और आहिस्ते-आहिस्ते अपना लंड नसरीन की छूट के अंदर तक पहुँचा दिया.
मेरा लंड अब पूरा अंदर जेया चुका था, और नसरीन रो पड़ी थी. नसरीन को अब समझ आ चुका था, की मैं अब नही रुकने वाला था. तभी मैं आहिस्ते-आहिस्ते अपना लंड नसरीन की छूट में अंदर-बाहर करने लगा.
नसरीन भी अब धीरे-धीरे शांत हो रही थी, और मैं चुदाई शुरू कर चुका था. अपने हर पुश के बाद अपनी स्पीड भी बढ़ता गया, और देखते ही देखते दे दाना दान शॉर्ट मारने लगा.
अब नसरीन ने मुझे ज़ोर से हग कर लिया, और मेरे शॉर्ट के जवाब में कमर को उठा-उठा कर चूड़ने लगी. अब नसरीन आहह आहह कर रही थी, और आँखें बंद करके मेरी पीठ को पकड़ रही थी.
नसरीन की छूट तो मेरे लंड को ज़बरदस्त तरीके से पकड़ी हुई थी, जैसे किसी ने अपनी मुट्ठी में पकड़ रखा हो. नसरीन 2 बार झाड़ चुकी थी, और अब मेरी बारी थी. 35 मिनिट लगातार मैं नसरीन को छोड़ता रहा. छोड़ते-छोड़ते जैसे ही मेरा झड़ने वाला था, तो मैने अपना लंड उसकी छूट से निकाल कर उसके बूब्स पर अपना माल निकाल दिया.
मेरा पानी नसरीन के पेट से बूब्स तक भर गया था, और नसरीन मेरे सामने आँखें बंद करके लेती हुई थी. फिर मैं उसके बगल में लेट गया, तो नसरीन मुझे पकड़ कर सो गयी. 20 मिनिट के बाद जब वो उठी, तो फ़ौरन मेरे वॉशरूम जेया कर नहाने लगी. जब वो वापस आई, तो वो मुझे बोली-
नसरीन: अब तो खुश है ना आप?
तो मैं बोला: बहुत खुश हू.
फिर नसरीन बोली: आप तो खुश हो, पर मेरे वेजाइना में काफ़ी दर्द हो रहा है.
तो मैं बोला: फर्स्ट टाइम है ना, इसलिए.
फिर हम दोनो बेड पर लेट कर बाते करने लगे. मुझे एक रौंद और करने का मॅन था, पर नसरीन माना करने लगी. वो बोल रही थी, की उसको दर्द हो रहा था, और मैने भी उसको ज़्यादा फोर्स नही किया. फिर शाम के 6 बजे नसरीन अपने घर चली गयी.
तो दोस्तो मेरी ये कहानी आप लोगो को कैसी लगी, अपनी राय मुझे मैल करके ज़रूर बताईएएगा.
अगर कोलकाता से कोई भी लड़की या भाभी जिनको मेरे साथ सेक्स एंजाय करना है, तो मुझे मैल ज़रूर कीजिएगा. सब कुछ प्राइवसी में ही रहेगा, मैं प्रॉमिस करता हू.