ही दोस्तों, मेरा नाम विशाल है. मैं उप का रहने वाला हू. मेरी उमर 24 साल है, और मैं प्राइवेट कंपनी में काम करता हू. हाइट मेरी 5’11” है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मैं बहुत हॉर्नी हू. किसी भी तरह की छूट बुद्धि या जवान अपने को सब चलती है. चलिए अब मैं अपनी कहानी पर आता हू.
मेरे घर में मेरे अलावा मेरे मम्मी-पापा रहते है. मेरी बेहन की शादी 2 साल पहले हो चुकी है. मम्मी-पापा दोनो की सरकारी नौकरी है, तो दोनो सुबा जाके शाम को वापस आते है.
हमारे घर के पड़ोस में विनीत भैया रहते है. विनीत भैया अपनी बीवी और बच्चे के साथ रहते है. उनकी फॅमिली गाओं में रहती है. उनकी बीवी का नाम अर्पिता है, और वही इस कहानी की मैं कॅरक्टर है.
विनीत भैया का बिज़्नेस है, और वो शहर से बाहर जाते रहते है. जब वो शहर से बाहर जाते है तो मेरी मम्मी को बोल कर जाते है की वो घर का तोड़ा ध्यान रखे. जब भी वो शहर से बाहर जाते है, तो मैं खुश हो जाता हू. क्यूंकी मुझे अर्पिता भाभी पर ट्राइ करने का चान्स मिल जाता है.
अब मैं आपको अर्पिता भाभी के बारे में बता देता हू. अर्पिता भाभी ज़्यादा गोरी नही है, लेकिन उनका फिगर देखने वाले पर ऐसा असर डालता है की उसका लंड झट से खड़ा हो जाता है. उनके नैन-नक्श बड़े खूबसूरत है.
भाभी के बूब्स 36″ के कमर 30″ की, और गांद 38″ की है. वो ज़्यादातर सारी और लेगैंग्स कुरती ही पहनती है. सारी में उनकी कमर और ब्लाउस में काससे उनके बूब्स किसी भी मर्द की नीयत खराब कर सकते है. जब कभी वो लेगैंग्स पहनती है तब तो पूछो ही मत. उनकी जांघें इतनी सेक्सी लगती है की बंदा उन्ही पर लंड घिसा कर झाड़ जाए.
जब भी भैया घर पर नही होते, तब जैसे-तैसे मैं भाभी से बात करने का बहाना ढूँढ लेता, और बातों-बातों में उन पर ट्राइ करता रहता. लेकिन भाभी की तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही मिलता. मुझे लगता था भाभी बहुत शरीफ और पति-व्रता थी. फिर एक दिन मैने सोचा की सीधे-सीधे पूच कर देख लेता हू. ये सोच कर मैं घर की च्चत पर जाके खड़ा हो गया.
भाभी अक्सर मंडे के दिन च्चत पर कपड़े सूखने आती थी, और मैं ये बात जानता था. तो मैं उनकी वेट करने लगा. फिर भाभी बाल्टी भर कर कपड़े सूखने लेके आई. उनको देख कर ही मेरे मूह से पानी आ गया. भाभी ने लेगैंग्स-शर्ट पहना हुआ था.
उनकी लेगैंग्स ब्लॅक कलर की थी, और शर्ट स्काइ कलर का. क्या मस्त लग रही थी वो उन कपड़ों में. उनकी मोटी-मोटी जांघों ने तो मेरा मॅन मो लिया. जब वो कपड़े बाल्टी से निकालने के लिए नीचे झुकती, तो उनकी गांद फैल कर और बड़ी हो जाती. ये देख कर मेरा अपनी हवस पर कंट्रोल नही रहा, और मैने भाभी को आवाज़ लगा दी.
मैं: भाभी नमस्ते.
भाभी: नमस्ते भैया, कैसे है आप?
मैं: मैं ठीक हू, आप कैसे हो?
भाभी: मैं भी ठीक हू.
मैं: भैया और बच्चे कैसे है?
भाभी: वो भी ठीक है.
बात करते हुए मैं उनके रसीले मोटे बूब्स को ही देखे जेया रहा था. उनकी क्लीवेज बार-बार नीचे झुकने की वजह से काफ़ी बाहर थी. उन्होने नोटीस कर लिया की मैं उनके जिस्म को घूर रहा था. फिर मैने कहा-
मैं: भाभी मुझे आपसे एक बात करनी थी.
भाभी: हा बोलो.
मैं: आप बुरा तो नही मानोगे ना?
भाभी: नही, बोलो.
मैं: ई लोवे योउ भाभी.
भाभी: क्या! पागल हो गये हो?
मैं: हा भाभी मैं आपके लिए पागल हू. मैं आपको बहुत प्यार करना चाहता हू, जो भैया आपको नही करते.
भाभी: तुम्हे किसने कहा की तुम्हारे भैया मुझे प्यार नही करते.
मैं: वो घर पर कहा रहते है, जो प्यार करेंगे.
भाभी: जितना प्यार वो करते है, उतना काफ़ी है मेरे लिए. मुझे कही और मूह मारने की ज़रूरत नही है. आज तो तुमने ये बात कर दी. दोबारा अगर ऐसा कुछ बोला, तो तुम्हारे घर पे और तुम्हारे भैया सब को बोल दूँगी. फिर उनको बोलना ई लोवे योउ. बदतमीज़!
इस तरह भाभी अपनी बातों से मेरी बंद बजा कर वापस चली गयी. अब मैं मान गया था की वो बहुत ही शरीफ औरत थी. लेकिन एक दिन मेरा ये वहाँ डोर हुआ.
एक दिन आधी रात को मैं पानी पीने के लिए उठा. मैं किचन में गया, और पानी का ग्लास भरने लगा. हमारे किचन की विंडो गली में खुलती है. तभी मैने देखा की एक बिके साथ वाले घर के बाहर आके रुकी. पहले मुझे लगा की वो भैया की बिके होगी, लेकिन वो नही थी. वो आदमी कोई और ही था. मुझे लगा की इस वक़्त कों हो सकता है जो उनके घर आया था. कही कोई चोर तो नही था.
ये सोच कर मैं जल्दी से च्चत पर गया, और भाभी के घर की छत पर चला गया. उनकी च्चत पर एक लोहे का जाल है, जहा से उनका पूरा बरामदा नज़र आता है. तभी भाभी अपने रूम से आई और गाते की तरफ चली गयी. उन्होने गाते खोला, और वो आदमी अंदर आ गया. फिर भाभी ने गाते बंद कर दिया.
मैने उस आदमी को पहले कभी उनके घर आते-जाते नही देखा था. जैसे ही भाभी ने गाते बंद किया, उस आदमी ने भाभी को अपनी बाहों में भरा, और उनकी गर्दन चूमने लगा. ये देख कर मैं हैरान हो गया. मैं समझ गया की भाभी का उसके साथ चक्कर चल रहा था, और वो बस मेरे सामने शरीफ बन रही थी.
भाभी ने लेगैंग्स और शर्ट पहना था. उनकी लेगैंग्स वाइट रंग की और शर्ट लाल रंग का था. किस करते हुए उस आदमी ने भाभी की गांद दबानी शुरू कर दी. इससे भाभी मदहोश हो रही थी. फिर उसने भाभी की लेगैंग्स को कमर से पकड़ कर नीचे घुटनो तक कर दिया, और पनटी के उपर से उनके चूतड़ मसालने लगा. भाभी ने मल्टिकॉलोअवर पनटी पहनी थी.
तभी भाभी ने अपनी लेगैंग्स पूरी उतार दी, और शर्ट भी उतार दिया. अब वो ब्रा-पनटी में थी. क्या कमाल लग रही थी वो. तभी उस आदमी ने भाभी को अपनी बाहों में उठाया, और रूम में ले गया. अब मुझे रूम के अंदर नज़र नही आ रहा था.
फिर मैं धीरे-धीरे सीडीयान उतार कर उनके बरामदे में गया. मैं भाभी के रूम के बाहर जाके खड़ा हो गया. उनको किसी का दर्र नही था, तो रूम का दरवाज़ा खुला ही था. उस आदमी ने भाभी को बेड पर लिटाया हुआ था, और वो अपने कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो गया था. उसका लंड तगड़ा था, लेकिन मेरे लंड से छ्होटा था.
अब वो भाभी के सामने खड़ा लंड हिलने लगा. भाभी झट से घुटनो के बाल आई, और उसका लंड पकड़ लिया. फिर भाभी ने लंड मूह में डाला, और उसको चूसना शुरू कर दिया. वो किसी प्यासी रंडी की तरह लंड चूस रही थी. मुझे लगा यही सही वक़्त था एंट्री मारने का, तो मैं बोल पड़ा. बोलने से पहले मैने मोबाइल कॅमरा ओं करके रेकॉर्डिंग शुरू कर दी.
मैं: वेरी गुड भाभी.
मेरी आवाज़ सुनते ही उन दोनो की गांद का गोबर जाम गया.
मैं: मेरे सामने तो बड़ी शरीफ बन रही थी. तो ये है आपकी शराफ़त?
भाभी: वो, मैं, विशाल.
मैं: क्या वो मैं? अब देखना मैं कैसे ये वीडियो आपके पति को दिखता हू.
ये बोल कर मैं बाहर आने लगा. तभी भाभी पीछे से बोली-
भाभी: विशाल मेरी बात सुनो.
मैं रुक गया.
भाभी: देखो अगर मैं तुम्हारे साथ कुछ करती, तो किसी को शक हो सकता था. इसलिए मैने माना किया तुम्हे.
तभी भाभी ने मेरा खड़ा लंड देखा. फिर उन्होने लंड पर हाथ रखा और बोली-
भाभी: अब जब तुमने मुझे ऐसे देख ही लिया है, तो तुम अब वो सब कर सकते हो मेरे साथ जो तुम करना चाहते थे. बोलो क्या बोलते हो?
मैने क्या बोलना था. मैने भाभी को बाहों में लिया, और उसके होंठो के साथ अपने होंठ चिपका दिए. मैं पागलों की तरह भाभी को किस करने लगा और उनकी पनटी में हाथ डाल कर चूतड़ मसालने लगा. फिर मैने उनकी ब्रा उतरी, और उनके बूब्स चूसने लगा.
तभी भाभी उस आदमी को बोली: तुम भी आ जाओ.
वो आया, और नीचे बैठ कर भाभी की पनटी उतार दी. फिर वो उनकी गांद में मूह मारने लगा. अब आयेज से मैं भाभी को चूस रहा था, और पीछे से वो आदमी. भाभी पूरी मदहोश हुई पड़ी थी. वो साथ-साथ कपड़ों के उपर से मेरा लंड सहला रही थी.
कुछ देर ऐसा ही चलता रहा. फिर भाभी हम दोनो से अलग हुई, और मुझे बेड पर लिटा दिया. वो मेरी टाँगो के बीच घुटनो के बाल आई, और मेरा लंड बाहर निकाला. मेरा लंड देख कर वो खुश हो गयी. लंड देखते ही उन्होने लंड मूह में लेके चूसना शुरू कर दिया.
वो आदमी भाभी के पीछे आया, और भाभी की गांद में लंड डाल कर उनको छोड़ने लगा. अब भाभी आ आ कर रही थी, और साथ में मेरा लंड चूस रही थी. मुझे स्वर्ग का अनुभव हो रहा था. कुछ देर लंड चूसने के बाद भाभी सीधी हुई, और मेरा लंड के उपर आ गयी.
उन्होने लंड छूट पर सेट किया, और धीरे-धीरे आहें भरते हुए पूरा लंड अंदर ले लिया. क्या गर्मी थी भाभी की छूट में दोस्तों मैं बता नही सकता. फिर भाभी ने मेरी चेस्ट पर हाथ रखे, और उपर नीचे होने लगी. पीछे से उस आदमी ने भाभी की गांद में लंड डाल दिया.
अब वो 2-2 से एक साथ चुड रही थी. पक्की रंडी थी भाभी, और पूरा मज़ा दे रही थी. मैं उनके बूब्स दबा-दबा कर खा रहा था. कुछ देर में वो बंदा झाड़ गया. फिर मैने भाभी को मिशनरी में किया, और तबाद-तोड़ उनकी छूट छोड़ने लगा.
मैने इतनी स्पीड से भाभी को छोड़ा, की उनकी चीखें निकल गयी. आधा घंटा छोड़ने के बाद मैने भाभी की छूट में ही अपना माल निकाल दिया. उस दिन के बाद भाभी की छूट मैने अपने नाम कर ली.
दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे. [email protected]