फिर 6 बजे मेरा अलार्म बजा. मैं जल्दी से उठा और फोन को ऑफ किया, ताकि रोहन और कोमल डिस्टर्ब ना हो. फिर बातरूम में जाके देखा तो सुकेश खड़ा होके सो रहा था. मैने उसे स्टिक से ज़ोर से मारा, और कहा-
मैं: उठ जा मदारचोड़. तू यहा सोने नही आया है.
सुकेश बोला की उसे नेंद आ रही थी. रात भर ऐसे खड़े रहने से उसके पैर दुख रहे थे. फिर मैं उसके लंड पे टीज़र लगाया, और फिर उसके उपर बाल्टी भर के पानी डाल दिया. फिर उसको बोला-
मैं: जाके पुर घर की सफाई कर.
फिर मैं रूम में आया तो देखा सविता कुटिया बन के वैसे ही सोई थी. फिर उसे भी उठाया, उसके पत्ते को ढीला किया ताकि वो आराम से सो सके. मैं भी बेड पे जाके सो गया. फिर 2 घंटे बाद उठा. रोहन और कोमल अभी भी सो रहे थे. फिर मैने सविता को जगाया, और बोला-
मैं: जेया जाके नहा पहले. फिर हमारे लिए नाश्ता बना.
फिर मैं सुकेश को देखने गया की वो क्या कर रहा था. देखा तो वो मदारचोड़ सो रहा था, वो भी मेरे बाप के बेड पे. फिर मैने सविता का वेट किया. 10 मिनिट बाद वो नहा के आई. उसने टवल लपेटा था.
मे: तेरे बाप का टवल है जो पहना है?
सविता: सॉरी मलिक (उसने टवल खोल दिया). मलिक मेरा बेटा कहा है?
मे: हा आके देख अपने हरमज़ाड़े की करतूत.
मैं सविता को रूम में लेके गया जहा सुकेश सो रहा था. वो अपने बेटे को उठाने लगी.
मैने उसे रोका और बोला: ऐसे नही, इस मदारचोड़ को इसकी ग़लती की सज़ा मिलेगी.
फिर मैने सुकेश के हाथ बाँध दिए. वो नींद में था, तो उसे कुछ पता नही चला. उसके बाद सविता को टीज़र देके बोला-
मैं: इसे उठा, और उसे बोल की ये उसके मलिक का घर है उसके बाप का नही, जो बेड पे सो रहा है.
फिर मैं रूम के बाहर से सब देख रहा था. सविता ने उसे टीज़र से शॉक दिया. सुकेश बहुत ज़ोर से चिल्लाया. फिर सविता ने वो सब कहा जो मैने बोलने को कहा था.
सुकेश ने कहा: मम्मी ये क्यूँ कर रही हो? मैं आपका बेटा हू.
फिर मैं रूम में गया, और उसे स्टिक से मारा और बोला: क्यूँ बे, तू यहा सोने आया है?
मुझे देख के वो दर्र गया. फिर मैने उसे बेड से उतरा और कुत्ता बना के गॅरेज लेके गया और बोला यहा सो जेया. वो सोच में पद गया.
मैने उसे बोला: सोजा, लेकिन 2 घंटे में मेरे सामने आ जाना.
फिर मैं सविता को कुटिया बना के किचन में ले गया और बोला: पहले पूरा किचन सॉफ कर. फिर अपने तीनो मलिक और मालकिन के लिए नाश्ता बना. आज तेरे लिए एक स्पेशल सर्प्राइज़ है.
उसके बाद मैने मों को कॉल लगाया. सविता ये देख के दर्र गयी.
मैं: देख रंडी, जो मैं बोलू वही करना.
सविता: जी मलिक.
मैं: हेलो मों.
मों: हेलो मी डियर बॉय.
मैं: कैसे हो मों?
मों: अची हू तू बता.
मैं: मैं भी अछा हू. सुनो ना मों वो मेरे कॉलेज में हॉलिडे है 10 डेज़ की. मैं सोच रहा था कही घूमने चला जौ.
मों: ओक चले जाओ, अपने फ्रेंड्स के साथ प्लानिंग कर लो.
मैं: मों मेरे सारे फ्रेंड्स बिज़ी है. वो नही आ सकते.
मों: फिर तू अकेले कैसे जाएगा?
मैं: मों मैं सोच रहा था की सुकेश और सविता आंटी के साथ चला जौ.
मों: ये सही है, वो बेचारी भी पूरा दिन काम करती है. उसका घूमना भी हो जाएगा. मैं सविता से बात कर लूँगी.
मैं: थॅंक्स मों. बुत सविता आंटी को मैने रेडी कर लिया है. आप एक बार मोहन अंकल (सविता का नमार्द पति) से बात कर लो.
मों: ओक बेटा, और कुछ?
मैं: नो मों, थॅंक्स.
मों: लोवे योउ डियर बॉय.
मैं (सविता से): देख अब हम यहा नही बल्कि कही और तेरी गांद मारेंगे.
सविता कुछ नही बोली. मैं अपने रूम में आ गया और नहा के फ्रेश हुआ. देखा तो रोहन उठ गया था.
उसने मुझसे पूछा: वो दोनो कहा है?
मैने कहा: वो अपना काम कर रहे है. तू उनको डिस्टर्ब मत कर, फ्रेश होके आ जल्दी.
वो फ्रेश होने चला गया, और मैने कोमल को जगाया, और उसे भी फ्रेश होने को बोला. फिर दोनो फ्रेश होके हॉल में आए. मैने दोनो को सब बता दिया. दोनो बहुत खुश हुए. फिर मैने दोनो को कहा-
मैं: जाओ अपना समान पॅक करके 1 घंटे में यही आओ.
वो दोनो चले गये. फिर मैने अमन और प्रिया को भी सब बता दिया. वो दोनो भी प्लान सुन के खुश हुए. फिर 1 घंटे बाद रोहन और कोमल आ गये. तभी मैने सविता को ज़ोर से आवाज़ दी की नाश्ता लेके आए. वो 10 मिनिट में हमारे लिए नाश्ता लेके आई.
फिर मैने उससे कहा: अपने मदारचोड़ बेटे को उठा.
30 मिनिट बाद अमन और प्रिया भी आ गये. तब तक मैने भी रेडी होके अपना बाग पॅक कर लिया. फिर हम कार में गये. कोमल कार ड्राइव कर रही थी. अमन उसके साथ आयेज बैठा था उसको रूट गाइड करने के लिए. सविता को मैने न्यूड ही बिताया एक साइड में. दूसरी साइड रोहन था, पीछे प्रिया और सुकेश. वो भी न्यूड था, और कार की विंडो ब्लॅक थी.
फिर हम निकल गये. रोहन के दाद का एक फार्महाउस है, जो की खाली रहता है. फार्महाउस यहा से 300 केयेम डोर था. फिर रास्ते में हम एक ढाबे पे रुके. हम सब ने खाना खाया. बुत सविता और सुकेश को हमने सुबह से भूखा रखा था, और कल भी उन्हे सिर्फ़ 1 बर्गर दिया था खाने को.
जब हम ढाबे पे जेया रहे थे, तो सुकेश हमसे रिक्वेस्ट करने लगा की उनके लिए भी कुछ खाने को ले आए. फिर मैने वाहा से आते टाइम हम सब का बचा हुआ खाना पॅक कराया, और कार में आ गये. सविता बोली की उसे सस्यू लगी थी.
मैने कहा: आयेज कही कर लेना.
फिर कुछ देर के बाद हम एक जंगल के रास्ते में आ गये. मैने कोमल से कहा की अंदर ले लो. फिर कोमल ने गाड़ी जंगल के अंदर ले ली. वाहा गाड़ी रोकी हमने, उन दोनो को उतरा, और कहा जाओ जाके मूट के आओ. दोनो जल्दी से मूट के आए. वो फिर कार में जाने लगे.
मैने रोका और कहा: रूको.
फिर मैने उनको हमारा बचा हुआ जूता खाना दिया और कहा: इसे खा लो.
दोनो को इतनी भूख लगी थी की दोनो ने उसे खा लिया. फिर दोनो ने पानी माँगा तो मैने कहा-
मैं: मूह खोल अभी मूत देता हू.
दोनो ने कुछ नही कहा. मैने दोनो को पानी दिया, और कार में बिताया. फिर हम 2 घंटे बाद फार्महाउस आ गये. वाहा एक केर्टेकर था बस. फिर रोहन कार से उतरा, उसने केर्टेकर को बोला-
रोहन: यहा हम 5 लोग रहेंगे 7 दिन के लिए. तुम डेली 3 टाइम का खाना हमारे लिए यहा के आचे रेस्टोरेंट से ले आना, और डेली लंच में 2 बर्गर भी अलग से लाना.
फिर उसने केर्टेकर को अपना नंबर दिया और कहा: खाना लाने से पहले कॉल करना, और किसी को भी यहा मत भेजना.
उसके बाद उसने केर्टेकर को कुछ पैसे देके भेज दिए.
सो फ्रेंड्स आज की स्टोरी में इतना ही. अब आयेज पता चलेगा की फार्महाउस पे हमने सविता और सुकेश की क्या हालत की. अगर आपको स्टोरी पसंद आई तो अपना फीडबॅक ज़रूर देना.