हेलो दोस्तो, मैं हू रजत. मैं फरोज़ेपुर, पुंजब का रहने वाला हू. मेरी उमर 29 साल है, और मैं अभी भी सिंगल हू. मैं आवरेज फॅमिली से हू. मैने लाइफ में काई लड़कियो के साथ फिज़िकल रीलेशन बनाया है. लेकिन आज तक मुझे पहले सेक्स जितना मज़ा नही आया.
मेरा पहला सेक्स मैने एक नौकरानी के साथ किया था. उस वक़्त मैं 20 साल का था. तो चलिए अब कहानी शुरू करते है.
उस वक़्त मेरी फॅमिली की फाइनान्षियल कंडीशन अची नही थी. 12त के बाद मैने 1स्ट्रीट एअर में आस आ प्राइवेट स्टूडेंट अड्मिशन ले ली थी. मुझे मेद्स की टुटीओन भी रखनी पड़ी थी. उसी टुटीओन पर मेरे कुछ दोस्त भी बन गये थे.
मुझे अपना खर्चा खुद निकालना था, तो मैं कोई जॉब ढूँढ रहा था. टुटीओन के दोस्तो में से एक दोस्त के मौसा को उनके ऑफीस में एक लड़का चाहिए था. तो उसने मुझसे बात की. मुझे तो नौकरी चाहिए ही थी, तो मैने तुरंत एस बोल दिया.
उस टाइम मैं काफ़ी क्यूट था. मैं गोरा-चितता और स्मार्ट लड़का था. मैं एक्सर्साइज़ भी करता था शुरू से, तो मेरी बॉडी भी फिट थी. मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच था. मुझे लड़कियो की तरफ अट्रॅक्षन बहुत होती थी, लेकिन मेरी पॉकेट मुझे गर्लफ्रेंड रखना अलो नही करती थी.
कुछ हफ्ते ऐसे ही बीट गये जॉब पर. मेरे बॉस का एक ड्राइवर था, जो मेरा फ्रेंड बन गया था. उसका नाम कमाल था. वो शादी-शुदा था, लेकिन एक नंबर का तर्की था. मैं उससे बहुत सी बाते करता था, और हम दोनो मिल कर लड़किया ताड़ते थे.
फिर एक दिन बॉस ने ऑफीस की सफाई के लिए एक औरत को रख लिया. वो औरत कोई 30-32 साल की थी, और शादी-शुदा थी. उसका रंग सावला था, और वो एक बच्चे की मा भी थी. लेकिन एक चीज़ जो उसकी तरफ खींच लेती थी, वो था उसका टाइट जिस्म.
क्या कमाल की बॉडी थी उसकी. उसके बूब्स 34″ के थे, और कमर 26″ की. उसकी गांद 36″ की थी. अगर कही उसका रंग गोरा होता, तो वो एक मॉडेल बन सकती थी. उस औरत का नाम रजनी था.
जैसे की मैने बताया था, की कमाल एक नंबर का तर्की था, तो उसने रजनी पर ट्राइ करना शुरू कर दिया. एक दिन वो ऑफीस आया, और उसने मुझसे कहा-
कमाल: रजत एक काम करो.
मैं: क्या?
कमाल: जब रजनी अंदर आएगी, तो तू बहाने से बाहर चले जाना.
मैं: क्यू?
कमाल: मुझे उससे बात करनी है, और अकेले में करनी है.
मैं: ओक.
मैं समझ गया था, की वो उसके साथ सेट्टिंग करने की बात करने वाला था. फिर जब रजनी आई, तो मैं बाहर चला गया. 5 मिनिट बाद कमाल बाहर आ गया, और उसने मुझे अंदर जाने का इशारा किया. फिर जब मैं अंदर गया, तो रजनी पोछा लगा रही थी.
हमारा ऑफीस कोई ज़्यादा बड़ा नही था, और एक छ्होटे रूम को 2 पार्ट्स में डेवीदे किया हुआ था. पहले वो उस पार्ट में पोछा लगा रही थी, जिसमे मैं बैठता था. फिर उसने मुझे मेरी टांगे उपर करने को कहा, ताकि वो चेर के नीचे पोछा लगा सके.
जब वो पोछा लगा रही थी, तो मुझे उसके बूब्स दिखने लगे. क्या कमाल का नज़ारा था. उसके बूब्स देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. उसने भी मेरे लंड को नोटीस किया, और एक स्माइल दे दी. जिस तरह से वो मुस्कुरा रही थी, तो मुझे लगा मेरा काम बन सकता था.
फिर वो चली गयी, और कमाल वापस आ गया. मैने कमाल से पूछा-
मैं: मानी वो?
कमाल: नही.
मैं: क्यू?
कमाल: साली के नखरे ही बहुत है. कहती की शादी-शुदा आदमी से रीलेशन नही रखना चाहती.
मैं: श! क्यू?
कमाल: क्या पता, साली रंडियो के भी नखरे है.
मैं: वैसे मैं सिंगल हू. मेरे साथ फ्रेंडशिप कर लेगी?
कमाल: तू ऐसी औरतो के चक्कर में मत पद. ये तेरे स्टॅंडर्ड से नीचे है. ऐसी औरते तुझे जैसे शरीफ लड़को को फ़ससा देती है.
मैने उसकी बात सुन तो ली, लेकिन मेरा मॅन नही माना. वो रोज़ आती थी, और उसकी सेक्सी बॉडी मुझे तडपा कर रख देती थी. फिर मैने उसके साथ थोड़ी-थोड़ी बात करनी शुरू की. कुछ दिन में मैं उसके साथ तोड़ा फ्रेंड्ली हो गया.
फिर एक दिन जब वो ऑफीस में सफाई कर रही थी, तो बाहर कमाल ने गाड़ी पार्क की. कमाल को देखते ही रजनी बोली-
रजनी: आ गया हरामी.
मुझे उसकी बात सुन कर हस्सी आ गयी, और इससे पहले मैं कुछ बोलता, कमाल अंदर आ गया. कमाल ने मुझे बॉस का मेसेज दिया, और चला गया. फिर मैने रजनी से पूछा-
मैं: क्या बात है, कमाल को हरामी को बोला?
रजनी: साला है ही हरामी. उस दिन मुझे कहता मेरे साथ फ्रेंडशिप कर लो.
मैं: अछा? फिर तुमने क्या बोला?
रजनी: मैं शादी-शुदा आदमी से यारी नही रखती. किसी दूसरी औरत की ज़िंदगी खराब नही कर सकती मैं. हा सिंगल लड़का हो, तो सोच भी लू?
मैं: ओक. और अपने पति के साथ धोखा कर सकती हो?
रजनी: वो साला कों सा दूध का धुला है. वो किसी और औरत के चक्कर में है.
मैं: अछा मैं सिंगल हू. तो मेरे साथ कर सकती हो फ्रेंडशिप?
ये सुन कर वो मुस्कुरा दी, और बोली-
रजनी: क्या साब आप भी मज़ाक करते हो. कहा आप पढ़े लिखे, और इतने हॅंडसम. कहा मैं घरो में काम करने वाली औरत. आपका और मेरा क्या मुक़ाबला?
मैं: लेकिन अगर मैं सच में . तो?
रजनी: आप जैसे लड़के की यारी के लिए तो मैं जान भी डेडू. बाकियो से तो मैं पैसे खाती हू, लेकिन आप जैसे लड़के तो प्यार करने के लिए बने होते है.
ये सुन कर मुझे लगा की रास्ता सॉफ है. मैं उसके पास गया, और उसको किस करने लगा. उसने मुझे रोक दिया और बोली-
रजनी: साब अभी मैं काम करके पसीने में डूबी हुई हू. आप शाम को आ जाना मेरे घर पे. आप ने कभी किया है किसी लड़की के साथ?
मैं: नही.
रजनी: तो मैं आज आपको ऐसा मज़ा दूँगी, की आप याद रखोगे मुझे ज़िंदगी भर.
फिर शाम को 7 बजे मैं घर पर झूठ बोल कर उसके बताए अड्रेस पर चला गया. उसने दरवाज़ा खोला, और मैं अंदर चला गया. उसके घर में सिर्फ़ 2 ही कमरे थे. एक साइड पर एक डबल बेड लगा हुआ था, और उसने मुझे वाहा बिता दिया. जब मैने उसको उसके पति और बच्चो के बारे में पूछा, तो वो बोली-
रजनी: मेरे पति दूसरे शहर गये है, और बच्चो को मैने अपनी बेहन के यहा छोढ़ दिया है.
मैं: ओक.
उसने रेड कलर का सलवार-सूट पहना था. उसके बूब्स ब्रा में एक-दूं टाइट थे, और क्लीवेज सॉफ दिख रही थी. फिर मैं उसके करीब गया, और उसके होंठो को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. हम बैठे-बैठे किस कर रहे थे.
फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़ा, और अपने बूब पर रख दिया. मैं उसके बूब को दबाने लगा, और वो और जोश में किस करने लगी. 10 मिनिट किस करने के बाद मैने उसकी गर्दन को चूमना शुरू किया. साथ में मैं उसका बूब्स दबाता रहा.
फिर उसने मेरे लंड पे हाथ रखा, और उसको दबाने लगी. मैने मूठ तो बहुत मारी थी, लेकिन औरत के हाथ की फीलिंग कुछ और ही होती है. उसने मेरी पंत की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया. फिर उसने अपना शर्ट उतारा और अब वो ब्रा और सलवार में मेरे सामने थी.
फिर वो बेड पर लेट गयी, और मुझे अपने उपर खींच लिया. उसने जिस्म के साथ जब मेरा जिस्म टच हुआ, तो मुझे जन्नत जैसा मज़ा आया. मैं उसकी गर्दन और कंधो को . रहा था. फिर मैने उसकी ब्रा को बूब्स से नीचे कर दिया, और उसके निपल्स चूसने लगा.
उसके सावले बूब्स पर काले निपल्स बिल्कुल चॉक्लेट जैसे लग रहे थे. क्या मज़ा आ रहा था उनको चूसने मे. फिर मैने जल्दी से उसकी सलवार और पनटी उतार दी. अब उसकी काली छूट मेरे सामने थी. मैं जल्दी से उसको छोड़ना चाहता था, क्यूकी मुझे दर्र था, की कही शुरू करने से पहले ही मैं झाड़ ना जौ.
फिर मैने लंड उसकी छूट में डाल दिया. उसकी आहह निकल गयी, और मैं तो मानो पागल ही हो गया. एक अलग सा ही एहसास था छूट का. मूठ से 1000 गुना बेहतर था वो. उसकी छूट इतनी गरम थी, की 2-3 झटके में ही मेरा पानी निकल गया.
मैं . हो गया, लेकिन उसने कहा-
रजनी: कोई बात नही पहली बार में ऐसा होता है.
ये बोल कर उसने मुझे फिरसे किस करना शुरू कर दिया. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी, जिससे लंड फिरसे खड़ा हो गया. इस बार जो मैने उसकी चुदाई शुरू की, तो पागलो की तरह उसको छोड़ने लगा. मैने बड़ी तेज़ी से उसकी छूट में धक्के लगाए, और उसके बूब्स चूस कर लाल कर दिए.
15 मिनिट लगातार मैने उसको छोड़ा. इस बार वो 2 बार झाड़ गयी. मैने भी अपना माल उसकी छूट में ही निकाल दिया, और उसके उपर ही लेट गया. फिर कुछ देर बाद मैं घर आ गया. मुझे बहुत मज़ा आया.
दोस्तो फिर जब तक वो हमारे ऑफीस में काम करती रही, मैने उसको जी भर के छोड़ा. मैने उसको ऑफीस में, अपने घर में, उसके घर पे, बस में, और बहुत सारी जगहो पर छोड़ा. वैसी बिंदास औरत मुझे दोबारा नही मिली.
तो ये था मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स. अगर आपको अछा लगा हो, तो इसको लीके ज़रूर करे.