आज मई जो आपको कहानी बताने जेया रहा हू, वो मेरी रियल कहानी है. मेरा नाम है अरबाब है. मेरी आगे 18 साल है. मई काफ़ी स्लिम लड़का हू, और छ्होटी हाइट है मेरी. मेरी गांद काफ़ी रौंद है. मेरे जिस्म पर एक भी बाल नही है, और 5 इंच का लंड है मेरा.
मूठ मई डेली मारता हू. लेकिन जब से पॉर्न देखना शुरू किया है, तब से मुझे पोर्नस्तर्स के लंबे लंड देख कर शरम सी आती थी. मुझे हमेशा से लगता था, की मई स्ट्रेट हू. और शायद मई सारी ज़िंदगी स्ट्रेट ही रहता, अगर मेरा नौकर आसिफ़ मेरी ज़िंदगी मे ना आता.
आसिफ़ की आगे 40-50 साल होगी. काफ़ी मोटा था वो, और लंबा भी. जिस्म पे काफ़ी बाल थे उसके, और मूह पे दाढ़ी थी. आसिफ़ को बहुत गर्मी थी, और वो चुदाई के लिए तरसता था. अब साल मे एक महीने छुट्टी मिलती थी उसको, तो बीवी को जाम के छोड़ता था. लेकिन बाकी पूरा साल तरसता था. इसलिए आसिफ़ ने मुझे फसाने का प्लान बनाया.
आसिफ़ मेरे रूम मे ही सोता था. घर मे 2 रूम्स मे ही एसी था. एक मेरे रूम मे, और एक मेरे मम्मी-पापा के रूम मे. गर्मी बहुत थी, तो पापा ने आसिफ़ को मेरे रूम मे नीचे ज़मीन पे बिस्तर बिछा कर सोने का बोल दिया था.
अब जब से वो मेरे रूम मे सोना शुरू हुआ, उसकी नज़र मेरे उपर पड़ी. आसिफ़ ने एक रात हिम्मत करके मेरे उपर से ब्लंकेट हटाया, और मेरे जिस्म को टच करने लगा. आसिफ़ मेरी टाँगो पे हाथ घुमा रहा था. मेरी आँख खुली, और मुझे ये सब फील हुआ.
पता नही क्यू, मैने आसिफ़ को रोका नही. मई देखना चाहता था, की वो आख़िर क्या करने वाला था. इसलिए मैने सोने का नाटक किया, और आख़िर मे मैने फील किया, आसिफ़ का हाथ मेरे लंड के उपर था. आसिफ़ ने चड्डी के उपर-उपर से मेरे लंड को रब करना शुरू किया, और मेरा लंड टाइट हो गया.
फिर आसिफ़ ने फिर बड़े आराम से मेरी चड्डी हटा दी. मुझे अजीब भी लग रहा था, क्यूकी मई स्ट्रेट था. लेकिन बस क्यूरीयासिटी की वजह से मैने उसको जो करना था करने दिया.
आसिफ़ ने मेरी शर्ट उपर कर दी, और मेरे निपल्स को टच करने लगा. फिर आसिफ़ ने आहिस्ता-आहिस्ता मुझे उल्टाया, और मेरी गांद को टच करने लगा. मुझे अजीब सी फीलिंग आ रही थी, और मैने तोड़ा उठने का नाटक किया. इतनी देर मे वो जल्दी से लेट गया, और सोने की आक्टिंग करने लगा.
फिर मैने चड्डी उपर की, और सो गया. अगली रात उसने फिरसे वही किया. बल्कि ये डेली की रुटीन बन गयी थी. मई भी हर रात उसको ज़्यादा से ज़्यादा छ्छूट दे रहा था. एक रात आसिफ़ ने मेरी चड्डी उतारी, और मुझे कुछ मोटा और गरम-गरम गांद के बीच मे फील हुआ.
मई समझ गया था, की वो आसिफ़ का लंड था. मुझे दर्र लग रहा था, की शायद आसिफ़ मेरी गांद मे ना डाल दे. लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. आसिफ़ मेरी गांद के बीच मे लंड रब कर रहा था, और 10 मिनिट बाद उसने मेरी गांद के बीच अपना माल निकाल दिया.
फिर आसिफ़ वापस सोने चला गया. मेरी गांद चिपचिपी सी हो रही थी, तो मई उठ कर बातरूम गया सॉफ करने. शायद उस वक़्त आसिफ़ भी जाग रहा था. अब उसको आइडिया हो गया था, की मई भी जाग रहा था.
बस उस रात के बाद से, आसिफ़ अब खुल कर मुझे रात को टच करता. आहिस्ता-आहिस्ता मुझे भी अछा लगने लगा, और मई भी नींद का नाटक करता और उसको जो मर्ज़ी करने देता. आसिफ़ डेली मेरी गांद मे अपना माल निकाल देता. वो उपर-उपर से लंड रब करके फारिघ् हो जाता था.
शायद वो यही चाह रहा था, की मई उसको चुदाई के लिए खुद बोलू. आसिफ़ ने अब दूसरा ग़मे खेला. उसने मुझे टच करना छोढ़ दिया, बल्कि अब वो अपने बिस्तर मे मूठ मारता था. मई चुपके से उसको मूठ मारते देखता था. दिल ही दिल मे मेरी ख्वाहिश हो रही थी, की वो मुझे टच करे. लेकिन उसने मुझे टच करना बिल्कुल छोढ़ दिया था.
आख़िर अब मुझसे भी रहा नही जेया रहा था. मई जब मूठ मारता था, तो अपनी गांद और निपल्स के साथ खेलता था. गे पॉर्न भी देखना शुरू कर दिया था मैने. आहिस्ता-वहिस्ता मई स्ट्रेट से गे होने लग गया.
कुछ दीनो बाद, मैने अपनी गांद मे पहली बार उंगली डाली, और फिंगरिंग की. उस दिन मैने लंड को टच किए बगैर ही कम छोढ़ दिया. पहले मैने एक उंगली से शुरू किया, और फिर टीन उंगलिया गांद मे डालता था. आहिस्ता-आहिस्ता मेरी लंड की चाहत बढ़ रही थी.
दिन को मई फिंगरिंग करता था, और रात को आसिफ़ को मूठ मारते देखता था. मई अब आसिफ़ के टच को मिस कर रहा था. फिर मुझे एक आइडिया आया, और रात को मैने अपनी गांद आसिफ़ की तरफ कर दी, और चड्डी नीचे कर दी. ये नज़ारा देख के आसिफ़ से भी रहा ना गया, और वो मुझे टच करने लगा.
कुछ दिन ये सब चलता रहा. लेकिन अब मई एक असल लंड ट्राइ करना चाहता था. रात को मैने वेट किया, ताकि सब सो जाए. आसिफ़ मेरे रूम मे अपना बिस्तर सेट कर रहा था, के मैने रूम को कुण्डी लगा दी. तभी आसिफ़ ने पूछा-
आसिफ़: साब जी, ये कुण्डी क्यू लगा दी?
मई: तुमसे ज़रूरी बात करनी है.
आसिफ़: जी बोलिए.
मई: तुम रात को क्या करते हो?
आसिफ़: कुछ भी तो नही.
मई: झूठ मत बोलो, मुझे सब पता है.
आसिफ़: साब जी आपको पता ही है, की साल मे मुझे एक महीना ही छुट्टी मिलती है. इसलिए मेरा चुदाई का बहुत दिल करता है.
मई: तो तुम मुझे छोड़ने के लिए ये सब कर रहे थे?
आसिफ़: हा साब जी. आपको बुरा लगा तो मई सॉरी करता हू.
मई: नही-नही, सॉरी की बात नही.
आसिफ़: मतलब आपको अछा लगा?
ये जब उसने बोला, तो मई तोड़ा शर्मा गया और चुप रहा. वो भी मेरा जवाब समझ गया. आसिफ़ ने फिर अपनी लाइट ऑफ कर दी और अब रूम मे बस थोड़ी सी लाइट थी.
आसिफ़: साब जी अगर आपको मज़ा आया है, तो मई आपको और मज़ा दे सकता हू.
मई: लेकिन किसी को बताओगे तो नही?
आसिफ़: साब जी आप दररो मत. ये हम दोनो के बीच की बात होगी.
मई: ठीक है.
आसिफ़: सोच लेना साब जी. आपको छोड़ूँगा, तो अपनी बीवी की तरह छोड़ूँगा.
मई: ह्म.
आसिफ़: आपके कपड़े उतार डू?
मई: ह्म.
आसिफ़ मेरे करीब आया, और मेरे कपड़े उतरने लगा. मई अब उसके सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था. फिर आसिफ़ ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी सलवार के उपर से ही लंड पकड़ा दिया. काफ़ी बड़ा लग रहा था उसका लंड, और बहुत हार्ड था.
मैने फिर आसिफ़ की सलवार नीचे कर दी, और मेरे मूह के सामने उसका 8 इंच का लंड टाइट खड़ा था. आसिफ़ ने भी अपनी कमीज़ उतार दी. अब हम दोनो नंगे थे. आसिफ़ ने मुझे बेड पे लिटाया, और लंड को गांद की तरफ लेके जेया रहा था. तभी मई बोला-
मई: रूको, ऐसे नही.
आसिफ़: क्या हुआ साब जी?
मई: जैसे मूवीस मे करते है, वैसे करो.
आसिफ़: कैसे आपका मतलब?
मई: पहले किस्सिंग करो, फिर सकिंग वग़ैरा.
आसिफ़: अछा आप तो बिल्कुल रंडी बनना चाहते हो.
फिर आसिफ़ ने मुझे सीधा कर दिया, और मेरे हाथ पकड़ लिए. आसिफ़ बिल्कुल जानवर की तरह मुझे किस करना शुरू हो गया. मेरे होंठ, नेक और निपल्स चूस-चूस कर उसने लाल कर दिए. फिर उसने मुझे लंड चूसने का बोला.
मैने उसका लंड पकड़ा, और चूसने लगा. उसके लंड से जो खुश्बू आ रही थी अफ. उसका प्रेकुं भी काफ़ी मीठे टेस्ट का था. लेकिन मई पूरा लंड नही चूस पा रहा था. आसिफ़ ने मेरा सिर पकड़ा, और मेरा मूह छोड़ने लगा. आहिस्ता-आहिस्ता वो ज़्यादा से ज़्यादा लंड मेरे मूह मे घुसा रहा था.
20 मिनिट की सकिंग के बाद, मेरे गले तक लंड जेया रहा था. मुझे पहले साँस नही आ रही थी. लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता मई भी सेट हो रहा था. अचानक मेरे गले मे गरम-गरम पानी बहने लगा. आसिफ़ मेरे गले मे फारिघ् हो गया, और मुझे पूरा माल पीना पड़ा. मुझे खाँसी होने लगी, और उल्टी आने लगी.
आसिफ़ ने कुछ परवाह नही की, और मुझे उल्टा कर दिया. उसने मेरी गांद फैला कर उसमे अपना मूह घुसा दिया. अब वो जानवरो की तरह मेरा होल लीक कर रहा था. वो अपनी ज़ुबान मेरे होल मे घुसा रहा था. अफ.. क्या मज़ा आ रहा था मुझे.
आसिफ़ ने मेरी गांद तब तक छाती, जब तक उसका लंड फिरसे टाइट ना हो गया. फिर आसिफ़ ने मुझे मिशनरी पोज़िशन मे सेट किया, और मेरी टांगे उठा दी. उसने अपना लंड मेरे होल पे रखा, और मुझे किस करने लगा. किस के दौरान एक झटका आया और आसिफ़ का लंड मेरी गांद फाड़ता हुआ घुसा.
आसिफ़ ने मुझे बिल्कुल टाइट्ली पकड़ा हुआ था. मई दर्द से मॅर रहा था, और आसिफ़ के अंदर तो जैसे भूत घुस गया था. आसिफ़ ने एक और झटका मारा, फिर एक और झटका मारा. तीसरे झटके मे उसने पूरा लंड अंदर घुसा दिया. मेरी आँखों से आसू निकालने शुरू हो गये. आसिफ़ ने फिर स्पीड से झटके देने शुरू कर दिए.
मई 20 मिनिट तक दर्द मे चुड रहा था. 20 मिनिट की चुदाई के बाद, दर्द आहिस्ता-आहिस्ता कम हुआ. जब दर्द कम हुआ, तो आसिफ़ ने मुझे आज़ाद किया, और डॉगी-स्टाइल पोज़िशन मे चुदाई करने लगा. अब आहिस्ता-आहिस्ता हर झटके मे मज़ा आ रहा था.
मेरा लंड भी प्लेषर से टाइट हो गया था. आसिफ़ चुदाई के दौरान मेरी नेक, एअर और बॅक को किस कर रहा था. वो मेरे निपल्स भी दबा था. अब आसिफ़ से मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मेरा कम निकल गया. आसिफ़ ने 40 मिनिट तक मुझे और छोड़ा, और मेरी गांद मे ही फारिघ् हो गया.
फिर आसिफ़ मेरे उपर ही लेट गया, और उसका लंड अभी भी अंदर था. मुझे दर्द तो हुआ, लेकिन . मे इतना मज़ा आया, . मैने कभी इमॅजिन भी नही किया था. उस रात के बाद, डेली जब सब सो जाते थे, तो मई और आसिफ़ सेक्स करते थे. आसिफ़ मुझे बिल्कुल रंडी की तरह . कर रहा था.
वो छोड़-छोड़ के मेरी गांद का भोसड़ा बना देता था. .-कभी तो वो मुझे पूरी रात छोड़ता था. एक बार घर वाले शादी पे गये थे, तो उसने अपने दोस्तो के साथ मिल कर मेरी गांद मारी. वो स्टोरी मई आपको फिर किसी दिन बतौँगा.